इंसानों को कोरोना ने जिस हद तक परेशान कर रखा है, वो शब्दों में बयां ही नहीं किया जा सकता है। आज कोरोना की वजह से भारत में लगभग 1 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और डॉक्टरों का मानना हैं कि, आगे आने वाले समय में संक्रमण कि घटनाएं और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं। यूं, तो Hydroxychloroquine कि दबाई कुछ हद तक कोरोना के रोकथाम में मददगार साबित हुआ हैं, परंतु आज भी COVID-19 कि कोई भी वैक्सीन (corona vaccine) सफलता पूर्वक डाक्टरों के हाथों नहीं लगा हैं। इसलिए पूरे दुनिया में इसके वैक्सीन को लेकर काफी ज्यादा चर्चाएं कि जा रहीं हैं।
मित्रों! वैसे बता दूँ कि, आज के इस लेख में हम लोग कोरोना कि वैक्सीन (corona vaccine in hindi) के बारे में एक नजर डालेंगे, क्योंकि हाल ही में कुछ वैज्ञानिकों ने सफलता पूर्वक इसके वैक्सीन को ढूँढने का दावा किया हैं। तो, चलिये अब लेख को आगे बढ़ाते हुए कोरोना कि वैक्सीन के से जुड़ी अहम बातों को जानते हैं।
जल्द ही इस वैक्सीन के जरिये हो पाएगा कोरोना का इलाज! – Corona Vaccine In Hindi.
कोरोना कि वैक्सीन को ढूँढने में इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) ने काफी अच्छा प्रदर्शन दिखाया हैं। ऑक्सफोर्ड ने कोरोना कि वैक्सीन को ढूँढने का प्रारंभ बहुत ही पहले कर दिया था, जब कोरोना कि शुरुआती घटनाएं चीन के वुहन सहर में सामने आयी थीं। इतने दिनों से कोरोना कि वैक्सीन (corona vaccine in hindi) के ऊपर काम करने के कारण, वर्तमान के समय में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय इस महामारी कि वैक्सीन ढूँढने में काफी हद तक सफल भी हुआ है।
प्रारंभिक तौर पर ऑक्सफोर्ड ने जानवरों के ऊपर इस वैक्सीन को परीक्षण किया है। वैसे इस वैक्सीन का नाम चैडॉक्स-1 हैं, और इसे मूल रूप से कोरोना जैसे इंसानी श्वसन तंत्र में होने वाली बीमारियों से जूझने के लिया बनाया गया हैं। खैर गौरतलब बात यह हैं की, श्वसन तंत्र में होने वाली बीमारियों से तो यह वैक्सीन हमें बचाता ही बचाता हैं, परंतु इसके साथ ही साथ यह हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत बनाता हैं। इसलिए वैज्ञानिकों का मानना हैं कि, यह कोरोना को आने वाले समय में पूर्ण तरीके से खतम करने के लिए सक्षम हो पायेगा।
वैसे इस वैक्सीन से जुड़ी एक बहुत बड़ी खुशखबरी ये हैं कि, कोरोना का यह वैक्सीन (corona vaccine) बंदरों के ऊपर काम कर रहा हैं। दरअसल बात कुछ इस प्रकार का हैं कि, ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों ने 6 बंदरों पर कोरोना की हाइ डोज़ दे कर उन्हें संक्रमित किया था। बाद में इनके ऊपर चैडॉक्स-1 वैक्सीन को परीक्षण किया गया और यह वैक्सीन पूर्ण तरीके से असरदार भी साबित हुआ।
इंसानों के ऊपर हो रहा हैं परीक्षण! :-
कोरोना के इस वैक्सीन (corona vaccine in hindi) का इंसानों के ऊपर अच्छा प्रभाव रहेगा बोल के वैज्ञानिकों का कहना हैं, हालांकि इसके ऊपर अभी भी पुष्टि करण आने बाकी हैं। अधिक जानकारी के लिए बता दूँ की, 13 मई से 1000 वॉलंटियर्स के ऊपर इस वैक्सीन को परीक्षण किया जा रहा हैं। वैसे वैज्ञानिकों के द्वारा दी गई एक रिपोर्ट से ये पता चला हैं की, इंसानों के ऊपर भी इस वैक्सीन का प्रभाव बहुत ही अच्छा रहा हैं और आने वाले समय में यह कोरोना के वैक्सीन के लिए एक अच्छा विकल्प भी साबित हो सकता हैं।
यह वैक्सीन इंसानों की फेफड़ों में होने वाली संक्रमण को काफी तेजी से खतम करने के साथ ही साथ,वायरल लोड और न्यूमोनिया के क्षेत्र में भी काफी असरदार हैं। ज़्यादातर वैक्सीन से जुड़ी एक मूलभूत समस्या यह हैं की, ये इंसानी प्रतिरक्षा प्रणाली के ऊपर ज्यादा प्रभाव डाल कर कई असुविधाओं को उत्पन्न कर देती हैं जब की इस वैक्सीन में ऐसी कोई भी असुविधा सामने अभी तक नहीं आयी हैं।
वर्तमान समय में यह वैक्सीन अपने तीसरे चरण पर हैं और रोज ज्यादा से ज्यादा लोगों के ऊपर इसका ट्रायल किया जा रहा हैं। यूं तो माना जाता रहा हैं की, कोरोना की वैक्सीन को बनाने के लिए लगभग 12-18 महीनों का वक़्त लगने वाला हैं। परंतु इस वैक्सीन को बना कर इंग्लैंड ने एक नई मिशाल ही कायम कर दिया हैं। वर्तमान के स्थिति में इस वैक्सीन को विश्व में 7 जगहों पर बनाया जा रहा हैं, भारत के पुणे में मौजूद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में भी इसको व्यापक रूप से बनाया जा रहा है।