
हमारा शरीर कई कोशिकाओं (Cells) और उनसे बने ऊतक (Tissue) की संरचना से बना है। हमारे शरीर में कई ऐसे अंग मौजूद हैं जो की हमारी तंत्रिका तंत्र के जरिये एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए जब भी हम इस शरीर को देखते हैं, तब ऐसा लगता है कि, ये एक प्रभु के द्वारा बना-बनाया कारख़ाना है। खैर इस कारखाने के कल-पुर्जो को सही तरीके से चलने के लिए तथा एक-दूसरे के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए खून (Blood In Hindi जैसे तत्वों कि जरूरत पड़ती है। इसलिए ये एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में हमारे शरीर में मौजूद है।

वैसे देखा जाए तो, खून (blood in hindi) के बारे में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो कुछ भी नहीं जानता होगा। परंतु असल बात ये हैं कि, हममें से ज़्यादातर लोगों को खून सिर्फ एक गाढ़े लाल रंग का तरल पदार्थ ही लगता है। खून किसे कहते हैं या ये किस तरह से शरीर के अंदर बनता है? इन सभी के बारे में आम जनता को ज्यादा जानकारी नहीं होती है। इसलिए आज के इस लेख में हम इंसानी खून या यूं कहें कि लाल लहू के बारे में जानेंगे।
तो, आशा हैं कि आप सभी मेरे साथ इस लेख में बने रहेंगे और इस लेख को लिखे जाने के पीछे छुपे मूल उद्देश्य को पूरा करेंगे।
विषय - सूची
खून किसे कहते हैं? – What Is Blood In Full Detail? :-
सबसे पहले हम जानेंगे आखिर खून किसे कहते हैं? (What is blood in hindi?); अब यहाँ मुझे पता है ज़्यादातर लोगों को ये लग रहा होगा कि, इसके बारे में अब क्या जानना बाकी हैं जो अब जानेंगे। परंतु जरा धैर्य रखिए। “इंसानों तथा जानवरों के शरीर में पाया जाने वाले लाल रंग के तरल पदार्थ को ही खून कहते हैं, ये शरीर में मौजूद कोशिकाओं में ऑक्सिजन और पोषक तत्वों को पहुंचा कर वहाँ मौजूद कचरे को बाहर निकालता है “। हालांकि! आप लोगों को पता होना चाहिए कि, कोशिकाओं के अंदर मौजूद ये कचरा शरीर के मेटाबोलिक क्रियाओं से ही बनता है।

इंसानी शरीर कr बात करें तो, हमारे कुल वजन का 7% हिस्सा खून ही होता है। वैसे खून का घनत्व विशुद्ध पानी (1000 kg/m3) के आसपास यानी 1060 kg/m3 के जितना होता है। हमारे शरीर के अंदर लगभग 5 लीटर तक खून रहता है। खून में मुख्य रूप से दो तरह के तत्व पाये जाते हैं, पहला है प्लासमा और दूसरा है मूल उपादान (Formed elements)। इन मूल उपादानों में रेड ब्लड सेल और व्हाइट ब्लड सेल होते हैं। वैसे खून में रेड ब्लड सेल कि मात्रा 45%, प्लासमा कि मात्रा 54.3% और व्हाइट ब्लड सेल कि मात्रा 0.7% होती है।
मित्रों! खून का रंग लाल इसलिए होता है क्योंकि इसके अंदर ज्यादा मात्रा में लाल रक्त कणिका (RBC) होते हैं। वैसे आरबीसी को कई बार “Erythrocyte” भी कहा जाता है। पुरुषों में इसकी संख्या लगभग 41 लाख से 61 लाख के बीच रहती है, वहाँ महिलाओं के अंदर इसकी संख्या 42 लाख से 54 लाख तक रहती है। हालांकि! एक खास बात ये हैं कि, इंसानी आरबीसी में न्यूक्लियस(Nucleus) या अन्य कोई ओर्गानेल्स नहीं होते हैं।
खून में क्या-क्या चीज़ें होती हैं? :- Components Of Blood
ऊपर के अनुच्छेद में हमने खून (blood in hindi) में मौजूद आरबीसी के बारे में देखा। परंतु, इसके अलावा भी खून में कई अन्य चीज़ें होती हैं जिसके बारे में हम यहाँ चर्चा करेंगे। रेड ब्लड सेल्स कि तरह ही खून के अंदर व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) भी होते हैं। इनकी संख्या हमारे शरीर के अंदर 4,000 से 11,000 के बीच होती है। वैसे ये सेल शरीर के रोग-रोधी तंत्र या कहें कि इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। ये वही सेल्स हैं जो कि, हमें बीमार होने से बचाते हैं। कई बार ये हमारे शरीर के लिए बाहरी किटाणु या वायरस से भी लढ जाते हैं।

मित्रों! अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, शरीर में डबल्यूबीसी की कमी से कोरोना जैसे बीमारियाँ आसानी से हो सकती हैं। इसलिए आप नियमित रूप से पोषक तत्वों से भरा हुआ खाना और कसरत जरूर करें। इससे आपके शरीर के अंदर डबल्यूबीसी कि संख्या एक निर्धारित व सटीक मात्रा में रहेगी, जिससे आप निरोग रहेंगे। खैर इन डबल्यूबीसी के सेल्स को विज्ञान की भाषा में “Leukocyte” कहते हैं। शरीर में डबल्यूबीसी की कमी से कैंसर (Leukemia) जैसी घातक और जानलेवा बीमारियाँ भी हो सकती हैं।
खून में आरबीसी और डबल्यूबीसी के अलावा एक और तत्व पाया जाता है, जिसे कि प्लैटीलेट्स कहा जाता हैं। इनकी संख्या शरीर के अंदर 200,000 से लेकर 500,000 तक होती है। वैसे विज्ञान कि भाषा में इसका नाम “Thrombocyte” है। मूल रूप से इन तत्वों का काम हमारे शरीर में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। शरीर में खून का थक्का इन्हीं प्लैटीलेट्स के कारण ही होता हैं। इसमें फिब्रिन का काम भी काफी जरूरी है।
खून आखिर कैसे बनता है? – Formation Of Blood Cell :-
लोगों के मन में ये सवाल आता होगा कि, आखिर ये खून (blood in hindi) शरीर में कैसे बनता होगा! ताकि, उनके शरीर में खून कि कमी जैसे हालत कभी ना हो। वैसे इस तरह का सवाल मन में जायज भी है और हम इसी सवाल के जवाब को अब ढूँढने का प्रयास करते हैं। मित्रों! ज़्यादातर लोगों को ये लगता होगा कि, खून रक्त की कोशिकाओं से ही बनता होगा। परंतु क्या ये सच हैं? आप लोगों मेँ बता दूँ कि, खून रक्त के कोशिकाओं से नहीं बनता है।
खून के कणों को बनाने के लिए शरीर के अंदर एक निर्धारित जगह होती है। आमतौर पर शरीर के “बोनमैरो” में खून के कण बनते हैं। फिर एक खास बात ये हैं कि, ये बोनमैरो शरीर के कुछ खास हड्डियों के भीतर होते हैं। इसके अलावा शरीर के कुछ अंग खून के कणों को बनाते हैं। खैर हड्डियों के भीतर मौजूद बोनमैरो लगभग 60% से 70% डबल्यूबीसी और प्लैटीलेट्स को बना देता है। इसके अलावा शरीर के थाइमस, स्प्लीन और लिंफ नोड्स जैसे अंग भी खून के कुछ खास उपादानों (Elements) को बनाते हैं।
इंसानी शरीर में सबसे पहले आरबीसी लीवर में बनता है, बाद में जब इंसान बड़ा होने लगता है तब ये जगह बोन मैरो में ट्रांसफर हो जाती है। बोनमैरो के अंदर “स्टेम सेल” (Stem Cell) नाम के कण होते हैं जो कि खून के बनने कि प्रणाली को सुचारु रूप से अंजाम देते हैं। शरीर के अंदर खून के बनने कि प्रक्रिया को “Hematopoiesis या Hemopoiesis” कहते हैं।
शरीर में खून का क्या काम हैं? – Functions Of Blood In Human Body :-
मित्रों! लेख के इस भाग में हम खून (blood in hindi) शरीर के अंदर क्या-क्या काम करता है उसके बारे में जानेंगे। इसलिए आप लोगों से अनुरोध हैं कि, इसे ध्यान से पढ़िएगा।

- खून शरीर में मौजूद कोशिकायों को ऑक्सिजन का सप्लाइ करता है, जिससे कोशिकाएँ स्वस्थ और जीवित रहती हैं। ऑक्सिजन खून के हीमोग्लोबिन Hemoglobin (लाल रंग का तत्व) वाले भाग में जुड़ कर शरीर में एक से दूसरे जगह तक जाता है।
- शरीर में कोशिकायों तक ग्लूकोस, अमीनो एसीड्स और फ़ैटि एसीड्स जैसे पोषक तत्वों को पहुंचाने की ज़िम्मेदारी खून की होती है।
- कार्बन डाइऑक्साइड, यूरिया और लाक्टिक एसीड्स जैसे कचरे पदार्थों को कोसिकाओं से बाहर निकालने का काम भी खून का होता है।
- इम्यूनिटी में भी खून का काम बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। एंटीजेन को पहचान कर एंटीबॉडी को बनाने में ये मदद करता है।
- शरीर में खून का थक्का एक बहुत ही जरूरी क्रिया है, जिससे हमारा शरीर रिपयेर होता है।
- दो कोशिकायों के बीच सिग्नल का आदान-प्रदान भी खून के जरिये ही होता है। ये मूलतः हर्मोन और सिग्नलिंग मोलिक्युल के द्वारा होता है।
- शरीर कि आंतरिक तापमान भी खून के जरिये नियंत्रित होता है।
Sources :- www.web.archive.org, www.britannica.com.