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इंसानों के लिए D.N.A क्यों जरूरी है? – Necessity of D.N.A In Hindi

D.N.A हमारी एक खास पहचान!

इंसान दुनिया की सबसे अद्भुत संरचना है। सभी जीवों में सर्व-श्रेष्ठ इंसान आज पृथ्वी के ऊपर एक तरीके से राज ही कर रहा है। मित्रों! बाकी जीवों की तुलना में इंसान की बात ही कुछ अलग है। क्योंकि इसके पास सोचने व समझने की क्षमता है। इसके अलावा इसके पास कई प्रकार की भावनाओं को अनुभव करने की प्रतिभा भी है। इसलिए कोई शक ही नहीं हैं कि, इंसान ही दुनिया का सर्व-श्रेष्ठ जीव है। वैसे एक बात ये भी है कि, इंसान के D.N.A (Necessity of D.N.A In Hindi) में ही कुछ खास बात हैं। वैसे आप लोगों ने डीएनए के बारे में तो पहले भी कई बार सुना होगा!

DNA helix. Innovative technologies in the study of the human genome. Artificial intelligence in the medicine of the future. 3D illustration of a DNA molecule with a nanotech network
डीएनए इन डीटेल। | Credit: Stanford.

डीएनए (Necessity of D.N.A In Hindi) शायद एक ऐसा विषय है, जो की आम बोल-चाल में काफी ज्यादा इस्तेमाल होने वाला शब्द है। हर तरफ इसी डीएनए के बारे में ही काफी ज्यादा चर्चा होती है। हालांकि! ये बात भी सच है कि, ज़्यादातर लोगों को डीएनए के बारे में संपूर्ण जानकारी ही नहीं है। इसलिए आज के हमारे इस लेख का विषय भी डीएनए के ऊपर ही है। यहाँ! हम डीएनए से जुड़ी हर एक छोटी-बड़ी बातों को जानेंगे, इसलिए आप लोगों से अनुरोध हैं कि, इस लेख को आरंभ से लेकर अंत तक पढ़िएगा।

खैर चलिये अब लेख में आगे बढ़ते हुए, इसके असल मुद्दे को शुरू करते हैं।

D.N.A क्या है? – What is D.N.A? :-

लेख के शुरुआती भाग में चलिये सबसे पहले डीएनए की संज्ञा के बारे में ही जान लेते हैं। बहुत ही सरल भाषा में कहूँ तो, डीएनए (Necessity of D.N.A In Hindi) एक तरह से हमारे शरीर की कोशिकाओं में मौजूद एक जरूरी हिस्सा है। विज्ञान के दृष्टिकोण से बात करूँ तो, ये एक प्रकार का “Deoxyribonucleic Acid” है। जो “Nucleotides” से बना हुआ होता है। एक जरूरी बात ये भी हैं कि, न बल्कि इंसान परंतु डीएनए हर एक जीवित प्राणी के लिए बहुत ही जरूरी है। डीएनए के अंदर “Gene” होता है।

इन्सानों के लिए D.N.A क्यों जरूरी हैं? - Necessity of D.N.A In Hindi!
डीएनए की बनावट। | Credit: Wikimedia.

ये Gene हमारे आनुवंशिक गुणों और मटिरियल के वाहक हैं। एक रोचक बात ये भी है कि, डीएनए की वजह से ही एक इंसान किसी दूसरे इंसान से अलग हैं। सरल भाषा में कहूँ तो, डीएनए ही हर एक इंसान की “Uniqness” का कारण है। बिना डीएनए के हम इंसान शायद ही जिंदा रह पाएंगे। आमतौर पर हर एक इंसान का डीएनए अलग-अलग होता है। मित्रों! अब कई सारे लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि, आखिर ये डीएनए कैसे बनता है?

तो, मित्रों! मैंं आप लोगों को बता दूँ कि, आगे इस लेख में हम डीएनए के स्ट्रक्चर के बारे में ही बातें करने वाले हैं। इसलिए आप लेख के आने वाले भाग को जरा गौर से पढ़िएगा। खैर डीएनए के बारे में एक बात ये भी हैं कि, ये इंसान के शारीरिक व मानसिक संरचना की नीव रखता है। इसलिए इसके ऊपर किसी इंसान की शारीरिक व बौद्धिक क्षमता निर्भर करती है। आप लोगों को इसके बारे में क्या लगता हैं, कमेंट कर के जरूर बताइएगा।

D.N.A की संरचना! – Structure of D.N.A! :-

जैसा की मैंने आप लोगों को पहले से ही बता रखा है कि, डीएनए (Necessity of D.N.A In Hindi) मूलतः “Nucleotides” से बने होते हैं। परंतु आप लोगों को जानकर हैरानी होगी की, ये न्यूक्लिओटाइड्स भी तीन अलग-अलग चीजों से बने हुए होते हैं। पहली चीज़ है “Sugar”, दूसरी चीज़ है “Phosphate Group” और तीसरी चीज़ है “Nitrogen Base”। डीएनए के अंदर मौजूद शुगर को “2-deoxyribose” कहा जाता है, जो की डीएनए का आधार होता है।

इन्सानों के लिए D.N.A क्यों जरूरी हैं? - Necessity of D.N.A In Hindi!
DNA की खूबियाँ। | Credit: Sketch Fab.

डीएनए में मौजूद हर एक शुगर कम्पाउण्ड एक खास नाइट्रोजन बेस के साथ जुड़ा हुआ होता है। इसके अंदर लगभग 4 अलग-अलग प्रकार के नाइट्रोजन बेस होते हैं, जो कि; adenine (A), cytosine (C), guanine (G), thymine (T) हैं। डीएनए की संरचना को, “Double Helix” कहते हैं। यहाँ एक रोचक बात ये है कि, इन्सानों के अंदर मौजूद डीएनए “Linear” होता है। बैक्टीरिया जैसे प्रीमिटिव जीवों में डीएनए का आकार वृत्ताकार होता है। ये ही वजह है कि, जीवों के प्रकारों के अनुसार डीएनए के आकारों में भी भिन्नता देखी जा सकती है।

हालांकि! डीएनए के बारे में और काफी सारे जटिल चीज़ें भी हैं, जिसको वैज्ञानिक भी आज-तक समझ नहीं पाएँ हैं। इसलिए मैंने आप लोगों को काफी सरल तरीके से डीएनए को समझाने का प्रयास किया है। आशा है कि, मेरे समझाने का तरीका आप लोगों को पसंद आएगा। इसके अलावा डीएनए के बारे में आप अपने स्कूली जीवन में भी काफी कुछ पढे होंगे।

D.N.A इन्सानों के लिए क्यों जरूरी है? – Necessity of D.N.A In Hindi! :-

मित्रों! अब डीएनए (Necessity of D.N.A In Hindi) से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल ये है कि, आखिर ये D.N.A हमारे लिए इतना क्यों जरूरी है? तो, मैं आप लोगों को बता दूँ कि, हमारे शरीर के अंदर डीएनए के कई सारे काम हैं। काफी सरल भाषा में कहूँ तो, डीएनए के कारण ही हमारे शरीर का विकास, आकार में बुद्धि और प्रजनन करने के लिए सक्षम हो पाता है। आप लोगों को बता दूँ कि, ये सभी चीजें डीएनए के न्यूक्लियोटाइड्स के अंदर मौजूद रहती हैं। सरल भाषा में कहूँ तो इससे कंट्रोल होती हैं।

DNA Replication
D.N.A क्यों जरूरी हैं?| Credit: Sketch Fab.

डीएनए के बिना हमारे शरीर में जरूरी मेटाबोलीटिक एक्टिविटी नहीं हो सकती है। बिना जरूरी मेटाबोलिटिक एक्टिविटी के हम एक क्षण भी जिंदा नहीं रह सकते हैं। इसलिए शरीर के अंदर डीएनए का होना बहुत ही जरूरी हो जाता है। इसके अलावा मैं आप लोगों को बता दूँ कि, डीएनए हमारे जीवन का आधार है। इससे ही हमारी एक खास पहचान बनती है।

डीएनए आपके शरीर के बृद्धि के लिए जरूरी है :-

आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि, डीएनए (Necessity of D.N.A In Hindi) ही वो चीज़ है, जो आपको आकार में बड़ा करता है। बिना डीएनए के आपके शरीर में विकास होना असंभव है। मित्रों! ये ही वजह है कि, जिस इंसान का डीएनए अच्छा या आकार में बड़े होने का होगा, वो इंसान आकार में बड़ा जरूर होगा। खैर मैं आप लोगों को बता दूँ कि, डीएनए के अंदर जो जीन होते हैं, उसके अंदर अलग-अलग प्रोटीन को बनाने का कोड मौजूद होता है।

इन्सानों के लिए D.N.A क्यों जरूरी हैं? - Necessity of D.N.A In Hindi!
डीएनए की जरूरत। | Credit: UNIVERSITY of Connecticut.

अधिक जानकारी के लिए आप लोगों को बता दूँ कि, ये कोड मूलतः तीन नाइट्रोजन बेस के मिलन से बने हुए होते हैं, जिन्हें “कोड़ोन” या “त्रिपलेट कोड़ोन” कहा जाता है। इन्हीं कोड्स के ऊपर हमारे शरीर के विकास के लिए जरूरी प्रोटीन बनते हैं। वैसे एक बात ये भी है कि, ये त्रिपलेट कोड़ोन एक खास “Amino Acid” को बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। आप लोगों को यहाँ बता दूँ कि, हमारे शरीर के अंदर मौजूद प्रोटीन कि इकाई ये अमीनो एसिड ही होते हैं, यानी इन्हीं अमीनो एसिड से ही हमारे शरीर में प्रोटीन बनते हैं।

मित्रों! शरीर के अंदर मौजूद हर एक प्रोटीन अलग-अलग अमीनो एसिड के कॉम्बिनेशन से बने हुए होते हैं। यही वजह है कि, शरीर में मौजूद हर एक प्रोटीन के अलग-अलग काम होते हैं। हालांकि, ये बात भी सच हैं कि, त्रिपलेट कोड़ोन की सीक्वेंस में थोड़ी सा भी बदलाव शरीर में प्रोटीन के संश्लेषण को रोक सकता है।

डीएनए के कारण ही हम बूढ़े होते हैं :-

समय के साथ-साथ हमारे शरीर के अंदर अनरिपेयर्ड डीएनए (Necessity of D.N.A In Hindi) की संख्या बढ्ने लगती है। ये ही वजह है कि, हमारा शरीर धीरे-धीरे बुढ़ापे की और चलने लगता है। हालांकि! धीरे-धीरे हमारे शरीर के अंदर जमा होने वाला फ्री-रेडिकल भी हमारे शरीर को अंदर से कमजोर बना देता है। वैसे इसके अलावा भी शरीर के अंदर कई प्रकार के प्रक्रिया है, जिसके कारण हम बूढ़े होने लगते हैं।

Protein Codon for DNA.
डीएनए प्रोटीन कोड़ोन। | Credit: EXPII.

वैज्ञानिकों के अनुसार जब हम छोटे होते हैं, तब हमारे शरीर के अंदर डैमेज डीएनए की मरम्मत काफी तेजी व सटीक हो रहा होता है। परंतु जैसे-जैसे हमारे आयु में बुद्धि होने लगती है, वैसे-वैसे हमारा शरीर डैमेज डीएनए की मरम्मत तेजी व सटीक से कर नहीं पाता है। कई वैज्ञानिक ये भी मानते हैं कि, जवानी के बाद शरीर के अंदर काफी सारे डीएनए अनरिपेयर्ड हो कर रह जाते हैं। यहाँ एक रोचक बात डीएनए के “Telomeres” की भी आती है।

आप लोगों को बता दूँ कि, टेलोमियर्स डीएनए के अंतिम छोरों में मौजूद डीएनए के दोहराव सीक्वेंस है; जो की डीएनए को बाहरी नुकसान व डैमेज से बचाते हैं। परंतु समय के साथ-साथ ये टेलोमियर्स भी छोटे होने लगते हैं, जिससे डीएनए डैमेज होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाता है। वैसे कुछ खराब आदतें भी आपके एजिंग के प्रोसेस को काफी तेज कर देती हैं।

Source :- www.healthline.com

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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