फिल्म हो या असल जिंदगी अकसर हम अच्छाई या यूं कहें कि, सच्चाई को जीतते हुए देखना चाहते हैं। किसी फिल्म में अगर कोई विलन हीरो को मार रहा होता है तो हमारी आँखों से स्वतः आंसू निकल आते हैं। गुंडे या दानवों को कोई भी जीतते हुए नहीं देखना चाहता है, क्योंकि वो सब तो तबाही के ही अलग-अलग रूप हैं। परंतु बात जब अंतरिक्ष विज्ञान कि आती है, तब हर किसी के मन में बस एक ही सवाल गूँजता रहता है कि, क्या कभी अंतरिक्ष के दानव (ब्लैक होल) भी खत्म (can a black hole be destroyed) होते हैं या हो सकते हैं?
मित्रों! ऊपर पूछा गया प्रश्न वाकई में काफी लाजवाब है और हम इसी प्रश्न के जवाब के बारे में ही चर्चा करने जा रहे हैं। परंतु, आगे बढ्ने से पहले मैं आप लोगों को कुछ बातें बता दूँ। नीचे हम जिन भी बातों की चर्चा करेंगे ये विज्ञान और वैज्ञानिकों के द्वारा खोजे गए सिद्धांतों के ऊपर आधारित होगी। क्योंकि इस विषय पर अभी तक ज्यादा कुछ हमें नहीं पता है, परंतु जितना भी पता हैं मैं आप लोगों को बताऊंगा। तो, आशा है कि आप हमारे साथ लेख के अंत तक बने रहेंगे और इस प्रश्न के जवाब को जानने का प्रयास जरूर करेंगे।
तो, चलिये अब लेख को आगे बढ़ाते हुए विषय को गहराई से विश्लेषित करते हैं।
क्या कभी ब्लैक होल खत्म होते हैं? – Can A Black Hole Be Destroyed? :-
अंतरिक्ष में अगर हमें किसी चीज़ से सबसे ज्यादा खतरा रहता है, तो वो ब्लैक होल (can a black hole be destroyed) से ही है। नक्षत्र से लेकर आकाशगंगाओं तक, हर किसी चीज़ को ये आसानी से निगल सकता है। वैसे सबसे बड़ी दुख बात तो ये है कि, ब्लैक होल के अंदर जाने वाली चीज़ कभी दुबारा लौट के नहीं आती है। यानी ब्लैक होल उस चीज़ के अस्तित्व को ही खत्म कर देता है। ब्लैक होल का अति गुरुत्वाकर्षण बल इसे काफी ज्यादा विनाशकारी बना देता है।
वैसे लोगों के मन में ये उत्सुकता बनी रहती है कि, जो चीज़ इतनी विनाशकारी हो सकती है, क्या कभी वो खुद विनाश के कगार पर नहीं आती होगी! यानी ब्लैक होल क्या कभी खत्म ही नहीं होते हैं? ब्रह्मांड में एक गज़ब का नियम है जो कई चीजों के विनाश का कारण बनती है। जब दो चीज़ें आपस में टकराती हैं, तो टक्कर के कारण दोनों ही चीजों का नाश हो जाता है। परंतु, ब्लैक होल के क्षेत्र में ऐसा नहीं होता है। अगर दो ब्लैक होल आपस में टकराते हैं, तो टक्कर के कारण वो दोनों ही ब्लैक होल आपस में मिल कर एक और बड़े ब्लैक होल का निर्माण करते हैं।
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि, पहले हमारा ये पूरा ब्रह्मांड ब्लैक होल के अंदर मौजूद था। परंतु, समय के चलते धीरे-धीरे ब्लैक होल नाश/ पिघलने लगे और हमारे इस नए ब्रह्मांड का निर्माण हुआ। हालांकि! ये सिद्धांत कल्पना मात्र है, परंतु इसे पूरे तरीके से नजरंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि, ये भी एक संभावना बन सकती है तो, आखिर ब्लैक होल कैसे नष्ट होते हैं? सवाल अभी भी बरक़रार है।
इस तरीके से हो सकता है ब्लैक होल का नाश! :-
मित्रों! पृथ्वी में ऐसे कई सारे वैज्ञानिक हुए है जिन्होंने ब्लैक होल के बारे में काफी कुछ हमें बताया है। परंतु उन सब में “Stephen Hawking” एक ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने ब्लैक होल को देखने का नजरिया ही बदल कर रख दिया था। उन्होंने साल 1974 में एक ऐसे सिद्धांत को दुनिया के सामने रखा जो कि ब्लैक होल की विलुप्ति का कारण भी बन सकता है। स्टीफन के अनुसार ब्लैक होल (can a black hole be destroyed) के नाश से जुड़े इस सिद्धांत को “Hawking Radiation” कहते हैं।
वैसे बता दूँ कि, ये रेडिएशन अंतरिक्ष के वैक्युम में होने वाले बदलाव के कारण होता है। ये बदलाव मूलतः क्वांटम के स्तर पर होता है, इसलिए ये काफी जटिल बदलाव भी हो सकता है। वैसे क्वांटम विज्ञान के अनुसार एक निर्धारित जगह पर एक सटीक ऊर्जा में बदलाव क्वांटम स्थितियों में बदलाव को दर्शाता है। वैसे इस बदलाव के दौरान नियमित रूप से वर्चुअल पार्टिकल्स का बनना और नष्ट होना लगा रहता है। इन पार्टिकल्स को पार्टिकल और एंटी-पार्टिकल्स कहा जाता है।
साधारण अवस्थाओं में जब भी पार्टिकल्स और एंटी-पार्टिकल्स आपस में टकराते है, तब टोटल एनर्जी सुरक्षित रहती हैं। परंतु जब ये टक्कर ब्लैक होल के इवेंट होराइजन के पास घटती है, तब पार्टिकल या एंटी-पार्टिकल में से एक कण ब्लैक होल के अंदर से बाहर चला जाता है। यही वजह हैं कि, इन टक्करों के कारण धीरे-धीरे ब्लैक होल का वजन कम होने लगता है। आप यहाँ ये भी कह सकते हैं कि, ब्लैक होले धीरे-धीरे सिकुड़ कर खत्म होने लगता है।
वैज्ञानिक इस बारे में क्या कहते हैं? :-
दोस्तों! पार्टिकल और एंटी-पार्टिकल के अंदर होने वाली टक्कर में एक पार्टिकल तो ब्लैक होल (can a black hole be destroyed) के बाहर निकल जाता है, परंतु दूसरा पार्टिकल ब्लैक होल के अंदर फसा रह जाता है। परंतु, अगर ये प्रक्रिया काफी समय तक चलती रही, तब ब्लैक होल के लिए काफी बड़ी मुसीबत सामने आ सकती है। इस प्रक्रिया के कारण ब्लैक होल के अंदर से लगातार पार्टिकल्स निकलते जा रहें हैं, जिससे ब्लैक होल अपने अंत कि और बढ़ रहा होता है। इसलिए ब्लैक होल के लिए अपने अंदर नए मैटर को लेना एक तरह से अनिवार्य बन जाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार ब्लैक होल जितना बड़ा होता है, उसके अंदर से पार्टिकल्स काफी कम मात्रा में निर्गत होते रहते हैं। क्योंकि, ब्रह्मांड में अगर कुछ भी किसी चीज़ से निर्गत होता है; तो वो ताप (heat) के आकार में बदल कर अंतरिक्ष में मिल जाता है। तो, साधारण रूप से सुपर मैसिव ब्लैक होल के पास तापमान काफी कम होता है।
जिसका मतलब यही है कि, इस ब्लैक होल के अंदर से पार्टिकल्स कम निकल रहे हैं। कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि, ब्रह्मांड के सबसे बड़े ब्लैक होल काफी कम तापमान में (absolute zero) पार्टिकल्स को निर्गत करते हैं। यही कारण हैं कि, इन ब्लैक होल्स को नष्ट होने के लिए काफी वक़्त लग जाता हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
बहरहाल वैज्ञानिकों को ये भी पता लगा है कि, ब्लैक होल आकार में जितना छोटा होगा, वो उतना ही जल्दी खत्म हो जाएगा। इसलिए साधारण रूप से छोटे आकार के ब्लैक होल सुपर मैसिव ब्लैक होल के मुक़ाबले काफी अधिक गरम होते हैं। वैसे छोटे आकार के ब्लैक होल का तापमान 200 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। जो कि बड़े आकार के ब्लैक होल के हिसाब से कई गुना अधिक है।
अगर हम “हॉकिंग रेडिएशन” को ध्यान में रख कर ब्लैक होल (can a black hole be destroyed) के नष्ट होने कि अवधि को कल्पना करें। तो हम इस नतीजे में पहुंचेंगे कि, ब्रह्मांड में मौजूद ज़्यादातर ब्लैक होल को खुद व खुद नष्ट होने के लिए कई अरबों साल लग जाएंगे। हालांकि! कुछ छोटे ब्लैक होल कम समय में भी खत्म हो सकते हैं। परंतु, एक बात तो तय हैं कि, वैज्ञानिकों के अनुसार ब्लैक होल नष्ट हो सकते हैं।
वैज्ञानिक और भी कहते हैं कि, हमारे सूर्य के आकार के ब्लैक होल को नष्ट होने के लिए 10,0000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000 साल लग सकते हैं। तो, आप खुद अंदाजा लगाएँ कि, सूर्य से अरबों गुना बड़े ब्लैक होल को नष्ट होने के लिए कितने वर्षों का समय लग सकता है। इसके अलावा जब एक ब्लैक होल का वजन 230 मैट्रिक टन हो जाता है, तब उसके पास जीवित रहने के लिए मात्र 1 सेकंड का समय रहता है। कुछ वैज्ञानिकों का विश्वास है कि, हॉकिंग रेडिएशन को हम सीधे रूप से डीटैक्ट नहीं कर सकते हैं। इसलिए इनके बारे में हमें गामा रे (अंतरिक्ष में नियमित रुप से विकीरित हो रहे) के बारे में पता चलता है।