नमस्कार मित्रों ! कैसे हैं आप लोग ? खैर भारत में तो मॉनसून अपना सौंदर्य बरपा ही रहा है , परंतु इसी मॉनसून ने आज मुझे एक गज़ब के विषय पर लिखने के लिए प्रेरित किया हैं | आज के इस कम्प्यूटर युग में हम सब अपने-अपने कामों के अंदर इतने उलझ गए हैं की , हम मेँ से कई लोग जीवन की मूल परिभाषा (what is life in hindi) को ही भूल गएँ हैं | जी हाँ ! आपने सही सुना जीवन की परिभाषा यान संज्ञा | चिंता न कीजिए ! आप अकेले सिर्फ नहीं है क्योंकि मेँ भी उन व्यक्तियों में शामिल हूँ जिन्होंने जीवन की असली अर्थ तो भुला डाला हैं |
जीवन (what is life in hindi) , जब भी हम लोग इस शब्द का प्रयोग करते हैं तो, न जाने ऐसा क्यूँ लगता है की हम इस से भली भांति परिचित हो कर भी इस से अपरिचित हैं | इंसानों के अंदर एक विशेष प्रकार का गुण होता है , जो की उसे अन्य पशु-पक्षियों से अलग बनाता हैं | पूरे पृथ्वी में सिर्फ एक इंसान ही है , जो की अपने जीवन की पूर्ण रूप से अर्थ निकाल सकता हैं | खैर यहाँ मेँ आपको और भी बता दूँ की आज आपको आत्मज्ञान के लिए कई सारे सत्संग में जाने का मौका मिलेगा जो की आपके जीवन के मूल्य को आपके सामने रखने का दावा करते हैं |
खैर यहाँ मुख्य विषय यह है की क्या आप वाकई में अब तक जी रहे इस जीवन (what is life in hindi) के मूल-भूत बातों को जानना चाहते हैं ? क्या आप जीवन क्या है जानना चाहते हैं ! अगर आपका जवाब हाँ है तो कृपया मेरे साथ इस लेख में अंत तक जुड़े रहिए |
विषय - सूची
आखिर कैसे धरती पर आया जीवन ? – Origin Of Life On Earth In Hindi :-
मित्रों ! जीवन के अर्थ को (what is life in hindi) समझने से पहले , हमें यह समझना होगा की आखिर पृथ्वी पर जीवन कैसे आया! (origin of life on earth) | दोस्तों अगर आप को जीवन के उचित अर्थ तो जानना है , तो आपको जानना होगा की आखिर यह जीवन कीस लिए और कैसे हमें मिली | आखिर किस तरीके से धरातल में जीवन की उत्पत्ति हुई !
खैर आज तक जीवन के उत्पत्ति का (origin of life on earth) सटीक जवाब इंसान के पास नहीं हैं | परंतु फिर भी में आपको इस से जुड़ी बिन्दु आपके सामने रखूँगा |
मित्रों ! मैंने आगे जीवन के उत्पत्ति से जुड़ी रहस्यों को दो आयाम यानी विज्ञान और हिन्दू धर्म के नजरिए से आपके रखा हैं | इसलिए मेँ आशा करता हूँ की आप जीवन के इन दो आयामों को धैर्य के साथ पढ़ेंगे |
हिन्दू धर्म के नजरिये से जीवन की उत्पत्ति :-
दुनिया की सबसे प्राचीन और उदार वादी धर्म हिंदुत्व में जीवन की उत्पत्ति के बारे में कई सारे बातें वर्णित हैं | वेद , उप-निषद और श्री मद भगवत गीता में आपको जीवन से जुड़ी कई सारे बातें जानने को मिलेगा | हिन्दुत्व में पूरे दुनिया की बनाने वालों को परमात्मा का दर्जा दिया गया है , जिन्होंने पृथ्वी पर जीवन की रचना कीआ |
आप लोगों ने तीनों देवों के बारे में तो अवश्य ही कुछ न कुछ जानते ही होंगे |
पूरे ब्रह्मांड को प्रभु “ब्रह्मा” जी ने बनाया और महा प्रभू “विष्णु” जी ने इसे लालन-पालन कर के बढ़ाया | इसके बाद जब इसे ध्वंस करने की बारी आई तो देवों के देव “महादेव” जी ने अपने तांडव के जरिए इसे विनाश किया |
ऐसे हुआ था जीवन की शुरुआत :-
आपको यहाँ और भी बता दूँ की “ब्रह्मा” जी के हिसाब से पृथ्वी यानी हमारी 4 अरब साल उन के लिए सिर्फ एक दिन के समान हैं | तो , जब भी “ब्रह्मा” जी कुछ समय के लिए विश्राम लेते है तो उस समय यह ब्रह्मांड का विनाश हो जाता है | इसी हिसाब से “ब्रह्मा” जी जब सो जाते हैं तो एक ब्रह्मांड का विनाश हो जाता है और जब वह सो के उठते है तो एक नया ब्रह्मांड बन कर तैयार हो जाता हैं |
इसके अलावा कई प्राचीन हिन्दू ग्रंथ यह भी कहते हैं की , “ब्रह्मा” जी ने अपने ही खुद की अंतरात्मा से ही इंसानों को बनाया हैं | यह अंतरात्मा पुरुष और स्त्री के रूप में दो भागों में बंट कर पूरे इंसानी जगत का निर्माण करता हैं | इसके अलावा पृथ्वी पर जीवन का हर एक कण “ब्रह्मा” जी ने ही बनाया हैं |
कई ग्रंथ यह भी कहते हैं की “प्रजापति” नाम के कुछ देवता जो की “ब्रह्मा” जी के संतान माने जाते हैं , उन लोगों ने ही इस संसार को “ब्रह्मा” जी के आदेश से बनाया है ।
विज्ञान की दृष्टिकोण से जीवन की उत्पत्ति :-
विज्ञान के नजरिए से जीवन (what is life in hindi) एक अनोखे ही ढंग से पृथ्वी पर आया | हमारा पृथ्वी लगभग 4.5 अरब साल पुराना हैं और यहाँ पर जीवन की सबसे पहला सबूत 3.7 अरब साल पुराना हैं | ग्रिनलेंड में स्थित एक विशेष प्रकार के पत्थरों पर “स्यानों बेकटेरिया” (cyanobacteria) नाम के एक प्रकार के शुख्म माइक्रो जीवों को पाया गया हैं |
मेँ आपको और यहाँ और भी बता दूँ की स्यानों बेकटेरिया से भरी हुई इन विशेष प्रकार के पत्थरों को “स्ट्रोमाटोलाइट” (stromatolites) भी कहा जाता हैं | मित्रों ! हाल ही के और एक खोज से यह पता चला है की पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पास एक पत्थर पर दुनिया की सबसे पुरानी जीवन की सबूत मिला हैं और यह सबूत 4.1 अरब साल पुराना हैं | खैर यह तो जीवन से जुड़ी कुछ सबूतों के बारे में था , परंतु आखिर किस प्रकार से जीवन हमारे पृथ्वी पर आया ?
वैज्ञानिक जीवन को लेकर क्या कहते हैं ? :-
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है की पृथ्वी पर जीवन वास्तव में कभी था ही नहीं | दरअसल कुछ अरबों साल पहले एक उल्का पिंड के जरिए जीवन (what is life in hindi) पृथ्वी पर आया | इसके अलावा कुछ वैज्ञानिक यह भी मानते हैं की पृथ्वी पर जीवन का कारण RNA कणिका हैं | मित्रों आरएनए कणिका एक प्रकार का मौलिक जैविक कणिका है जो की लगभग हर एक जीव के अंदर मौजूद रहता हैं | इंसानी शरीर के अंदर इस का बहुत ही प्रमुख भूमिका हैं | यह कई सारे जैविक प्रक्रियाओं को शरीर के अंदर होने के लिए मदद करता हैं |
मुख्य रूप से यह प्रोटीन सिन्थिसिस और हेरेडिटी के कामों के लिए अपना योग दान देता हैं | आरएनए के बिना हमारा शरीर सही तरीके से काम नहीं कर पाएगा |
जीवन क्या हैं ? – What is Life In hindi ? :-
मित्रों ! विज्ञान की नजरिये से जीवन (what is life in hindi) की परिभाषा को चलिए समझते हैं | जीवविज्ञान में जीवन को कोषीकायों से बनी हुई एक प्राकृतिक संरचना माना गया हैं | इसलिए कोषीकायों को जीवन का मूल धारा भी कहा जाता हैं | इन्हीं कोशिकाओं के अंदर जीवन को बचाए रखने के लिए हर प्रकार के जैव-रासायनिक प्रक्रिया होता हैं |
कोषीकाओं के कुछ गुण एक जीवित प्राणी को संसार में दूसरे निर्जीव वस्तुओं से अलग बनाता हैं | शरीर मेँ एक हद तक विकास , प्रजनन करना और वातावरण के हिसाब से शरीर को ढालना एक जीवित जीव की मूल गुण हैं |
इसके अलावा डार्विन के सिद्धांतों से भी आप बहुत अच्छे तरीके से जीवन के अर्थ को समझ सकते हैं | डार्विन कहते हैं की जिस किसी भी जीव को खुद प्रकृति ने चुना हुआ है , वह जीव ही सिर्फ जीवित रहेगा और प्रकृति के इस चुने जाने की प्रक्रिया को ही “जीवन” कहते हैं | NASA भी डार्विन के इस सिद्धांत को दूसरे ग्रहों पर जीवन की संधान करने में इस्तेमाल करता हैं |
जीवन की संज्ञा :-
मित्रों ! जीवन को सही तरीके से कुछ वाक्यों के अंदर समझाया नहीं जा सकता | क्योंकि यह एक बहुत ही जटिल चीज़ हैं | परंतु अगर हम आसान भाषा में जीवन को परिभाषित करें तो ” जीवन एक ऐसी चीज़ है जो की किसी भी परिस्थिति में वातावरण के साथ ढल (adapt) जाता हैं ” |
मित्रों ! मेँ यहाँ पर आप सभी लोगों से आग्रह करूंगा की आपको जीवन के बारे में क्या लगता हैं | आखिर क्या है आपके हिसाब से जीवन ? क्या आप ने कभी जीवन को गहराई के साथ समझने के प्रयास किया हैं ? क्या आपने कभी इसके मूल आधारों को जाना हैं ? आप लोग अपने-अपने राय कॉमेंट कर के मुझे बता सकते हैं | आप सभी के राय हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं |
हिन्दू धर्म के अनुसार जीवन का मूल अर्थ क्या है ? – Meaning Of Life In Hindi ? :-
अकसर लोगों को मैंने कहते हुए देखा है की , उनके जीवन का कोई अर्थ ही नहीं हैं | मित्रों ! मेँ आपको बता दूँ की हर एक इंसान के जन्म होने के पीछे जरूर कोई न कोई वजह होता ही हैं | इस दुनिया के अंदर ऐसा कोई भी चीज नहीं है जो की बिना वजह से हो जाता हो |
खैर इसलिए मैंने यहाँ पर जीवन के अर्थ को हिंदुत्व के हिसाब से आपको समझाने का प्रयास किया हैं | हिंदुत्व में जीवन के अर्थ को मुख्य रूप से चार कारणों का आधार माना गया हैं | यह चार कारण धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष हैं | अगर आप थोड़ा गौर करें तो यह चार कारण एक क्रम के अनुसार किसी भी इंसान के जीवन में आते ही आते हैं |
जीवन के पहले दो गुरुत्वपूर्ण अर्थ :-
“धर्म” का अर्थ है हमेशा दूसरों के जीवन को बगैर हानी या किसी प्रकार का असुविधा पहुंचा कर नैतिकता का अवलोकन व पालन करना | हिन्दुत्व में भगवान जी को धर्म का केंद्र बिन्दु माना गया हैं | इसलिए इनकी पुजा और आराधना भी धर्म यानी जीवन का एक मुख्य अर्थ हैं | तो , आप लोगों में से कितने लोग प्रति दिन परमात्मा की आराधना करते हैं ?
जीवन का दूसरा मुख्य मतलब है “अर्थ” (wealth) | जी हाँ ! दोस्तों बिना पैसे के एक व्यक्ति आज इस दुनिया में कोई भी काम नहीं कर सकता हैं | परंतु आपको मेँ यहाँ और भी बता दूँ की किसी व्यक्ति को धर्म के दायरे में ही रह कर अर्थ को उपार्जन करना चाहिए क्योंकि वह कहते हैं न “अति से इति” ही होता हैं | मित्रों हम लोगों को हमेशा धर्म के हिसाब से ही कोई भी काम या अर्थ घर में लाना चाहिए | हमेशा याद रखें की धन तो कुछ समय के लिए ही आपके साथ इस संसार में रहेगा परंतु जो धर्म है वह आपके साथ हमेशा-हमेशा के लिए रह जाएगा |
जीवन के और दो मुख्य अर्थ :-
आज का यह दुनिया भौतिक सुखों के काफी ज्यादा भागता रहता हैं | खैर इस में इंसानों की कोई भी गलती नहीं हैं क्योंकि इंसानों को ही बनाया गया है उसी हिसाब से | खैर इसका मतलब यह नहीं है की हम अपने ऊपर संयम नहीं रख सकते | जीवन का तीसरा मुख्य अर्थ है ” काम” | तो , आखिर यह काम क्या हैं ? आसान भाषा में अगर मेँ कहूँ तो काम जीवन को उपभोग करने के प्रक्रिया को ही कहते हैं | हर एक इंसान के जीवन में काम उसके मन में जरूर आता ही आता हैं |
मित्रों ! मैंने ऊपर अब तक जीवन के तीन मुख्य अर्थों को आपके सामने रख चुका हूँ | इसलिए मेँ आपसे फिर एक बार आग्रह करना चाहूँगा की आप लोग इन कारणों के बारे में एक बार गहराई से सोचिए और मुझे बताइए की आपका जीवन कैसे निरर्थक हो गया | आप कैसे कह सकते है की आपका जीवन व्यर्थ हैं ? सोचिए ! थोड़ा गहराई से सोचिए इस से आपको ही फायदा है , क्यूंकी इस से आपके अंदर छुपी हुई नकारात्मक भावना काफी ज्यादा कम हो जाएंगी और आप एक नए सकारात्मक ऊर्जा से भरे हुए नजर आएंगे।
जीवन का आखिरी व सबसे महत्वपूर्ण अर्थ :-
अब चलिए जीवन के आखिरी अर्थ को ध्यान व अच्छे से समझते हैं , क्योंकि यह जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अर्थ हैं | मित्रों ! मेँ यहाँ बात कर रहा हूँ “मोक्ष” की | यहाँ मेँ खुद को बहुत ही छोटा और अज्ञान महसूस कर रहा हूँ क्योंकि मोक्ष जो है यह वाकई में मेरी तरह किसी साधारण व्यक्ति के लिए कल्पना से भी परे हैं। परंतु अपने सीमित बोध से इसको आपके लिए समझाने की कोशिश जरूर करूंगा ।
मुख्य रूप से मोक्ष को आप अपने “आत्मज्ञान” से ही हासिल कर सकते हैं | जब आपके आत्मा की भक्ति , कर्म , ज्ञान और उपासना एक साथ मिल जाएगा तब आपको आत्मज्ञान का अद्भुत अनुभूति होगा | तब आप का इस संसार से पूर्ण तरीके से मोह-माया मीट जाएगा |
इसके बाद आपका मन सिर्फ और सिर्फ परमात्मा के साथ विलय के लिए पूर्ण रुप से तैयार हो जाएगा | आपको पुनर्जन्म और अन्य तकलीफ़ों से मुक्ति मिल जाएगी | खैर मित्रों आपको मेँ यहाँ और भी बता दूँ की मोक्ष प्राप्ति करना कोई आसान बात नहीं हैं | इसको हासिल करने के लिए कई जन्म भी लग जाते हैं परंतु हाँ ! इसे एक जन्म के अंदर हासिल करना भी संभव हैं | मित्रों ! लेख को अंत करने का एका वक़्त आ गया है आपसे फिर एक नए लेख के साथ मुलाक़ात होगी , धन्यवाद !