हम मानवों के लिए पृथ्वी के अलावा रहने लायक कोई दूसरा ग्रह है ही नहीं और हम जिस प्रभाव से हमारी प्यारी पृथ्वी को नष्ट करते जा रहें हैं, उसे देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि, जल्द ही हम यहाँ रह भी नहीं पाएंगे। शायद ये ही वजह है कि, आज हमें शुक्र (Life On Venus In Hindi) और मंगल जैसे ग्रहों पर रहने के लिए जरूरी साधनों को ढूँढना पड़ रहा है। मित्रों! कोई भी चीज़ बिना कारण के नहीं होती, इसलिए शायद ग्लोबल वार्मिंग हो या पर्यावरण में बढ़ता प्रदूषण, हमें आज पृथ्वी के अलावा भी दूसरे ग्रहों पर रहने के लिए जगह देखनी पड़ रहीं है।
यूं तो पृथ्वी के बाद अगर कोई ग्रह है, जहां हम रहना ज्यादा पसंद करेंगे तो वो मंगल है। इसलिए आप लोगों को भी ज्यादा एक्सपेरिमेंट मंगल पर होते हुए नजर आएंगे। परंतु क्या आपको पता है, मंगल पर अगर जीवन संभव हो ही न पाए तो क्या होगा? इसलिए हमें दूसरे विकल्पों को भी पास रखना होगा, तब जा कर हम कहीं रहने लायक दूसरा ग्रह हकीकत में ढूंढ पाएंगे। वैसे शुक्र (Life is On Venus) पर भी वैज्ञानिक जीवन संबंधी सबूतों को ढूँढने में उत्सुक नजर आते हैं।
कुछ शोध के रिपोर्ट ये भी कहते हैं कि, शुक्र पर जीवन संभव हो सकता है। हालांकि! इसके बारे में पूरी बारीकी से आगे चर्चा जरूर करेंगे। इसलिए लेख को आरंभ से लेकर अंत तक जरूर पढ़ते रहिएगा।
शुक्र पर भी है जीवन संभव! – Life is On Venus! :-
वैज्ञानिकों के अनुसार हाल ही में किए गए कुछ प्रयगों के नतीजों में ये पाया गया है कि, शुक्र (Life On Venus In Hindi) पर जीवन संभव हो सकता है। इसलिए ये टॉपिक अभी पूरी दुनिया में ट्रेंडिंग भी कर रहा है। वैज्ञानिक कहते हैं कि, अगर शुक्र पर अगर जीवन संभव हो पा रहा हैं, तो वो इसके बादलों में छुपा हुआ है। मेरे कहने का ये मतलब है कि, शुक्र पर मौजूद मीथेन के बादलों में जीवन कि सबूत मिल सकते हैं। क्योंकि ओर्गानिक लाइफ फॉर्म में मीथेन एक अहम पदार्थ हैं। इसके अलावा आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, ये एक मौलिक उपादान भी हैं।
जीवन के पनपने के लिए मीथेन की बहुत ज्यादा जरूरत होती है और इसकी भरमार शुक्र पर देखी जा सकती है। मित्रों! यहाँ एक खास बात ये है कि, शुक्र पृथ्वी की जुड़वा बहन है। परंतु इन दोनों ही ग्रह में आकाश-पाताल का फर्क है। शुक्र के सतह का तापमान आपके सोच से भी परे है। कई सौ डिग्री सेल्सियस तक इसके सतह का तापमान पहुँच जाता है और इसके बादल काफी ज्यादा घातक भी होते हैं। सलफ्यूरिक एसिड से बने इसके जहरीले बादल हमारे लिए किसी जानलेवा चीज़ से कम नहीं हैं।
सलफ्यूरिक एसिड से हमारे आँखें, नाक और गला सब एक बार में ही खराब हो सकते हैं। साथ में ये कैंसर को भी पैदा कर सकता है, तो आप अब सोचिए कि, शुक्र पर जीवन किस तरीके से पनप सकता है। हालांकि! अब भी वैज्ञानिकों को लगता है कि, शायद शुक्र पर जीवन मौजूद रह सकता है।
आखिर कैसे संभव है शुक्र पर जीवन! :-
अब कई लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि, जो ग्रह इतना जहरीला हो सकता है, वो आखिर कैसे जीवन को पनपने में मदद कर सकता है? तो, मित्रों मैं आप लोगों को बता दूँ किस शुक्र (Life On Venus In Hindi) की सतह भले ही क्यों न गरम और जीवन के लिए प्रतिकूल हो, परंतु इसके मीथेन के बादलों में जरूर कुछ मैजिकल है। कहने का मतलब ये है कि, इसमें जीवन हो सकता है। इसके अलावा इन बादलों का सामान्य तापमान ग्रह के सतह से काफी ज्यादा कम होता है। इसलिए यहाँ जीवन हो सकता है।
इसके अलावा आप लोगों को बता दूँ कि, कुछ वैज्ञानिकों को हैरतअंगेज नतीजे मिले हैं और इसे सुनकर शायद आप लोगों का होश ही उड़ जाएगा। मित्रों! वैज्ञानिकों को शुक्र के एक्सट्रिम कंडिशन में 19 ऐसे अमीनो एसीड्स मिले हैं, जो की शायद आसानी से सलफ्यूरिक एसिड और काफी ज्यादा गर्मी को झेल सकते हैं। हालांकि! रिपोर्ट्स ये भी बताते हैं कि, ये एमिनो एसीड्स शुक्र पर कुछ घंटों तक ही टिक पाए हैं। परंतु जरा सोचिए कि, इतनी एक्सट्रीम कंडिशन में इतनी देर भी टिकना कोई छोटी बात नहीं हैं।
मित्रों! शोध से ये बात भी पता चला हैं कि, अगर सलफ्यूरिक एसिड में पानी डाला जाए तो, ये एसिड काफी लंबे समय तक उसमें मौजूद रह सकते हैं। तो, एक बात स्पष्ट हैं कि; शुक्र के ऊपर जीवन के लिए जरूरी मोलिक्युल जरूर रह सकते हैं। क्योंकि कई सारे शोध इसी बात को ही दर्शा रहें हैं।
शुक्र पर जीवन कैसी होगी? :-
मित्रों! अब-जब हमें ये पता चल चुका हैं कि, शुक्र (Life On Venus In Hindi) पर जीवन संभव हो सकती हैं। तो, मन में ये बात आती हैं कि; आखिर किस तरह की जीवन वहाँ मौजूद होगी। दोस्तों! हमें इस बात को याद रखना होगा की; शुक्र पर जीवन पृथ्वी के जीवन से काफी ज्यादा अलग होगा। क्योंकि वहाँ और यहाँ के वातावरण में काफी ज्यादा अंतर हैं। शुक्र के बादल काफी जटिल जीवन के फॉर्म को सपोर्ट करने के लिए सक्षम हैं। इसलिए यहाँ जीवन के होने की पूरी-पूरी संभावना हैं।
अधिक जानकारी के लिए आप लोगों को बता दूँ कि, हमारे शरीर के लिए 20 एमिनो एसीड्स कि जरूरत होती हैं। इन 20 एमिनो एसीड्स में से 19 एमिनो एसीड्स ऐसे हैं, जो की शुक्र के एक्सट्रीम कंडिशन में बच कर रह सकते हैं। तो, आप अब खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि; हम वहाँ कितने अच्छे तरीके से जीवन की खोज कर सकते हैं। क्योंकि इस तरह की चीजों का होना, हमारे लिए एक बहुत ही अहम बात हैं। हमारा सारा ध्यान बस इसके ऊपर ही होना चाहिए।
ज़्यादातर लोगों को सलफ्यूरिक एसिड से डर लगता हैं। उन्हें लगता हैं कि, इस एसिड से सिर्फ बरबादी ही हो सकती हैं। परंतु बता दूँ कि, ये बात बिलकुल सच नहीं हैं। हाँ! ये एसिड खतरनाक हैं, परंतु उतना भी नहीं हैं; जितना हम इसे समझ बैठे हैं। सारे एसिड खतरनाक होते हैं और इनके ऊपर काम करते वक़्त सावधानी बहुत ही जरूरी हैं। वैसे इसके सही इस्तेमाल से अच्छे रिज़ल्ट भी मिल सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
ब्रह्मांड में कई तरह के ग्रह मौजूद हैं और उनमें से कुछ ग्रहों पर ही जीवन संभव हैं। शुक्र (Life On Venus In Hindi) जैसे ग्रहों पर जीवन को पनपने के लिए कई सारे चीजों को एक साथ सही होने की जरूरत हैं। तापमान में गिरावट और जहरीले वातावरण में सुधार उनमें से कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जिसके ऊपर ग्रह की पूरी जीवन निर्भर करेगी। आने वाले समय में हम इसके बारे में भी ज्यादा डीटेल में डैटा इक्कठा कर लेंगे, परंतु वहाँ के जलवायु को प्रैक्टीकल तरीके से जांच कर ही हमें जीवन के होने के बारे में कुछ ठोस सबूत मिल सकते हैं।
जीवन की आधार कहे जाने वाले एमिनो एसीड्स के बैक-बोन को तो, वैज्ञानिकों ने शुक्र के जहरीले माहौल में बचा कर रख लिया हैं। परंतु ये देखना दिलचस्प होगा कि, आखिर किस हिसाब से हम वहाँ कॉम्प्लेक्स लाइफ फॉर्म को ढूँढेंगे! क्योंकि सबसे बड़ी चुनौती बाहर किसी ग्रह में इन्हें ढूँढना ही हैं। बिना इसके हमें कोई खासा फायदा नहीं होगा। मित्रों! यहाँ एक जरूरी बात ये भी हैं कि, शुक्र जैसे ग्रहों पर जीवन को ढूँढना मंगल जैसे ग्रहों से काफी कठिन हैं।
सूर्य के करीब होने के कारण इन पर शोध करना वैसे भी और ज्यादा मुश्किल हो जाता हैं। इसलिए अभी के लिए हमें प्रयास करते रहना होगा। आने वाले समय में शुक्र पर भी काफी बारीकी से एक्सपेरीमेंट्स होने वाले हैं।
Source :- www.space.com