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क्या हम कभी “Alpha Centauri” तक पहुँच सकेंगे! – Will We Reach Alpha Centauri!

अन्तरिक्ष में तैरने वाली नाव पहुंचाएगी हमें "Alpha Centauri" तक!

ब्रह्मांड और मानव के बीच एक बहुत ही अनोखा रिश्ता है। हमेशा से मानव ब्रह्मांड को समझने में लगा हुआ है, परंतु क्या आपने कभी सोचा है, हम इन्सानों का आकार ब्रह्मांड के तुलना में कुछ भी नहीं है। हालांकि, एक बात ये भी है कि, इंसान और ब्रह्मांड में एक चीज़ इन दोनों को आपस में जोड़ कर रखे हुए है। और वह चीज़ है, मानव की जिज्ञासा। इस जिज्ञासा या यूं कहें कि, कुछ कर गुजरने की इच्छा ही हैं, जिसके कारण आज इंसान अल्फा सेंटौरी (Will We Reach Alpha Centauri) जैसे सितारे के ऊपर जाने के बारे में सोच रहा है।

Sun and Alpha Centauri.
सूर्य और अल्फा सेंटौरी की दूरी। | Credit: Wikipedia.

अल्फा सेंटौरी (Will We Reach Alpha Centauri) की जब भी बात आती है, तो सब के चेहरे पर एक अलग ही चमक को देखी जा सकती है। और वो इसलिए कि, ये स्टार सिस्टम हमारे पृथ्वी की सबसे करीबी स्टार सिस्टम है। मित्रों! अगर हमें भविष्य में इंटर प्लैनेटरी या इंटर गैलेक्टिक ट्रैवल करना है। तो अल्फा सेंटौरी हमारे लिए एक द्वार का काम कर सकता है। क्योंकि यहीं से ही हमारे सपने की शुरुआत होगी और ये वहीं जगह है, जहां से हम अपने मानव सभ्यता को एक अलग ही लेवल पर ले कर जा सकते हैं। इसलिए ये हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है।

तो, मित्रों! क्या आप भी इस लेख के जरिये अल्फा सेंटौरी की एक काल्पनिक व मजेदार यात्रा को महसूस करना चाहते हैं? अगर हाँ! तो तैयार हो जाइए एक अलग ही रोमांच को अनुभव करने के लिए, क्योंकि ये यात्रा आपके व मेरे लिए काफी यादगार हो सकती है। तो चलिये अब लेख में असल विषयों को सामने लाते हैं।

क्या हम कभी “Alpha Centauri” के ऊपर जा सकते हैं? – Will We Reach Alpha Centauri? :-

अल्फा सेंटौरी (Will We Reach Alpha Centauri) तक पहुँचने के लिए हमें लगभग प्रकाश की गति की जितना स्पीड चाहिए, जिसके आधार पर हम वहां पहुँच सकते हैं। हमारे महत्वाकांक्षी मिशनों ने इंसान को चाँद तक, कई रोवरों को मंगल तक और कई स्पेस-क्राफ्ट्स को आउटर सोलर सिस्टम तक पहुंचाया है। तो जाहिर सी बात है, हमारी सोच हमारे कद-काठी से काफी ज्यादा ऊंचे और बड़े है। परंतु यहाँ सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि, क्या हम कभी अल्फा सेंटौरी तक पहुँच सकते हैं? मित्रों, इस सवाल के जवाब को हम आगे विश्लेषित करने वाले हैं।

Proxima Centauri Photo.
प्रोक्सिमा सेंटौरी। | Credit: Popular Mechanics.

अल्फा सेंटौरी हमसे लगभग 4.4 प्रकाश वर्ष यानी लगभग 25 खरब किलोमीटर दूर मौजूद है। वैसे अधिक जानकारी के लिए आप लोगों को बता दूँ कि, इस स्टार सिस्टम मूलतः तीन सितारे मौजूद है। और उन तीन सितारों में हमसे सबसे नजदीक सितारा “Proxima Centauri” हैं। मित्रों! इस सितारे के बारे में और एक खास बात हैं, जो की शायद बहुत ही कम लोग जानते हैं। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार ये सितारा अपने पास एक अनोखे ग्रह को रखा हुआ हैं।

बताते हैं कि, वो ग्रह हूबहू हमारे पृथ्वी के जैसा हो सकता है। और उस पर पृथ्वी के जैसे ही जीवन पनप सकती है। जो कि, हम इनसानों के लिए एक ऐतिहासिक खोज से कम नहीं है। हालांकि! इस स्टार सिस्टम तक पहुँचना कोई आम या सरल बात नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार अगर हम आज के तकनीक को इस्तेमाल करें तो, हमें लगभग 1,50,000 साल लगेंगे वहाँ पहुँचने के लिए।

प्रकाश की गति के जितना जाना है अनिवार्य! :-

मित्रों! हमेशा एक बात तो तय है कि, ये ब्रह्मांड हमारे लिए काफी ज्यादा बड़ा है। इतना बड़ा है कि, हम इसके आकार के बारे में शायद ही कभी अपने सपने में भी सोच पाए। अगर हम प्रकाश के गति के जीतने स्पीड से जा पाते तो, अल्फा सेंटौरी (Will We Reach Alpha Centauri) तक पहुँचना कोई बड़ी बात नहीं होती। क्योंकि इसके लिए हमें सिर्फ 4.5 साल की ही जरूरत होती। परंतु हकीकत इससे काफी ज्यादा अलग हैं। फिजिक्स के नियम हमें बांध कर रखें हुए हैं।

क्या हम कभी "Alpha Centauri" तक पहुँच सकेंगे! - Will We Reach Alpha Centauri!
नैनो स्पेस क्राफ्ट। | Credit: Wikimedia.

क्योंकि सिर्फ और सिर्फ वजन (Mass) रहित पार्टिकल्स जैसे “Photons” ही प्रकाश के गति के जीतने स्पीड से ट्रैवल कर सकते हैं। तो, लगभग ये तय हैं कि, आज की तकनीक के अनुसार हम कभी भी अल्फा सेंटौरी तक नहीं पहुँच सकते हैं। परंतु कुछ विशेष स्पेस-क्राफ्ट्स शायद वहाँ तक पहुँच जाएँ। वैसे एक बात ये भी है कि, प्रकाश की गति के 1/10 हिस्से के स्पीड में भी हम एक पूरे इंसानी जीवन काल में अल्फा सेंटौरी तक पहुँच सकते हैं। परंतु उसके लिए हमें उतना एडवांस होना पड़ेगा।

वैसे नासा के कुछ वैज्ञानिक अभी से ही, अल्फा सेंटौरी तक पहुँचने के लिए काफी ज्यादा उत्सुक हैं। उनके अनुसार “Picometer” आकार के स्पेस-क्राफ्ट्स के जरिये हम अल्फा सेंटौरी तक पहुँच सकते हैं। आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, एक पिकोमीटर एक मीटर का 1/1 खरब हिस्सा है। तो वाकई में हमें काफी ज्यादा छोटे स्पेस-क्राफ्ट्स की जरूरत पड़ने वाली है।

भविष्य की तकनीक पहुंचा सकती है हमें “Alpha Centauri” तक! :-

आज के जमाने की बात करें तो, हम उस दौर में हैं जहां तकनीक काफी ज्यादा तेजी से बदल रहा हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार हम इस दौर में काफी छोटे-छोटे स्पेस क्राफ्ट्स के जरिये भी काफी बड़े-बड़े काम कर सकते हैं। वैसे इसको ले कर कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि, शुरुआती दिनों में भले ही छोटे स्पेसक्राफ्ट्स उतने असरदार साबित न हो। परंतु इन्हें काफी तेजी से विकसित और बनाया जा सकता हैं। जो की उनसे आकार में बड़े स्पेसक्राफ्ट्स में संभव नहीं हैं। इसके अलावा इन्हें बनाना काफी ज्यादा सस्ता भी होगा।

क्या हम कभी "Alpha Centauri" तक पहुँच सकेंगे! - Will We Reach Alpha Centauri!
लैजर के जरिये आगे बढ़ेगा स्पेस क्राफ्ट। | Credit: NASA.

जिससे कभी फडिंग का भी प्रोब्लेम नहीं आएगा। मित्रों! छोटे स्पेसक्राफ्ट्स को चलाने के लिए भी काफी कम ऊर्जा की जरूरत होगी। जो की हमारे लिए एक काफी महत्वपूर्ण बात हैं। दुनिया भर में कई सारे निजी स्पेस कंपनियाँ ऐसी भी हैं, जो की बहुत ही छोटे-छोटे स्पेस -क्राफ्ट्स बना कर अन्तरिक्ष विज्ञान में धूम मचाना चाहती हैं। ऐसे में ये देखना बाकी हैं कि, आखिर कौन सी स्पेस कंपनी सबसे पहले इस काम को करने में सफल हो पाएगी। क्योंकि हमारे पास समय ही बहुत कम हैं।

बेहरहाल नासा की और से पता चला हैं कि, साल 2069 तक वो एक ऐसा नैनो-स्पेसक्राफ्ट बनाएगा; जो की अल्फा सेंटौरी तक जा सकता हैं। वैसे यहाँ एक बात ये भी हैं कि, आज के समय में पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत या यूं कहें कि; ईंधन के जरिये हम किसी भी स्पेस-क्राफ्ट को लाइट स्पीड के साथ लौंच नहीं कर सकते हैं। क्योंकि इन ईंधनों में उतनी क्षमता ही नहीं हैं। इसलिए हमें कुछ अलग ही सोचना पड़ेगा।

निष्कर्ष – Conclusion :-

अल्फा सेंटौरी (Will We Reach Alpha Centauri) तक पहुंचाना कोई आसान बात नहीं है। किसी भी स्पेस-क्राफ्ट को लाइट स्पीड तक पहुंचाने के लिए हमें खुद लाइट की मदद लेनी पड़ेगी। कहने का मतलब हैं कि, हम सोलर-एनर्जि को इस्तेमाल कर के स्पेस-क्राफ्ट को प्रोपेल कर सकते हैं। इसके अलावा आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, लाइट एनर्जि हमारे लिए वजन-रहित हैं। क्योंकि ये सीधे तौर से सोलर-पैनल के जरिये बनेगा। जो की हमारे लिए एक बहुत ही बड़ा प्लस पॉइंट हैं।

क्या हम कभी "Alpha Centauri" तक पहुँच सकेंगे! - Will We Reach Alpha Centauri!
सोलर एनर्जि के जरिये पहुंचेंगे अल्फा सेंटौरी तक। | Credit: NASA.

इसलिए हमें ऐसा स्पेस-क्राफ्ट बनाना पड़ेगा, जो की सोलर एनर्जि से या फिर फोटोनिक एनर्जि से चलता हो। वैसे फोटोनिक एनर्जि से चलने वाले यान लैजर लाइट का इस्तेमाल करते हैं। इस तकनीक से चलने वाले यान हूबहू समंदर में तैरने वाले कश्तीओं के जैसे हैं, जो की आगे बढ्ने के लिए हवा का इस्तेमाल करते हैं। हाँ! यहाँ सिर्फ ये फर्क हैं कि, अन्तरिक्ष में हवा की जगह लैजर लाइट के हाइ स्पीड तरगें हैं और कश्ती के जगह एक स्पेस क्राफ्ट हैं।

तो, मित्रों! आप लोगों को क्या लगता हैं; क्या कभी हम अल्फा सेंटौरी तक पहुँच पाएंगे? इस सवाल का जवाब आप नीचे कमेंट कर के दे सकते हैं?

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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