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आखिर क्या था 1974 में भेजे गये उस मैसेज में जिसे एलिंयस से मिलने के लिए लिखा गया था!

Arecibo Message Radio Signal In Hindi

Arecibo Message Radio Signal In Hindi  – हमने पाया कि हम इस ब्र्हमांड में अकेले नहीं है, करोड़ो ग्रह हैं जो एकदम हमारी तरह ही अपने अपने तारों के चक्कर लगाते हैं।

हमने देखा कि अगर इस ब्रह्मांड में करोड़ों अरबों ग्रह हैं तो कुछ ग्रह ऐसे भी होने चाहिए जो हमारी तरह अपने सूर्य के पास से चक्कर लगाते हों या जो अपने तारे के हैवीटेवल और Goldilocks Zone(ग्रह पर जीवन के लिए उसके तारे से एक खास दूरी)  में आते हों।

इसी आस में कि अरबों ग्रहों में कुछ ग्रहों पर हमारी तरह जीवन तो होगा ही तो हमने उनसे संपर्क करने के लिए रेडियो  सिगनल  के जरिए मैसेज भेजने का उपाय सोचा।

वैज्ञानिकों का मानना था कि इन रेडियो मैसेज को भेजने से कम से कम ये उम्मीद तो लगा ही सकते हैं कि इन अरबों ग्रहों में कोई ग्रह या किसी औबजेक्ट पर रहने वाले जीव हमें एक ना एक दिन इन संदेशों या मैसेज का जवाब जरूर देँगे।

Messier 13  तारामंडल में भेजा गया है मैसेज

इसके बाद वैज्ञानिकों ने और आगे जाकर 1974 में एक ऐसा संदेश एलियंस को भेजा जो अबतक का सबसे कठिन मैसेज भी माना जाता है, ये मैसेज इतनी दूर भेजा गया है जो कि इसे पहुँचने में ही 25 हजार साल लग जायेंगे।

इसे वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से 25 हजार प्रकाश वर्ष दूर एक तारों के मंडल  में भेजा है Messier 13  or  M13 नाम  से जाना जाता है इसका फैलाव 145 प्रकाश वर्ष है और इसके अंदर कमसेकम 3 लाख से ज्यादा तारे हैं।

Messier 13 Star Cluster

संदेश  में 1679 Binary Digits है औऱ ये  केवल 210 Bytes Memory का है, यानि की आपकी एक साधारण Text File से भी 10 गुना कम मेमोरी इस मैसेज में है। इसकी खास बात ये है कि इसमें जो 1679 बाईनरी डिजिट भेजे गये हैं वो डिकोड होकर के हमारी सारी जानकारी दे देते हैं।

अगर इसे कंप्युटर पर डिकोड किया जाये तो ये तस्वीर बनेगी, जो अभी आपको स्क्रीन पर है, ये तस्वीर इस मैसेज का ही रूप है जिसमें पृथ्वी, इंसान, हमारी Technology और  Solar System की जानकरी दी गई है। तस्वीर देखने में कठिन लगती है पर आप घबरायें मत इसे मैं समझा देता हूँ, दरअसल तस्वीर 7 हिस्सों में विभाजीत है।

Arecibo Message का पहला हिस्सा

जिसमें पहला हिस्सा है वो हमारे नंबर सिस्टम को बताता है, जो कि 1 से लेकर 10 तक हैं, ये नंबर सिस्टम बाईनरी में दिया गया है यानि कि 1 को यहां 001 कहा है तो 2 को 010 और 3 को 011 औऱ 4 को 100 इसी तरह सभी 10 नंबरो को बाइनरी में डिनोट किया गया है।

Arecibo Message का दूसरा हिस्सा

Message का दूसरा हिस्सा हमारे DNA स्टर्कचर को  दर्शाता है, ये बाईनरी नंबर में है जो डिकोड करने पर 1 6 7 8 और 15 ये नंबर बनते हैं जो कुछ नहीं बल्कि हमारे डीएनए में पाये जाने वाले केमिकल ऐलीमेंट के अटोमिक नंबर है, 1 का मतलब है hydrogen (H), 6 का carbon (C), 7 का नाइट्रोजन 8 का ओक्सीजन और 15 का फोसफोरस।

Arecibo Message का तीसरा हिस्सा

Arecibo Message के तीसरे भाग में Nucleotides के बारे में बताया गया है जो कि हमारे डीएनमें और आरएनए में पाये जाने वाले जरूरी ऐसिड बनाते हैं, यहां बाईनरी नंबरो के माध्यम से 12 Nucleotides के molecular formula बताये गये हैं।

Arecibo Message चौथा हिस्सा

चौथे भाग में डीएनए का Structure बताया गया है जो कि एक Double helix स्टर्कचर की तरह है, अगर आपने Bilology पढ़ी होगी तो आपको ये आसानी से समझ आ जायेगा,ये  ज्यादा कुछ नहीं है डीएनए का 3 Dimensional Structure है जो कि इंसानो में पाये जाने वाले DNA को दिखाता है।

Arecibo Message का पांचवा हिस्सा

पांचवे भाग में Arecibo Message हमारा जिक्र करता है, इसमें इंसानो के बारे में बताया गया है बीच में हम इंसानो का डिजाइन है और लेफ्ट हिस्से में बाईनकी नोटेशन से इंसानो की उस समय की ऐवरेज हाइट बताई गई है जो कि 5 फीट 9 इंच है।

इधर राइट साइड में इंसानो की जनसंख्या को बाइनरी डिटिज में बताया गया है जो कि 4.3 विलियन बनती है, 1974 में मैसेज भेजते समय यही पूरे विश्व की जनसंख्या थी।

Arecibo Message का छठा हिस्सा

यहां पर वैज्ञानिकों ने सोर मंडल के बारे में बताया है, यहां जो तस्वीर आप देख रहे हैं वो सूर्य और सभी 9 ग्रहों की है, यहां एक बात नोट करने की है उस समय इस मैसेज में वैज्ञानिकों ने प्लूटो को भी सम्मानित जगह दी है।

बड़े डोट्स में हमारा सन है फिर मरकरी विनस हमारी पृथ्वी जूपिटर, शनि ग्रह, युरेनस, नेप्चुयन और प्लूटो शामिल हैं, 1974 में प्लूटो को भी ग्रह माना जाता था।

अगर आप इसे ध्यान से देखेंगे तो पायेंगे कि पृथ्वी की थोड़ा उपर रखा गया है और पृथ्वी के उपर सीधे हम इंसानो का फिगर है, जिससे एलियन या इस मैसेज को पढ़ने वाली हर सभ्यता ये समझ सके कि इंसान केवल पृथ्वी पर रहते हैं जो कि सन से तीसरे नंबर वाला ग्रह है।

Arecibo Message का सांतवा हिस्सा

अंत में इस सिग्लन या मैसेज के लास्ट पार्ट में Arecibo radio telescope को दिखाया गया है, जिससे इस मैसेज को बनाया गया है आप इस तस्वीर में जो लेटर एम देख रहे हैं वो ये परग्रही सभ्यता को ये बताने के लिए है कि इसे इस तरह से इस डारेक्शन से पढ़े और हमारे बारे में पता लगा लें।

Message को अबतक के इतिहास में सबसे कठिन और सटीक मैसेज माना जाता है, कमाल की बात ये है कि मात्र 210 Bytes और 1679 Binary Digits में ही हमारा पूरा इतिहास इस मैसेज में समाया हुआ है।

Signal को लिखने वाले वैज्ञानिक कार्ल सगन और फ्रांसेस ड्रेक का मानना था कि ये मैसेज भविष्य में कहीं ना कहीं जाकर कोई तो जरूर पढ़ेगा और शायद तब जाकर के हम पहली बार परग्रही सभ्यता या एलियन से मिल पायेंगे। अभी ये मैसेज अपनी यात्रा के केवल 45 साल पूरे कर पाया है इसे अभी और 25355 सालों का सफर तय करना है।

Shivam Sharma

शिवम शर्मा विज्ञानम् के मुख्य लेखक हैं, इन्हें विज्ञान और शास्त्रो में बहुत रुचि है। इनका मुख्य योगदान अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान में है। साथ में यह तकनीक और गैजेट्स पर भी काम करते हैं।

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