Religion

इन विचित्र तरीकों से की जाती है आत्माओं से बात

सनातन धर्म में आत्मा को कभी ना खत्म होने वाला बताया गया है, आत्मा वह है जो हर प्राणी के शरीर में वास करती है। गीता के अनुसार आत्मा हम खुद ही हैं जो इस वक्त भिन्न – भिन्न शरीर धारण करके धरती पर वास कर रहे हैं।

यदि आत्मा ने एक व्यक्ति का शरीर छोड़ दिया तो उसके शरीर के साथ आत्मा की भी मृत्यु हो गई।वेदांत के अनुसार किसी व्यक्ति की मृत्यु होने का मतलब है कि आत्मा ने शरीर को त्याग दिया है और नए शरीर की तलाश में चली गई है। जिस शरीर से उसकी वासना, भोग और कामना की पूर्ति हो सकती है जब ऐसे शरीर मिल जाता है तो आत्मा पुनः शरीर में प्रवेश करके भौतिक जगत में अपनी नई पहचान के साथ चली आती है।

सदियों से आत्माओं से संपर्क करने की कोशिश लोग करते आए हैं और इसके लिए कई विधियों का प्रयोग किया जाता रहा है। पाश्चात्य जगत में इन विधियों से आत्माओं से संपर्क बनाने की बात अक्सर लोग करते हैं। तो आइये आत्माओं से संपर्क करने की पाश्चात्य विधियों के बारे में जानें।

इस टेबल से मिलता है आत्माओं के आने का संकेत
इस विधि में एक तिपाए टेबल का इस्तेमाल किया जाता है तो हल्का और गोल होता है। एक पाए के नीचे लकड़ी का एक गुटका रखा जाता है। इसके बाद टेबल को चारों तरफ से घेर कर लोग बैठ जाते हैं। इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना होता है उनका सभी मिलकर ध्यान करते हैं।

माना जाता है कि जब अपने आप टेबल के पाए खटखटाने लगे तो इसका मतलब है कि आत्मा का आगमन हो चुका है। इसके बाद उनसे प्रश्न किया जाता है और संकेतिक तौर पर टेबल की खटखट से हर प्रश्न का उत्तर जाना जाता है।

लेकिन यह विधि कितनी कारगर है इस बात पर हिप्नोसिस एक्सपर्ट डा. जे पी मल्लिक का कहना है कि इस विधि का उन्होंने परीक्षण नहीं किया है इसलिए यह विधि को प्रमाणिक नहीं कह सकते हैं। इसमें परीक्षण करने वाला चालाकी भी कर सकता है। लेकिन आत्माओं से संपर्क करने की यह एक विधि है जिसका बहुत से पारानार्मल एक्सपर्ट प्रयोग करते हैं।

आत्मा के आते ही होने लगती है यह हरकत
भूतों से बात करने का एक जरिया है प्लेनचिट और ओइजा बोर्ड। यह एक दिल के आकार का दिखने वाला लकड़ी का टुकड़ा होता है। इसमें पीछे की ओर सभी ओर घूमने वाले पहिये लगे होते हैं। इसकी नोक की तरफ एक छेद होता है जिसमें पेंसिल लगा दी जाती है।

आत्मा से संपर्क करने से पहले मेज पर एक सादा कागज रखकर उसके ऊपर ओइजा बोर्ड को रखा जाता है। इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना होता है उसका एकाग्रता पूर्वक ध्यान किया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि जैसे ही आत्मा आ जाती है यंत्र अपने आप चलने लगता है। आमतौर पर इस यंत्र द्वारा अतृप्त आत्माओं को बुलाया जाता है। आत्मा जब आ जाती है तो ओइजा बोर्ड में में हरकत होने लगती है।

आत्मा से जब प्रश्न किया जाता है तब ओइजा बोर्ड चलने लगता है और उसमें लगी पेंसिल से कागज पर उत्तर लिखा जाने लगता है। इस तरह से ओइजा बोर्ड द्वारा प्रश्नकर्ता आत्माओं से अपने सवालों के जवाब जान लेता है।

जब जीवित इंसान के अंदर आकर बोलती है आत्मा
आत्माओं से संपर्क करने के लिए किसी व्यक्ति को माध्यम बनाकर उसमें आत्मा को बुलाया जाता है और फिर उससे सवाल जवाब किए जाते हैं। कई हॉरर फिल्मों में आपने देखा भी होगा कि तांत्रिक या पांडित आत्मा को बुलाता है और आत्मा किसी व्यक्ति के शरीर में आकर प्रश्नकर्ता के सवालों के जवाब देता है।

फिल्म राज-3 में आपने देखा होगा कि एक दृश्य में अभिनेत्री विपाशा प्रेत से कहती है कि वह माध्यम बनने के लिए तैयार है इसके बाद प्रेत विपाशा के शरीर में चला आता है। माध्यम द्वारा भूतों से संपर्क करने का तरीका भी काफी प्रचलित है। हलांकि फिल्म में जिस तरह से आत्मा जीवित व्यक्ति के शरीर में आकर काम करती दिखती है वास्तव में ऐसा नहीं होता है।

इस विधि में आत्मा बोलकर या पेंसिल से लिखकर अपने जवाब देती है। लेकिन कई बार आत्मा शरीर से निकलना नहीं चाहती है ऐसे में माध्यम को कष्ट होता है। इसलिए इस विधि से आत्मा से संपर्क करते समय किसी पारानार्मल एक्सपर्ट का साथ होना जरूरी होता है।

हिप्नोसिस के द्वारा आत्माओं से संपर्क इंडियन हिप्नोसिस एकेडमी के प्रमुख डा. जे पी मल्लिक बताते हैं कि किसी व्यक्ति को हिप्नोटाइज करके पूर्वजन्म में हुई घटनाओं को देखा जा सकता है। इतना ही नहीं अगर व्यक्ति चाहे तो वह हिप्नोसिस के माध्यम से किसी मृत आत्मा से संपर्क कर सकते हैं।

आत्मा की बातें कर ली जाती हैं रिकॉर्ड
अगर आपने देखी है शापित फिल्म तो याद कीजिए वह दृश्य जब राजा की आत्मा को बुलाया जाता है और आत्मा जो बोलती है वह बातें रिकॉर्ड हो जाती है। यह सिर्फ कल्पना की बात नहीं है।

आत्मा से संपर्क करने का एक माध्यम यह भी है जिसका यूरोप में काफी इस्तेमाल किया जाता है। जिस मशीन में आत्मा की आवाज रिकार्ड होती है उसे इलेक्ट्रॉनिक वॉयस प्रोजेक्शन यानि ईवीपी कहते हैं।

इस कहानी की शुरुआत 1969 में हुई जब एक अधेड़ लातवियन डॉक्टर ने रिकॉर्ड किए हुए ढेर सारे टेप पेश किए। उन्होंने ये टेप इंग्लैंड के बकिंगमशयर के एक गांव जेरार्ड क्रॉस में प्रस्तुत किए।

उन्होंने दावा किया था कि हिटलर, स्टालिन, मुसोलिनी ही नहीं, 20वीं सदी के कई अन्य जानी-मानी हस्तियों के साथ उन्होंने संवाद कायम किया है। उनके मुताबिक उस रिकॉर्डिंग में करीब 72,000 मुर्दों की आवाजें कैद थीं।

अब इस तरह से भी सुन सकते हैं प्रेतात्मा की आवाज जकल, ईवीपी को पूरी दुनिया में आत्मा को खोजने और उनसे बात करने का एक मानक ज़रिया माना जाता है।

आज इंटरनेट से जुड़े सैकड़ों ईवीपी फोरम हैं जिन पर पढ़े-लिखे और गंभीर किस्म के लोग आत्मा से बात करने आते हैं। उनका कहना है कि मृत आत्माएं उनसे बात करती हैं।

अनाबेला कारडोसे ऐसे ही लोगों में एक हैं। वे स्पेन में रहती हैं। उनके पास पूर्ण सुसज्जित रिकॉर्डिंग स्टूडियो है। इनका कहना है कि “मैंने जिन आवाजों को टेप किया है, वे कोई साधारण आवाजें नहीं हैं”।

साभार – अजबगजब

Shivam Sharma

शिवम शर्मा विज्ञानम् के मुख्य लेखक हैं, इन्हें विज्ञान और शास्त्रो में बहुत रुचि है। इनका मुख्य योगदान अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान में है। साथ में यह तकनीक और गैजेट्स पर भी काम करते हैं।

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