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हमारे पास मौजूद सितारों पर हो सकते है परग्रही जीवन! – Alien Life On Nearby Stars!

ग्रहों पर पर-ग्रही जीवन कैसे मिल सकेंगे?

कहते हैं कि, ये ब्रह्मांड काफी ज्यादा बड़ा है, क्योंकि ये ब्रह्मांड अनंत है। हालांकि हमारे और ब्रह्मांड के बीच एक अनोखा रिश्ता है। जो कि शायद आकार और हमारे विचारों से परे है। हमें दूसरे सौर-मंडलों, उनके ग्रहों और सितारों के ऊपर पर-ग्रही जीवनों को ढूँढने का एक अलग ही धुन चढ़ चुकी है। और शायद ये ही वजह है कि, हमें आज पर-ग्रही (Alien Life On Nearby Stars) जीवन के बारे में इतना कुछ जानने का मौका मिल रहा है। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई होगा, जिसे पर-ग्रहीयों के बारे में जानने का मौका पसंद नहीं होगा।

हमारे पास मौजूद सितारों पर हो सकते है परग्रही जीवन! - Alien Life On Nearby Stars!
सोलर सिस्टम। | Credit: European Space Agency.

एलियन्स (Alien Life On Nearby Stars) के बारे में जब भी बात आती है। तो हमारे मन में एक अलग ही माहौल बन जाता है। एक ऐसा माहौल जो कि, हमें हमारे अस्तित्व की और बुलाता है। मित्रों! पर-ग्रहियों के बारे में जानने के लिए हमें काफी कुछ करना पड़ता है, ऐसे-ऐसे स्पेस मिशनों को अंजाम देना पड़ता है, जिसके बारे में हम शायद ही कभी सोच पाते। फिर भी हमें वो रिज़ल्ट नहीं मिल पाता, जिसकी हम काफी समय से तलाश में हैं। और ये ही कारण है कि, हमारे मन में आज एलियन्स को लेकर इतनी जिज्ञासा बनी हुई है।

तो, क्यों न इसी जिज्ञासा को और भी ज्यादा बढ़ाया जाए! आज के हमारे इस लेख में हम पर-ग्रहीओं के बारे में चर्चा करेंगे और देखेंगे की, क्या ये हमारे आस-पास ही मौजूद हैं? अगर हाँ! तो कहाँ हैं और हम उन तक कैसे पहुँच सकते हैं?

सितारों पर एलीयन्स के होने की संभावना! – Alien Life On Nearby Stars :-

नासा के स्पेस प्रोब “Chandra X-ray” ने हाल ही में एक अनोखी खोज की है। इस स्पेस प्रोब ने पृथ्वी के आस-पास के इलाकों का एक ऐसे 3D मैप को बना कर रखा दिया है, जिसकी मदद से हम हमारे पास मौजूद हर एक खास चुने हुई ग्रहों के ऊपर एलियन लाइफ को ढूंढ सकते हैं। ये 3D मैप कोई आम मैप नहीं है और इसके मदद से हम उन ग्रहों के ऊपर ज्यादा फोकस कर पाएंगे, जिसके ऊपर एलियन लाइफ फॉर्म को होस्ट करने की ज्यादा काबिलियत होगी। इससे हमारा समय और पैसा दोनों ही बच जाएंगे। मित्रों! वाकई में ये खोज किसी महान खोज से कम नहीं है।

हमारे पास मौजूद सितारों पर हो सकते है परग्रही जीवन! - Alien Life On Nearby Stars!
एक्सोप्लैनेट्स। | Credit: Live Science.

वैसे यहाँ एक अहम बात ये भी हैं कि, चंद्रा एक्स-रे को अन्तरिक्ष में लगभग 25 साल हो चुके हैं और इस मिशन को ले कर फंडिंग प्रोब्लेम काफी ज्यादा बढ़ गई है। फंडिंग के अभाव से अब वैज्ञानिकों को ये असुविधा होगी कि, अब उन्हें उन ग्रहों पर डाइरैक्ट शोध करना होगा, जहां पर एलियन लाइफ के मिलने की ज्यादा संभावना होगी। हालांकि! इस तरीके में समय और पैसा दोनों ही बचेंगे, परंतु हमारे शोध करने का दायरा काफी ज्यादा कम होने लगेगा। और अन्तरिक्ष में एक छोटे से दायरे में रह कर काम करना यानी उसके सफल होने की संभावना का काफी कम होना है।

मित्रों! एलियन लाइफ को हर एक इंसान ढूँढना चाहता है। परंतु इसमें सफल वही लोग हो सकते हैं, जिनके पास शोध करने का दायरा काफी ज्यादा बड़ा हो। बिना बड़े दायरे के पर-ग्रहियों को ढूंढ पाना काफी ज्यादा मुश्किल है। वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रा एक्स-रे ने सूर्य के पास एक्सो-प्लैनेट्स का एक अनोखा रिंग बना रखा है, जो की काफी ज्यादा खास है।

क्या है रिंग का रहस्य! :-

पर-ग्रहियों (Alien Life On Nearby Stars) को ढूँढना कोई आम बात नहीं है। इन्हें ढूँढने के लिए काफी ज्यादा मेहनत चाहिए और साथ ही साथ धैर्य की भी जरूरत होती है। वैसे रिंग को ले कर ये खास बात है कि, सूर्य के आस-पास के इलाके (16.3 लाइट इयर से लेकर 49 लाइट इयर तक) को चंद्रा एक्स-रे ने बड़े ही अच्छे तरीके से स्कैन कर के रख दिया है। वैसे ये स्कैन किया गया इलाका वैज्ञानिकों को काफी ज्यादा मदद करेगा। क्योंकि इस रिजियन में मौजूद सितारों से निकलने वाली रोशनी के किरणें हम आसानी से डिटेक्ट कर सकते हैं। क्योंकि ये रीजन ही हैबिटेबल रीजन है।

हमारे पास मौजूद सितारों पर हो सकते है परग्रही जीवन! - Alien Life On Nearby Stars!
गोलड़ीलॉक जोन। | Credit: NZ Herald.

वैसे आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, इस हैबिटेबल ज़ोन को वैज्ञानिक “Goldilocks” जोन के नाम से भी जानते हैं। मित्रों, ये रीजन वो जगह होती हैं, जहां पर जीवन पनपने के लिए सबसे ज्यादा संभावना होती है। इसके अलावा एक बात ये भी है कि, इन जगहों पर तापामान न तो ज्यादा ठंडा और न ही ज्यादा गरम होता है। इसलिए यहाँ किसी भी जीवित प्राणी के लिए रहना काफी ज्यादा आसान हो जाता है। और साथ में हमें यहाँ रहने के लिए कोई ज्यादा परिश्रम भी नहीं करना पड़ता है। आप लोगों को इसके बारे में क्या लगता हैं, कॉमेंट कर के जरूर ही बताइएगा।

प्रकाश की किरणों से चल सकता है पता! :-

ब्रह्मांड में पर-ग्रहियों (Alien Life On Nearby Stars) को ढूँढने के लिए प्रकाश की किरणें हमारी काफी मदद करती हैं। क्योंकि इन किरणों से ही हम उन सितारों के बारे में काफी कुछ पता लगा सकते हैं। इन किरणों के वजह से हमें उन सितारों की सतही संरचना के बारे में काफी अहम जानकारियाँ मिल सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार बाहरी ग्रहों से आने वाले रोशनी की किरणों के जरिये, वे ग्रहों पर मौजूद समुद्र और महाद्वीपों के बारे में पता लगा सकते हैं। साथ ही साथ वे ग्रहों के बादल और वहाँ के मौजूद जलवायु के बारे में भी पता लगा सकते हैं।

Habitable Earth.
पृथ्वी हैं बहुत ही खास। | Credit: You Tube.

चंद्रा एक्स-रे की वजह से हमें आज काफी सहूलियत मिल चुकी है। अब हमें पता है कि, हमें किन ग्रहों के ऊपर शोध करना है। वैसे यहाँ कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि, जिन ग्रहों पर एक्स-रे और यूवी रे जैसे घातक तरंगें ग्रह के वातावरण में प्रवेश करती हो। वहाँ जीवन के लिए जरूरी कारकों का सही से मौजूद रह पाना काफी ज्यादा मुश्किल है। और शायद ये ही वजह है कि, हमें इन ग्रहों पर आज जीवन देखने को नहीं मिला है। इसलिए अगर किसी प्लैनेट के ऊपर एक्स-रे की मात्रा ज्यादा पड़ रही हो, फिर वहाँ जीवन के होने की आशा बहुत ही कम है।

किसी भी ग्रह के पास मौजूद उसके होस्ट स्टार के एक्स-रे स्पेक्ट्रम को विश्लेषित न कर के, हम एक काफी बड़ी गलती कर रहें थे। सितारों की एक्स-रे स्कैनिंग होनी चाहिए। ताकि हमे पता चल पाये कि, उसके पास मौजूद ग्रह रहने के लिए लायक हैं भी या नहीं।

निष्कर्ष – Conclusion :-

पर-ग्रही (Alien Life On Nearby Stars) सभ्यता के बारे में पता लगाना, काफी चुनौतियों से भरा हुआ काम है। इसलिए वैज्ञानिक दिन-रात इसी एक काम को संपन्न करने में लगे हैं। वैसे एक बात ये भी है कि, सिर्फ हैबिटेबल ज़ोन के अंदर रहना ही, जीवन के पनपने के लिए सब कुछ नहीं है। मंगल और शुक्र, ये दोनों ही ग्रह हैबिटेबल ज़ोन के अंदर होने के बाद भी, यहाँ पर जीवन की कल्पना भी करना गलत होगा। खैर यहाँ कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि, किसी भी ग्रह का वातावरण वहाँ मौजूद जीवन की संभावनाओं को काफी ज्यादा प्रभावित करता है।

पानी के साथ-साथ, साफ हवा और उपजाऊ मिट्टी का होना भी जरूरी है। हालांकि! यहाँ और एक सवाल ये भी आता है कि, अगर पर-ग्रही जीवन कार्बन बेस्ड न हुई तो। ऐसे में उन्हें डिटेक्ट कर पाना हमारे लिए काफी बड़ी चुनौती होगी।

मित्रों! हैबिटेबल ज़ोन की सबसे खास बात ये हैकि, इन जगहों पर तरल पानी मिलने की सबसे ज्यादा संभावना होती है। पानी की वजह से ही जीवन की परिभाषा मिलती है। इसलिए जहां पानी बहता है, वहाँ सबसे ज्यादा जीवन के होने की संभावना होती है। खैर यहाँ एक बात ये भी है कि, किसी भी सितारे के सतह से निकलने वाले रोशनी के किरणों से भी उस सितारे के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है।

Source :- www.livescience.com

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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