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जानिये क्या होगा अगर आप गलती से किसी इंसान का दिमाग खा लें तो !

दोस्तों जब कभी हमें कोई व्यक्ति तंग या परेशान करने लगता है तो हम जाने अनजाने उससे कह देते हैं कि भाई क्यों दिमाग खा रहा है या भाई ज्यादा दिमाग मत खा !

वैसे तो ये दिमाग खाने वाली कहावत असल जिंदगी में सच नहीं लगती पर जरा सोचिए कि वाकई में अगर कोई इंसान किसी दूसरे इंसान का सच में दिमाग खाने की कोशिश करे या दिमाग खाले तो क्या होगा ?… बिल्कुल दोस्तों ! मैं कोई मजाक नहीं कर रहा बल्कि , हम आपसे इससे संबंधित कुछ scientific and neurological effects discuss करेंगे अगर हम जाने अनजाने किसी इंसान का सच में दिमाग खालें तो !

लगभग पिछले 60-70 साल पहले तक कुछ tribes या जनजातियां Cannibalism यानी कि नरभक्षण जैसी परंपराओं का पालन करती थीं जहां वो मेरे हुए इंसान के शरीर और उसके अंगों को रीति रिवाज या रस्मों के नाम पर खाया करती थीं । उदाहरण के लिए लगभग 1960 तक Papua New Guinea की जनजाति Fore People अपनी परंपराओं के अंदर, मरे हुए लोगों की शुद्धि के लिए उनका मांस और अलग अलग अंगों का भक्षण करते थे जहां पुरुष मांस खाते थे और बच्चे व महिलाएं दिमाग को भोजन के रूप में खाते थे।

वैसे तो इंसानी मांस खाने के अलग प्रभाव और दुष्परिणाम होते हैं पर फिलहाल हम यहां इंसानी दिमाग को खाने के बाद होने वाले प्रभावों और परिणामों पर ही बात करेंगे क्योंकि ये शरीर का वो हिस्सा है जो शायद ही कोई खाने की सोचेगा !

वैज्ञानिक स्रोतों यानी sources की मानें तो एक आम इंसानी दिमाग के 100 ग्राम हिस्से में 78 calories, 10 gram fat, 11 gram protein और 1 gram carbohydrates होता है और अगर आप इन चीजों को ध्यान में रखकर किसी इंसान का दिमाग खाने जाएंगे तो शायद आप मौत को निमंत्रण देने का ही काम करेंगे।

Neurologists और medical researchers ने अपनी studies में इस बात का पता लगाया है कि इंसानी दिमाग खाने के कारण लोग incurable यानी लाइलाज , neurodegenrative diseases से बुरी तरह से प्रभावित हो जाते हैं जहां कई तरह के neurological disorder यानी तंत्रिका संबंधित परेशानियाँ जैसे कि transmissible spongiform encephalopathy (TSE) होने लगती हैं। neurodegenrative को आसान भाषा में समझें तो ये वो condition होती है जहां इंसानी दिमाग में मौजूद nerve cells ख़त्म होने लगते हैं  |

इसी TSE में मौजूद 1 – 2 ऐसी बीमारियां हैं जो हर उस इंसान को आसानी से लग सकती हैं जो किसी दूसरे इंसान का दिमाग खा लेता है जैसे कि KURU जिसे Mad Cow Disease के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा Creutzfeldt-jakob disease नाम की जानलेवा बीमारी होने की पूरी संभावना रहती है।

दोस्तों इन सबमें से KURU ही ऐसी बीमारी है जो अभी तक सबसे ज्यादा उन लोगों में पाई गई है जिन्होंने किसी इंसानी दिमाग का भक्षण किया हो और इसकी जानकारी National Institute Of Neurological Disorders And Strokes ने अपनी एक रिपोर्ट में भी दी है।

बात करें इस Kuru नाम की बीमारी की तो ये most rare यानी सबसे दुर्लभ nervous सिस्टम disease है जिसका कोई इलाज नहीं है और कुछ समय के अंतराल ये बीमारी इंसान की आसानी से जान ले लेती है।

ये kuru , दिमाग में मौजूद prion नाम के proteins के transmission या संचार के कारण शुरू होती है जिसके परिणाम काफी घातक होते हैं। ये बीमारी न तो किसी बैक्टीरिया, virus या fungus से होती है बल्कि ये prions ही हैं जो निर्जीव रहकर brain में multiply होते रहते हैं एक समूह बनाकर दिमाग की आम परिक्रिया को प्रभावित कर देते हैं। ये kuru एक spongiform disease है जिसका मतलब है कि इसके कारण दिमाग में sponge की तरह holes या छेद हो जाते हैं जो बेहद जानलेवा होते हैं।

अब जानते हैं कि इस kuru के क्या क्या लक्षण हो सकते हैं –

अगर किसी व्यक्ति को kuru या कोई भी neurodegenrative disease होने के आसार होते हैं तो दिमागी असंतुलन , चलने में दिक्कत , खाना खाने में दिक्कत , कंपकपाहट ,  मांसपेशियों में अकड़ जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।

हालांकि ये कुछ आम लक्षण ही हैं पर इस बीमारी का ठीक तरह से पता लगा पाना मुश्किल ही है क्योंकि ये बीमारी बड़ी दुर्लभ तो  है ही और medical field में इसका ज्यादा विश्लेषण भी नहीं मिलता।

इस बीमारी का अभी तक तो कोई treatment नहीं मिला है और अगर कोई व्यक्ति सच में इससे प्रभावित है तो लगभग 6 से 12 महीनों में वो कोमा में जा सकता है और 1 साल के अंदर, उसकी जान भी जा सकती है।

तो दोस्तों ये थी कुछ गंभीर जानकारी इस बीमारी के बारे में जो हर उस इंसान को हो सकती है जो किस दूसरे इंसान का सच में दिमाग खाले !

 

Shubham

शुभम विज्ञानम के लेखक हैं, जिन्हें विज्ञान, गैजेट्स, रहस्य और पौराणिक विषयों में रूचि है। इसके अलावा ये पढ़ाई करते हैं।

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