इन्सानों के लिए ब्रह्मांड एक बहुत ही उत्साहजनक विषय है। कहने का अर्थ ये है कि, हम सभी को इसके विषय में तरह-तरह के बातों को जानना बहुत ही पसंद है और शायद ये ही कारण है कि, अकसर इंसान इसके ऊपर शोध करता रहता है। मित्रों! विज्ञान के जरिये हम लोगों ने ब्रह्मांड के बारे में काफी कुछ जाना है, परंतु हम जितना इसके बारे में जान रहें हैं; उतना ही हम उलझन में पड़ रहें हैं। हाल में ही ये पता चला हैं कि, ब्रह्मांड के सिर्फ 1% रासायनिक पदार्थों (Only 1% Chemicals Are Known) के बारे में हमें पता है।
जरा सोच कर देखिये कि, साल 2023 में हम हैं और हमें ब्रह्मांड के सिर्फ 1% (Only 1% Chemicals Are Known) रसायनों के बारे में पता है। वाकई में हैरान कर देने वाली बात है, क्योंकि इतनी उन्नत तकनीक के बाद भी हम कुछ खास हासिल कर नहीं पाए हैं। ये बात हमें ये भी बताती है कि, आखिर हम कितने पीछे हैं! खैर आज के इस लेख का मूल विषय ही, रासायनिक पदार्थों के ऊपर है, क्योंकि इस तरह के लेख आप लोगों को शायद ही और कहीं हिन्दी में पढ़ने को मिले।
तो, चलिये अब लेख में आगे बढ़ते हुए, इसके मुख्य विषय के ऊपर आते हैं और इसके बारे में बारीकी से जानते हैं। इसके अलावा आप लोगों से अनुरोध हैं कि, लेख को जितना हो पाए शेयर कीजिएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में पता चल पाए।
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सिर्फ 1% कैमिकल्स के बारे में हमें पता है! – Only 1% Chemicals Are Known! :-
वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्मांड में लगभग कई अरबों रासायनिक पदार्थ (Only 1% Chemicals Are Known) मौजूद हैं। हालांकि! हम लोग आज तक सिर्फ 1% पदार्थों के बारे में ढूंढ पाए हैं। मित्रों! अब कुछ लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि, आखिर अब क्यों इन अनजान रासायनिक पदार्थों (Only 1% Chemicals Are Known) के बारे में बात की जा रही है? तो दोस्तों मैं आप लोगों को बता दूँ कि, इन अनजान पदार्थों को ढूँढने के बाद हम कई बड़े-बड़े असुविधाओं का समाधान ढूंढ सकते हैं।
इन अनजान रासायनिक यौगिकों (Chemical Compound) को ढूँढने के बाद, हम ग्लोबल वार्मिंग और कई लाइलाज बीमारियों की दबाई भी खोज सकते हैं। पेनसिलीन जैसी दबाई ने जैसे पूरी दुनिया में एक क्रांति ही ला दी, ठीक उसी तरह इन अनजान कैमिकल्स के जरिये हम मैडिकल साइंस में कई क्रांतियाँ ला सकते हैं। खैर कैमिकल्स को ढूँढना उतना भी कठिन नहीं है, जितना हम सोच रहें हैं। इन को ढूँढने के लिए, अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत पड़ती है।
मित्रों! हाल में खोजे गए कुछ पदार्थों के लिए, न्यूक्लियर फ्यूशन जैसी मॉडर्न तकनीक की जरूरत पड़ती है। इसलिए आज के समय में नए रासायनिक पदार्थों को ढूँढना काफी ज्यादा मुश्किल होता हुआ नजर आ रहा है। उदाहरण की बात करूँ तो, रासायनिक पदार्थ नंबर 117 “Tennessine” को ढूँढना काफी मुश्किल हुआ था।
रासायनिक पदार्थ और ब्रह्मांड! :-
किसी भी नए रासायनिक पदार्थ को ढूँढने के लिए, सबसे पहले हमें ब्रह्मांड के मौलिक पदार्थों के बारे में जानना पड़ेगा। बिना इन सभी के बारे में जाने, हम किसी भी नए रासायनिक पदार्थ (Only 1% Chemicals Are Known) को ढूंढ नहीं सकते हैं। ब्रह्मांड में कुछ पदार्थ ऐसे भी है, जो की प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं। उदाहरण के लिए आप “पानी” को ही ले लीजिए, ये “हाइड्रोजन” और “ऑक्सिजन” के मिलन से बना हुआ है। परंतु “Nylon” जैसी चीजों के बारे में हमें जानने के लिए, हम लोगों को शोध व प्रयोग करने की जरूरत पड़ती है।
इसलिए अलग-अलग चीजों को ढूँढने के लिए, हमें अलग-अलग तरीकों की जरूरत पड़ती है। एक ही तरीके से हम ब्रह्मांड में मौजूद हर एक कैमिकल एलिमेंट को ढूंढ नहीं सकते हैं। इसलिए अलग-अलग कैमिकल पदार्थों को ढूँढने के लिए हमें कई प्रकार के शोध करने की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि जितने भी रासायनिक पदार्थों होते हैं, वो सब परमाणु से बने होते हैं और ये परमाणु कई मौलिक कणों जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रान से बने होते हैं।
आम तौर पर रासायनिक पदार्थ एक से अधिक परमाणु से बने हुए होते हैं, हालांकि ये बात भी आगे चल कर शायद गलत भी हो सकता है। आज के समय में हमारे पास लगभग 118 अलग-अलग प्रकार के कैमिकल एलिमेंट मौजूद होते हैं। तो, आप सोच सकते हैं कि; इस प्रकृति में कितने अनजान पदार्थ भी मौजूद हो सकते हैं।
कई अनजान कैमिकल पदर्थ मौजूद हो सकते हैं प्रकृति में! :-
ब्रह्मांड में अलग-अलग अनजान कैमिकल पदार्थों (Only 1% Chemicals Are Known) को ढूँढने के लिए सबसे पहले हमें दो परमाणु से बनने वाले पदार्थों के बारे में सोचना होगा। क्योंकि इन्हीं पदार्थों से शुरुआत करना हमारे लिए काफी ज्यादा आसान होगा। उदाहरण के लिए हम “नाइट्रोजन” (N2) और “ऑक्सिजन” (O2) को ही देख सकते हैं। ये हमारे वायुमंडल का 99% हिस्से को बनाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार एक नए कैमिकल कंपाउंड को बनाने के लिए औसतन 1 साल का समय लगता है।
शोधकर्ता कहते हैं कि, नाइट्रोजन और ऑक्सिजन को इस्तेमाल कर के लगभग 6,903 अलग-अलग कैमिकल्स कंपाउंड को बनाया जा सकता है। तो अब आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि, आखिर कितने सालों के बाद हम इन सारे कैमिकल्स कंपाउंड को बना सकते हैं। हालांकि! कई सारे रसायन वैज्ञानिक एक साथ कई अलग-अलग कैमिकल्स के ऊपर काम करेंगे, तब जा कर इतने भारी मात्रा में अलग-अलग कैमिकल कंपाउंड को बनाया जा सकता है।
मित्रों! अब यहाँ तीन-परमाणुओं से बने हुए कैमिकल कंपाउंड की बात करें तो, वैज्ञानिक मानते हैं कि, ब्रह्मांड में लगभग 16 लाख से ज्यादा इस तरह के पदार्थ मौजूद हो सकते हैं। तो इतनी भारी मात्रा में कम्पाउंड्स को ढूँढना वैज्ञानिकों के लिए आखिर कितना कठिन हो सकता है, ये आप इनकी संख्याओं से अनुमान लगा सकते हैं।
क्या हर एक कम्पाउण्ड को ढूँढना संभव है! :-
अब लोगों के मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि, क्या ब्रह्मांड (Only 1% Chemicals Are Known) के हर एक कैमिकल कम्पाउण्ड को ढूँढना संभव है? तो मित्रों, आप लोगों को बता दूँ कि, ब्रह्मांड के हर एक कम्पाउण्ड को ढूँढना लगभग असंभव है। क्योंकि कुछ ऐसे भी कैमिकल कम्पाउण्ड मौजूद हो सकते हैं, जो कि पृथ्वी पर ही न मिलते हो। इस तरह से तो ब्रह्मांड में शायद अनगिनत कैमिकल कंपाउंड्स की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
इसके अलावा काफी बार कैमिकल कम्पाउण्ड बनने के दौरान मूलभूत कैमिस्ट्री के नियम भी टूटते हुये नजर आते हैं। इसलिए आप सटीक रूप से ये अंदाजा नहीं लगा सकते है कि, एक रासायनिक प्रक्रिया के दौरान आखिर कितने कैमिकल कम्पाउण्ड बन सकते हैं। मित्रों! इसके अलावा मैं आप लोगों को बता दूँ कि, किसी भी रासायनिक प्रक्रिया में कई तरह के इंटर-मेडीएट प्रॉडक्ट भी बनते हैं। इसलिए आप लोगों को इनके ऊपर भी ध्यान देना पड़ता है।
इसके अलावा कुछ वैज्ञानिक ऐसे भी होते हैं, जो कि अपनी पूरी जिंदगी किसी काल्पनिक कैमिकल कम्पाउण्ड को बनाने में लगा देते हैं; जो कि वास्तव में बनना लगभग असंभव सा होता है। हालांकि! कुछ कैमिकल कम्पाउण्ड ऐसे भी हैं, जो कि केवल एक्सट्रीम कंडिशन में बनते हैं। तो उनके बारे में भी पता लगाना कठिन है।
निष्कर्ष – Conclusion :-
किसी भी नए कैमिकल कम्पाउण्ड (Only 1% Chemicals Are Known) को ढूँढने का सबसे आसान तरीका है, ऐसे किसी मौलिक कण के ऊपर शोध किया जाए जो पहले से ही काफी ज्यादा पॉपुलर हो। ऐसे में कम समय में कई अनजान कैमिकल कम्पाउण्ड को आसानी से ढूंढा जा सकता है। हालांकि! किसी भी अनजान व नए कैमिकल कम्पाउण्ड को ढूँढना काफी ज्यादा कठिन होता है, क्योंकि हमारे पास उस पर्टिकुलर पदार्थ के बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती है।
इसलिए कहा जाता है कि, प्रकृति को बारीकी से देखने वाले ही रसायन वैज्ञानिक नए-नए कैमिकल कंपाउंड्स को ढूंढ सकते हैं। “Penicillin” कि खोज भी कुछ इस तरीके से हुई था।