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खतरे में है कावेरी, चाहिए आपकी मदद ! – Cauvery Calling In Hindi.

दक्षिण भारत की गंगा हो रही है दिन व दिन लुप्त ! जानिए दिल दहला देने वाली एक रिपोर्ट |

इंसान कितना स्वार्थी है न ! हम लोग कितने स्वार्थी है न? 21 वीं शताब्दी के इस अत्याधुनिक युग में हम लोग अपने-आप को ही खतरों से भरी हुई खाई में धकेल रहें हैं |शायद ऐसा लगता है की इंसानों  ने अपने आप को दर्पण में देखना ही बंद कर दिया है , तभी तो वह अपने गल तियों के पहचान नहीं रहें हैं | मित्रों ! विज्ञान ने हमें विकास के साथ-साथ कई सारे मुसीबतों से भी सामना करवा दिया हैं | दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी कावेरी (Cauvery Calling In Hindi) आज लुप्त होने की अवस्था में पहुँच चुकी हैं और इसका कारण हम लोग यानि इंसान ही हैं |

Help Farmer by saving Cauverey.
कावेरी को बचा के किसानों की मदद करें | Credit : You tube.

आपने कई बार पुस्तक और श्लोकों में कावेरी (cauvery calling in hindi) का नाम सुना होगा | कावेरी मूलरूप से हिंदुओं के लिए बहुत ही पवित्र और मार्मिक नदी हैं | परंतु विडंबना की बात यह है की हम लोगों ने आज उसे सहरिकरण और प्रदूषण के जरिए अपवित्र कर दिया हैं | सुनने में बहुत ही खेद लगता है , परंतु यही सच्चाई है दोस्तों ! आजकल लोग कई सारे विषयों के ऊपर चर्चा करते हैं , परंतु क्यूँ कभी कोई कावेरी जैसे लुप्त होने को जा रहे नदियों के बारे में चिंता नहीं करता है | खैर पृथ्वी पर अभी भी कुछ भले मानुष ऐसे भी है जिन्होंने कावेरी (cauvery calling in hindi) को बचाने का दृढ़ संकल्प ले लिया हैं , चाहे कोई भी मुसीबत सामने आ जाए , चाहे कैसा भी परिस्थिति हो जाए यह लोग कावेरी को बचा कर ही चेन की सांस लेने वाले हैं |

तो , चलिए उस भले मानुष तथा कावेरी (cauvery calling in hindi) को बचाने के लिए आखिर कैसा योजना प्रस्तुत किया गया है उसके बारे में चलिए विस्तृत से जानते हैं |

कावेरी आपको मदद के लिए पुकार रही हैं ! – Cauvery Calling In Hindi :-

दक्षिण भारत के प्रसिद्ध योगी और महान तपस्वी सद गुरु जी ने सबसे पहले कावेरी (cauvery calling in hindi) के ऊपर सब का ध्यान आकर्षण करवाया था | 50 साल पहले कावेरी से जुड़ी इलाके 87% जंगलों से ढँकी हुई थी , जिसके कारण सही तरीके से वर्षा हो रही थी और कावेरी शुद्ध पानी से भरी हुई थी | परंतु बीते कुछ वर्षों में कावेरी से लगी हुई जंगलों को बड़ी ही तादाद में काटा गया | जो की कावेरी के लुप्त होने का मूल कारण हैं |

मित्रों ! आपको मेँ यहाँ पर बता दूँ की कावेरी (cauvery calling in hindi) के ऊपर 8.4 करोड़ लोग निर्भर करते हैं | इसलिए कावेरी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता हैं | कलिंग कावेरी अपने आप में ही एक अनोखा और खास योजना है , जिसके तहत पूर्ण रूप से एक नदी को फिर से पुनर्जीवित किया जाएगा | मित्रों ! सुनने और करने में बहुत बड़ा भेद हैं | भले ही आज एक विशाल नदी को फिर से उसके अस्तित्व में लाना एक बहुत ही मुश्किल काम लगता है , परंतु यह काम नामुमकिन नहीं हैं |

आदरणीय सद गुरु जी के द्वारा स्थापित इशा फ़ाउंडेशन के द्वारा कलिंग कावेरी को नियंत्रित किया जा रहा हैं | अगर आप एक सच्चे प्रकृति प्रेमी है और कावेरी जैसे पवित्र नदी को बचना चाहते है तो , इस लेख को अवश्य ही दूसरे लोगों के साथ शेयर करें | क्यूँ की यह पुण्य का काम हैं !

कावेरी के लुप्त होने का कुछ कारण :-

मैंने ऊपर ही आप लोगों को कावेरी (cauvery calling in hindi) के लुप्त होने का मूल कारण संक्षिप्त में बताया था | परंतु चलिए अब इसके बारे में थोड़ा विस्तृत में जान लेते हैं |

पेड़ों की कटाई के कारण मिट्टी का क्षरण जमीन से काफी ज्यादा हो रहा हैं | यह मिट्टी वर्षा के वक़्त नदी के आस पास के इलाकों से बह के आ कर नदी के साथ मिल जा रहा हैं | जिस से नदी की गहराई खत्म होने के साथ ही साथ जल प्रदूषित भी हो रहा हैं | इसके अलावा जंगलों की कटाई से वर्षा चक्र में भारी अनियमितता दिखाई भी पड रही हैं | वर्षा चक्र में अनियमितता नदी को काफी ज्यादा सुखी कर दे रही हैं |

Plant Tree and save Cauvery.
पेड़ों को लगा के बचा सकते है कावेरी को | Credit : The Conversation.
कावेरी की हालत ! हो रही है खराब :-

एक शोध से पता चला है की बीते 70 सालों के अंदर कावेरी (cauvery calling in hindi) 40% तक सुख चुकी है | जी हाँ ! आपने सही सुना 40% यानी लगभग आधा | इस पर और एक मुसीबत यह है की नदी के किनारों की जगहों पर भूतल जल का भी घनघौर कमी पाई गयी हैं | इस स्थिति में आप सोच सकते है की , कावेरी के किनारों में बसे लोगों का हाल क्या होगा | बहुत ही दुख और खेद के साथ मुझे यह कहना पढ़ रहा है की यहाँ पर खेती कर रहे किसानों का हाल बहुत खराब हैं | कई सारे कर्ज के बोझ के तले दबे पड़े है , तो कई सारे किसान सुखी खेतों को देख कर हताश हो कर बैठे हैं |

काश कावेरी पुनर्जीवित हो जाती ! काश कोई इन किसानों के मुख पर मुस्कुराहट ला पता ! आप लोग चाहें तो अपने हिसाब से कावेरी कलिंग योजना में अपना मूल्यवान योगदान दे कर इन किसानों की मदद कर सकते हैं | अभी मदद करने के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं |

कावेरी के तटों पर रहने वाले 47,190 किसानों ने पिछले 15 सालों के अंदर अपनी जान खेती न होने के कारण दे दिया हैं | तमिलनाडू के 83% और कर्नाटक के 77% किसान गरीबी के अवस्था में जी रहें हैं | इसी साल तमिलनाडू के 17 जिलों में भारी सूखा पड़ा था  , जिससे इन जिलों की बहुत ही बुरी हालत हुई |

मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की तमिलनाडु को बीते 18 सालों में 15 साल सूखे का ही सामना करना पड़ा हैं | तो , आप अब सोच सकते है की हालत कितनी गंभीर हैं | मित्रों ! आप लोगों को इस के बारे में क्या लगता हैं ?

कावेरी को ऐसे बचाया जा सकता हैं ! :-

ऊपर मैंने कई बार कई सारे मुसीबतों के बारे में जिक्र किया हैं , परंतु अभी तक मैंने इसके समाधान के बारे में एक बार भी जिक्र नहीं किया हैं | कावेरी को (cauvery calling in hindi) हम लोग कुछ बहुत ही सरल उपायों के जरिए बचा सकते हैं | तो , चलिए उन उपायों के बारे में जानते हैं |

कावेरी कलिंग योजना के तहत कावेरी के तट पर बसे जंगलों को फिर से पुनर्जीवित करना पड़ेगा | इसलिए कावेरी कलिंग योजना के जरिए यहाँ 242 करोड़ पेड़ों को फिर से रोपण किया जाएगा | इतने सारे पेड़ यहाँ मौजूद मिट्टी के उर्वरता को और भी ज्यादा बढ़ा देगा और साथ ही साथ यह मिट्टी के क्षरण को भी रोकेगा |

पेड़ों को लगाने से फिर से भूतल जल के कमी को खतम किया जा सकता हैं |  इससे यहाँ पर बसने वाले किसान फिर से पहले के ही तरह अपने खेतों में फसल खिला सकते हैं | जिससे उनको और ज्यादा कष्ट झेलने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी | मित्रों ! हमेशा याद रखिएगा सेना के एक जवान की ही भांति हमारे देश के किसान अपने खून को मेहनत के रूप में मिट्टी में मिलाकर हमारे लिए अनाज पैदा कर रहें हैं | इसलिए देश के जवानों का और देश के किसानों का हमेशा ही आदर करना चाहिए !

खैर पेड़ों को लगाने से यहाँ के किसानों का आय 5 से 7 सालों के अंदर ही अंदर 300% से 800% तक बढ़ जाएगा | किसानों की कल्याण से ही हमारा देश तरक्की करेगा |

निष्कर्ष – Conclusion :-

हमारे सामने कावेरी (cauvery calling in hindi) को फिर से एक बार जिंदा करने का जिम्मा हैं | लक्ष्य बहुत ही बड़ा और अनिवार्य है | अब पीछे हटने का कोई रास्ता बाकी नहीं हैं | अब तो आर या पार की परिस्थिति आ गई है , क्योंकि चेन्नई में लगभग सारा का सारा भूतल जल खतम हो गया हैं | इसलिए युद्ध में एक शूर वीर की भांति हम सभी को इस योजना में अवश्य ही कुछ न कुछ जरूर योगदान करना चाहिए |

मैंने तो अपने से जितना हो सकता है उतना योग दान दे दिया हैं | अब आपकी बारी ; कावेरी आपको पुकार रही हैं ! (Cauvery Calling In Hindi).

  योगदान देने के लिए आप   यहाँ क्लिक कर सकते हैं

  Sources :- www.ishaoutreach.org.

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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