ब्रह्मांड कैसे बना है? कुछ वैज्ञानिकों के हिसाब से ये बिग-बैंग का ही नतीजा है और कुछ के हिसाब से ये तो एक अलग ही आयाम के बड़े से ब्रह्मांड का ही हिस्सा है। वैसे इतने बड़े ब्रह्मांड को हमें समझने के लिए काफी समय लग जाएगा, परंतु इतना तय है कि, हमें अकसर इसके बनने के कई कारण मिलते रहेंगे। कुछ लोगों का ये भी कहना होता है कि, एक सुपर मैसिव ब्लैक होल (rare blackhole ancestor detected) से भी हमारा ये ब्रह्मांड बन होगा। परंतु, क्या ये बात सच है! क्या एक सुपर मैसिव ब्लैक होल के जरिए ही हमारे ब्रह्मांड के बनने का राज खुलेगा।
खैर ब्लैक होल (rare black hole ancestor detected) से ब्रह्मांड के बनने का राज खुले या न खुले, परंतु वैज्ञानिकों को शायद ऐसे ही ब्लैक होल के पूर्वजों के बारे में पता चल गया है। ब्लैक होल्स के इन पूर्वजों के बारे में पता लगा कर, शायद हम हमारे ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में भी पता लगा सकते है। मित्रों! आप लोगों को बता दूँ कि, ये खोज वाकई में एक बहुत ही बड़ी खोज है। क्योंकि ऐसी खोज काफी दुर्लभ होती हैं। ब्लैक होल खुद में ही एक पहेली है और इस पहेली के बारे में कुछ पता लगा पाना हमारे लिए एक बहुत ही बड़ी बात है।
तो, चलिए अब लेख में आगे बढ़ते हुए इन ब्लैक होल्स के पूर्वजों के बारे में कुछ बेहद ही रोचक बातों को जान लेते हैं।
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वैज्ञानिकों को मिला ब्लैक होल का काफी दुर्लभ पूर्वज! – Rare Black Hole Ancestor Detected! :-
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से लगभग 13 अरब प्रकाश वर्ष दूर एक लाल रंग की चीज़ को खोज कर निकाला है। माना जा रहा है कि, सुदूर अन्तरिक्ष में मौजूद ये चीज़ सुपर मैसिव ब्लैक होल्स के पूर्वज हो सकता है। मेरे कहने का मतलब ये है कि, इस लाल रंग की चीज़ से ही ब्रह्मांड में सुपर मैसिव ब्लैक होल्स बने होंगे। गहन विश्लेषण से ये भी पता चला है कि, कॉस्मिक डस्ट से बने सितारों को बनाने वाले आकाशगंगाओं और चमकीले ब्लैक होल जिसे हम “क्वासर्स(Quasar)” भी कहते हैं, इन सभी के गुणों को ये अज्ञात चीज़ प्रदर्शित कर रहा है।
बिग-बैंग और क्वासर्स(Quasars) से जुड़ी कुछ अहम बातें :-
बिग-बैंग के मात्र 75 करोड़ वर्षों बाद बनी ये चीज़ वैज्ञानिकों को काफी ज्यादा अपनी और आकर्षित कर रही है। इसकी वजह ये भी हो सकती है कि, ये चीज़ “Cosmic Dawn” में मौजूद थी। इसके अलावा ये वस्तु ब्रह्मांड के सबसे प्रारंभिक आकाशगंगाओं के होने का सबूत है, जब आकाशगंगाएँ अन्तरिक्ष में “स्टार डस्ट (तारों की धूल)” को फेंक रहें थे। मित्रों! गज़ब कि बात ये है कि, अन्तरिक्ष के सबसे पहले ब्लैक होल्स इन्हीं स्टार डस्ट से बने थे। खैर लाल रंग की इन अज्ञात चीजों को वैज्ञानिक “Red Quasars” भी कहते हैं। ये चीज़ पहले सिर्फ थ्योरी में थीं, परंतु अब ये सच में सामने आ चुकी है।
वैसे ये चीज़ दो बहुत ही दुर्लभ खगोलीय चीजों को आपस में जोड़ रही हैं। ये दो दुर्लभ चीज़ “Dusty Starburts” और “Luminous Quasars” हैं। इससे पहले इन दोनों ही विशेष पिंडो को एक साथ, इस तरीके से कभी देखा नहीं गया था। मित्रों! इस खगोलीय पिंड की खोज के कारण हम प्रारंभिक ब्रह्मांड में सुपर मैसिव ब्लैक होल के तेजी से होने वाले फैलाव को काफी अच्छे तरीके से जान सकते हैं। जिससे शायद हमें अपने ब्रह्मांड के कई और सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
बता दूँ कि, इस चमकीली रोशनी को “Starlight” भी कहा जाता है। पहले की गई खोजों से पता चलता है कि, बिग-बैंग होने के 70 करोड़ साल बाद तक क्वासर्स ब्रह्मांड में मौजूद थे, हालांकि इन की उत्पत्ति के बारे में अभी भी सटीक रूप से बता पाना बेहद ही मुश्किल है। क्योंकि आकार में इतने बड़े होने के बावजूद, ये इतने तेजी से बने कि, वाकई में सब हैरान हो गए।
क्वासर्स और ये चीज़! :-
मैंने ऊपर ही आप लोगों को इस चीज़ (rare blackhole ancestor detected) के क्वासर्स होने के बारे में बताया है। परंतु क्या आप जानते हैं, इस चीज़ के पीछे कई गहन बातें हैं जिन्हें हमें जानना बहुत ही जरूरी है। मित्रों! अन्तरिक्ष विज्ञान में क्वासर्स ऐसी चीज़ होते हैं जो कि, काफी ज्यादा चमकीले होते हैं और ज्यादातर ये आकाशगंगाओं के केंद्र में ही बसते हैं। इसके अलावा ये आकार में काफी ज्यादा बड़े और वजन (Mass) में हमारे सूर्य से लगभग अरबों-खरबों गुना ज्यादा वजनी होते हैं। खैर एक बात बहुत ही महत्वपूर्ण है कि, ये चीज़ ब्लैक होल के ताकत से ही चलती हैं।
इसलिए जो कोई भी चीज़ इसके आसपास भी आती हैं, ये तुरंत उसे अपने अंदर निगल लेता है। एक बार निगले जाने बाद न तो उस चीज़ और न ही उससे जुड़ी कोई भी बातों का सबूत अन्तरिक्ष में रहता है। आप ये भी कह सकते हैं कि, ये क्वासर्स अन्तरिक्ष में वैक्यूम क्लीनर की तरह ही है। जैसे वैक्यूम क्लीनर में कोई भी चीज़ एक बार चली जाती है तो वापस बाहर नहीं आती है, ठीक उसी तरह इन ब्लैक होल्स के अंदर जाने वाली चीज़ें कभी वापस नहीं आती हैं। वैसे इन ब्लैक होल्स के अंदर जब अलग-अलग तरह के गैस घुसते हैं, तब घर्षण बल के कारण गैस इतना गरम हो जाता हैं कि; उससे काफी चमकीली रोशनी निकलती हैं।
क्या ये चीज़ ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करेगा? :-
कुछ वैज्ञानिकों के हिसाब ये अज्ञात चीज़ (rare black hole ancestor detected) एक बहुत ही खास ट्रैनजिशन फेज (Transition Phase) से हो कर गुजरा होगा, जिससे ये काफी तेजी से इतने बड़े आकार के ब्लैक होल्स को बनाने में सक्षम हुआ है। कुछ वैज्ञानिकों के हिसाब से ये भी कहा जाता है कि, ये कॉस्मिक गैस के बादल अपने प्रारंभिक अवस्था में काफी तेजी से अपने आकार को बढ़ाए होंगे। जिसके कारण इतने बड़े-बड़े ब्लैक होल बने होंगे। वैसे एक खास बात ये भी है कि, इस तरह के ब्लैक होल दूसरे छोटे ब्लैक होल के बनने में भी मदद किए होंगे।
वैज्ञानिकों के हिसाब से इस लाल रंग की अज्ञात चीज़ से कुछ चपटी प्लैट के आकार के खगोलीय चीजें निकली होंगी, जो कि बाद में फैल कर ब्लैक होल में परिवर्तित हुए होंगे। मित्रों! मैं आप लोगों को बता दूँ कि, वैज्ञानिकों ने ठीक ऐसे ही एक चीज़ जिसका नाम “GNz7q” है, उसको ढूंढ कर निकाला है। ये एक तरह का ट्रैनजिशन चीज़ है, जो की सुपर मैसिव ब्लैक होल्स के बनने में काफी ज्यादा मदद करता होगा। खैर हबल स्पेस टेलिस्कोप के जरिए इस बात का पुष्टीकरण मिलता है कि, ये चीज़ कुछ प्राचीन सितारों के बनने में काफी ज्यादा प्रभावी थी।
वैसे एक और विशेष बात ये भी है कि, इससे काफी तेजी से सितारे पैदा हो कर निकल रहें थे। कहा जाता है कि, आकाशगंगा से भी ज्यादा तेजी से (लगभग 1600 गुना ज्यादा तेज) इससे सितारे निकल कर ब्रह्मांड में इक्कठे हो रहे थे। इतने नवजात सितारों कि उपस्थिति ब्रह्मांड को और भी ज्यादा गरम कर दे रहा थी। जिससे कॉस्मिक गैस गरम हो कर काफी चमकीली हो गई और ब्रह्मांड के हर तरफ इंफ्रारेड की किरणें बिखरने लगी।
निष्कर्ष – Conclusion :-
ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्थाओं में कॉस्मिक डस्ट इतनी गरम हो चुकी थी कि, उस समय इनसे निकलने वाली प्रकाश की किरणें, पूरे ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा चमकदार चीज़ें बन गई थी। वैसे इन चमकदार प्रकाश की किरणों के बीच में एक छोटा परंतु खास लाल विंदु जैसी चीज़ वैज्ञानिकों को मिली। जो की रेड क्वासर के हर एक गुण को बहुत ही अच्छे तरीके से प्रदर्शित कर रहा थी।
ये खोज ही “GNz7q” को (rare black hole ancestor detected) सुपर मैसिव ब्लैक होल का पहला पूर्वज बनाता है। क्योंकि ये GNz7q इतने तेजी से अपने आप को बदलते हुए अपने आकार को बढ़ा रहा है कि, ऐसा लगता है कि, कुछ ही क्षण में ही ये एक सुपर मैसिव ब्लैक होल में बदल जाएगा।
Source :- www.livescience.com