अक्सर कहा जाता है कि जीवन में कभी-कभी डरना भी जरूरी है, हालांकि बिना डर के जिंदा रहना बहुत कठिन है, इसलिए हम सभी के जीवन में ऐसे कई चीज़ें होती हैं जिनसे हमें डर लगता है। शायद! ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे बिलकुल भी डर न लगता हो। वैसे तो आपको कई सारे ऐसे लोग बोलते हुए नजर आ जाएंगे जो बार-बार कहेंगे कि उन्हें किसी भी चीज़ से डर नहीं लगता हैं परंतु उनके दिल को ही पता है कि वे किस चीज़ से कितना डरते हैं। खैर उस विषय में हम ज्यादा चर्चा नहीं करेंगे, क्योंकि हमारे पास चर्चा करने के लिए आज ब्लैक होल जैसी (why black holes are scary) डरावनी चीज़ मौजूद है।
बचपन से ही हम सब के मन में ये बैठा दिया गया हे कि, ब्लैक होल (why black holes are scary) डरावने होते हैं। क्योंकि वर्ण में काले होने के कारण वो किसी खूंखार चीज़ से कम नहीं दिखते। परंतु क्या ये बात यथार्थ है! क्या ये पूर्ण तरीके से सत्य है? क्या सिर्फ दिखने भर से ही ब्लैक होल इतने घातक हो जाते हैं; या फिर इसके पीछे भी कोई कारण छुपा हुआ है? ज़्यादातर लोगों को इस बारे में में पता ही नहीं है कि, ब्लैक होल ब्रह्मांड की सबसे खतरनाक चीज़ हैं, जो किसी भी तारे और ग्रह को निगल सकती हैं। पर आखिर उनमें ये शक्ति कैसे आती है और क्यों वे इतने ताकतवर और डरावने बन जाते हैं इसी बात का जवाब आज हआप इस लेख में जानने का प्रयास करोगे।
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आखिर क्यों “Black Hole” को इतना डरवना माना जाता हैं? – Why Black Holes Are Scary? :-
पृथ्वी पर इंसानों को डराने के लिए कई सारे किस्से-कहानियाँ मौजूद होंगी, परंतु अंतरिक्ष में इंसानों को सिर्फ एक ही चीज़ से काफी ज्यादा डर लगा रहता हैं और वो चीज़ है ब्लैक होल (why black holes are scary)। अंतरिक्ष में मौजूद एक ऐसी जगह जहां सिर्फ घना और अनंत अंधेरा ही रहता है। कई हजार प्रकाश वर्षों तक प्रकाश का कोई अस्तित्व ही यहाँ नहीं होता है। एक ऐसी जगह जहां से न ही कोई चीज़ और न ही कोई तरंग (प्रकाश की भी) वापस आ सकती है। इसलिए तो, कई वर्षों से ये विषय लोगों के अंदर उत्सुकता का कारण बना हुआ है।
2020 के नॉवेल विजेता Roger Penrose ने आइंस्टीन के “General Theory Of Relativity” को आधार मानते हुए गणित के जरिये ये स्पष्ट कर दिया की, ब्लैक होल ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा खतरनाक चीज़ होती है। ये आइंस्टीन के सिद्धांतों को व्यतिक्रम करते हुए भौतिक विज्ञान के कई सारे नियमों का भी उल्लंघन करते हैं। जिसके कारण से इनको काफी ज्यादा घातक भी माना गया हैं, क्योंकि आज भी इंसान इनको सही से समझ नहीं पाया है। और समझे भी कैसे, ये तो हर एक नियम को उल्लंघन करने में काफी ज्यादा माहिर भी है। वैज्ञानिक Andrea Ghez और Reinhard Genzel ने दुनिया के सामने साबित कर दिया की, हमारे आकाशगंगा के केंद्र में भी एक महाकाय ब्लैक होल मौजूद है।
ब्लैक होल के खतरनाक होने के ये हैं मुख्य तीन कारण! :-
मूल रूप से ब्लैक होल को 3 कारणों से खतरनाक माना जाता है। पहला कारण हैं ये हैं की; ब्लैक होल के अंदर गिरने के बाद किसी भी चीज़ के साथ क्या होता हैं वो आज तक सटीक तौर से किसी को पता नहीं है। इसके बाद दूसरा कारण ये हैं की, हमारे आकाशगंगा के केंद्र में जो ब्लैक होल मौजूद हैं वो कभी भी किसी को भी अपने अंदर निगल सकता हैं और तीसरा कारण ब्लैक होल के ऊपर कोई भी भौतिक सिद्धांत का काम न करना है।
वैज्ञानिकों का मानना हैं की, जो महाकाय ब्लैक होल (why black holes are scary) आकाशगंगा के केंद्र में होते हैं उनके बारे में आप पहले से कोई पक्की बात नहीं कर सकते है। कई हजारों वर्षों तक निष्क्रिय पड़े रहने के बाद भी वो क्षण भर में ही सक्रिय हो कर पूरे आकाशगंगा को निगल सकते है। वैसे एक खास बात ये भी हैं की, जब कोई ब्लैक होल किसी आकाशगंगा को निगल रहा होता है तब आकाशगंगा के अंदर से एक तीव्र प्रकाश की ज्योति निकलती है। जो की बाकी बचे पूरे आकाशगंगा को रोशनी से जगमगा देता है। खास तौर से वैज्ञानिकों को ब्लैक होल के बारे में तभी पता चलता हैं, जब वो एक सितारे के निकट आए। सितारे के चमक से ब्लैक होल के आकार का अनुमान वैज्ञानिकों को आसानी से समझ में आ जाता है।
ब्लैक होल मचा सकते हैं भारी तबाही! :-
इंसानों को ब्रह्मांड में सबसे पहले ब्लैक होल (why black holes are scary) के तौर पर “Cygnus X-1” मिला था जो की “Cygnus” तारा पुंज के अंदर आता है। अब तक हमें इतने बड़े ब्रह्मांड में केवल और केवल 50 ब्लैक होल के बारे में ही पता है। वैज्ञानिकों का मानना है की, हमारे इस ब्रह्मांड में 1 करोड़ से भी ज्यादा ब्लैक होल हो सकते है जो की अंतरिक्ष के हर एक कोने में रह कर भारी तबाही मचा रही होंगी।
ब्लैक होल एक तरह से सितारे, सौर-मंडल, उल्कापिंड, धूमकेतू और आकाशगंगाओं का समाधि की जगह है। इसके अंदर गिरने वाली हर एक चीज़ “Spaghettification” के जरिये नष्ट हो जाता है। इसके अंदर गिर कर किसी भी चीज़ का अस्तित्व ही मीट जाता हैं, क्योंकि इसके अंदर का माहौल ही कुछ इस तरह का होता हैं की; ये उस चीज़ के मौलिक कणों को भी तितर-बितर कर देता है।
वैसे मैंने इससे पहले भी “ब्लैक होल के अंदर गिरने के बाद आपके शरीर के साथ क्या हो सकता है” उसके बारे में भी आप लोगों को बताया है। तो, अगर आप ब्लैक होल के अंदर गिरने से आपका क्या होगा, उसके बारे में जानना चाहते हैं तो वो लेख आपके लिए बिलकुल उपयुक्त होगा। और एक बात, आप लोगों का बहुत ही सुक्रिया! क्योंकि आप लोगों ने इस लेख को बहुत ही ज्यादा प्यार दिया हैं और आशा हैं की आगे भी हमें आप इस तरह से प्यार देते रहेंगे।
ब्लैक होल के भूख के आगे आकाशगंगाएँ भी हो जाती हैं त्रस्त! :-
ब्लैक होल (why black holes are scary) की भूख कभी नहीं मिट सकती है। जो ब्लैक होल कभी सूर्य के सिर्फ 2-4 गुने वजन के “Mass” से बना हुआ होता है वो आगे चलकर सूर्य के वजन से कई अरबों गुना ज्यादा बड़ा हो जाता है। ब्लैक होल के इतने बड़े आकार को देख कर कोई भी डर सकता है। पिछले साल वैज्ञानिकों को “M87” आकाशगंगा के केंद्र में सूर्य के वजन से 7 अरब गुना ज्यादा बड़ा ब्लैक होल मिला था। जिसकी तस्वीर हम लोगों ने अखबार में भी देखा था।
अब आप कल्पना कर सकते हैं की, अंतरिक्ष में लगातार चीजों को अपने अंदर निगलने में ये ब्लैक होल कितना माहिर होगा। मित्रों! मेरे प्यारे मित्रों, मेँ आपको अभी ब्लैक होल से जुड़ी एक ऐसी बात बताऊंगा जिसके बारे में कभी कोई बात ही नहीं करता, परंतु वो बात आप लोगों को जानना बहुत ही जरूरी है। लोग सोचते हैं की, ब्लैक होल सिर्फ अपने अंदर चीजों को निगलने के लिए बदनाम है। परंतु नहीं ब्लैक होल एक और चीज़ के लिए भी काफी ज्यादा जानलेवा होता है।
जब ब्लैक होल अपने “सक्रिय Quassar” रूप में आता हैं तो वो पूरे अंतरिक्ष में इतनी ज्यादा शक्तिशाली “Radiation” को छोड़ता हैं की हमारे लिए कल्पना भी कर पाना मुश्किल है। बता दूँ की, अगर आप इतने भारी रेडिएशन के पास भी गलती से आ जाते हैं तो आपका अस्तित्व ही कुछ नैनों सेकंड के अंदर मीट जाएगा।
निष्कर्ष – Conclusion :-
वैसे और एक बात ध्यान देने वाली ये हैं की, जो आकाशगंगाएँ अपने केंद्र में ब्लैक होल को समेटे हुए हैं, उन्हें वैज्ञानिक “Quasars” कहते हैं। ऐसे आकाशगंगाओं के बारे में पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों को काफी ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है। इसलिए कई बार इन आकाशगंगाओं को भी एक रहस्य के तरह भी देखा जाता है।
Source :- www.livescience.com