
D.N.A इस शब्द को सुनने के बाद शायद आपको जीवविज्ञान (Biology) के किताबों में बनी हुई इसके डबल हेलिकल (Double Helical) संरचना के बारे में कुछ याद आ रहा होगा, जो की एक स्वाभाविक व सामान्य सा विचार ही हैं। परंतु क्या कभी आपके मन में D.N.A के बारे में सुनने के बाद आदमखोरों की तस्वीरें सामने आई हैं। नहीं न! परंतु इस लेख को पढ़ने के बाद जरूर ही आयेंगी, क्योंकि आज के इस लेख में हम लोग दुनिया की सबसे प्राचीन इंसान के (human dna found in 800000 year old) D.N.A के बारे में बात करेंगे जो की एक 800,000 साल पुराने आदमखोर के दांतों में मिला हैं।

यूं तो 800,000 साल पुराने (human dna found in 800000 year old) इंसान के D.N.A को ढूँढना एक बहुत ही कठिन काम हैं, परंतु वैज्ञानिकों ने अपने चरम दृढ़ संकल्प के आधार पर इस कार्य को सफल करके दिखाया हैं। खैर यहाँ पर मेँ आप लोगों को बता दूँ की, यह लेख भले ही आदमखोर के ऊपर आधारित होगा परंतु इससे आपको कई सारे गहन तथ्य तथा बहुत सारे विस्मयकारी बातों के बारे में पता चलेगा। तो, बिना डरे इस लेख को आगे पढ़ते रहिएगा।
विषय - सूची
आखिर कैसे आदमखोर के दांतों में मिला पृथ्वी के सबसे पहले इंसान का D.N.A ! – World’s Oldest Human DNA Found In 800000 Year Old Cannibal’s Tooth :-
मित्रों! यह कहानी शुरू होती हैं साल 1994 से। उस साल स्पेन के Atapuerca Mountain रेंज में कई सारे पुरातत्व वीत किसी एक खास काम के लिए इकट्ठे हुए थे। वैसे वह खास काम था, दुनिया की सबसे पुराने इंसान की D.N.A को (human dna found in 800000 year old) खोज कर निकालना। कई महीनों के अथक परिश्रम के बाद उन्हें प्राचीन Archaic Group के लोगों का अवशेष मिला, जो की आज तक और किसी जगह पर देखने को नहीं मिला था।
अवशेषों को देखने से ही पता चला रहा था की, वह टुंटे हुए हैं। वैसे ज़्यादातर अवशेषों में इंसानी हड्डियाँ ही थी, जिन्हें देख कर पता चल रहा था की उन्हें किसी नुकीली चीज़ जैसे दातों से काट कर खाया गया हैं। वैसे बता दूँ की, इंसानों को खाने वाले आदमखोर लोगों को “Cannibal” कहा जाता हैं। यह लोग आज से बहुत प्राचीन समय में इस पृथ्वी पर रहते थे, इनका एक अच्छा उदाहरण हैं “Neanderthal” लोग। जी हाँ! दोस्तों हमारे पूर्वज कहे जाने वाले Neanderthal लोग आदमखोर थे। वैसे अगर आप इन लोगों के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो मेरे द्वारा Neanderthal लोगों के ऊपर आधारित लेख को पढ़ सकते हैं। यकीन मानिए आपको वह लेख बहुत ही पसंद आयेगा।
वैसे स्पेन से मिली अवशेषों को वैज्ञानिकों ने बहुत ही संजीदगी से देखा तो पता चला की, पूर्ण रूप से तो यह हड्डियाँ आज के इंसानों के साथ हड्डियों से नहीं मिलती परंतु हाँ ! आंशिक रूप से यह हड्डियाँ आज के इंसानों के हड्डियों जैसे दिखती थी। इसलिए वैज्ञानिकों ने यह फैसला किया की, यह अवशेष आज से कई हजारों या लाख साल पहले (लगभग 8 लाख साल पहले) धरती पर रह रहे इंसानों की हैं। जो की आज लुप्त हो चुके हैं।

आदमखोर के दांतों में था इंसानी D.N.A ! :-
वैज्ञानिकों ने अवशेषों को देखते हुए कहा की, यह अवशेष Homo antecessor लोगों के हैं। वैसे बता दूँ की, यह लोग इंसान के पूर्वज हैं जिसमें Neanderthal लोग भी आते हैं। आप यहाँ पर कह सकते हैं की, Homo antecessor लोग हमारे व Neanderthal लोगों के भी पूर्वज थे। हालांकि! अभी-अभी किए गए एक शोध से पता चला हैं की, पूर्ण रूप से Homo antecessor शायद हमारे पूर्वज नहीं हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने 8 लाख साल पुराने एक Homo antecessor (dna found in 800000 year old) के दांतों में मौजूद Enamel के प्रोटीन को कृत्रिम रूप से बनाया और उसे आज के इंसानों के दांतों में मौजूद Enamel के प्रोटीन से मिलाया। तो, पता चला की दोनों की प्रोटीन एक जैसे नहीं हैं। इनके अंदर काफी अंतर हैं। यहाँ पर वैज्ञानिकों ने और भी कहा की शायद Homo antecessor इंसानी सभ्यता के क्रमागत विकास में एक करीबी इंसानी प्रजाति थे जो की आज के आधुनिक इंसानों से काफी अलग थे।
वैज्ञानिकों ने और भी कहा की, Homo antecessor भले ही आज के आधुनिक इंसानों के पूर्वज न हो सके हों परंतु इनके D.N.A से इतना तो सुनिश्चित हैं की यह लोग किसी न किसी ढंग से Neanderthal और Denisovans लोगों से जुड़े हुए थे। इन लोगों का D.N.A काफी प्राचीन हैं और इससे यह पता चलता हैं की यह लोग इंसानों के उत्पत्ति का एक कारण भी बन सकते हैं।
Paleoproteomics नाम से परिचित एक प्रक्रिया के माध्यम से वैज्ञानिकों ने स्पेन में मिले अवशेषों की बहुत बार जांचा। बता दूँ की, इस प्रक्रिया के माध्यम से वैज्ञानिक बहुत ही प्राचीन और पुराने D.N.A की संरचनाओं का विश्लेषण बहुत ही आसानी से कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में D.N.A में मौजूद मुख्य तीन Nucleotide को आधार मान कर दूसरे D.N.A के संरचना को तुलना करते हैं।
इस तकनीक के जरिए किया जाता हैं अलग-अलग D.N.A का विश्लेषण ! :-
Mass Spectrometry का नाम अगर आप लोगों ने इससे पहले नहीं सुना हैं तो बता दूँ की, Paleoproteomics के प्रक्रिया को अंजाम देने के बाद वैज्ञानिक Mass Spectrometry के प्रक्रिया को आरंभ करते हैं। इससे शरीर के अंदर प्रोटीन सिंथेसिस की प्रक्रिया को आरंभ किया जाता हैं जो की आम तौर पर D.N.A के द्वार नियंत्रित होता हैं परंतु इस प्रक्रिया के तहत इसे वैज्ञानिक खुद नियंत्रित करते हैं। इसमें Amino Acid के कई श्रुखंलायों से अलग-अलग प्रोटीन का निर्माण होता हैं।

वैसे Mass Spectroscopy के जरिए D.N.A का तो विश्लेषण किया ही जाता हैं, परंतु इसके साथी ही साथ आंशिक रूप से खराब हुए D.N.A के फिर से सीक्वेंस भी किया जाता हैं। वैसे सीक्वेंसिंग की इस प्रक्रिया के जरिए वैज्ञानिक पूर्ण रूप से Decay हो गए D.N.A को भी फिर से शोध करने के योग्य बना सकते हैं। 4,30,000 साल प्राचीन D.N.A को वैज्ञानिकों ने सफलता के साथ सीक्वेंस कर लिया हैं जो की अब तक का सीक्वेंस किया गया सबसे प्राचीन D.N.A। तो, मित्रों आप इससे अंदाजा भी लगा सकते हैं की यह प्रक्रिया कितनी कारगर हैं और वैज्ञानिकों कितनी मदद करती हैं। इसके बारे में आपका क्या राय हैं जरूर ही बताइएगा।
निष्कर्ष – Conclusion :-
`मैंने ऊपर Homo antecessor के बारे में बहुत बार जिक्र किया हैं, क्योंकि इन्हीं के वजह से हम लोगों को आज शायद पृथ्वी के सबसे प्राचीन (dna found in 800000 year old) इंसान की D.N.A के बारे में पता चल पाया हैं। वैसे यूं तो कई सारे वैज्ञानिकों का यह कहना हैं की, H.antecessor लोग इंसानों के प्रकृत पूर्वज नहीं थे। परंतु इस बात को भी यहाँ नकारा नहीं जा सकता हैं की, इस प्रजाति का हमारे इंसानी प्रजाति से काफी ज्यादा गहरा रिश्ता रहा हैं।
एक दूसरे को खाने वाले H.antecessor के लोगों के दांतों में एक दूसरे के D.N.A का यूं मिलना, इस बात का संकेत हैं की हम निकट भविष्य में इंसानों के क्रमागत के विकास के बारे में बहुत सारे तथ्य जानने वाले हैं। इन तथ्यों के जरिए शायद कभी हम लोग हमारे पूर्वजों के बारे में और अधिक जान पाएँ। आज के समय में सिर्फ एक दाँत के प्रोटीन के ऊपर शोध किया गया हैं, परंतु बाद में कई सारे दांतों के ऊपर भी शोध किया जाएगा। जिससे संपूर्ण रूप से हमें H.antecessor के D.N.A के संरचना के बारे में पता चलेगा।
इसके अलावा और भी बता दूँ की, निकट अतीत में वैज्ञानिकों ने 17 लाख साल पुरानी एक दाँत को भी खोज कर निकाला हैं। यह दाँत Homo erectus प्रजाति के हैं। वैसे यह प्रजाति आधुनिक इंसानों के प्रजाति के पूर्वज भी हैं। हालांकि इसके ऊपर अभी सिक़्वेसिंग की प्रक्रिया को अंजाम देना संभव नहीं हैं, क्योंकि दाँत का अवशेष उतनी अच्छी हालात में नहीं हैं परंतु फिर भी इसके ऊपर शोध चल रहा हैं।
Source:- www.livescience.com.
Very nice information
Visit my site
Such a very nice information . thanks to share.