दुनिया भर में जहां रूस-यूक्रेन के युद्ध के बारे में चर्चाएँ चल रहीं हैं, वहीं दूर कहीं अन्तरिक्ष में अमेरिकी स्पेस टेलिस्कोप “जेम्स वेब” (single star in key mission milestone) अपनी काबिलियत को धीरे-धीरे बढ़ाते जा रहा है। कुछ ही समय पहले पृथ्वी से छोड़ा गया ये स्पेस टेलिस्कोप अपने-आप में ही काफी ज्यादा उन्नत है। मित्रों! ये टेलिस्कोप एक ऐसी चीज़ है, जिसके माध्यम से हम ब्रह्मांड की कई गहन बातों को जान सकेंगे। इन्फ्रारेड़ तकनीक के ऊपर आधारित इसका काम करने का ढंग, इसको दूसरे स्पेस टेलिस्कोप से काफी ज्यादा अलग बनाता है। इसलिए इसके बारे में जानना हमारे लिए बेहद ही जरूरी हो जाता है।
जेम्स वेब (single star in key mission milestone) को एक बहुत ही खास काम के लिए अन्तरिक्ष में भेजा गया है। मित्रों! आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि, वैज्ञानिक इस स्पेस टेलिस्कोप से अनंत ब्रह्मांड के और कई छुपे रहस्यों को उजागर करने का सोच रहें हैं। वर्तमान के समय में ये टेलिस्कोप अपने प्रारंभिक अवस्था में हैं और मैंने इसके बारे में जेम्स वेब से जुड़ी एक अलग सी पोस्ट में आप लोगों को बताया है। अगर आप लोगों ने अभी तक उस पोस्ट को नहीं पढ़ा है, तब आप लोगों से अनुरोध है, एक बार उस पोस्ट को अवश्य ही पढ़ लें।
खैर चलिए अब लेख में आगे बढ़ते हुए आज के हमारे मूल विषय के ऊपर चर्चाएँ शुरू करते हैं।
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जेम्स वेब से लिया गया ये फोटो है काफी ज्यादा खूबसूरत! – Single Star In Key Mission Milestone! :-
आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि, अन्तरिक्ष में जेम्स वेब (single star in key mission milestone) स्पेस टेलिस्कोप कि ताकत पहले से काफी ज्यादा बढ़ गया है। ये अब ब्रह्मांड के छुपे हुए कोनों को ढूँढने लगा है। दिसंबर में छोड़ा गया ये स्पेस टेलिस्कोप लगभग 10 लाख मील की दूरी तय करके अपने निर्धारित स्टेशन के पास जनवरी में ही पहुँच चुका है। वर्तमान में ये अपने 1000 करोड़ रूपये वाले मिशन को अंजाम देने के लिए तैयारियां कर रहा है। खैर अपने मूल मिशन से पहले इस टेलिस्कोप ने एक और बहुत ही अहम मुकाम को हासिल कर लिया है, जिसे कि “Fine Phasing” भी कहते है।
वैज्ञानिकों ने इस बात कि पुष्टि की है कि, टेलीस्कोप का हर एक “ऑप्टिकल पैरामीटर” सही तरीके से काम कर रहा है और हर एक उपकरण बिलकुल सही मात्रा में टेलिस्कोप को रोशनी डेलीवर कर रहें हैं। इस खबर ने नासा को काफी ज्यादा आत्मविश्वास से भर दिया हैं और अब वो पूरे तरीके से ये जान चुका हैं कि, उसने जीतने भी सपने देखें हैं; वो सारे अब धीरे-धीरे पूरे होने वाले हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि, नासा के वैज्ञानिकों ने इस बात कि पुष्टि कई सारे शोध से करा हैं।
नासा के वैज्ञानिकों के हिसाब से, उन्होंने जेम्स वेब को एक निर्धारित किए गए सितारे पर पूरी तरीके से फ़ोकस कर के रख दिया हैं। और समय-समय पर टेलिस्कोप के कार्य-क्षमता को वो लोग विश्लेषित भी कर रहें हैं। सूत्रों से पता चला हैं कि, अब तक जो रिपोर्ट्स टेलिस्कोप ने दिये हैं; वो सब उम्मीद से कहीं ज्यादा अच्छे हैं। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, आखिर किस तरीके से ये टेलिस्कोप अन्तरिक्ष में काम करेगा।
क्या कह रहें हैं वैज्ञानिक! :-
पूरे अमेरिका से जेम्स वेब (single star in key mission milestone) के बारे में वैज्ञानिकों कि अलग-अलग मत आ रहें हैं। इस टेलिस्कोप को ऑपरेट करने के लिए बनाए गए दल कि प्रमुख कहती हैं कि, “उन्होंने जिस स्पेस टेलिस्कोप की परिकल्पना की थी; वो आखिर में सच होने जा रही है, वाकई में हमने एक सही स्पेस टेलिस्कोप बना लिया है”। मित्रों! टेलिस्कोप को जिस सितारे पर केंद्रित किया गया है, वो काफी ज्यादा खास है। बता दूँ की, इस सितारे का नाम “2MASS J17554042+6551277” है।
खैर इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने टेलिस्कोप को अन्य कई सारे टार्गेट्स पर सेट किया था। उदाहरण के लिए आप “HD 4406” को ही ले लीजिए। बता दूँ की ये सितारा पृथ्वी से 241 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित “उरसा मैजर” (Ursa Major) पर मौजूद है। इतने बारीकी से इस तरह के खगोलीय पिंडों को ड़िटैक्ट कर पाना और वो भी अपने प्रारंभिक अवस्थाओं में, सच में ये एक बहुत ही बड़ी बात है। अन्तरिक्ष में पृथ्वी से इतना दूर रह कर भी, इतने अच्छे से चीजों को पकड़ पाना और उन्हें विश्लेषित करना कोई आम बात नहीं हैं। बता दूँ की, इससे पहले कोई भी टेलिस्कोप इस तरीके से काम नहीं किया हैं।
इसके अलावा जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने कई अनगिनत आकाशगंगाओं और सितारों को भी अपने कैमरे में कैप्चर कर लिया था। तस्वीरों में इतने सारे आकाशगंगा आ गए थे कि, वैज्ञानिकों को हर एक आकाशगंगा पहचान में ही नहीं आया था। अब खास बात ये भी हैं कि, अगर वैज्ञानिकों को इसके द्वारा लिए गए आकाशगंगाओं (फोटो के माध्यम से) के बारे में सही से पता ही नहीं हैं; तो इसकी क़ाबिलीयत कितनी ज्यादा होगी।
आखिर इतना सक्षम ये टेलिस्कोप कैसे बन गया हैं? :-
अब लोगों को टेलिस्कोप (single star in key mission milestone) के बारे में ये जानने कि इच्छा हो रहीं होगी कि, आखिर कैसे ये टेलिस्कोप इतने अच्छे तरीके से काम कर रहा हैं? मित्रों! मेरे मन में भी ये सवाल आया था और मेँ चाहता हूँ कि, आप भी इस सवाल के जवाब के बारे में जरूर जानें। दोस्तों, इस टेलिस्कोप कि सबसे बड़ी खूबी इसके आईने में छुपा हुआ हैं। बता दूँ कि, इसका आईना लगभग 21 फीट यानी 6.5 मीटर बड़ा हैं। इतने बड़े आईने से काफी सुदूर इलाकों में से भी आ रहे रोशनी के किरणों को भी आसानी से विश्लेषित किया जा सकता हैं। हालांकि! इतने बड़े आईने को आप एक साथ जोड़ कर अन्तरिक्ष में नहीं भेज सकते हैं।
नासा के वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब के आईने को लगभग 18 अलग-अलग भागों में बांट दिया था और इन सभी भागों को बाद में अन्तरिक्ष में जोड़ा गया था। ये सभी 18 भाग छकोनी आकार वाले थे। पिछले कई हफ्तों से वैज्ञानिक जेम्स वेब के आईने के इन 18 भागों को सही तरीके से एडजस्ट कर के लगाने में व्यस्त हैं। सही तरीके से अलाइन कर के टेलिस्कोप के आईने को अगर ब्रह्मांड कि और फोकस किया जाएगा, तब ये काफी अद्भुत चीज़ें हमारे लिए ढूंढ सकता हैं।
हालांकि! अभी इस टेलिस्कोप से संबंधित कई सारे चुनौतियाँ आनी बाकी हैं, जिसको वैज्ञानिक काफी संजीदगी से भी लेने वाले हैं। मित्रों! जेम्स वेब को बनाने का जो प्लान था, वो आज से 20 साल पुराना हैं। क्योंकि इतिहास में सबसे ताकतवर और सक्षम टेलिस्कोप और वो भी अन्तरिक्ष में रह कर काम करने वाला; इसको बनाने के लिए काफी हिम्मत, धैर्य और दृढ़ इच्छा शक्ति कि जरूरत पड़ती हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
काफी सालों ने मेहनत कर रहें वैज्ञानिकों को आज जा कर सफलता मिला हैं। जेम्स वेब (single star in key mission milestone) को बना कर व अन्तरिक्ष में सही-सलामत स्थापित कर के, उन्होंने ये दिखा दिया हैं कि; अगर सच्ची लगन हो तो कोई भी बात सच हो सकती हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब के द्वारा लिए गए सेल्फ़ी फोटो को भी दुनिया के साथ साझा किया हैं। खैर नासा के और से ये कहा गया हैं कि, जेम्स वेब के उपकरणों को मई के महीने तक सही तरीके से एडजस्त किया जाता रहेगा। जब एक बार सभी उपकरण सही से लग जाएँ, तब आगे का प्रोसीजर आरंभ किया जाएगा।
आगे के प्रोसीजर के हिसाब से वैज्ञानिक सभी उपकरणों को कैलीब्रेट करेंगे और आशा हैं कि, गर्मियाँ आने तक ये टेलिस्कोप अपने पूरे क्षमता से काम करने लगेगा। नासा के हिसाब से जेम्स वेब का मूल काम ब्रह्मांड के उत्पत्ति के बारे में खोजना, एक्सो-प्लैनेट्स के बारे में पता लगाना और डार्क मैटर के बारे में जानकारी जुटाना है।
Source :- www.livescience.com