परिवेश (Environment) , जी हाँ ! परिवेश प्रकृति की और से इंसानों के लिए दी गयी सबसे बड़ी और सबसे कीमती उपहार है | परिवेश के ही चलते हम आज पृथ्वी पर रहने के योग्य हो पाएँ हैं | वैसे तो ब्रह्मांड में ऐसे कई सारे रहने योग्य ग्रह इंसानों ने अभी तक ढूंढ लिया हैं ; परंतु विडंबना की बात यह की वहाँ पर पृथ्वी के जैसा कोई वातावरण या यूं कहें की उसी तरह के अनुकूल परिवेश ही नहीं हैं | दोस्तों ! परिवेश जबतक हमारे लिए अपना सब कुछ दान करता रहता हैं तबतक हम उसकी परवाह नहीं करते हैं | परंतु , जब वह मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) जैसे रूप के जरिए अपना कहर बरपाता है तब हमारी होश कहीं ठिकाने पर आती हैं |
दोस्तों ! मेँ यहाँ पर बदलते हुए परिवेश के बारे में बात कर रहा हूँ | आज कल से कई ज्यादा अच्छा और साफ-सुतरा परिवेश हमें 20 से 30 साल पहले देखने को मिलता था | आप भारत के बड़े-बड़े नगरों को ही देख लीजिए वह कैसे वायु और जल प्रदूषण जैसे मुसीबतों से आज जूझ रहें हैं | खैर प्रदूषण का यह तांडव लीला अब नगरों तक ही सीमित नहीं हैं | अब यह मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) का रूप ले कर भारत के छोटे-छोटे गावों और कस्बों तक भी पहुँच चुका हैं |
आज हम लोग इस लेख के अंदर मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) का संज्ञा , इसका कारण और इसे कैसे रोका जा सकता हैं इसके बारे में गहन रूप से चर्चा करेंगे | मित्रों ! आगे बढ्ने से पहले आपको यहाँ बता दूँ की कृपा कर के इस लेख को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें ताकि लोगों को मरुस्थलीकरण का भयानक रूप और भी साफ-साफ तरीके से दिख सके |
मरुस्थलीकरण किसे कहते हैं ? – Definition Of Desertification In Hindi :-
दोस्तों ! ज़्यादातर लोगों को मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) के विषय में ज्यादा कुछ पता नहीं हैं | इसके बारे में ज्यादा कुछ कोई चर्चा भी नहीं करता हैं | मुझे तो यह समझ नहीं आता है की इस विषय पर आखिर क्यूँ नहीं चर्चा की जाती हैं ! खैर चलिए हम इसके बारे में कुछ बात कर लेते हैं |
मरुस्थलीकरण परिवेश का एक प्रक्रिया है , जहां किसी भी बाहरी कारण के वजह से एक हरा-भरा और उर्वर जमीन समानयुसार एक बंजर और रेगिस्तान जैसे अन-उपजायु जमीन में परिवर्तित हो जाता है |
यहाँ ! पर लोगों को थोड़ा सा यह भ्रम होता है की , मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) रेगिस्तानों के आकार में बढ़ोतरी को कहते हैं | परंतु यह सही नहीं हैं | यहाँ पर मरुस्थलीकरण का अर्थ है थल भागों का रेगिस्तान के भांति बंजर और बीहड़ में परिवर्तित होना | मित्रों ! यहाँ पर मैंने थल भागों का जिक्र किया हैं जो की पहले रहने व कृषि करने के लायक थे | परंतु पर्यावरण से जुड़ी कुछ समस्याओं के कारण बाद में यह अनुर्वर जमीन के टुकड़ों में बदल गए |
तो , शायद आपको अभी मरुस्थलीकरण क्या है! इसके बारे में थोड़ा-बहुत पता चल ही गया होगा | दोस्तों ! आगे में इसके कारणों के बारे में बात करूंगा जो की इस मुसीबत का प्रमुख जड़ हैं | तो , मेरे साथ इस लेख में बने रहिए और मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) के बारे में और बहुत कुछ जानते रहिए |
मरुस्थलीकरण के कारण – Causes Of Desertification :-
दोस्तों ! मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) के कई सारे कारण हैं | मैंने इन कारणों के बारे में आगे इस लेख में विस्तृत से बताया हैं , तो इसे धैर्य के साथ अवश्य पढ़ें |
1. हद से ज्यादा चराई – Over Grazing :-
भारत में कृषि और पशुपालन लोगों की आय का एक प्रमुख साधन हैं | पश्चिमी देशों की तरह भारत का पशुपालन करने का तरीका उतना उन्नत नहीं हैं | इसके अलावा लोगों के अंदर इस से जुड़ी जागरूकता का अभाव मरुस्थलीकरण को काफी ज्यादा बढ़ावा दे रहा हैं | देश के कई हिस्सों में आज भी पशुओं के लिए निर्धारित चरा-गाह मौजूद नहीं हैं |
इसी लिए कई सारे पशु पालक पशुओं को कही भी घास चरने के लिए छोड़ देते हैं | एक ही समय पर एक ही जगह पशुओं का घास चरना मरुस्थलीकरण का मुख्य कारण हैं | काफी ज्यादा एक ही जगह पर चरना पेड़-पौधों के विकास के लिए उपयुक्त नहीं हैं | वह इसी वजह से ठीक से बढ़ भी नहीं पाते हैं | ठीक से न बढ़ पाने के कारण जीव मण्डल से पेड़-पौधों की जैव-विविधता भी बहुत ज्यादा प्रभावित हो जाता हैं | जैव-विविधता नष्ट होने के कारण पृथ्वी पर इसका बुरा प्रभाव भी पड़ता हैं |
2. जंगलों का क्षय – Deforestation :-
पर्यावरण को सुरक्षित और सही-सलामत रखने में पेड़ों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हैं | आप अकसर पाएंगे की पेड़ों की कटाई से कितना ज्यादा प्रदूषण फैल रहा हैं | लगभग हर प्रदूषण के पीछे का कारण जंगलों के आकार में क्षय होना हैं | पेड़ों की कटाई से काफी ज्यादा खतरा हमी को ही हैं |
हम अपने स्वार्थ के लिए आज जंगलों को काट रहें हैं | जंगलों के लुप्त होने से बाइओम पर इसका काफी ज्यादा प्रभाव पड रहा हैं | इस से जंगली जानवर तो लुप्त होने के साथ-साथ मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) का खतरा भी बहुत बढ़ रहा हैं | आप लोगों ने गौर किया होगा की जहां कुछ साल पहले जंगल मौजूद था , आज वह जगह शायद किसी वस्ती या किसी बीहड़ जगह में जरूर ही परिवर्तित हो गया होगा |
आपको क्या लगता हैं ? क्या आप इन मूल्यवान जंगलों को काट कर अपने स्वार्थ के लिए कभी कुछ बनाते ? दोस्तों ! आप का जवाब इस प्रश्न के लिए क्या होता ! जरूर ही बताइएगा हमें खुशी होगी | मेँ तो शायद अपने स्वार्थ के लिए कभी भी इन जंगलों को नहीं काटता , हालांकि मुझसे जितना हो सकता मेँ इन जंगलों को बचाने के लिए अवश्य ही कुछ करता |
3. असंतुलित कृषि – Uncontrolled Farming :-
जैसा की मैंने पहले ही कहा था , भारत की लगभग 52% जनता कृषि या इससे जुड़ी उद्योगों से ही अपना आय करता हैं | दोस्तों ! इसी कारण से भारत को एक कृषि-प्रधान देश भी कहा जाता हैं | तो , यहाँ भारी मात्रा में कई सारे प्रकारों के कृषि को प्रभुत्व मिलता हैं |
हमारे देश में ऐसे कई सारे किसान है जिनको सही तरीके से कृषि करना नहीं आता हैं | मेँ यहाँ पर आज के समय के हिसाब से कृषि करने की तकनीक के बारे में बात कर रहा हूँ | आज का पर्यावरण 20 साल पुरानी पर्यावरण से काफी ज्यादा भिन्न हैं |
कई सार किसान एक जगह पर कृषि करने के बाद उस जमीन को कृषि के लिए अनुपयुक्त समझ कर उसे छोड़ देते है और एक नई जगह पर फिर से कृषि करने लगते हैं | इस से काफी कम समय में भारी मात्रा में अनुर्वर जमीन बन जाते हैं | बाद में यह अनुर्वर जमीन मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) के चपेट में आसानी से आ जाते हैं |
4. नगरों का निर्माण – Urbanization :-
सिक्के की दो पहलुओं की ही तरह आज विज्ञान हमारा भला करने के साथ ही साथ काफी ज्यादा बुरा भी कर रहा हैं | दोस्तों ! मेँ यहाँ पर विज्ञान को दोष नहीं दे नहीं रहा हूँ | किसी भी समृद्ध देश के लिए विकास अनिवार्य हैं | भारत भी कुछ दशकों से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा हैं | परंतु यहाँ पर एक सवाल उठता हैं की , हमें इस विकास के लिए कुछ बहुत की कीमती चीज़ तो नहीं खोना पढ़ रहा हैं !
दोस्तों ! जब से भारत में सहरिकरण प्रक्रिया का होना शुरू हुआ हैं , तब से ले कर आज तक हमें पर्यावरण से जुड़ी बहुत सारे मुसीबतों का सामना करना पढ़ रहा हैं | सहरीकरण के कारण जंगलों का आकार काफी ज्यादा घट गया हैं | जंगलों की घटने से वायु प्रदूषण इस के चरम सीमा पर पहुँच गया हैं | आप लोग आए दिन दिल्ली का हाल तो देख ही रहे होंगे | सहरीकरण के कारण बहुत ज्यादा उर्वर जमीन नष्ट हो रहा हैं |
लोगों के लिए उन्नत और आरामदायक घर बनाने के लिए कई हेक्टर कृषि जमीन खत्म हो रहें हैं | इस से मरुस्थलीकरण का खतरा हमारे सर के ऊपर मंडरा रहा हैं | इसके अलावा सहरिकरण के कारण कई सारे जहरीली रासायनिक पदार्थ जमीन के अंदर मिल रहें हैं | जिससे काफी जमीन बीहड़ों में परिवर्तित हो रहें हैं |
5. पर्यावरण में बदलाव – Climate Change :-
ग्लोबल वार्मिंग या कहें तो पर्यावरण यह एक ऐसा विषय है; जिसको की आज सबसे ज्यादा पर्यावरण से जुड़ी लोकप्रिय विषय बना दिया गया हैं | दोस्तों ! ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी का वातावरण काफी ज्यादा गरम हो रहा हैं | इस से वायुमंडल समयानुसार शुष्क होता ही जा रहा हैं | शुष्क वायुमंडल के चलते जमीन भी सुखी हो रही हैं |
दोस्तों ! सुखी जमीन बाद में आसानी से रेगिस्तान या किसी बीहड़ में परिवर्तित हो सकता हैं | खैर ग्लोबल वार्मिंग से याद आया की मैंने इस से पहले इस के ऊपर एक अच्छी व रोचक लेख आप सभी लोगों के लिए लिखा हैं | अगर आप चाहें तो उस लेख को भी अवश्य ही देख सकते हैं |
6. प्राकृतिक आपदा – Natural Disaster :-
ऊपर मैंने इंसानों के कारण होने वाले मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) का जिक्र किया हैं | परंतु कई बार खुद मरुस्थलीकरण का कारण होती हैं | दोस्तों ! प्राकृतिक आपदा के कारण भी मरुस्थलीकरण होता हैं |
अकसर बारिश के अभाव से जमीन काफी समय तक सूखे रहते हैं | सूखे जमीन के कारण कोई भी कृषि करना संभव नहीं हो पाता हैं | बाद में इसी से सूखा पड़ता हैं | सूखे के कारण भारी मात्रा में जमीन रेगिस्तान में परिवर्तित हो जाते हैं | आप जो आज रेगिस्तान देख रहें हैं वह भी लगभग इसी कारण से ही आज रेगिस्तान के रूप में बदल गए हैं |
मरुस्थलीकरण का प्रभाव – Effects Of Desertification :-
आपने जब मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) का कारण जान लिया हैं , तो चलिए अब इसके प्रभाव के बारे में भी जान लेते हैं | मैंने आगे इसके कारणों को एक-एक कर के बताया हैं , तो इसे ध्यान से पढ़ें | इससे आपको मरुस्थलीकरण के ऊपर गहन ज्ञान प्राप्त करने में बहुत मदद मिलेगा |
1. कृषि करना होगा असंभव :-
दोस्तों ! आपने कभी रेगिस्तान के अंदर भारी मात्रा में कृषि होते हुए देखा हैं ! आपको कभी वहाँ चावल और गेहूं की खेती देखने को मिली हैं | नहीं न ! मैंने भी नहीं देखा हैं | खैर अब सोचिए की अगर मरुस्थलीकरण के कारण जमीन रेगिस्तान में बादल जाएंगे , तो कैसे वहाँ पर खेती होगा !
रेगिस्तान में कृषि करना बहुत ही महंगा और अवास्तविक सा हैं | बिना उन्नत तकनीक के यहाँ खेती नहीं की जा सकती हैं | इसलिए अगर मरुस्थलीकरण के कारण जमीन रेगिस्तान में बदलते रहेंगे तो , एक दिन खेती करने के लिए पृथ्वी पर कोई जगह ही नहीं बचेगी |
इस बात पर सभी लोगों को काफी ज्यादा गहन रूप से चर्चा करनी पड़ेगी | ग्लोबल वार्मिंग की ही तरह मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) एक जटिल और काफी ज्यादा गंभीर समस्या हैं |
2. फैलेगी भयानक भुखमरी :-
भारत में आज 14% लोग कुपोषण से पीड़ित हैं | इसके अलावा इस से भी कई ज्यादा लोग भारत में रोज खाना नहीं खा पाते हैं | जहां भारत भुखमरी जैसे असुविधा से झुझ रहा हैं वहाँ अगर कृषि उत्पादन में अगर और ज्यादा कमी होगी तो पता नहीं वह मंजर कैसा होगा |
दोस्तों मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) के वजह से भारी मात्रा में कृषि उपयुक्त जमीन का क्षय हो रहा हैं , जिससे कृषि उत्पादन में काफी ज्यादा कमी आ रही हैं | इस से आने वाले समय में पूरे विश्व मेँ भूख मरी फैलने की पूरी-पूरी संभावना हैं , जिससे एक भयानक परिस्थिति पैदा हो सकती हैं |
3.बाढ़ भी हो सकती हैं ! :-
ज़्यादातर जगहों पर आज बाढ़ अपना कहर बरपा रहा हैं | पेड़ों की कटाई से मिट्टी ज्यादा देर तक वहाँ स्थिर हो कर नहीं रह पाता | पेड़ों की जड़ें मिट्टी को एक ही जगह पर स्थिर रखता हैं , परंतु जब पेड़ ही नहीं रहेंगे तो इसको स्थिर और कौन रखेगा | इसी वजह से काफी ज्यादा बाढ़ का खतरा भी बना रहता हैं |
मरुस्थलीकरण का निराकरण – Solutions For Desertification :-
- मित्रों ! सरकार को जनता के बीच जागरूकता फैलाना चाहिए |
- जमीन का सही तरीके से इस्तेमाल होना चाहिए | कृषि ज़मीनों को सही तरीके से बचा कर उपयुक्त ढंग से उस पर कृषि करना चाहिए |
- आधुनिक तकनीक के जरिए कई जगहों पर मरुस्थलीकरण को आसानी से रोका जा सकता हैं |
- जंगलों को फिर से एक बार बढ़ाया जा सकता हैं |
- सही तरीके से चारा-गाहो का निर्माण होना चाहिए | इस से पर्यावरण के ऊपर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा |
- ग्लोबल वार्मिंग को रोकने की दिशा में लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए | क्योंकि हम लोग मिलकर ही इस पर्यावरण को बचा सकते हैं |
- प्रदूषणों को कम करते हुए इसके प्रति सजग रहकर हम मरुस्थलीकरण (desertification in hindi) को रोक सकते हैं |मित्रों ! मेँ यहाँ पर मरुस्थलीकरण को कैसे रोका जा सकता हैं , इसके ऊपर चर्चा करूंगा
Source :- Britannica