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आखिर मिल ही गई कैंसर की दबाई! – New Cancer Drug Trial In Hindi

कैंसर की इस दबाई से आपके अपने भी हो सकते हैं अब ठीक, एक बार जरूर पढ़ें!

इंसानों के जीवन में कई सारे चुनौतियाँ आते रहती हैं, परंतु उन सभी चुनौतियों में एक चुनौती ऐसी भी है, जो की बड़े-बड़ों की हालत खराब कर देती हैं। तो बड़े-बड़ों की, हालत पस्त कर देने वाली इस चुनौती का नाम है बीमारी। बीते ढाई सालों में दुनिया ने कोरोना जैसी महामारी का सामना करते हुए बिताया है। इस महामारी के चलते कई लोगों के रोजगार का साधन ही खत्म हो गया, तो कई लोगों के घर तक उजड़ गए। 21 वीं शताब्दी के इस मॉडर्न युग में शायद पहली बार ही इंसानों ने एक बीमारी (new cancer drug trial) का इतनी क्रूरता भरा रूप देखा हो।

मिल गया कैंसर की दबाई! - New Cancer Drug Trial!
कैंसर के ट्रीटमेंट की फोटो। | Credit: Open Access Goverment

जब भी बीमारी का नाम आता है, लोगों के मन में सबसे पहले कैंसर (new cancer drug trial) और एड्स जैसी जानलेवा मर्ज का नाम दौड़ने लगता है। कैंसर जैसे बीमारियों से हर साल 1 करोड़ से ज्यादा लोगों कि मौत होती है। हर 6 में से 1 मौत दुनिया में कैंसर से ही होती है। तो, इस बीमारी की खतरेपन को देखते हुए, हमें इसके बारे में कुछ न कुछ ठोस कदम को उठाना चाहिए। और मित्रों, वैज्ञानिकों ने इस बीमारी के खिलाफ एक बेहद ही अद्भुत चीज़ को भी ढूंढ निकाला है।

रिपोर्ट्स के अनुसार कैंसर की दबाई को लेकर, हाल ही में एक बेहद ही बड़ा खुलासा हुआ है और आज हम इस लेख में उसी के बारे में ही जानने वाले हैं।

वैज्ञानिकों ने खोज ही ली कैंसर की दबाई! – New Cancer Drug Trial! :-

मेडिकल साइंस के इतिहास में पहली बार कैंसर (new cancer drug trial) जैसी एक बेहद ही खूंखार बीमारी की दबाई इंसानों को मिली है। ये खोज हमारी पूरी सभ्यता के लिए एक दुर्लभ वरदान से कम नहीं है और हमें इसी तरह के वरदान का ही इंतजार था। ये खोज मूलतः “Rectal Cancer”/ “गूदे की कैंसर” के लिए काफी ज्यादा लाभकारी बताई गई है। इतना लाभकारी की आप कभी इसके बारे में सोच ही नहीं पाएंगे। अमेरिका में किए गए इस छोटे से मेडिकल एक्सपरिमेंट के चलते कुछ रेक्टल कैंसर के मरीजों को एक खास तरह की दबाई दि गई थी।

मिल गया कैंसर की दबाई! - New Cancer Drug Trial!
रेक्टल कैंसर और दबाई।  Credit: Navbharat Times

ये दबाई जिस किसी भी मरीज को दी गई थी, उन सभी में कैंसर काफी अच्छे तरीके से ठीक हुआ है। बीमारी कुछ इस कदर ठीक हुई है कि, देखने पर किसी चमत्कार से कम नहीं लगती है। मित्रों! आपको भी लगेगा कि, ये हमारे वैज्ञानिकों ने क्या कर दिखाया है। यकीन से भी काफी ज्यादा परी है ये खोज। खैर एक चीज़ तो माननी पड़ेगी कि, हमें इस दबाई के बारे में काफी ज्यादा खोज करना पड़ेगा। कुछ लोगों के अनुसार ये दबाई 100% मरीजों के ऊपर काम करने लगा है।

“Dostarlimab” नाम का ये ड्रग कैंसर जैसे बीमारी के लिए काफी ज्यादा असरदार साबित हुआ है और लोगों में इसने कोई खास साइड इफैक्ट भी नहीं डाला है। वैसे बता दूँ कि, इस दबाई को “Jemperli” नाम के ब्रैंड के अधीन बाजार में बेचा जाएगा और इसे बहुत बड़े तादाद में बेचने का लक्ष्य भी रखा गया है। ये दबाई एक इम्यूनों थेरेपी दबाई है और मूलतः ये एंडोमेटेरियल कैंसर को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

कैंसर को ठीक कर रही है ये दबाई! :-

इस दबाई (new cancer drug trial) के जरिए वैज्ञानिक बेहद ही सफलता के साथ इंसान के गूदे/ rectum में होने वाले ट्यूमर को ठीक कर सकते है। बता दूँ कि, ये दबाई खास तौर पर कैंसर वाले ट्यूमर को ठीक करने में इस्तेमाल हो रही है। गौरतलब बात ये भी है कि, जिस भी रेक्टल कैंसर के मरीज को ये दबाई दी गई हैं, उनके अंदर भारी सुधार देखा गया है। मित्रों! चौंका देने वाली बात ये है कि, ये ड्रग ट्रायल अपने प्रारंभिक अवस्था में है और आने वाले समय में ये दबाई और भी विकसित हो कर बेहद ही ज्यादा असरदार हो सकती है।

मिल गया कैंसर की दबाई! - New Cancer Drug Trial!
गूदे में कैंसर। | Credit: CedarsCenai.

अभी तक इस दबाई का पॉज़िटिव रेस्पोंस 12 मरीजों में देखा गया है, और इन सभी मरीजों के अंदर “Mismatch Repair Deficiency” (MMRd) जैसे लक्षण दिखाई पड़ रहे थे। बता दूँ कि, औसतन रेक्टल कैंसर से पीड़ित 5-10% मरीजों को ये MMRd वाला लक्षण होता है। वैसे ये लक्षण जिन मरीजों के पास होते हैं उनके ऊपर “Chemotherapy” और “Radiation treatmet” का कोई असर नहीं होता। तो ऐसे में इन मरीजों को सर्जरी की मदद लेकर अपने ट्यूमर को अलग करना पड़ता है। मित्रों! बता दूँ कि, ये MMRd एक तरह का म्यूटेशन होता है।

MMRd म्यूटेशन के चलते शरीर के अंदर मौजूद कैंसर कोशिका हमारे प्रतिरक्षा तंत्र के लिए काफी बड़ा खतरा बन जाती है। इसके अलावा ऐसी कोशिकाएं हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को इतना कमजोर कर देती हैं कि, हमारा तंत्र सही तरीके से काम ही नहीं कर पाता है। इससे बीमारी शरीर के अंदर और भी तेजी से बढने लगती है। खैर रेक्टल ट्यूमर में कई अवस्थाएँ और जटिलता होती हैं, तो हर के अलग-अलग उपचार हैं।

इसके बारे में क्या कह रहें हैं वैज्ञानिक! :-

वैज्ञानिकों के अनुसार रेक्टल कैंसर ( new cancer drug trial) से पीड़ित मरीजों को सर्जरी से पहले प्रोटोकल के हिसाब से केमो-थेरेपी और रेडिएशन ट्रीटमेंट दिया जाता है। परंतु एक खेद की बात ये है कि, इस प्रोटोकल के कारण मरीजों के ऊपर जीवन भर रहने वाले साइड इफैक्ट हो सकते हैं। ज़्यादातर केमो-थेरेपी, रेडिएशन ट्रीटमेंट और सर्जरी किसी भी रेक्टल कैंसर से पीढ़ित मरीज के लिए काफी ज्यादा बुरे प्रभाव वाला उपचार हो सकता है। क्योंकि सारे के सारे उपचार काफी जटिल और ताकतवर होते हैं।

Doctor's researching rectal cancer.
रेक्टल कैंसर के बारे में खोज। | Credit: Roswell Park.

इसके अलावा ट्यूमर होने वाली जगहों को लेकर भी इस तरह के कैंसर उपचार कराने के खतरे भी बढ़ जाते हैं। अगर उपचार के दौरान थोड़ा सा भी उच-नीच हो जाता है, तब “Bowel & Bladder Dysfunction, Incontinence, Infertility, Sexual Dysfunction” और कई तरह के अलग-अलग कंप्लीकैशन आ सकते हैं। एक अच्छी बात ये है कि, जिस किसी भी मरीज ने इस छोटे से ड्रग ट्रायल में हिस्सा लिया था, उन सभी ने केमो और रेडिएशन थेरेपी को न लेकर उनके साइड इफैक्ट से भी बच गए। उनको सीधे सर्जरी का उपचार ही दिया गया।

ड्रग ट्रायल के दूसरे चरण में वैज्ञानिकों ने मरीजों को इस दबाई को 6 महीनों के लिए हर तीसरे हफ़्ते में दिया, साथ ही साथ एहतियात के तौर पर केमो और रेडिएशन थेरेपी भी दी जाने लगी। मित्रों! ऐसा करने से मरीजों के अंदर से 100% कैंसर के ट्यूमर खत्म होने लगे। जब वैज्ञानिको ने दबाई लेने वाले मरीजों का MRI, PET scan, endoscopy और Biopsy किया; तब सच में कैंसर का कोई नामोनिशान ही नहीं था। जैसे कहीं गायब ही हो गया हो।

निष्कर्ष – Conclusion :-

वैसे अभी कैंसर की इस दबाई (new cancer drug trial) को लेकर काफी सारे शोध करना बाकी हैं। गौरतलब बात ये भी है कि, 2/3 मरीजों में जिन्होंने ये दबाई ली है, उनके अंदर सामान्य से मध्यम धरण के साइड इफैक्ट दिखाए देने लगे हैं। हालांकि! आने वाले समय में वैज्ञानिकों को ज्यादा संख्या में मरीजों के ऊपर शोध करना होगा ताकि हमें इस दबाई की असल कुशलता और साइड-इफैक्ट के बारे में और भी ज्यादा बेहतर ढंग से पता चल पाए।

Surgery on Rectal Cancer.
दबाई ठीक करेगी हर एक मरीज को। | Credit: Coloproctology News.

कुछ वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि, मरीजों के ऊपर असल में कब तक ये दबाई काम करती रहेगी, ये अभी कहना काफी ज्यादा मुश्किल है। क्योंकि उनको लगता है कि, कुछ समय बाद जब दबाई का असर खत्म होने लगता है, तब कैंसर के ट्यूमर शायद फिर से शरीर में बढ़ने लगें। बहरहाल हमें इतनी जल्दी इस दबाई को लेकर अपनी अंतिम टिप्पणी अभी नहीं देनी चाहिए, क्योंकि भविष्य में कुछ भी हो सकता है। हो सकता है शायद ये दबाई बेहद ही अच्छे तरीके से काम कर जाए या शायद ये कुछ अलग ही तरह के साइड इफैक्ट दिखाने लगे!

Source – www.sciencealert.com

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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