क्या वास्तव में एलियंस मौजूद हैं? (Are Aliens Real In Hindi) शायद, यह ब्रह्मांड में सबसे बड़ा सवाल है और वैज्ञानिक निश्चित रूप से इसका जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
क्या एलियंस (Aliens) मौजूद हैं या इंसान अपनी तरह के अकेले जीव हैं? इस रहस्य को सुलझाने में वैज्ञानिकों ने कई साल लगाए हैं।
उन्होंने निश्चित रूप से कई अवलोकन (Observations) किए हैं जिन्हें समझाया नहीं जा सकता। एक बार यदि ये सभी पहेलियाँ हल हो जाती हैं, तो हम अंततः साबित कर सकते हैं कि एलियंस मौजूद हैं।
या फिर यह पता लगा सकते हैं कि मानवता ही ब्रह्मांड में एकमात्र रूप है। बेशक, हम यह तब तक नहीं जान पाएंगे कि एलियंस असल में है या नहीं जब तक वे हमारे संपर्क में नहीं आते।
या फिर हमें उनके अस्तित्व का कोई सबूत नहीं मिल जाता।
विषय - सूची
“क्या हम अकेले हैं?” या फिर कोई और भी है जो हमे देख रहा हैं।
अकेले मिल्की वे (Milky Way) आकाशगंगा (Galaxy) में सैकड़ों अरबों तारे हैं। और उनमें से कई तो हमारे सूरज से अरबों साल पुराने हैं।
क्या होगा अगर इन तारों के एक छोटे से हिस्से में भी उनके आसपास ग्रह हों और जो जीवित रहने योग्य हों। यह हमें इस निष्कर्ष पर पहुंचाएगा कि अरबों दुनिया संभव है।
एडवांस्ड सिविलाइज़ेशन (Advanced Civilization) वाला एक विश्व,जो पूरी तरह से विकसित हो और जिसने अंततः ब्रह्मांड के बाकी हिस्सों की खोज शुरू कर दी हो।
फर्मी पैराडॉक्स क्या है? – What is Fermi Paradox?
क्यों पृथ्वी के लोगों ने दूसरी दुनिया के लोगो से अब तक कुछ भी सुना नहीं हैं? वे सब लोग कहाँ हैं?
आज, इस सवाल को फर्मी पैराडॉक्स (Fermi Paradox) के रूप में जाना जाता है। शोधकर्ताओं ने वर्षों में इसके कई संभावित उत्तर दिए हैं।
पहली थ्योरी के अनुसार, “एलियंस सभी पानी के नीचे छुपे हुए हैं”। जानिये ऐसे एक एलियन के बारे में।
या “वे सभी मर गए, या “वास्तव में, हम खुद ही एलियंस हैं।
रूस में नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी (National Research University of Electronic Technology in Russia) के सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी (Theoretical Physicist) Alexander Berezin (Alexander Berezin) ने फ़र्मी पैराडॉक्स को एक नया उत्तर देने का प्रस्ताव दिया है।
अगर बेरेज़िन की कल्पना सही है, तो इसका मतलब मानवता के लिए एक ऐसा भविष्य हो सकता है जो “विलुप्त होने से भी बदतर है।” बेरेज़िन ने इस जवाब को “फर्स्ट इन, लास्ट आउट” (First In, Last Out) समाधान कहा हैं।
शुरुआत के लिए, वास्तव में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि एलियन लाइफ कैसी हो सकती है। बल्कि इससे फर्क पड़ता कि यह एलियन (Alien) कैसे व्यवहार करते है।
इसका मतलब है कि एलियंस को इंटरस्टेलर (Interstellar) यात्रा में सक्षम होना चाहिए, या कम से कम इंटरस्टेलर स्पेस के माध्यम से संदेश प्रसारित करना आना चाहिए।
एक सभ्यता के लिए एक ऐसी जगह तक पहुँचने के लिए जहां वह प्रभावी रूप से सौर प्रणालियों (Solar Systems) में संचार कर सकती है, उसे अप्रतिबंधित (Unrestricted) विकास और विस्तार (Expansion) करना होगा।
बेरेज़िन ने अनुमान लगाया है की “हम इंटरस्टेलर स्टेज पर आने वाली पहली सभ्यता हैं। और, सबसे अधिक संभावना है, की हम अंत तक यही होंगे।”
लेकिन, यह सब सिर्फ एक सिद्धांत है।
बेरेज़िन ने कहा कि, “मुझे उम्मीद है कि शायद मैं गलत हूं”।
और, “यह पता लगाने का एकमात्र तरीका ब्रह्मांड की खोज करना और एलियन की खोज (Are Aliens Real In Hindi) जारी रखना है।”
मंगल पर जीवन की संभावना क्या है? What is the possibility of life on mars?
यह लाल ग्रह पृथ्वी की तरह ही है। और यह माना जाता है कि इसके प्राचीन इतिहास में इसपर पानी मौज़ूद हुआ करता था।
वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर पिरामिड से लेकर एलियन के निशान तक सभी तरह की अजीबोगरीब चीजें देखने का दावा किया है।
लेकिन वास्तव में वैज्ञानिक अभी तक यह पता लगाने में असमर्थ हैं कि मंगल ग्रह वास्तव में एक मृत ग्रह (Dead Planet) है, या क्या यह एक समय पर जीवन का समर्थन करता था।
यह माना जाता है कि मंगल ग्रह लगभग 3.8 बिलियन साल पहले जम गया था। बाद में, वार्मिंग अवधि (Warming Period) ने सतह को पिघला दिया और गहरी घाटियों का निर्माण किया।
पानी जीवन के लिए आवश्यक परिस्थितियां प्रदान करता है – इसलिए मंगल ग्रह पर अरबों साल पहले जीवित जीव हो सकते थे। हालांकि, वे बदलती जलवायु के प्रभाव से नष्ट हो गए हो।
इसलिए, हम कह सकते हैं कि मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं थीं या अब भी हो सकती हैं।
अतः, हम इस प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं कि मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना क्या है? (What is the possibility of life on mars?)
जानिए, स्पेसएक्स के मनुष्य को मंगल ग्रह पर ले जाने के मिशन के बारे में।
भारत में यूएफओ साइटिंग (UFO sightings in India)
क्या है यह UFO?
UFO का मतलब है, अज्ञात उड़न तश्तरी! or Unidentified Flying Object.
यह भारत में यूएफओ के देखे जाने की एक सूची है। और शायद हमे यह भी पता चल जाए की क्या सच में एलियंस होते है? (Are Aliens Real In Hindi)
आईये जानते है।
पूर्व ऐतिहासिक युग (Aliens In Pre Historic Era)
कांकेर छत्तीसगढ़ राज्य के चारामा में पाए गए पूर्व-ऐतिहासिक शैल चित्र, अंतरिक्ष सूट पहने मानव आकृतियों को दर्शाते हैं। ऐसे सूट जो आधुनिक दिन के स्पेस सूट के समान हैं और ड्रॉइंग जो उड़न तश्तरी के समान हैं।
साल 1951
15 मार्च को नई दिल्ली में सुबह 10:20 बजे, एक फ्लाइंग क्लब के 25 सदस्यों ने आकाश में सिगार के आकार की एक वस्तु देखी, जो लगभग एक सौ फीट लंबी थी।
यूएफओ आकाश में था और फिर अचानक उनकी दृष्टि से गायब हो गया।
साल 2007
29 अक्टूबर को, एक तेज़ गति वाली वस्तु को पूर्वी कोलकाता में 3:30 से 6:30 बजे के बीच देखा गया और एक हैंडीकैम (Handycam) का उपयोग करके फिल्माया गया।
इसका आकार एक गोले से त्रिकोण में और फिर एक सीधी रेखा में बदल गया।
यह एक उज्ज्वल प्रकाश जैसा था, और इसमें रंगों की एक श्रृंखला थी। यह कई लोगों द्वारा देखा गया था और सैकड़ों यूएफओ की एक झलक पाने के लिए इकट्ठा हुए थे।
साल 2013
मोगापियार, चेन्नई के निवासियों ने 20 जून की रात 8.55 बजे के आसपास में चमकीले नारंगी प्रकाश के पांच छींटे जैसे देखे और बाद में 23 जून को स्थानीय अखबार में इसकी सूचना दी गई।
4 अगस्त को, भारतीय सेना के सैनिकों ने लगान खेर एरिया (Lagan Kher Area), डेमचॉक, लद्दाख पर अज्ञात उड़ान वस्तुओं को देखा।
यह भी बताया गया कि सेना के जवानों ने पिछले सात महीनों में अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में यूएफओ के सौ से अधिक विभिन्न घटनाओं का अवलोकन किया था।
साल 2014
23 जुलाई को लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र में सूर्यास्त की तस्वीरों में यूएफओ दिखने का दावा किया गया।
एक पायलट ने कथित तौर पर मुंबई एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम को सूचित किया कि उसने अक्टूबर के पहले सप्ताह में लगभग 26,300 फीट की ऊंचाई पर पुणे के पास एक काले और नीले रंग का यूएफओ देखा।
मीडिया द्वारा प्रकाशित एक तस्वीर में 29 अक्टूबर को दक्षिण भारतीय राज्य केरल में कोच्चि के ऊपर एक यूएफओ दिखने का दावा किया गया।
साल 2015
एक स्कूली छात्र ने 25 जून को कानपुर के एक उपनगर, श्याम नगर में अपने घर की छत से एक यूएफओ की तस्वीरें कैद करने का दावा किया।
हालांकि, माना जाता है की शायद यह स्मार्टफोन फोटो एडिटिंग एप्लिकेशन के साथ किया गया हो।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में, एक स्थानीय निवासी ने एक बड़े यूएफओ की फोटो लेने का दावा किया।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह डिजिटल सॉफ्टवेयर का उपयोग करके भी बनाई जा सकती है।
इस प्रकार, यह आपको तय करना होगा कि आप इन घटनाओं पर विश्वास करना चाहते हैं या नहीं।
एलियंस के बारे में तथ्य (Facts about Aliens In Hindi)
हमने अब तक इस लेख में (Are Aliens Real In Hindi) एलियंस के बारे में काफी कुछ जाना। चलिए, अब देखते है एलियंस के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Facts about Aliens In Hindi)
- वैज्ञानिकों ने हमारे ग्रह के आस-पास कुछ 17,129 सितारों की एक सूची तैयार की है।
- इस सूचि में ऐसे ग्रह हैं जहाँ जीवन हो सकता है।
- एस्ट्रोनॉमर फ्रैंक ड्रेक (Frank Drake) ने 1960 में एलियंस से संपर्क करने का पहला वैज्ञानिक प्रयास किया। उन्होंने पश्चिम वर्जीनिया(West Virginia) में नेशनल रेडियो एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेटरी (National Radio Astronomy Observatory) में 85-फुट रेडियो डिश का इस्तेमाल किया, जो पास के दो सूरज के तारों के संकेतों को सुनने के लिए था। ये कैसे किया था इसके बारे में हमारे इस लेख को आप पढ़ सकते हैं – आखिर क्या 1974 के Arecibo Message का रहस्य
- हमारे सौर मंडल में एलियंस की सबसे अधिक संभावनाएं: मंगल ग्रह पर, या शनि के चंद्रमा पर, और बृहस्पति के चंद्रमा पर हैं।
- शायद सबसे पहले यूएफओ देखने की शुरुआत 1450 ईसा पूर्व में हुई थी, जब मिस्र (Egyptians) के लोगों ने आकाश में प्रकाश के चमकीले घेरे देखे थे।
- एलियंस की पहली रिपोर्ट की गई घटना 1957 में हुई, ब्राजील के एक किसान एंटोनियो विला बोस (Antonio Villas Boas) ने बताया कि उनका अपहरण एलियंस ने किया और उन्हें जेल (Gel) में ढंक दिया था।
- वैज्ञानिकों ने 1977 में व्हेल कॉल, 55 मानव भाषाओं में अभिवादन और एक बल्गेरियाई लोक गीत के साथ अंतरिक्ष में एक साउंडट्रैक भेजा।
- 30 सितंबर, 2006 को, फ्रेंच सेंटर फॉर नेशनल स्पेस स्टडीज ने एक कॉस्मिक कनेक्शंस भेजा, जो एलियन के लिए एक टीवी कार्यक्रम जैसा था, जो एर्राई 45 नामक एक तारे के लिए था और जो धरती से 45 प्रकाश-वर्ष दूर है।
- वीडियो 2051 में उनके पास पहुंच जाएगा।.
Sources: Space.com