इस पूरे मिल्की-वे में जो सबसे खास सौर-मंडल है, वो हमारा सौर-मंडल ही है। खास इस लिए कि, इसी के अंदर हमारा पृथ्वी मौजूद है और पृथ्वी के अंदर हम। मित्रों! कई दशकों से हमारे सौर-मंडल में जीवन की उत्पत्ति के बारे में चर्चा चल रही है। क्योंकि जिस हिसाब से इंसान पृथ्वी को नष्ट करता जा रहा है, उसको देखते हुए हमें शायद रहने के लिए एक दूसरे ग्रह की जरूरत पड़ने वाली है। प्लूटो (Ice Volcano of Pluto) के बारे में आप लोगों ने काफी कुछ सुना होगा, परंतु क्या आप जानते हैं; इसके ऊपर एलियन्स भी हो सकते हैं।
जी हाँ मित्रों! आप लोगों ने बिलकुल सही सुना, प्लूटो (Ice Volcano of Pluto) के ऊपर एलियन्स भी मौजूद हो सकते हैं। क्योंकि वैज्ञानिकों को इस छोटे से ग्रह पर जीवन के होने की उम्मीद काफी ज्यादा है। इसके अलावा इस ग्रह पर कई बर्फीले जगहों के मिलने की संभावना भी है। दोस्तों, जिस जगह पर बर्फ या पानी के मिलने की उम्मीद ज्यादा होती है, वहाँ जीवन के फलने-फूलने की गुंजाइश भी ज्यादा होती है। इसलिए कहा जाता है कि, पानी के स्रोत के बारे में पता चलना एक बहुत ही बड़ी बात है।
खैर आप लोगों से अनुरोध है कि, लेख को आरंभ से अंत तक जरूर पढ़िएगा। ताकि आप लोगों को इस विषय के बारे में पूरी तरीके से जानकारी मिल सके।
प्लूटो के ऊपर हो सकते हैं एलियन्स! – Ice Volcano of Pluto!
वैज्ञानिकों के अनुसार प्लूटो (Ice Volcano of Pluto) की सतह के नीचे परग्रही जीवन के होने की सबूत मिल सकते हैं। हालांकि! इस बात पर अभी पुष्टि करण आना बाकी हैं। कुछ शोध-कर्ता ये मानते हैं कि, प्लूटो के ऊपर एक जगह ऐसा भी हैं जो की बर्फ के ज्वालामुखी फटने के बाद बना हुआ है। मित्रों! ये चीज़ हमारे पूरे सौर-मण्डल में काफी ज्यादा दिलचस्प वाली बात है। क्योंकि अकसर ये चीज़ हमें देखने को नहीं मिलती है।
प्लूटो की इमेज को जब वैज्ञानिकों ने काफी बारीकी से जांचा, तब उन्हें ये पता चला कि, इस ग्रह पर काफी ज्यादा बर्फ के होने की संभावना है। वैसे यहाँ सबसे दिलचस्प बात ये है कि, ये सारे के सारे बर्फ सक्रिय ज्वालामुखीओं से बाहर निकल रहें हैं। हालांकि, कुछ वैज्ञानिक यहाँ ये भी मानते हैं कि, इस ज्वालामुखियों के अंदर तरल पानी भी मौजूद हो सकता है। क्योंकि ये काफी ज्यादा एक्टिव है। मित्रों! अगर ये बात सच हो जाती है, तब यकीन मानिए ये एक बहुत ही बड़ी खोज होगी।
इसके अलावा मैं आप लोगों को बता दूँ कि, शायद प्लूटो के सतह के नीचे आज भी तरल पानी बहता होगा। क्योंकि प्लूटो की दूरी सूर्य से काफी ज्यादा है और इतने दूरी में कुछ भी हो सकता है। आप लोगों को क्या लगता है, क्या प्लूटो के ऊपर सच में तरल पानी आज भी बहती होगी? कमेंट कर के जरूर ही बताइएगा, हमें जान कर बहुत ही खुशी होगी।
इन जगहों पर मिल सकता है पानी का स्रोत! :-
वैज्ञानिकों ने प्लूटो (Ice Volcano of Pluto) के ऊपर खोज करने के लिए दो जगहों को चुना हैं। ये दो जगहों का नाम “Wright Mons” और “Piccard Mons” हैं। इन दोनों ही जगहों को वैज्ञानिकों ने “Cryovolcanoes” का नाम दिये हैं। अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, राइट मोन्स लगभग 4 से 5 किलोमीटर ऊंचा और 150 किलोमीटर तक चौड़ा हैं। वहीं दूसरी और पैकर्ड मोन्स 7 किलोमीटर ऊंचा और 250 किलोमीटर तक चौड़ा हैं। इन दोनों ही ज्वालामुखियों के अंदर काफी गहरे गड्ढे मौजूद है और इन दोनों के अंदर काफी डीप डिप्रेशन को देखा जा सकता हैं।
वैसे एक खास बात ये भी हैं कि, इन दोनों ही ज्वालामुखियों के पास काफी ऊबड़-खाबड़ इलाकों को देखा जा सकता हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि, इन ऊबड़-खाबड़ इलाकों के नीचे काफी समय से बर्फ जमा होता जा रहा हैं। जिस कारण से ये इलाका काफी ज्यादा ऊबड़-खाबड़ बन चुका हैं। हालांकि! इन दोनों ही जगहों के अलावा भी काफी सारे जगह ऐसे भी हैं, जहां सतह के नीचे बर्फ के होने की उम्मीद काफी ज्यादा हैं। प्लूटो का एक ईलाका ऐसा भी हैं, जहां क्रेटर के निशाने लगभग न के बराबर है। शोध-कर्ता कहते हैं कि, ये ईलाका खगोलीय विज्ञान के हिसाब से काफी ज्यादा नया है।
आप लोगों को बता दूँ कि, प्लूटो के ऊपर मौजूद ये बर्फीले ज्वालामुखी पृथ्वी के ऊपर मौजूद ज्वालामुखियों के जैसे ही हैं। सिर्फ एक बड़ी भिन्नता ये हैं कि, प्लूटो के ज्वालामुखी आग की जगह बर्फ उगलते हैं। बाकी सब बात पृथ्वी के ज्वालामुखियों के जैसा ही हैं। मित्रों! प्लूटो के ऊपर तापमान बहुत ही कम होता हैं, इसलिए यहाँ सिर्फ बर्फ ही मिलता हैं।
बर्फ उगलने वाले ज्वालामुखी! :-
पृथ्वी के ऊपर ज्वालामुखी आग उगलते हैं, परंतु प्लूटो (Ice Volcano of Pluto) के ऊपर ज्वालामुखी बर्फ उगलते हैं। मित्रों! आप लोगों को जान कर हैरानी होगा कि, इन ज्वालामुखियों में गरम मैग्मा के वजाए ठंडे बर्फ वाली मैग्मा होता हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इन ज्वालामुखियों से बाहर निकलने से पहले पानी तरल अवस्था में होती होगी, परंतु जैसे ही ये ज्वालामुखी से बाहर निकलती होगी; ये तुरंत बर्फ में बदल जाती होगी। बाद में ज्वालामुखी के पास वर्फ धीरे-धीरे जम कर पत्थर के रूप में डिपॉज़िट होती होगी।
मित्रों! यकीन मानिए इन अजब ज्वालामुखियों के बारे में बात करने भर से ही कितना रोमांच मिल रहा हैं। तो जरा सोचिए, ये देखने में कितनी ज्यादा खूबसूरत होंगी। खैर एक बात तो पक्की हैं कि, प्लूटो के ऊपर अभी हमें काफी कुछ जानना पड़ेगा। क्योंकि ये छोटा सा ग्रह अपने-आप में ही एक रहस्य हैं। काफी सारे वैज्ञानिकों को आज भी प्लूटो के बारे में काफी कुछ पता नहीं हैं। प्लूटो के ऊपर आखिर कैसे ये बर्फीले ज्वालामुखी काम करते हैं, ये भी हमारे वैज्ञानिकों को नहीं पता हैं।
तो, आप सोच सकते हैं कि; आखिर कितना-कुछ हमें इन ग्रहों के बारे में जानना हैं। खैर कुछ वैज्ञानिकों का ये कहना हैं कि, प्लूटो के अंदर से पैदा होना वाला “Radiogenic Heat” ही, इन बर्फीले ज्वालामुखियों के पैदा होने का राज हैं। आप लोगों को बता दूँ कि, रेडियोजेनिक हिट प्लूटो के सतह के नीचे मौजूद रेडियो एक्टिव एलीमेंट के कारण बनता हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
प्लूटो (Ice Volcano of Pluto) के सतह के नीचे मौजूद क्रस्ट पृथ्वी के टेक्टोनिक प्लैट की तरह मूव करते रहते हैं। इस घटना को वैज्ञानिक, “General Tectonics” का नाम दिये हैं। जो की टेक्टोनिक प्लैट न हो कर भी टेक्टोनिक प्लैट की तरह काम करता हैं। इसमें कई सारे फौल्ट भी आ सकते हैं और इससे पूरी की पूरी ग्रह प्रभावित हो सकता है। मित्रों! आप लोगों को बता दूँ कि, प्लूटो के ऊपर मौजूद इस तरह के ज्वालामुखी पृथ्वी के शील्ड ज्वालामुखी जैसे हैं।
इसके अलावा पृथ्वी के जैसे ही प्लूटो के ज्वालामुखियों के अंदर भी डिप्रेशन को देखा जा सकता हैं। इसे वैज्ञानिकों ने “Caldera” का नाम दिया हैं। खैर एक गज़ब बात ये हैं कि, इस तरह के ज्वालामुखियों के अंदर कई सारे अनोखे चीजों को देखा जा सकता हैं। यहाँ आप लोगों कि अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, आज भी इन जगहों के बारे में काफी कुछ शोध करना बाकी हैं। क्योंकि इन जगहों को बिना जाने हम प्लूटो के बारे में कुछ नहीं जान सकते हैं।
हालांकि! अगर हमें प्लूटो के नीचे तरल पानी मिल जाता हैं, तब इसके ऊपर जीवन के होने की संभावना भी काफी ज्यादा बढ़ जाता हैं। इसलिए हम प्लूटो को नजर-अंदाज भी नहीं कर सकते हैं। इन सुदूर ग्रहों के बारे में हमारी जिज्ञासा आने वाले समय में और भी ज्यादा बढ्ने वाला है।