हम लोगों के लिए ये ब्रह्मांड (Most Distant Black Hole In Universe) किसी सुंदर सपने से कम नहीं हैं। जैसे सपने में कई संभावनाएं मौजूद रहती हैं, ठीक उसी तरीके से ब्रह्मांड में भी कई चीजों के होने की संभावनाएं होती हैं। शायद ये ही वजह हैं कि, इतने सालों के बाद भी हमने इस ब्रह्मांड के बहुत ही कम चीजों को जाना है। हमारे वैज्ञानिक लगातार ब्रह्मांड के छुपे राजों को ढूँढने में लगे हुए हैं, परंतु आज भी उन्हें कोई अहम सफलता नहीं मिल पाई है। लगातार प्रयास और कड़ी मेहनत के बाद भी, हमारे पास ब्रह्मांड के बारे में कुछ गिने-चुने ही राज के बारे में जानकारी हैं।
ऐसे में आप कह सकते हैं कि, ब्रह्मांड (Most Distant Black Hole In Universe) को हम काफी कम ही जानते हैं। जब-जब हमें ये लगा हैं कि, हमने ब्रह्मांड को समझ लिया हैं; तब-तब ब्रह्मांड ने हमें गलत साबित किया हैं। मित्रों! आज का हमारा विषय भी इसी तरीके के एक टॉपिक पर आधारित हैं। आज हम ब्रह्मांड के सबसे पुराने व सुदूर ब्लैक होल के बारे में चर्चा करने जा रहें हैं। और इसके बारे में आप लोगों को शायद ही कभी किसी ने बताया होगा। तो, यकीन मानिए ये लेख काफी ज्यादा रोचक होने वाला हैं।
वैसे लेख को शुरू करने से पहले, मेँ आप लोगों से अनुरोध करना चाहूँगा कि; ये लेख वाकई में काफी ज्यादा रोचक और दिलचस्प होने वाला हैं, तो इसे आरंभ से ले कर अंत तक जरूर पढ़िएगा। ताकि ये विषय आप लोगों को बहुत ही अच्छे तरीके से पता चल पाएँ। तो चलिये अब लेख में आगे बढ़ते हुए इसे शुरू करते हैं।
विषय - सूची
ब्रह्मांड का सबसे पुराना ब्लैक होल! – Most Distant Black Hole In Universe :-
हाल ही में अन्तरिक्ष से जेम्स वेब टेलिस्कोप इन्सानों के लिए काफी अहम कामों को अंजाम दे रहा है। ये एक तरीके से हमारे लिए दो अमूल्य आँखों की तरह बन चुका है। इसके बिना अब ऐसा लगता है कि, शायद ही कोई काम हमारा अन्तरिक्ष में संभव हो पाएगा। खैर इस टेलिस्कोप ने अभी-अभी ब्रह्मांड (Most Distant Black Hole In Universe) के सबसे पुराने ब्लैक होल को ढूंढ लिया है। और शायद इससे हमें आने वाले समय में ब्रह्मांड के दूसरे ब्लैक होल्स के बारे में भी काफी कुछ जानकारी मिल सकेगी।
अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, ये ब्लैक होल पृथ्वी से लगभग 13 अरब प्रकाश वर्ष दूरी पर मौजूद है। इस ब्लैक होल का आकार भी कुछ कम नहीं हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इस ब्लैक होल का वजन हमारे सूर्य के तुलना में लगभग 16 लाख गुना ज्यादा है। तो आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि, आखिर में ये ब्लैक होल कितना ज्यादा विशालकाय होगा। मित्रों! आकार में विशाल होने के साथ ही साथ ये ब्लैक होल भी काफी ज्यादा पुराना है।
आप लोगों को शायद ये काफी ज्यादा अटपटा भी लग सकता है। परंतु ये बात सच है। खैर आकार में इतना विशाल होने के कारण, ये ब्लैक होल सुपर-मैसिव ब्लैक होल के कैटेगरी में आ जाता है। जो कि, ब्लैक होल की सबसे इलाइट कैटेगरी है। खैर अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, ये ब्लैक होल “GN-z11” से नाम के एक छोटे से ब्लैक होल के अंदर मौजूद है, जो की बिग-बैंग के सिर्फ 40 करोड़ साल बाद बना हुआ है।
इस ब्लैक होल के बारे में कुछ अहम जानकारीयाँ! :-
ब्रह्मांड (Most Distant Black Hole In Universe) के अंदर अनगिनत ब्लैक होल मौजूद हैं और इनके अनगिनत राज भी हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार बिग-बैंग के लगभग 1 अरब साल बाद नए-नए आकाशगंगाएँ बनने शुरू हुए थे। मित्रों! ये वहीं समय था, जहां से ब्रह्मांड के ये दानव (ब्लैक होल) बनने शुरू हुये थे। हालांकि! इसके ऊपर अभी पुष्टि करण आना बाकी हैं। खैर यहाँ पर वैज्ञानिकों को एक बात समझ ये नहीं आ रहीं हैं कि, आखिर बिग-बैंग के तुरंत बाद इतनी तेजी से आकाशगंगाएं कैसे बन सकते हैं? मित्रों, ये सवाल आज भी एक रहस्य बना हुआ हैं।
परंतु शायद जल्द ही हमें, इस सवाल का जवाब मिलने वाला हैं। दोस्तों! जेम्स वेब के जरिए हम हमारे आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद सुपर मैसिव ब्लैक होल को भी विश्लेषित कर के, इन दानवों के बारे में जान सकते हैं। हालांकि! अभी ये बस एक थियरि हैं, परंतु कैसे भी कर के हमें ब्लैक होल्स के इतने बड़े आकार के होने के पीछे छुपी रहस्यों को ढूँढना होगा। कुछ वैज्ञानिकों को ये लगता हैं कि, अतीत के ब्लैक होल और आज के ब्लैक होल में काफी ज्यादा अंतर हैं।
मेरे कहने का ये मतलब हैं कि, अतीत में ब्लैक होल जिस तरीके से अपने आकार को बढ़ाया करते थे, आज के ब्लैक होल उस तरीके से नहीं बढ़ा करते हैं। पहले के ब्लैक होल अपने सामने आने वाली हर एक चीज़ को अपने अंदर समा लेते थे, परंतु आज ऐसा नहीं हैं। आज के ब्लैक होल उस तरीके से नहीं बढ़ा करते हैं, जैसे उनके पूर्वज करते होंगे।
ब्लैक होल है एक पहेली! :-
इसलिए अकसर कई वैज्ञानिक ब्लैक होल को एक पहेली जैसा ही मानते हैं। ब्रह्मांड (Most Distant Black Hole In Universe) में इस पहेली ने काफी अच्छे-खासे वैज्ञानिकों को उलझन में डाला हुआ हैं। खैर कुछ वैज्ञानिक ये भी मानते हैं कि, ब्लैक होल के बनने का एक खास पैटर्न और ग्रोथ साइकल हैं। इसके बिना ब्रह्मांड में इनका इतना बड़ा आकार होना संभव ही नहीं हैं। आप लोगों को क्या लगता हैं, क्या ब्लैक होल हमारे लिए सच में एक पहेली हैं? कमेंट कर के जरूर ही बताइएगा।
वैसे आज के वैज्ञानिकों के अनुसार ब्लैक होल पुराने सितारों से बने हुये होते हैं। असल में बात ये हैं कि, पुराने सितारों के सुपर नोवा के बाद ही आमतौर पर आज के ब्लैक होल का उत्पत्ति होता हैं। खैर ब्लैक होल आज भी अपने आस-पास मौजूद कॉस्मिक डस्ट और गैस को निगल कर अपने आकार को बढ़ाते रहते हैं। मित्रों! ब्लैक होल का इस तरीके से आकार में बढ़ोतरी किसी भी वैज्ञानिक के लिए काफी ज्यादा आश्चर्य चकित करने वाली बात हैं। क्योंकि इसी से ही ब्लैक होल काफी ज्यादा खतरनाक बन जाते हैं। इसी से ही हम इन्सानों को खतरा हैं।
ब्लैक होल के बारे में एक खास बात ये भी हैं कि, जब किसी भी प्रकार का पदार्थ ब्लैक होल के अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उसके अंदर आने लगता हैं; तब वो काफी ज्यादा गरम होने लगता हैं। आप लोगों को बता दूँ कि, इतने गरम होने के कारण ये पदार्थ काफी ज्यादा चमकीले होने लगते हैं। बाद में वैज्ञानिक इन चमकीले पदार्थ को डिटेक्ट कर के ब्लैक होल को ढूंढते हैं।
आखिर क्या खास है इन ब्लैक होल्स के अंदर! :-
ब्लैक होल के अंदर मौजूद चमकीले केंद्र को “Galactic Nuclei” (AGN) कहते हैं। मित्रों! आप लोगों को मेँ बता दूँ कि, इन्हीं केंद्र को ले कर वैज्ञानिक कई तरह के शोध करते हैं। क्योंकि इसीसे ही ब्लैक होल के गहन राज खुलते हैं। खैर आज के ब्रह्मांड (Most Distant Black Hole In Universe) में सबसे एक्टिव एजीएन “क्वासर्स” होते हैं। आप लोगों को बता दूँ कि, ये क्वासर्स वजन में हमारे सूर्य से कई अरबों गुना ज्यादा बड़े होते हैं और इनके अंदर काफी ज्यादा शक्ति मौजूद रहता हैं। लगातार इनके अंदर से एनर्जि एमिट होता रहता हैं।
वैज्ञानिक कहते हैं कि, इनके अंदर से निकलने वाली एनर्जि प्रकाश के रूप में ब्रह्मांड में फैल जाती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इनसे निकलने वाली प्रकाश के किरणें ब्रह्मांड के सबसे चमकीले सितारों से भी कई खरबों गुना ज्यादा चमकीले होते हैं। खैर वैक्युम में प्रकाश एक निर्धारित स्पीड में ट्रैवल करता हैं। इसलिए वैज्ञानिक ब्रह्मांड के जीतने सुदूर इलाकों में देखने लगते हैं, उनको उतने ही सुदूर प्रकाश के स्रोत नजर आते हैं। इसलिए कहा जाता हैं कि, ये ब्रह्मांड अनंत हैं। हालांकि! हमें इसके बारे में और काफी सारे बातें जानना बाकी हैं।
एक बात ये भी हैं कि, हम ब्रह्मांड में जीतने पुराने प्रकाश के स्रोत को देखते हैं; हम उतने ही हमारे ब्रह्मांड के अतीत को देख रहें होते हैं। वैसे सुदूर ब्लैक होल्स के बारे में पता लगाने के लिए वैज्ञानिक जेम्स वेब के दो अलग-अलग इन्फ्रारेड कैमरों को इस्तेमाल में लेने लग रहें हैं। ये दो कैमरे “Mid-Infrared Instrument (MIRI) और Near Infrared Camera” हैं। साथ ही साथ यहाँ स्पेक्ट्रो-ग्राफ का भी इस्तेमाल किया गया हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
ब्रह्मांड (Most Distant Black Hole In Universe) में किसी सुदूर व पुराने ब्लैक होल को ढूँढना कोई आसान बात नहीं हैं। वैज्ञानिकों ने जब सुदूर प्रकाश के स्रोत से धीमे-धीमे आने वाली प्रकाश के किरणों को डिकोड किया, तब उन्हें ये ब्लैक होल देखने को मिला। वैसे वैज्ञानिकों को इतने बड़े आकार के प्राचीन ब्लैक होल को देख कर कई तरह के बातें संभव होने का अंदेशा दे रहें हैं। कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि, इन प्राचीन ब्लैक होल के इतने बड़े आकार के होने का राज; इनके आसपास ही मौजूद हैं। कहने का मतलब ये हैं कि, ये अपने आस-पास के चीजों से ही बने हुए हैं।
फिर कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि, कॉस्मिक डस्ट व बादलों से ही इतने बड़े व पुराने ब्लैक होल बन सकते हैं। मित्रों! कुछ शोध-कर्ता ये भी कहते हैं कि, कई सारे अलग-अलग ब्लैक होल के मिलन से भी ये बड़े सुपर मैसिव ब्लैक होल बन सकते हैं। हालांकि! कुछ थियरिस ये भी कहते हैं कि, कुछ ब्लैक होल ब्रह्मांड के बनने से भी पहले के हो सकते हैं। वैसे अभी के लिए ये बस एक थियरि हैं। परंतु इस बात को बिलकुल भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता हैं।
वैसे ब्लैक होल का बनना कोई आसान व साधारण चीज़ नहीं हैं। इसके लिए कई तरह के चीजों का होना जरूरी हैं। काफी साफ कॉस्मिक बादल जो की हैवि मेटल से लेस हो; ये ब्लैक होल के बनने के लिए सबसे जरूरी हैं।
Source :- www.livescience.com