साधारण रूप से देखें तो इंसान ब्रह्मांड को दो प्रकारों में बांट सकता हैं। मैं यहाँ कोई विज्ञानी टर्म या थियरी की बातें नहीं कर रहा हूँ। मैं यहाँ आम बोल-चाल के बारे में ही बातें कर रहा हूँ। यानी एक साधारण इंसान यही तो बोलेगा की, उसे ब्रह्मांड या तो दिख रहा हैं या नहीं। मित्रों! आप लोगों को बता दूँ की, जिस ब्रह्मांड को हम जानने का इतना दावा करते हैं वास्तव में उसके बारे में हम कुछ भी नहीं जानते हैं। उदाहरण के लिए आप डार्क मैटर (unanswered questions about dark matter) को ही देख लीजिए। आप जरा अपने आप से पूछिये की आप डार्क मैटर के बारे में कितना जानते हैं!
अपने आप से पूछने के बाद आप लोगों को क्या जवाब मिला? ज़्यादातर लोगों को डार्क मैटर (unanswered questions about dark matter) का नाम तो पता होगा परंतु आखिर वो क्या हैं? वो वास्तव में अस्तित्व में हैं की नहीं या डार्क वेब आदि के बारे में कुछ नहीं पता होगा। तो, क्या आप इस डार्क मैटर जैसी अज्ञात चीज़ के बारे में अब भी नहीं जानना चाहेंगे? अवश्य ही जानना पसंद करेंगे! इसलिए तो मैंने आप लोगों के लिए ये लेख लिखा हैं। इसमें आप लोगों को डार्क मैटर से जुड़ी कई आगत तथ्यों के बारे में पता चल जाएगा।
जिसके बाद डार्क मैटर से जुड़ी शायद ही ऐसा कोई सवाल होगा जिसका जवाब आपके पास नहीं होगा। तो चलिये अब लेख को आगे बढ़ाते हैं और डार्क मैटर के बारे में जानते हैं।
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डार्क मैटर से जुड़ी कुछ ऐसे सवाल जिनका जवाब देना हैं बहुत ही मुश्किल! – Unanswered Questions About Dark Matter! :-
मित्रों! लेख के इस भाग में मेँ आप लोगों को एक-एक करके डार्क मैटर से जुड़ी (unanswered questions about dark matter) सवालों के बारे में बताऊंगा। तो, इसे जरा गौर से पढ़ते रहिएगा।
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डार्क मैटर क्या है?
अगर आप लोगों को लगता हैं की, डार्क मैटर क्या हैं? ये आपको पता हैं तो, मित्रों बता दूँ की आपकी ये सोच गलत हैं। अभी तक किसी भी वैज्ञानिक सटीक तौर पर ये नहीं पता हैं की, आखिर डार्क मैटर होता क्या हैं? ज़्यादातर वैज्ञानिकों को ये लगता हैं की, ब्रह्मांड में गुम हो गए सभी मास और खगोलीय चीजों को ही डार्क मैटर कहते हैं। परंतु ये बात ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं। डार्क मैटर से जुड़ी जो सबसे लोकप्रिय सिद्धान्त वो WIMP यानी Weakly Interacting Massive Particle से जुड़ा हुआ हैं।
हालांकि ये प्रोटन से 1000 गुना ज्यादा वजनी हैं। मित्रों! इसी पार्टिकल से ही डार्क मैटर का अस्तित्व आ रहा हैं। इसलिए इसके ऊपर अभी भी कई सारे रिसर्च चल रहीं हैं। मित्रों! हमेशा ध्यान देंगे की, डार्क मैटर जो हैं ये हमें खुले आँखों से नहीं दिखाई देता और कई बार तो बिलकुल भी दिखाई ही नहीं पड़ता हैं। आज के समय में भी डार्क मैटर के बारे में कुछ भी पता लगा पाना कोई मज़ाक की बात नहीं हैं।
जिस चीज़ को आप न तो देख सकते हैं और न ही महसूस कर सकते हैं, उसके बारे में खोज करना कितना मुश्किल होगा, कभी जरा खुद सोच कर देखिएगा।
2.डार्क मैटर वेब क्या है?
डार्क मैटर वेब (unanswered questions about dark matter) का ख्याल वैज्ञानिकों को सबसे पहले 1930 में ही हो गया था। दूर मौजूद आकाशगंगाओं का आपस में मिल कर एक दूसरे के चारों तरफ काफी तेजी से घूमना काफी चौंका देने वाली बात थी। क्योंकि उन आकाशगंगाओं का जो विसिबल मास था वो उतना नहीं था की आकाशगंगाएँ इतने तेजी से एक-दूसरे के चारों तरफ घूम पायें। इसलिए वैज्ञानिकों ने एक सिद्धांत रखा की, एक अदृश्य मैटर इन आकाशगंगाओं को एक-दूसरे के चारों तरफ एक जाल/ नेट के रूप में बांध कर रख रहा हैं।
मित्रों! इसी मैटर को ही बाद में डार्क मैटर का नाम दिया गया हैं। इसी के बाद से डार्क मैटर अपने असल अस्तित्व में आया। वैज्ञानिकों को लगने लगा की, ये चीज़ पूरे ब्रह्मांड में फैली हुई हैं। कुछ वैज्ञानिक यहाँ तक भी बोलते हैं की, नॉर्मल विसिबल मैटर के मुक़ाबले डार्क मैटर 6 गुना ज्यादा इस ब्रह्मांड में मौजूद हैं।
तो, आप अंदाजा लगाएँ की; ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा मात्रा में मौजूद चीज़ के बारे में अगर हम कुछ नहीं जानते तो; आने वाले समय में मुझे और आपको कितना कुछ जानना बाकी हैं।
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क्या डार्क मैटर के अंदर सिर्फ एक ही पार्टिकल मौजूद है?
डार्क मैटर से (unanswered questions about dark matter) जुड़ा सबसे विवादों से घिरा सवाल यहीं हैं की, क्या इसके अंदर सिर्फ एक ही प्रकार का पार्टिकल मौजूद हैं? अगर हम साधारण विसिवल मैटर की बात करें तो, ये इलेक्ट्रॉन, प्रोटन और न्यूट्रान जैसे पार्टिकल्स से बने हुये होते हैं। परंतु क्या डार्क मैटर भी ऐसे कई सारे पार्टिकल्स से मिलकर बना हुआ हैं या सिर्फ एक ही पार्टिकल इसके अंदर हैं!
वैज्ञानिकों को लगता हैं की, ब्रह्मांड का ज़्यादातर डार्क मैटर सिर्फ एक ही प्रकार के पार्टिकल से बना हुआ होगा जिसे की वो लोग “डार्क प्रोटन” का नाम देते हैं। परंतु यहाँ कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं की, ये बात पूरी तरीके से सच नहीं माना जा सकता हैं; क्योंकि ब्रह्मांड के कुछ हिस्सो में डार्क मैटर कई सारे पार्टिकल्स को ले कर भी बन सकता हैं।
डार्क मैटर का खुद का अपना डार्क एटम होगा, जिसके अंदर शायद इलेक्ट्रॉन, प्रोटन और न्यूट्रान के जैसे ही कई अलग-अलग पार्टिकल हो सकते हैं। ऐसे में ये पता लगा पाना बहुत ही मुश्किल हैं की, आखिर डार्क मैटर एक पार्टिकल से बना हैं या कई सारे पार्टिकल्स के आपस में मिलने से।
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क्या डार्क फोर्स सच में हैं?
अब चलिये लेख में थोड़ा सा डार्क फोर्स के बारे में भी बातें कर लेते हैं। जब हम लोगों ने डार्क मैटर (unanswered questions about dark matter) और इसके पार्टिकल्स के बारे में इतना जान ही लिया हैं, तो क्यों न एक नजर इस पार्टिकल्स के जरिये पड़ रहें फोर्स के बारे में जान लें। वैज्ञानिकों को लगता हैं की, जिस तरह विसिबल मैटर किसी भी वस्तु या व्यक्ति के ऊपर अपना फोर्स यानी बल का प्रयोग कर सकता हैं, ठीक उसी प्रकार से डार्क मैटर भी वस्तु और व्यक्ति पर अपना बल प्रयोग कर सकता हैं।
डार्क फोटन्स के जरिये डार्क मैटर अपना फोर्स दूसरे किसी मैटर या वस्तु के ऊपर डाल सकता हैं। खैर इसके ऊपर अभी भी कई सारे शोध और सिद्धांत आना बाकी हैं। परंतु मित्रों, आप लोगों को क्या लगता हैं? क्या डार्क फोर्स वाकई में ब्रह्मांड में हैं और क्या इसके बारे में वैज्ञानिक कुछ भी पता लगा पाएंगे?
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क्या साधारण दिखाई देने वाले पार्टिकल्स डार्क मैटर में तब्दील हो सकते हैं?
अब ये सवाल ज़्यादातर लोगों के मन में अवश्य ही आता होगा की, क्या साधारण दिखाई देने वाले पार्टिकल्स कभी डार्क मैटर में बदल सकते हैं? मित्रों! ये सवाल डार्क मैटर से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल हैं। इसलिए इस सवाल के जवाब को भी आप जरा ध्यान से पढ़िएगा।
हर एक विसिबल एटम के अंदर मौजूद न्यूट्रान पार्टिकल अपना एक खास किरदार अदा करता हैं। ठीक 14.5 मिनट के बात ये न्यूट्रान का पार्टिकल एटम के अंदर से डीकै हो कर बाहर आता हैं और इलेक्ट्रॉन, प्रोटन या न्यूट्रीनो पार्टिकल में तब्दील हो जाता हैं। मित्रों, इसलिए न्यूट्रान पार्टिकल को काफी संजीदगी से देखना जरूरी हैं। क्योंकि, शायद इसी पार्टिकल के जरिये ही डार्क मैटर का जन्म होता हैं। वैज्ञानिकों ने रिसर्च कर के इस बात को कहा हैं की, न्यूट्रान पार्टिकल से ही डार्क मैटर का जन्म होता हैं।
जब न्यूट्रान पार्टिकल एटम से डीकै हो कर बाहर निकल रहा होता हैं, तब कुछ क्षण के लिए एटम के बाहर निष्क्रिय हो कर स्थिर रहता हैं। मित्रों! यही वो वक़्त हैं जहां डार्क मैटर का बनना शुरू होता हैं। हालांकि! न्यूट्रान जब डार्क मैटर में बदल रहा होता हैं तब ये तरह का सिग्नल छोड़ता हैं। इसी सिग्नल के जरिये ही डार्क मैटर का बनना निर्धारित किया जाता हैं।
Source :- www.livescience.com.