मनुष्य के पास आज एक चीज़ को छोड़ आज सबकुछ है और वो चीज़ है मन की शांति। जी हाँ! मित्रों आप लोगों ने सही सुना विज्ञान ने हमें मन की शांति के अलावा सब कुछ दिया है। हम जितना भी बाहरी तौर पर दिखावा क्यों न करें, परंतु हकीकत तो ये है की हमारे जीवन में खुशी सिर्फ भौतिक चीजों तक ही सिमट कर रह गई है। हम सब कहीं न कहीं अपने जीवन के इस सफर में इतने मगन हो गए हैं की, खुद के लिए हम लोगों ने सोचना ही बंद कर दिया हैं। इसी वजह से लोग मानसिक अवसाद (depression in hindi) के चपेट आते जा रहें है।
आप ने मानसिक अवसाद (depression in hindi ) से जुड़ी कई दुखद घटनाओं को निकट भूत काल में घटते हुए देखा होगा और इससे आप अवश्य ही आहत हुए होंगे। मुझे भी इन घटनाओं ने गंभीर रूप से ये सोचने में मजबूर कर दिया है की, आखिर क्यों इंसान मानसिक अवसाद जैसे अनजान व घातक शत्रु के सामने खुद व खुद आत्मसमर्पण कर दे रहा हैं! आखिर क्यों इंसान इस जानलेवा परिस्थिति से चाह कर भी खुद को निकाल नहीं पा रहा है? आखिर क्यों ये अवसाद हमें झेलनी पड़ रही हैं?
इस तरह के सवालों से आज मेरा मन आंदोलित हो रहा है और इसलिए मेँ चाहता हूँ की, कुछ बातें आप लोगों से इसी संदर्भ में कर लूँ। ताकि आप लोगों को भी इसके बारे में कुछ बेहतर जानकारी मिल पाये। वैसे आगे बढ़ने से पहले एक गुजारिश आप लोगों से ये है की इस पोस्ट को जितना हो सके शेयर कीजिएगा ताकि कोई इसे पढ़ कर शायद कुछ गलत कदम न उठाए।
विषय - सूची
मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) किसे कहते हैं? – Depression In Hindi ? :-
मित्रों! चलिये सबसे पहले डिप्रेशन किसे कहते हैं उसको पहले समझ लेते है। ताकि आगे आपको इसके बारे में जटिल तथ्यों को समझने में कोई भी दिक्कत न आए।
वैज्ञानिक कहते हैं की, “डिप्रेशन एक तरह से एक आम व गंभीर मानसिक बीमारी हैं जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति के सोचने-समझने, काम करने और महसूस करने की गतिविधि में बहुत ही ज्यादा बुरा और घातक प्रभाव पड़ता है”। ये बीमारी हमारे दिमाग को कब्जा करके हमको सकारात्मकता से दूर कर देता है। इसलिए डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति हमेशा नकारात्मक बातें और काम करता रहता है। वैसे हैरानी की बात ये है की, लंबे समय तक व्यक्ति को खुद भी ये नहीं पता होता है की वो डिप्रेशन का शिकार बन चुका है। मित्रों! ये ही वो बात है जो की डिप्रेशन को इतना खतरनाक बनाता है। धीरे-धीरे ये हमारे दिमाग को अंदर से ही खोकला कर देता है और इंसान से हमें एक जीता जागता पुतला बना देता है।
दोस्तों! डिप्रेशन के कारण हमारा मन किसी एक चीज़ पर केन्द्रित हो कर रह नहीं पाता है और हमें कुछ भी करने के लिए अच्छा भी नहीं लगता है। इससे व्यक्ति के भावनात्मक रिश्तों पर भी काफी कु-प्रभाव पड़ता है। डिप्रेशन के लक्षण आपको व्यक्ति के आचरण से पता लग जाता है। खैर चलिये एक नजर डिप्रेशन के इन लक्षणों पर भी डाल लेते है।
डिप्रेशन के साधारण से लगने वाले व ध्यान देने वाले लक्षण – Symptoms Of Depression In Hindi :-
जैसा की मैंने ऊपर ही कहा है, हम यहाँ पर डिप्रेशन (depression in hindi ) के आम से लगने वाले लक्षणों पर चर्चा करेंगे, क्योंकि इन लक्षणों को जानने के बाद ही आप लोगों को डिप्रेशन से लढने के लिए काफी ज्यादा मदद मिलने वाला है। वैसे मैंने आगे डिप्रेशन के लक्षणों को एक-एक करके लिखा है और आप लोगों से आग्रह हैं की इन लक्षणों को संजीदगी से पढ़ेंगे।
पुरुषों के क्षेत्र में डिप्रेशन के लक्षण :-
- अस्वाभाविक रूप से मनोदशा (Mood) का बदलना। कभी अचानक से गुस्सा हो जाना, उत्साहित हो जाना और बेचैन हो जाना।
- अपने भावनाओं पर नियंत्रण खो देना और उदास, दुखी और लाचार महसूस करना।
- किसी भी काम करने के लिए मन न लगना, अपने प्रिय काम को भी न करना, सरलता से थक जाना, ख़ुदकुशी करने की चिंता करना, ड्रग्स का सेवन करना, अत्यधिक मात्रा में एल्कोहौल पीना, बहुत ही ज्यादा दुःसाहस के काम करना।
- सेक्सुअल इंटरेस्ट अचानक से कम हो जाना और इससे दूरी बनाए रखना।
- बातचीत के दौरान अपने ही ख़यालों में खोए रहना, किसी भी काम में ध्यान केंद्रित न कर पाना, किसी भी काम को करने में असमर्थ रहना।
- रात भर नींद न आना और Insomnia से पीड़ित हो जाना, दिन भर नींद आना और दिन में अत्यधिक सोना। सोने में बहुत ही ज्यादा मुश्किल आना।
- पाचन तंत्र में बीमारी, सर में दर्द आदि इसके साधारण लक्षण है।
चलिये एक बार हम महिलाओं के क्षेत्र में डिप्रेशन (depression in hindi ) के लक्षण के बारे में चर्चा कर लेते हैं।
महिलाओं के क्षेत्र में डिप्रेशन के लक्षण :-
- बहुत ही ज्यादा मूड स्विंग होना और चिड़चिड़ापन महसूस करना।
- अचानक से उदास हो जाना और अंदर से खालीपन और अकेला महसूस करना।
- खुद को समाज से दूर कर देना और किसी भी काम और उत्साह न दिखाना।
- हमेशा मरने व ख़ुदकुशी करने का चिंता करना।
- धीरे-धीरे बात करना और सोचने-समझने की कोशिश भी न करना।
- रात में न सोना या बहुत ही कम सोना, दिन में नींद लगना।
- सर में दर्द होना, तनाव महसूस करना, भूख न लगना, ज्यादा देर काम न कर पाना, पेट में दर्द होना आदि।
महिलाओं के क्षेत्र में इससे भी कई अधिक डिप्रेशन के लक्षण दिखाये दे सकते हैं, इसलिए उनके आचरण पर गहन नजर रखना चाहिए। खैर चलिये एक दृष्टि डिप्रेशन से पीड़ित बच्चों में दिखाई देने वाले लक्षणों पर भी डाल लेते है।
डिप्रेशन से पीड़ित बच्चों में दिखाई देने वाले लक्षण :-
- अचानक से रोना, गुस्सा हो जाना और चीडचिड़ा हो जाना।
- गलत कामों में शामिल होना, भावनात्मक तल से पूरे तरीके से टूट जाना।
- स्कूल जाने के लिए मना करना, दोस्तों से झगड़ा करना और खुद को दूसरों से अलग-थलग कर देना।
- अचानक से पढ़ाई न करना तथा मार्क्स में गिरावट।
- बहुत ही ज्यादा सोना या बहुत ही कम रात को सोना।
- वजन में कमी या बढ़ना, भूक न लगना, काम करने में मन लगना आदि।
मित्रों! मेँ आप लोगों से अनुरोध करना चाहूँगा की, अगर बच्चा मानसिक अवसाद (depression in hindi ) से जूझ रहा है तो कृपा करके उसे डांटे या मारिए मत। उसे समझाइए और एक दोस्त की तरह उसे प्यार से पूछिये की, क्या हुआ है? ज़्यादातर क्षेत्र में बच्चे बहुत ही आसानी से डिप्रेशन में आ जाते है। इसलिए हर वक़्त अपने बच्चों के प्रति आप लोगों की नजर रहना चाहिए, क्योंकि उन्हें आप लोगों की जरूरत हर वक़्त रहता है।
डिप्रेशन के कारण क्या-क्या है? – Causes Of Depression? :-
लेख के इस भाग में हम डिप्रेशन (depression in hindi meaning) के कारणों के बारे में जानेंगे और इसके जड़ को भी समझने का प्रयास भी करेंगे। दोस्तों! बता दूँ की, ये बात आप लोगों को हमेशा याद रहना चाहिए की जीवन के किसी भी अवस्था में किसी भी व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है। इसलिए ये लेख हर किसी के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाता है। खैर चलिये अब आगे बढ़ते है और इसको और बेहतर तरीके से जानते हैं।
1. डिप्रेशन आनुवंशिक हो सकता है! :-
कुछ वैज्ञानिक ये मानते हैं की, डिप्रेशन से पीड़ित ज़्यादातर व्यक्तियों में ये पाया गया है की उस व्यक्ति से पहले उनके परिवार में आयु से बड़े किसी सदस्य में भी ये डिप्रेशन की समस्या पाई गई है। इसलिए परिवार के गुण सूत्र (Gene) में ही डिप्रेशन की समस्या एक तरह से बस गया है। इसलिए अवसाद को आनुवंशिक भी कह सकते है और जिन परिवारों में ये समस्या दिखाई पड़ता है उस परिवार के हर एक सदस्य को डिप्रेशन होने की बहुत ही ज्यादा संभावना रहता है।
2. बचपन में घटा कोई दर्दनाक हादसा :-
अकसर डिप्रेशन का मूल कारण लोगों के बचपन में छुपी हुई होती है। हमारा अबचेतन मन हर वक़्त हमारे द्वारा अनुभव किए गए घटनाओं को अपने अंदर संगृहीत करते हुए बचपन से ही आ रहा है। इसलिए अकसर बचपन में घटे किसी दुर्घटना के चलते हमारा मन काफी गंभीर रूप से प्रभावित होता है। जिससे बाद में चल कर हमें डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है। इसे “Early Child Trauma” भी कहते हैं।
3. दिमाग की संरचना के ऊपर भी निर्भर करता है आपको अवसाद होगा या नहीं :-
अब इसके बारे में क्या कहूँ दोस्तों, वैज्ञानिकों का मानना हैं की कुछ लोगों का दिमाग कुछ इस तरीके से बना हुआ होता है की उन्हें अवसाद झेलना पड़ता ही हैं। अगर दिमाग का “फ़्रोंटल लोव” (Frontal Lobe) सही तरीके से काम नहीं करेगा तो, व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभावना ज्यादा होती है। वैसे मित्रों! ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके बारे में अभी भी वैज्ञानिक शोध कर रहें है और इसके पीछे छुपे मूल कारण को समझने की कोशिश भी कर रहें है।
4. बीमारियों के चपेट में आ कर भी अवसाद हो सकता है :-
अवसाद (depression in hindi ) का ये जो कारण है दोस्तों ये वाकई में बहुत ही चिंता जनक हैं। क्योंकि जब हम बीमार होते हैं तो, हम नकारात्मक ऊर्जा से घिरे हुए होते हैं। इसी समय कोई भी व्यक्ति आसानी से डिप्रेशन का शिकार बन सकता है। बहुत लंबे समय से चली आ रही पुरानी बीमारी (Chronic Disease) और Attention-deficit hyperactive disorder (ADHD) जैसे बीमारियों के कारण डिप्रेशन आसानी से व्यक्ति को अंदर से ही तोड़ सकता है।
5. ड्रग्स का सेवन करना :-
आज कल के समय में जहां ड्रग्स का सेवन युवा पीढ़ी में एक कूल काम माना जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसके घातक परिणाम भी कुछ कम नहीं है। ड्रग्स के कारण युवा पीढ़ी गलत काम कर रहें है और नशे में कई सारे अपराध भी। वैसे इतना ही नहीं जो ड्रग्स का सेवन नियमित रूप से कर रहें हैं, उनके अंदर डिप्रेशन की बीमारी एक जानलेवा दुश्मन बन कर रह रहा है। इसलिए ध्यान रहें की, आप एल्कोहौल और ड्रग्स जैसे गंदी आदतों से दूर रहें। इससे आप अपनी सेहत को तंदुरुस्त रखने के साथ ही साथ अपने परिवार के सदस्यों को भी तनाव में जीने से बचा सकते है।
एक सर्वे से पता चला है की, ड्रग्स की सेवन करने वाले 21% लोगों के अंदर डिप्रेशन की समस्या काफी गंभीर रूप से मौजूद है। इससे मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब तो होती ही हैं, परंतु इसके साथ ही साथ आप अपनी अहमियत को भी नहीं समझ पाते है। वैसे डिप्रेशन के अन्य बहुत सारे कारण हो सकते है, जैसे किसी अपने का गुजर जाना या अपने किसी चाहने वाले से विच्छेद हो जाना।
डिप्रेशन को आप कैसे पहचान सकते हैं? – Tests For Depression :-
यूं तो, आज तक डिप्रेशन (depression in hindi ) के लिए स्वतंत्र रूप से कोई परीक्षा प्रणाली नहीं बनी हैं। परंतु आपके डॉक्टर आपसे कुछ सवालों के आधार पर बता सकते हैं की, आप डिप्रेशन से पीड़ित हैं या नहीं। खैर मेरा यहाँ कर्तव्य बनता है की, आप लोगों को इस से भी अवगत करा दूँ। तो चलिये अब कुछ क्षण डिप्रेशन के परीक्षाओं (tests for depression) के बारे में भी जान लेते हैं।
आपके डॉक्टर आमतौर पर डिप्रेशन की परीक्षा के लिए; आपके खान-पान, मनोदशा, भूख लगना या न लगना, सोने का चक्र, काम करने की गतिविधि और आपके चिंता धाराओं के बारे में कुछ प्रश्न करेंगे। इन प्रश्नों के जवाबों से ही आपके डॉक्टर सुनिश्चित हो जाएंगे की आपको डिप्रेशन की समस्या हैं या नहीं। वैसे और एक बात का ध्यान रखेंगे की, अगर आपके मन में हर वक़्त खराब चिंता या सपने आ रहें हैं तो ये मूलतः अत्यधिक मानसिक तनाव के कारण भी हो सकते हैं।
डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति के अंदर अकसर ये पाया जाता हैं की, वो छोटी-छोटी बातों पर घबरा जाता है और अपने ऊपर काबू नहीं रख पाता है। इसी के कारण ही उस व्यक्ति के अंदर डिप्रेशन की समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है। इसलिए आप लोगों से अनुरोध है की, अगर आप भी किसी प्रतिकूल परिस्थिति में पड़ जाए तो शांत दिमाग से और सुझ-बुझ से काम कीजिएगा। मेँ मानता हूँ की, ये कर पाना बहुत ही कठिन है परंतु अगर आप ठान लें तो आप भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
हमेशा अपने ऊपर विश्वास रखें क्योंकि, “कोई नहीं हैं टक्कर में क्यों पड़े हो चक्कर में”।
डिप्रेशन से आप कैसे बच सकते हैं? – Treatment For Depression? :-
डिप्रेशन से बचने के लिए आप लोग काफी कुछ कर सकते हैं तथा अगर आप भगवान जी कभी न करें डिप्रेशन में फंस भी जाते हैं तो इन प्रणालियों के द्वारा इससे बाहर भी निकल सकते हैं। मैंने आगे इसे बचने के तरीकों के साथ-साथ इसके निदान प्रणाली के बारे में भी चर्चा किया हैं। तो लेख के इस भाग को जरा गौर से पढ़िएगा।
1. नियमित रूप से कसरत करें तथा अच्छा खाना खाएं! :-
नियमित रूप से हर एक दिन 30-40 मिनट तक कसरत करने से आपके दिमाग में “Endorphins” नाम का एक रासायनिक पदार्थ निकलता हैं। जिससे आपका दिमाग एक नए ऊर्जा से भर जाता है और आप डिप्रेशन से कोषों दूर चले जाते हैं। कोशिश कीजिए की आप नियमित पोषक तत्व युक्त खाना खाएं जिससे आप हर वक़्त स्वस्थ रहें।
2. औषधि के जरिये डिप्रेशन का होता है इलाज :-
जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन के चपेट में आ जाता हैं तो उसे डॉक्टर Antidepressant, Anti anxiety तथा Anti psychotic दबाई देते हैं। इससे उस वक्ती को कुछ समय के लिए डिप्रेशन से राहत मिल जाता है।
3. अपने को किसी भी हाल में हमेशा खुश रखें :-
डिप्रेशन (depression in hindi) से बचने के लिए अपने-आप को कभी दुखी न होने दें। समय-समय पर दोस्तों के साथ पार्टी करना या कहीं घूमने जाना, कई रचनात्मक काम करना, सृजनात्मक कामों में निवृत्त रखना, फिल्म देखना या गैम खेलना आदि जैसे काम आपको खुश कर सकते हैं।
नकारात्मक लोगों से दूर रहें और अच्छे से अपनी नींद पूरी करें। हमेशा खुद को समर्थ समझे और उदास न होए, आपके साथ कोई न कोई अवश्य ही होगा।
4. सप्लिमेंट्स के जरिये डिप्रेशन को रोका जा सकता है! :-
S-adenosyl-L-methionine (SAMe), 5-hydroxytryptophan (5-HTP), Omega-3 Fatty Acids आदि प्राकृतिक सप्लिमेंट्स का सेवन करके अपने अवसाद को भी आप दूर कर सकते हैं। इसके साथ ही साथ आप विटामिन D और विटामिन B12 का भी सेवन कर सकते हैं, जिससे आपका दिमाग भी स्वस्थ रहेगा।
5. लाइट थेरेपी से मिलता है अद्भुत फायदा :-
एक शोध से पता चला हैं की, एक निर्धारित समय के लिए अगर शरीर के ऊपर प्रकाश (White Light) के किरणों को डाला जाए तो आपके दिमाग में मौजूद जीतने भी नकारात्मक विचार हैं सब के सब अपने-आप ही चले जाते हैं। लाइट थेरेपी के जरिये आप डिप्रेशन को बहुत ही सटी कता के साथ दूर कर सकते हैं।
इसे आज कल Seasonal Affective Disorder को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
6. किसी प्रशिक्षित मनोविज्ञानी की मदद लें :-
अगर आप डिप्रेशन से कुछ ज्यादा ही परेशान है तो, आप के लिए सबसे बढ़िया विकल्प रहेगा की व्यक्तिगत तौर पर आप किसी प्रशिक्षित मनोविज्ञानी की सलाह लें। थेरेपिस्ट से आप का मन हल्का हो जाएगा और आप पुनः अपने स्वाभाविक जीवन को जी सकते हैं। वैसे ध्यान रखेंगे की, डिप्रेशन में आप खुद अपने-आप की मदद कर सकते है। क्योंकि आप जब तक अंदर से मजबूत नहीं होंगे तब तक आपकी मदद कैसे कोई बाहर से कर सकता है।
हमेशा याद रखें की, “आपके जैसा खूबसूरत इंसान इस दुनिया में कोई नहीं हैं”।
Sources:- www.healthline.com, www.psychiatry.org