कोरोना का नाम आज बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर किसी के मुंह से सुनने को मिल रहा हैं। शायद ही आज कोई ऐसा देश होगा जो की इस खतरनाक महामारी के चपेट में आने से बचा होगा। यूरोप हो या अमेरिका या हो भारत, हर एक देश में कोरोना का आतंक इसके चरम सीमा पर हैं। देश की सरकारें इस जानलेवा दुश्मन से अपने-अपने नागरिकों को बचाने के लिए कई संभव प्रयास कर रहीं हैं, कहीं पूरा देश लॉक-डाउन के स्थिति में चला गया है तो कहीं “जनता कर्फ़्यू” का होना बाकी हैं। खैर यह सभी बंदोबस्त हमारे लिए ही किया जा रहा हैं और इसे हमें सहर्ष मानना भी चाहिए। वैसे अब भी लोगों के मन में एक सवाल समंदर की लहर की तरफ बार-बार उफान मार रहा हैं की, क्या सच में कोरोना गर्मी के मौसम (will COVID-19 die down in summer) में चला जाएगा ?
तो, हमने सोचा की क्यों न एक लेख इसी विषय पर ही लिखा जाए। क्योंकि मैंने भी व्यक्तिगत तौर पर कई बार लोगों को बोलते हुए देखा है की, कोरोना गर्मी के मौसम (will COVID-19 die down in summer) के आने के बाद अपने-आप ही चला जाएगा। परंतु क्या सच में लोगों का यह विचार वैज्ञानिक तौर पर सही हैं ! क्या सच में कोरोना जैसे बहुत ही तेजी से फैलने वाली महामारी अपने-आप ही खत्म हो जाएगा ?
चलिए ऐसे ही कई जिज्ञासा से भरी हुई सवालों के जवाब को आज इस लेख में ढूँढने का प्रयास करते हैं।
विषय - सूची
COVID-19 वाइरस का अंदरूनी संरचना ! – Internal Structure Of COVID-19 Virus :-
अब आप लोगों को लग रहा होगा की, आखिर क्यों मैंने सबसे पहले कोरोना (will COVID-19 die down in summer) वाइरस के अंदरूनी संरचना के बारे में जिक्र कर रहा हूँ ! तो, मित्रों आप लोगों को बता दूँ की वाइरस के अंदरूनी संरचना से ही हम लोगों को इसके गुणों के बारे में पता चलेगा और तो और यह कैसे गर्मी में अपने-आप को बचा कर रख पाता है या नहीं यह भी।
तो, मित्रों दुनिया में मौजूद ज़्यादातर वाइरस वायुमंडल में मौजूद नमी का ही फायदा उठा कर अपने-आप को फैलाती हैं। इसलिए किसी एक वाइरस के संक्रमण करने की क्षमता वायुमंडल में मौजूद नमी के ऊपर निर्भर रहता हैं। इसके अलावा COVID-19 वाइरस का अंदरूनी संरचना Influenza Virus से भी बहुत ही ज्यादा मेल खाता हैं, जो की मौलिक तौर पर ड्रॉपलेट के हिसाब से एक से दूसरे जगह पर फैलता हैं।
इसके अलावा वाइरस की संक्रमणता इसके आंतरिक पार्टिकल संरचना तथा आस-पास के तापमान के ऊपर भी निर्भर रहता हैं। वैसे अधिक जानकारी के लिए बता दूँ की, जब तक किसी एक वाइरस को उसका अपना होस्ट सेल नहीं मिल जाता हैं तब तक वह किसी एक निर्जीव जीव के भांति बाहर पड़ा रहता हैं। परंतु जब वह किसी जीवित जीव के शरीर में चला आता हैं तब वह अपना असली रूप दिखाते हुए उस जीव के आंतरिक जैविक प्रक्रियाओं को अपने कब्जे में ले लेता हैं।
इसके कारण से वह अपने-आपने को बहुत ही तेजी से होस्ट सेल के अंदर बढ़ा सकता हैं और उसे हानी पहुंचाते हुए परिवेश में और भी ज्यादा फैल कर दूसरों को भी बीमार बना सकता हैं।
क्या COVID-19 सच में गर्मी के मौसम में खत्म हो जाएगा ! – Will COVID-19 Die Down In Summer ! :-
चलिए अब सबसे जरूरी सवाल के ऊपर आते हैं। क्या सच में कोरोना वाइरस (will COVID-19 Die down in summer) गर्मी के मौसम में खत्म हो जाएगा ? ज़्यादातर लोगों को लगता है की, कोरोना गर्मी के मौसम में खत्म हो जाएगा । परंतु क्या यह सच हैं ?
मित्रों! आप लोगों को जानकर हैरानी होगी की गर्मी हो या सर्दी, वाइरस के फैलने के ऊपर ऋतुओं का उतना अहम प्रभाव नहीं पड़ता हैं और वैज्ञानिक तौर पर ऐसी कोई जानकारी मौजूद भी नहीं हैं जो की यह पुष्टीकरण जताए की, गर्मी के मौसम के चलते वाइरस खत्म हो गया हों। हालांकि इस बात को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है की, सर्दी के मौसम के तुलना में गर्मियों के दिनों में वाइरस ज्यादा अच्छे तरीके से फैल नहीं सकते हैं परंतु इसका मतलब यह नहीं है की वह पूर्ण तरीके से खत्म ही हो जाएंगे।
आखिर लोगों को ऐसा क्यों लग रहा हैं की, यह वाइरस गर्मी में खत्म हो जाएगा ! :-
आज भी वैज्ञानिक COVID-19 वाइरस के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य जुटाने में उतना सक्षम नहीं हो पाए है, इसलिए इसके बारे में सटीक तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता हैं। खैर और भी बता दूँ की, कोरोना की श्रेणी में आने वाले अन्य वाइरस इंसान के शरीर में सर्दी तथा बुखार करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। जो की साधारण तौर पर ऋतु-जनित बीमारियां होती हैं। इसके अलावा साल 2003 में हुए SARS महामारी में भी वाइरस गर्मी के मौसम के आने के बाद खुद व खुद खत्म होने लगा।
इसलिए लोगों को लगता हैं की, यह वाइरस भी शायद गर्मी के मौसम के आने के बाद खत्म हो जाएगा। परंतु यहाँ पर आपके जानकारी के लिए बता दूँ की, यह सोच शायद गलत है। क्योंकि आज दक्षिणी गोलार्ध में मौजूद देश ऑस्ट्रेलिया में भी कोरोना का कहर बरफ रहा हैं और वहाँ पर अभी गर्मियों का ही दिन चल रहा हैं।
अब तक ऑस्ट्रेलिया में 1,000 से ज्यादा कोरोना के पॉज़िटिव केस पाएँ गए हैं जो की भारत के मुक़ाबले कई ज्यादा खराब हैं। इसके अलावा इस महामारी से वहाँ पर लोगों की मौतें भी हो रही हैं। इससे आप अंदाजा लगा ही सकते हैं की, गर्मियों के दिनों में कोरोना का जाना महज एक मिथक हैं और इसे हमें कभी भी सच नहीं समझना चाहिए।
अब कब होगा इस वाइरस का अंत ! :-
मित्रों! आप लोगों को बता दूँ की, समय के चलते वाइरस के आंतरिक संरचनाओं के अंदर भी काफी ज्यादा बदलाव आ रहीं हैं । इसलिए जिस कोरोना को आज हम गर्मी के मौसम में खत्म (will COVID-19 die down in summer) हो जाएगा, समझ रहें हैं वह शायद गर्मी में खत्म हो भी न।
इसके अलावा आज के कई इंफ्लुएंज़ा वाइरस लोगों के लिए बिलकुल नए हैं और हमारा शरीर इनके प्रति उतने अच्छे तरीके से वाकिफ नहीं हैं। इन सब वाइरस से लढने के लिए हमारे शरीर के अंदर उतनी रोग-प्रतिरोधी शक्ति का बनाना अभी बाकी हैं। इसलिए कहा जा रहा हैं, जिन लोगों का रोग-प्रतिरोधी शक्ति कम हैं उन्हें थोड़ा ज्यादा सावधान रहना चाहिए। वैसे इस बीमारी से होने वाली ज़्यादातर मौतें बुजुर्गों की हैं।
अब यह सवाल आता हैं की, आखिर यह बीमारी कब तक खत्म होगा ? तो बता दूँ की, इसके बारे में आज के समय में सटीक तरीके से कुछ भी कह पाना संभव नहीं हैं। क्योंकि इस वाइरस को दिसंबर 2019 को ही खोजा गया है। हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है की, शायद उच्च तापमान में शायद इसके फैलने की तीव्रता में थोड़ी कमी आए।
COVID-19 इंसानी शरीर के तापमान में आसानी से जिंदा रह सकता हैं, परंतु अगर बाहर का तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक हो जाए तो इसका प्रभाव इसके ऊपर प्राकृतिक तौर पर किया होगा यह तो समय आने पर ही पता चलेगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के हिसाब से अब इस विषय पर ज्यादा चर्चा करने के वजाए इस वाइरस को और अधिक फैलने से रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयासों के ऊपर ध्यान देना चाहिए।
ताकि, भारत को इस महामारी से बचाया जा सके और भारतीय नागरिकों को स्वस्थ रखा जा सके।
निष्कर्ष – Conclusion :-
वैसे लेख के आखिरी हिस्से में आप लोगों से सिर्फ एक अनुरोध है की, हमारे सम्माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लागू किए गए “जनता कर्फ़्यू” को सच्चे मन से पालन करें। ताकि आप अपने साथ ही साथ इस देश में बस रहें बाकी लोगों की जान को भी नॉवेल कोरोना के चपेट से बचा सकें।
मार्च 22 सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, एक समृद्ध तथा स्वस्थ भारत के लिए पालन करें “जनता कर्फ़्यू” को !
Source :- www.livescience.com