![आकाशगंगाओं की शानदार "गैलेक्टिक फ़िलामेंट्स"! - Long Galactic Filaments In Hindi!](https://vigyanam.com/wp-content/images/2023/10/wikimeida-featured-1-2-780x470.jpg)
आकाशगंगाओं (Long Galactic Filaments In Hindi) के बारे में खास बात ये है कि, ये काफी ज्यादा बड़े व भव्य होती हैं। इस ब्रह्मांड में कई अरबों आकाशगंगाएँ मौजूद हैं और उन सभी आकाशगंगाओं में हमारा मिल्की-वे काफी ज्यादा सुंदर व खास है। मित्रों! ज़्यादातर आकाशगंगाओं के बारे में ये कहा जाता है कि, ये सब बिग-बेंग के बाद बनने शुरू हुये थे और इन सभी की अंदरूनी संरचना काफी ज्यादा जटिल और रहस्यमयी है। ये ही वजह है कि, काफी बार इस आकाशगंगाओं से जुड़ी कई सारे बातें हम लोगों को सुनने को मिलती है।
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खैर आज के इस लेख में हम आकाशगंगाओं (Long Galactic Filaments In Hindi) से जुड़ी एक ऐसी बात के बारे में चर्चा करने जा रहें हैं, जिसके बारे में आप लोगों ने शायद ही कभी सुना होगा। मित्रों! आज के लेख में हम बातें करने वाले हैं, “गैलेक्टिक फ़िलामेंट्स” के बारे में। आज के इस लेख में हम विशालकाय गैलेक्टिक फ़िलामेंट्स के बारे में चर्चा करने जा रहें हैं, जिसके बारे में इंटरनेट पर शायद ही कभी चर्चा हुआ हो।
वैसे आप लोगों से एक छोटा सा अनुरोध है कि, कृपया लेख को आरंभ से ले कर अंत तक जरूर पढ़िएगा, ताकि आप लोगों को ये विषय काफी अच्छे तरीके से समझ में आ जाएगा। चलिये अब बिना देरी किए लेख में आगे बढ़ते हैं।
विषय - सूची
आकाशगंगाओं के शानदार “गैलेक्टिक फ़िलामेंट्स”! – Long Galactic Filaments In Hindi! :-
वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्मांड की सबसे बड़ी व घूमने वाली चीज़ “गैलेक्टिक फ़िलामेंट्स” (Long Galactic Filaments In Hindi) हैं। इससे बड़ी कोई भी चीज़ आज ब्रह्मांड में घूमती हुई नजर नहीं आती है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार आकाशगंगाओं के फ़िलामेंट्स कई लाखों प्रकाश वर्षों तक लंबे हो सकती हैं।
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हालांकि! कई वैज्ञानिक ये भी मानते हैं कि, इन फ़िलामेंट्स का डार्क मैटर के साथ भी कुछ न कुछ रिश्ता जरूर ही है। क्योंकि ये ब्रह्मांड काफी ज्यादा विशाल और अदृश्य हैं और इसमें कब कौन सी चीज़ किसके साथ रिश्ता रख सकता है, इसके बारे में हमें कुछ भी नहीं पता है। मित्रों! हम बस इन चीजों के बारे में अनुमान ही लगा सकते है। एक बात ये भी है कि, इन फ़िलामेंट्स के अंदर काफी सारे “Void Space” मौजूद हैं, जिसकी वजह से ये ब्रह्मांड काफी ज्यादा बड़ा हो जाता है।
खैर इससे पहले वैज्ञानिकों को ये लगता था कि, ये गैलेक्टिक फ़िलामेंट्स घूम नहीं सकते हैं। परंतु ये बात बिलकुल भी सच नहीं है। वैज्ञानिकों ने ये देखा है कि, ये वाकई में काफी अच्छे तरीके से घूम रहे है। परंतु गज़ब बात यहाँ ये है कि, आकार में इतने बड़े होने के बाद भी ये चीज़ आखिर कैसे घूम सकती हैं।
काफी भव्य हैं ये चीज़! :-
ब्रह्मांड (Long Galactic Filaments In Hindi) की व्यापक रूप से तस्वीर लेना हमारे लिए आज संभव नहीं हैं, परंतु कुछ सिमुलेशन के जरिये वैज्ञानिकों ने घूमते हुये आकाशगंगा के फ़िलामेंट्स को हम लोगों के सामने रखा हैं। – मित्रों, मैं आप लोगों को बता दूँ कि, इस सिमुलेशन के जरिये हम ब्रह्मांड में 2 अरब प्रकाश वर्ष तक के इलाके को घूमते हुए देख सकते है, यहां आपको एक ही जगह पर 2 करोड़ आकाशगंगाएं भी दिखाई दे रही हैं।
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सिमुलेशन में हमें कई सारे आकाशगंगाएँ एक ही जगह पर इक्कठे हो कर एक-दूसरे से काफी ज्यादा जुड़ कर रहते हुए नजर आ रहें हैं। खैर इस सिमुलेशन से निकल कर आने वाली तस्वीर ब्रह्मांड की अब तक की सबसे अच्छी व व्यापक तस्वीर है। सिमुलेशन को पूर्ण रूप देने के लिए वैज्ञानिकों ने “Sloan Digital Sky Survey” (SDSS) का प्रयोग किया है। एसडीएसएस के मदद से वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड की एक काफी सुंदर “3D” मैप बनाने में सक्षम हुए हैं।
एक खास बात ये भी है कि, SDSS ही वो उपकरण है, जिसके जरिये वैज्ञानिकों ने ये पता लगाया हैं कि, गैलेक्टिक फ़िलामेंट्स भी घूमते हैं। तो आप समझ ही सकते हैं कि, ये उपकरण कितनी ज्यादा सटीक व मॉडर्न है। वैसे फ़िलामेंट में मौजूद आकाशगंगाएँ न बल्कि घूम रहीं हैं परंतु आगे भी बढ़ रहीं हैं।
आकाशगंगाएँ और गैलेक्टिक फ़िलामेंट! :-
गैलेक्टिक फ़िलामेंट (Long Galactic Filaments In Hindi) देखने में काफी ज्यादा दुर्लभ होते हैं, क्योंकि इनका आकार ही इन्हें काफी ज्यादा खास बनाता हैं। मित्रों! देखने में इनका आकार पेंसिल कि तरह होती हैं। कहने का मतलब ये हैं कि, इनकी चौड़ाई इनके लंबाई के मुक़ाबले काफी ज्यादा कम होते हैं। ये ही वजह हैं कि, इन को कई बार “Thin Cylinders” भी कहते हैं। इस आकार की चीज़ ब्रह्मांड में शायद ही कोई दूसरी हो।
![Mind Boggling Galaxies.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2023/10/quanta-magazine-4.jpg)
हालांकि सबसे हैरान कर देने वाली बात यहाँ ये हैं कि, गैलेक्टिक फ़िलामेंट में मौजूद हर एक आकाशगंगा वहाँ एक छोटी सी धूल के कण के समान हैं। क्योंकि गैलेक्टिक फ़िलामेंट के आकार के सामने आकाशगंगाओं कि आकार काफी ज्यादा छोटी हैं। मित्रों! जरा सोच कर देखिये कि, जहां कई करड़ों आकाशगंगाएँ एक साथ मौजूद हो; वहाँ का माहौल कैसा होगा। इस तरह कि चीजों को अकसर हमें देखने का मौका नहीं मिलता हैं।
मित्रों! इतने बड़े आकार के खगोलीय चीज़ को घुमाने वाली ऊर्जा व उसके स्रोत के बारे में आज भी वैज्ञानिकों को कुछ भी नहीं पता हैं। क्योंकि ये चीज़ें इतने व्यापक होते हैं कि, आप इनके बारे में आसानी से ज्यादा कुछ ढूंढ नहीं पाते हैं। इतने बड़े आकार को घूमते हुए देखना व सोचना भी हमारे लिए किसी कठिन काम से कम नहीं हैं।
काफी दुर्लभ हैं ये चीज़ें! :-
आप लोगों को जानकर हैरानी होगा कि, ब्रह्मांड (Long Galactic Filaments In Hindi) के शुरुआती दिनों में किसी भी चीज़ में घूमने कि क्षमता नहीं थी। तो गैलेक्टिक फ़िलामेंट जैसी इतनी बड़ी सी चीज़ में आखिर कैसे घूमने की क्षमता आ गई; ये आज भी एक रहस्य हैं। हालांकि! कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार आकाशगंगाओं की इस तरह से घूमने की वजह रेड शिफ्ट से जुड़ी हुई हैं। मित्रों! मेँ आपको यहाँ बता दूँ कि, इस विषय के ऊपर आज और भी ज्यादा शोध होना बाकी हैं।
![Mesmerizing Galaxy.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2023/10/caltech-5.jpg)
खैर ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में कॉस्मिक मैटर का वजन काफी ज्यादा था, जिसका मतलब ये है कि; ये काफी सघन अवस्था में हर एक जगह फैले हुए थे। यहाँ एक बात ये भी है कि, सघनता के चलते ब्रह्मांड की कुछ जगहों पर गुरुत्वाकर्षण बल काफी ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे किसी भी चीज़ का घूमना लगभग वहाँ नामुमकिन सा हो जाता है। ये ही वजह है कि, वैज्ञानिक ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में किसी भी चीज़ के घूमने की बात नहीं करते हैं।
हालांकि! कुछ रिपोर्ट्स ये भी कहते हैं कि, जैसे-जैसे ये गैलेक्टिक फ़िलामेंट बनने लगते हैं, ठीक उसी वक़्त से ही वहाँ घूमने वाली प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जो कि अपने-आप में ही एक बहुत ही दुर्लभ बात है, क्योंकि इस तरह की प्रक्रिया ब्रह्मांड के किसी दूसरी जगह पर देखने को नहीं मिलती है। आप लोग इसके बारे में क्या सोचते हैं, कमेंट कर के जरूर बताइएगा।
निष्कर्ष – Conclusion :-
हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि आकाशगंगाओं का घूमना उनकी उत्पत्ति से भी जुड़ा हुआ हो सकता है। अगर आकाशगंगाएँ घूम सकती हैं, तो शायद इससे बने हुए फ़िलामेंट्स भी घूम सकते हैं।