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अन्तरिक्ष में वैज्ञानिकों को मिला “विशाल ब्रिज”! – Giant Bridge In Space

आखिर क्यों हैं ये "कॉस्मिक ब्रिज" इतना खास?

हमारा अंतरिक्ष वाकई में बहुत विशाल है। इसका आकार इतना बड़ा है कि हम चाहे जितनी भी मेहनत क्यों न कर लें, इसे पूरी तरह से समझ पाना हमारे लिए लगभग असंभव है। वैसे एक बात और भी है — हमारे अंतरिक्ष (Giant Bridge in Space) में कुछ ऐसी चीज़ें भी हैं, जिनके बारे में हम अक्सर चर्चा नहीं करते। इसका कारण यह है कि आज भी हमारे पास इन विषयों पर पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन आज मैं आप सभी के लिए एक बेहद रोचक और अद्भुत चीज़ लेकर आया हूँ, जिसके बारे में शायद आपने पहले कभी नहीं सुना होगा।

मित्रों! आज हम बात करने वाले हैं अंतरिक्ष में मौजूद एक अद्भुत संरचना — “Giant Bridge In Space” यानी एक ब्रह्मांडीय पुल के बारे में। और मैं आपको पहले ही बता दूँ कि यह पुल बिल्कुल भी साधारण नहीं है। क्योंकि हम इसके बारे में कुछ बेहद असाधारण तथ्यों पर चर्चा करने वाले हैं। साथ ही, हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या यह ब्रिज वास्तव में उतना ही दुर्लभ है, जितना हम सोच रहे हैं। साथ ही, हम इसके पीछे छिपी कुछ बेहद मौलिक और वैज्ञानिक बातों को भी समझने की कोशिश करेंगे।

तो मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि इस लेख को शुरू से अंत तक ज़रूर पढ़ें, ताकि यह विषय आपको पूरी तरह से स्पष्ट हो सके। अब चलिए, लेख में आगे बढ़ते हुए इसके असली विषय पर आते हैं, और जानते हैं कि आखिर यह “Giant Bridge in Space” वास्तव में है क्या?

अन्तरिक्ष में मिला “कॉस्मिक ब्रिज” – Giant Bridge In Space! :-

हाल ही में वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक अत्यंत दुर्लभ घटना का पता लगाया है, जिसे “Giant Bridge in Space” कहा जा रहा है। बताया जा रहा है कि हमारे पास स्थित “Perseus Cluster” में एक विशाल ब्रह्मांडीय टक्कर हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि यह क्लस्टर कई आकाशगंगाओं का संगम स्थल है, और इसके भीतर इस प्रकार की घटना होना अत्यंत असाधारण माना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह क्षेत्र अंतरिक्ष की कई रहस्यमयी और विचित्र घटनाओं के लिए जाना जाता है।

यूक्लिड स्पेस टेलीस्कोप द्वारा लिया गया परसस क्लस्टर का दृश्य:इस चित्र में परसस क्लस्टर से संबंधित लगभग 1000 आकाशगंगाएँ दिखाई दे रही हैं, और पृष्ठभूमि में उससे भी अधिक दूरी पर स्थित 1,00,000 से अधिक अतिरिक्त आकाशगंगाएँ नजर आ रही हैं।
यूक्लिड स्पेस टेलीस्कोप द्वारा लिया गया परसस क्लस्टर का दृश्य: इस चित्र में परसस क्लस्टर से संबंधित लगभग 1000 आकाशगंगाएँ दिखाई दे रही हैं, और पृष्ठभूमि में उससे भी अधिक दूरी पर स्थित 1,00,000 से अधिक अतिरिक्त आकाशगंगाएँ नजर आ रही हैं।

दरअसल, इस स्थान पर न केवल अनेक आकाशगंगाएँ मौजूद हैं, बल्कि यह एक अन्य क्लस्टर से टकरा कर आकार में और भी विशाल हो रहा है। हालांकि, अब तक हमारे पास इस घटना से संबंधित अधिक जानकारी नहीं थी। विशेष बात यह है कि इस टक्कर के बावजूद किसी भी आकाशगंगा में ओवरलैप यानी प्रत्यक्ष टकराव नहीं देखा गया है। यही कारण है कि यह घटना और भी अधिक रहस्यमयी और असाधारण मानी जा रही है।

वैज्ञानिकों ने “Weak Gravitational Lensing” नामक प्रक्रिया के माध्यम से इस ब्रह्मांडीय टक्कर से जुड़ी कई रहस्यमय जानकारियाँ प्राप्त की हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि यह क्लस्टर ब्रह्मांड की सबसे विशाल संरचनाओं में से एक है, जिसका आकार लगभग 1.6 करोड़ प्रकाश वर्ष है—जो कि हमारी मिल्की वे आकाशगंगा से लगभग 100 गुना बड़ा है।

आखिर क्यों हैं ये इतना खास! :-

पृथ्वी से लगभग 25 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित यह आकाशगंगाओं का समूह, ब्रह्मांडीय पैमानों पर देखा जाए तो, हमसे बहुत अधिक दूर नहीं माना जाता। हालांकि, ब्रह्मांड के निरंतर विस्तार के कारण यह क्लस्टर हमसे लगभग 5,366 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से दूर होता जा रहा है। पहले, परसस क्लस्टर को एक “Relaxed Galaxy Cluster” यानी शांत और स्थिर आकाशगंगा समूह के रूप में देखा जाता था। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि ‘Relaxed Galaxy Cluster’ वे होते हैं जहाँ किसी प्रकार की हलचल या गतिशीलता बहुत कम या नगण्य होती है।

लेकिन अंतरिक्ष में इस प्रकार के शांत क्लस्टरों को खोजना बेहद कठिन होता है, क्योंकि ब्रह्मांड स्वयं अत्यंत सक्रिय है और वहाँ लंबे समय तक स्थिरता रहना असामान्य माना जाता है। सदियों से इस क्लस्टर की आकाशगंगाओं के बीच गर्म कॉस्मिक गैसों का निरंतर आदान-प्रदान होता रहा है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने इसके केंद्र से एक अत्यंत स्थिर रेडियो सिग्नल का भी पता लगाया है, जो एक अत्यधिक संतुलित ब्रह्मांडीय प्रणाली की ओर संकेत करता है।

सुबारू टेलीस्कोप द्वारा लिया गया परसस गैलेक्सी क्लस्टर का चित्र: इस चित्र में दाईं ओर हाल ही में खोजा गया नया सबक्लस्टर देखा जा सकता है। नीले रंग में जो भाग दिखाया गया है, वह डार्क मैटर के अनुमानित वितरण को दर्शाता है। (Image credit: HyeongHan et al.)

हालाँकि, वैज्ञानिकों के मन में इस क्लस्टर को लेकर एक विशेष संदेह बना हुआ है, क्योंकि यह क्लस्टर पूर्व–पश्चिम दिशा में थोड़ा झुका हुआ प्रतीत होता है — जो संभवतः किसी छिपे हुए रहस्य की ओर संकेत करता है। वर्ष 2012 में, वैज्ञानिकों ने इसके भीतर कुछ विशाल “कोल्ड फ्रंट्स” (Cold Fronts) की खोज की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इनका आकार कई प्रकाश वर्ष तक फैला हुआ हो सकता है, जो इसे और भी रहस्यमय बना देता है।

मिले हैं कुछ बेहद ही खास सबूत! :-

आज के समय में वैज्ञानिकों ने इस ब्रह्मांडीय टक्कर के बारे में कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय जानकारियाँ प्राप्त की हैं। दरअसल, अंतरिक्ष (Giant Bridge in Space) में मौजूद हर रहस्यमयी संरचना या घटना को समझने के लिए हमें ठोस वैज्ञानिक प्रमाणों की आवश्यकता होती है। और अब, परसस क्लस्टर से जुड़ी घटनाओं के बारे में भी हमें कुछ अत्यंत अहम सुराग मिल चुके हैं।

मित्रों, आपको जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिकों ने जो साक्ष्य खोजा है, उसे उन्होंने “Smoking Gun” यानी निर्णायक प्रमाण की संज्ञा दी है। अधिक जानकारी के लिए बता दें कि यह प्रमाण ‘Weak Gravitational Lensing’ नामक प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त हुआ है, जिसके द्वारा वैज्ञानिकों ने यह समझने में सफलता पाई कि परसस क्लस्टर के साथ किस प्रकार की आकाशगंगाओं की टक्कर हुई है।

NGC 1264 Photo.
NGC 1264 फोटो। | Credit: Jthomas

वैसे इन विषयों पर कई प्रसिद्ध वैज्ञानिक वर्षों पहले ही अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। मित्रों! यहाँ एक विशेष बात यह है कि अंतरिक्ष में कोई भी वस्तु जिस प्रकार से प्रकाश को मोड़ती है (बेंड करती है), उसी आधार पर हम उस वस्तु के मौलिक गुण—जैसे उसका द्रव्यमान और संरचना—का अनुमान लगा सकते हैं। यदि ब्रह्मांड में कोई वस्तु प्रकाश को कम तीव्रता के साथ मोड़ रही हो, तो उसके पीछे बनने वाली छवि धुंधली होगी और हमें उसे स्पष्ट रूप से देख पाना मुश्किल होगा।

हालाँकि, कंप्यूटर सिमुलेशन की सहायता से वैज्ञानिक अब आकाशगंगाओं के आकार और उनके भौतिक गुणों के बारे में काफी सटीक जानकारी प्राप्त कर पा रहे हैं। वर्तमान में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी संरचना की पहचान की है जो विज़िबल और डार्क मैटर से मिलकर बनी है। बताया जा रहा है कि यह संरचना “NGC 1264” नामक एक गैलेक्सी और परसस क्लस्टर के बीच स्थित है और यह एक प्रकार से कॉस्मिक ब्रिज (Giant Bridge in Space) के रूप में कार्य कर रही है।

कॉस्मिक ब्रिज! :- 

अंतरिक्ष (Giant Bridge In Space) में मौजूद यह कॉस्मिक ब्रिज हमारी आकाशगंगा से लगभग 100 गुना अधिक वजनी है, और इसकी लंबाई लगभग 14 लाख प्रकाश वर्ष बताई जा रही है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह ब्रिज दो अलग-अलग कॉस्मिक क्लस्टर्स के बीच हुए परस्पर प्रभाव (इंटरऐक्शन) को दर्शाता है, जो कि किसी सामान्य संरेखण (alignment) से बिल्कुल अलग और विशिष्ट है। मित्रों! आपको इस विषय पर क्या लगता है? अपनी राय नीचे कॉमेंट में ज़रूर साझा करें।

वैसे एक बात और भी ध्यान देने योग्य है कि पहले परसस क्लस्टर के बारे में जो जानकारियाँ हमारे पास थीं, वे अब एक-एक करके गलत साबित हो रही हैं। यही कारण है कि इस क्षेत्र पर और अधिक शोध किया जाना आवश्यक हो गया है, ताकि हम इसके बारे में सटीक और ठोस जानकारी प्राप्त कर सकें। कुछ वैज्ञानिकों का तो यह भी मानना है कि यह क्लस्टर उनके अनुमान से कहीं अधिक सक्रिय (active) है।

मित्रों! आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि परसस क्लस्टर वैज्ञानिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से हम ब्रह्मांड में मौजूद विभिन्न क्लस्टर्स के आपसी मेल और टकराव को समझते हैं। साथ ही, यह हमारे सौर मंडल के अपेक्षाकृत निकट होने के कारण, इस पर पहले से ही कई प्रयोग किए जा चुके हैं।

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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