Universe

सुदूर अंतरिक्ष से आए इस रहस्यमयी रेडियो सिग्नल का राज! – Fast Radio Burst In Hindi

क्या इन रेडियो तरंगों को छोड़ कर परग्रही हमारे साथ संपर्क साधने की कोशिश में हैं? जानिए इसके बारे में एक रिपोर्ट।

हम और आप अंतरिक्ष के बारे में कितना जानते है! शायद कुछ भी नहीं। कहने का तात्पर्य ये है कि, आज भी हम अंतरिक्ष के बारे में जितना भी जानते है वो अंतरिक्ष से जुड़ी कुल बातों का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा भर है। जी हाँ! मित्रों मैंने इससे पहले अंतरिक्ष से जुड़ी कई सारे विषयों पर चर्चा किया है, परंतु बता दूँ की अंतरिक्ष को पूरे तरीके से समझना शायद ही हमारे लिए मुमकिन है। जब भी हम अंतरिक्ष से जुड़ी किसी विषय पर चर्चा कर रहें होते है तब एक नई बात उसी समय अंतरिक्ष में घट चुकी या घट रही होती है। उदाहरण के लिए आप सुदूर अंतरिक्ष से आए इन रेडियो सिग्नल (Fast Radio Burst Hindi) को ही देख लीजिए।

फास्ट रेडियो बर्स्ट्स के बारे में पूरी बात - Fast Radio Burst Hindi
रेडियो बर्स्ट्स के बारे में मूलभूत बातें | Credit: Universe Today.

ये रेडियो सिग्नल (Fast Radio Burst Hindi) पृथ्वी से कई अरब प्रकाश वर्ष दूरी से आए है और वैज्ञानिकों को इस सिग्नल के स्रोत के बारे में कुछ पता ही नहीं है। हम बस इसके बारे में अनुमान ही कर सकते है। मित्रों! अब आप इससे अंदाजा लगा सकते है की हमें अंतरिक्ष के बारे में कितना पता है। वैसे जो भी हो परंतु खुशी की बात ये हैं की, हम लगातार अंतरिक्ष को समझने का प्रयास कर रहें है। हम किसी एक जगह पर पहुँच कर रुकना या इसके बारे में जानना बंद नहीं कर रहें है।

आखिर किसे कहते है “फास्ट रेडियो बर्स्ट्स” – Fast Radio Bursts Hindi

वैसे और एक बात आप लोगों को बता दूँ की, आज हम इसी वजह से इन रेडियो सिग्नल से जुड़ी एक स्वतंत्र लेख लेकर आए है। जिसमें आप इन रहस्यमयी सिग्नल के बारे में बहुत कुछ जान पाएंगे। तो, देरी किस बात की लेख को अपने दोस्तों को साथ शेयर कीजिए और आगे पढ़ते रहिए। आगे आपको अवश्य ही कुछ न कुछ बेहतर पढ़ने को मिलेगा।

Fast Radio Bursts या संक्षिप्त में (FRBs) कहे जाने वाले इन रेडियो सिग्नल के बारे में हमें सबसे मूलभूत बातों को जानना बहुत ही जरूरी है। ताकि हम आगे इससे जुड़ी कई जटिल बातों को भी आसानी से जान सके। खैर चलिये यहाँ पर इसके संज्ञा तथा ये कहाँ से आता है इसके बारे में भी जान लेते है।

 Fast Radio Burst Hindi
फास्ट रेडियो बर्स्ट्स की संगय | Credit: America Space.

तो, फास्ट रेडियो बर्स्ट्स जो होता है दोस्तों वो एक बहुत तीव्र रेडियो तरंग होता है जो की अंतरिक्ष के अनजान सुदूर इलाकों से पृथ्वी तक पहुंचता है”। मित्रों! ध्यान रखेंगे की ये सिग्नल सिर्फ कुछ मिली सेकंड के लिए ही स्थायी होता है, क्योंकि इसकी तीव्रता इतनी ज्यादा होती है की ये बहुत लंबे समय के लिए स्थायी हो कर नहीं सकता है। कुछ वैज्ञानिकों का ये भी कहना है की, ये तरंग हमारे आकाशगंगा से भी बाहर के होते है तथा कई तरंग इतने पुराने होते है की इनके आयु के बारे में पता लगा पाना ही बहुत ही कठिन है।

सबसे पहले आखिर किसने खोजा था इन असाधारण तरंगों को? :-

2007 में सबसे पहले इन रेडियो सिग्नल को खोजा गया था। उस समय इन सिग्नलों को अमेरिकी खगोल विज्ञानी “Duncan Lorirmer” ने खोज कर निकाला था। इसलिए सबसे पहले इन रेडियो सिग्नल को “Lorirmer Bursts” के नाम से भी जाना जाता था। वैसे गौरतलब बात ये है की, हर साल ऐसे कई तरह के रेडियो तरंग आज हम मिल रहें है जो की एक बहुत ही दिलचस्प परंतु ध्यान देने वाली बात है।

 Fast Radio Burst Hindi
डंकन लोरीर्मर की फोटो जिसने इन असाधारण तरंगों को खोजा था | Credit: WV Today.

आपको क्या लगता है, इन रेडियो तरंगों के बारे में; क्या सुदूर अंतरिक्ष से परग्रही  हमें इन रेडियो सिग्नल के जरिये कुछ बताना चाहते हैं! या ये सिर्फ एक खगोलीय घटना है? आप लोगों को क्या लगता है! कमेंट करके जरूर ही बताइएगा। खैर चलिये अब लेख में आगे बढ़ते हुए इससे जुड़ी कुछ बहुत ही रोचक बातों को जानते है।

इन अनजान रेडियो सिग्नल के बारे में आखिर वैज्ञानिक क्या कहते है? :-

मित्रों! चलिये अब इन रेडियो सिग्नल (Fast Radio Burst Hindi) के बारे में वैज्ञानिक क्या कहते है उसके बारे में जान लेते हैं। इससे हमें इन तरंगों के बारे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी मिल जाएगा, जिससे हम इन तरंगों के बनने के कारणों को भी जान पाएंगे। खैर चलिए अब आगे बढ़ते है।

इन रेडियो तरंगों के बारे में एक विशेष बात ये है की, ये सिर्फ कुछ मिली सेकंड के लिए ही रहते है परंतु समय के उसी बहुत ही छोटे से हिस्से में ही ऊर्जा को इतनी भारी मात्रा में संचारित करता है की इससे पूरा का पूरा आकाशगंगा ही जगमगा उठता है। इसलिए देखने में ये तरंग बहुत ही ज्यादा चमकीला होता है। ये तरंग हमारे सूर्य से कई अरबों खरबों गुना चमकीला होता है। तो, आप अब अंदाजा लगा लीजिए की इन तरंगों में कितनी भारी मात्रा में ऊर्जा निहित होगा।

इन तरंगों का कारण वैज्ञानिक ये सोचते है! :-

वैसे रोचक बात ये है की, वैज्ञानिक इन तरंगों के मूल स्रोत को ब्लैक होल और न्यूट्रान स्टार से जोड़ कर देख रहें है। उनका कहना है की, इतनी भारी मात्रा में ऊर्जा को पूरे आकाशगंगा में संचारित करना सिर्फ और सिर्फ इस तरह के शक्तिशाली खगोलीय चीज़ ही कर सकती हैं। ब्लैक होल और न्यूट्रान स्टार के अतिरिक्त वैज्ञानिक अब मेग्नेटार और पलसर्स को भी इन तरंगों की मूल स्रोत मान रहें है।

मित्रों! साल 2016 तक वैज्ञानिक सिर्फ ये माना करते थे की, ये रेडियो तरंग (Fast Radio Burst Hindi)  सिर्फ एक ही होता है और ये अपने आपको पुनरावृत्त नहीं करता है। परंतु साल 2016 में ही पता चला है की, ये रेडियो सिग्नल कई तरह के है और कई-कई तो अपने आप को पुनरावृत्त भी करते है। बता दूँ की, इसी साल ही वैज्ञानिकों को एक ही साथ ऐसे कई सारे रेडियो तरंगों को खोज करने का मौका मिला था।

The photo of magnetar.
एक मग्नेटार से बना हुआ होगा ये तरंग | Credit: Quanta Magazine.

वैसे और एक दिलचस्प बात ये है की, इसी साल एक FRB (Fast Radio Bursts) को खोजा गया है जो की शायद एक FRB का ही पुनरावृति है। वैसे इस रेडियो तरंग के बारे में और एक खास ये है की, लगभग 12 दिन के अंतराल में ये अपने-आप को कई बार दोहरा रहा है। वैसे इसके पीछे का कारण अभी तक वैज्ञानिकों को पता नहीं लग पाया है। हमें आशा है की इसके बारे में भी वैज्ञानिक बहुत ही जल्द पता लगा लेंगे।

इन रेडियो तरंगों के बारे में कुछ बहुत ही अद्भुत बातें :-

अप्रैल 28 साल 2020 को खोजे इस रेडियो तरंग (Fast Radio Burst Hindi) के बारे में चलिये कुछ अद्भुत बातों को भी जान लेते है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये जो रेडियो सिग्नल है ये पृथ्वी से करीब-करीब 30,000 साल दूर मौजूद इलाके से आया है। कहने का तात्पर्य ये है की, इस तरंग का आयु 30,000 साल पुराना है।

तीस हजार साल पहले हमारे आकाशगंगा के दूसरे तरफ मौजूद एक मृत नक्षत्र के फटने से काफी मात्रा में ऊर्जा और रेडियो तरंगों का विकिरण हुआ। वैसे इन तरंगों में X-ray भी शामिल थे। इसलिए इनको हमें खोजने में कई हजार साल लग गए, क्योंकि ये हमारे पास लगभग तीस हजार साल बाद ही पहुंचा है।

Photo of Vulpecula Constellation -  Fast Radio Burst Hindi
भल्पेकुला तारापुंज की तस्वीर | Credit: Star Registration.

वैसे ध्यान रखेंगे की, ये जो रेडियो तरंग हमें मिला है ये एक न्यूट्रान स्टार से आने की संभावना बहुत ही ज्यादा है। क्योंकि इसके बारे में वैज्ञानिकों को लगता है की, जिस दिशा से तरंगों का संकेत मिला है ठीक उसी दिशा में हजारों साल पहले न्यूट्रान स्टार की फटने का सबूत मिला है। अधिक जानकारी के लिए और भी बता दूँ की, ये न्यूट्रान स्टार “Vulpecula” नक्षत्रपुंज का है। कई वैज्ञानिकों का ये भी कहना है की ये एक मेग्नेटार भी हो सकता है। मित्रों! संक्षिप्त में कहूँ तो, मेग्नेटार एक ऐसी खगोलीय चीज़ है जिसके पास बहुत ही शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र होता है और इसी के करण वो भारी मात्रा में ऊर्जा और रेडियो तरंगों को बाहर विकीरित भी कर सकता है।

निष्कर्ष – Conclusion :-

वैसे एक अच्छी बात ये हैं की, ये रेडियो तरंग आज तक का एक ऐसा रेडियो तरंग है जिसके स्रोत के बारे में वैज्ञानिकों को पता है। हालांकि! इसके बारे में भी अभी पुष्टीकरण आना अभी भी बाकी है। परंतु इसकी पूरी-पूरी संभावना है की इसके बारे में वैज्ञानिकों जल्द ही पुष्टीकरण मिल जाएगा।

फास्ट रेडियो बर्स्ट्स के बारे में पूरी बात - Fast Radio Bursts Latest News.
SGR 1935+2154 की तस्वीर| Credit: Wikipedia.

इस साल मिले इस रेडियो तरंग (fast radio bursts hindi) के बारे में और एक खास बात ये भी है की, ये पहली ऐसी तरंग है जो की एक मग्नेटार से बन कर आया हो। आमतौर पर फास्ट रेडियो बर्स्ट्स न्यूट्रान स्टार से बनाने वाले तरंग होते हैं, इसलिए इस तरंग में कुछ तो अनोखी बात है। SGR 1935+2154 नाम से परिचित ये मेग्नेटार साल 2014 में खोजा गया था और सिर्फ 6 साल के बाद इससे रेडियो तरंगों का निकालना एक बहुत ही बड़ी बात है। वैसे अपने अंतिम अवस्था में स्थित ये सितारा बहुत ही भारी मात्रा में X-ray तरंगों को भी विकीरित करता है।

एक ही साथ इतनी शक्तिशाली रेडियो तरंग और X-ray को विकीरित कर पाना, ये एक अभूतपूर्व घटना हुआ है जो की शायद ही कभी घटा होगा। अंतरिक्ष में आज जब आप इस लेख को पढ़ रहें होंगे तब भी इस तारा के घटना कहीं न कहीं घट रही होगी जिसके बारे में कल्पना करना भी लगभग असंभव सा है।

वाकई में हम लोगों को अंतरिक्ष के बारे में और कई सारे बातों को जानना बाकी है और मेँ आगे भी आप लोगों के लिए अंतरिक्ष से जुड़ी ऐसे ही कई सारे गहन व दिलचस्प को लाता रहूँगा। वैसे लेख अच्छा लगा तो कमेंट अवश्य ही करिएगा।


Sources :- www.theatlantic.com, www.livescience.com, www.sciencealert.com.

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button