मुख्य रूप से और व्यावहारिक तौर पर दुनिया दो चीजों पर चलती है: पैसा और ऊर्जा (Energy In hindi)। जी हां, बिना पूंजी और ऊर्जा के आप कोई भी काम नहीं कर सकते। खाने से लेकर गाड़ी चलाने तक, हर प्रक्रिया में ऊर्जा का होना अनिवार्य है। अगर मैं आपसे पूछूं कि एक ऐसी प्रक्रिया का नाम बताइए जिसमें कोई ऊर्जा का उपयोग न हो, तो शायद ही आप इस प्रश्न का उत्तर दे पाएं।
खैर, आप सभी ने ऊर्जा (Energy in Hindi) से संबंधित कई बातें पहले भी कहीं न कहीं पढ़ी होंगी, जैसे कि अपने स्कूल में। परंतु, दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इस लेख में आपको न केवल ऊर्जा की परिभाषा (Energy in Hindi) मिलेगी, बल्कि इससे जुड़ी कई रोचक जानकारियाँ भी पढ़ने का अवसर मिलेगा। मैंने पूरी कोशिश की है कि इस लेख के माध्यम से ऊर्जा के हर पहलू को सरलता से समझा सकूं। इसलिए, आपसे अनुरोध है कि इसे आरंभ से अंत तक धैर्यपूर्वक पढ़ें।
अब लेख को आगे बढ़ाने से पहले मैं आपको थोड़ा और बता दूँ कि इसमें पहले ऊर्जा से संबंधित कुछ मूलभूत बातें समझाई गई हैं, और उसके बाद इससे जुड़ी दिलचस्प जानकारियाँ प्रस्तुत की गई हैं। यह संरचना आपको विषय को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगी।
तो चलिए, अब लेख शुरू करते हैं और ऊर्जा (Energy in Hindi) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को विस्तार से जानते हैं।
विषय - सूची
ऊर्जा की परिभाषा क्या है? – Definition Of Energy In Hindi ? :-
मेरे अन्य लेखों की तरह, आज भी हम इस लेख की शुरुआत ऊर्जा की परिभाषा (Energy in Hindi) से करेंगे। दोस्तों! भौतिक विज्ञान में ऊर्जा की कई परिभाषाएँ मिलती हैं, लेकिन मैं आपको यहाँ सबसे सरल और छोटी परिभाषा बताने जा रहा हूँ।
“सरल भाषा में कहें तो, कार्य करने की क्षमता को ही ऊर्जा कहते हैं।”
इस परिभाषा को बेहतर तरीके से समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए, आप 10 किलोग्राम वजन वाली पानी से भरी बाल्टी उठा सकते हैं, जबकि आपका दोस्त 20 किलोग्राम वजन वाली बाल्टी उठा सकता है। यदि बाल्टी उठाना एक कार्य मानें, तो ऊर्जा (Energy in Hindi) के दृष्टिकोण से आपका दोस्त आपसे अधिक ताकतवर है, क्योंकि वह 20 किलोग्राम वजन उठा सकता है, जबकि आप केवल 10 किलोग्राम वजन वाली बाल्टी उठा पाते हैं।
मैंने यहाँ एक सरल उदाहरण के माध्यम से ऊर्जा की मूलभूत परिभाषा समझाने की कोशिश की है, लेकिन यह सिर्फ एक आधारभूत परिभाषा है। आगे लेख में हम ऊर्जा (Energy in Hindi) से संबंधित और भी जटिल परिभाषाओं को समझेंगे। आपको यह भी जानना जरूरी है कि ऊर्जा (Energy) हमेशा किसी बाहरी बल के कारण उत्पन्न होती है।
ऊर्जा के भेद – Types Of Energy :-
अगर आप गौर से पृथ्वी और प्रकृति के ऊपर नजर दौड़ाएंगे तो, आपको पता चलेगा की हर एक प्रक्रिया के होने के पीछे ऊर्जा की कोई न कोई एक रूप अवश्य ही निहित होता है। इसलिए आपको अपने आसपास ऊर्जा (Energy in Hindi) के कई सारे भेद (types of energy) देखने को मिलेंगे।
मूल रूप से भौतिक विज्ञान में ऊर्जा को दो प्रकारों के अंदर बांटा गया है, परंतु आपको इसके कई सारे रूप देखने को मिलेंगे। तो , चलिए लेख में आगे बढ़ते हुए ऊर्जा (energy in hindi) के इन भेदो तथा रूपों के बारे में जानते हैं।
1. गतिज ऊर्जा / शक्ति – Kinetic Energy :-
समय और दुनिया हमेशा से ही चलते ही रहे हैं। अंतरिक्ष भी अपने आप में स्थिर नहीं है, बल्कि यह हर समय एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर गति करता रहता है। तो, पृथ्वी पर भी हर एक वस्तु गतिशील अवस्था में है। खैर, यहां मैं मूल रूप से गतिज ऊर्जा (kinetic energy) के बारे में चर्चा करूंगा।
गतिज ऊर्जा वह ऊर्जा है जो किसी भी वस्तु या पदार्थ में उसकी गति के कारण उत्पन्न होती है। अगर किसी वस्तु पर बाहरी बल लगाकर उसे और अधिक गति दी जाए तो उस वस्तु में गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।
इसके अलावा, मैं आपको यह भी बता दूं कि मूल रूप से गतिज ऊर्जा (kinetic energy) वस्तु या पदार्थ के वजन पर निर्भर करती है। जिस वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होगा, उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए उतनी ही अधिक ऊर्जा (energy in hindi) की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, गतिज ऊर्जा कई वस्तुओं में होने वाले कंपन से भी उत्पन्न हो सकती है। कंपन या अन्य किसी ऊर्जा के रूप में उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को “स्थानान्तरणीय ऊर्जा” (translational energy) भी कहते हैं।”
गतिज ऊर्जा से जुड़ी मूलभूत बातें :-
मित्रों ! गतिज ऊर्जा (kinetic energy) वजन के साथ-साथ वस्तु के वेग (velocity) पर भी निर्भर करता हैं | इसलिए अगर किसी वस्तु का वेग दूसरे वस्तु के वेग से ज्यादा हैं तो , उसका गतिज ऊर्जा भी उसी हिसाब से ज्यादा होगा |
आम तौर पर गतिज ऊर्जा को समझने के लिए इस समीकरण को इस्तेमाल किया जाता हैं :- 1/2 mv^2
मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की ऊपर दिया गया समीकरण दो वस्तुओं के वेगों को ले कर ही उपयोग में लिया जा सकता हैं | यहाँ वस्तुओं का वेग प्रकाश के गति से ज्यादा नहीं होना चाहिए | अगर किसी भी वस्तु का वेग प्रकाश के गति से ज्यादा हो जाता है तो, वहाँ रेलेटिव कैनेटिक एनर्जि का समीकरण इस्तेमाल किया जाएगा |
इसके अलावा अगर कोई वस्तु कोणीय गति (angular velocity) में है, तो वहाँ उस वस्तु के गतिज शक्ति को निकालने के लिए इस समीकरण का प्रयोग किया जाएगा – 1/2 IW^2 .
यहाँ I का मतलब वस्तु का इनेर्सिया (Inertia) है और W का मतलब वस्तु का कोणीय वेग (Angular velocity) है।
दोस्तों आप भी ऊपर दिये गए दोनों समीकरणों को इस्तेमाल कर के किसी भी वस्तु का गतिज ऊर्जा आसानी से निकाल सकते हैं।
2. स्थितिज ऊर्जा / शक्ति – Potential Energy :-
मित्रों, स्थितिज ऊर्जा (potential energy) एक ऐसी ऊर्जा है जो आपको हैरान कर सकती है। मुख्यतः यह ऊर्जा किसी वस्तु में उसके स्थान के कारण होती है।
सरल शब्दों में कहें तो, स्थितिज ऊर्जा वह ऊर्जा है जो किसी वस्तु में उसके स्थिर रहने की स्थिति में होती है। यह ऊर्जा वस्तु में तनाव, आवेश या किसी आंतरिक बल के रूप में मौजूद हो सकती है। इस ऊर्जा की खास बात यह है कि यह किसी बाहरी बल के बिना भी वस्तु में मौजूद रह सकती है।
स्थितिज ऊर्जा (energy in hindi) को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। आपने स्प्रिंग तो देखा ही होगा। जब स्प्रिंग अपनी सामान्य अवस्था में होता है, तब उसमें मौजूद स्थितिज ऊर्जा की मात्रा दबे हुए (compressed) स्प्रिंग की तुलना में कम होती है।
इसी तरह, किसी वस्तु को पृथ्वी की सतह से जितना ऊपर ले जाएंगे, उसमें स्थितिज ऊर्जा की मात्रा उतनी ही बढ़ती जाएगी। मूलतः स्थितिज ऊर्जा वस्तु के स्थान और पृथ्वी की सतह से उसकी ऊंचाई पर निर्भर करती है।
स्थितिज ऊर्जा से जुड़ी कुछ मूलभूत बातें :-
मित्रों, अगर आपको किसी वस्तु की स्थितिज ऊर्जा ज्ञात करनी है, तो आपको इस सूत्र का उपयोग करना होगा: mgh।
यहां, ‘m’ वस्तु का वजन (Mass), ‘g’ गुरुत्वीय त्वरण (Gravitational acceleration) और ‘h’ वस्तु की पृथ्वी की सतह से ऊंचाई को दर्शाता है।
आपको स्थितिज ऊर्जा के कई रूप देखने को मिलेंगे। घरों में इस्तेमाल होने वाले कैपेसिटर में भी स्थितिज ऊर्जा होती है। यहां पर स्थितिज ऊर्जा का रूप थोड़ा बदलकर रासायनिक ऊर्जा के रूप में मौजूद होता है।
अगर आपको स्थितिज ऊर्जा (energy in hindi) का अन्य रूप देखना है, तो आप परमाणु ऊर्जा को देख सकते हैं। यह भी एक प्रकार की स्थितिज ऊर्जा का ही रूप है।
कभी खत्म नहीं होती उर्जा –
मित्रों, ऊर्जा (energy in hindi) कभी भी नष्ट नहीं होती, बल्कि एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होती रहती है। इसी कारण से स्थितिज ऊर्जा भी एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होती रहती है। आमतौर पर स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है। इसके अलावा यह यांत्रिक ऊर्जा और घर्षण ऊर्जा में भी परिवर्तित हो सकती है।
पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल सीधे तौर पर स्थितिज ऊर्जा को प्रभावित करता है, इसलिए वस्तुओं की स्थितिज ऊर्जा की गणना करते समय गुरुत्वाकर्षण बल को भी ध्यान में रखा जाता है।
ऊर्जा के अन्य रूप :-
मैंने ऊपर ही ऊर्जा से जुड़ी (energy in hindi) दो मुख्य भेदो का जिक्र किया हैं | परंतु दोस्तों इस के अलावा भी ऊर्जा के अन्य बहुत प्रकार के रूप हैं | खैर मेँ आपको यहाँ बता दूँ की गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा मूल रूप से ऊर्जा की यांत्रिक रूप में आती हैं | तो , चलिए आगे ऊर्जा के अन्य रूपों को भी जान लेते हैं |
1. ताप ऊर्जा – Thermal Energy :-
मित्रों ! यह एक प्रकार से सबसे साधारण और सरल ऊर्जा का रूप हैं | इस में एक वस्तु के अंदर ऊर्जा का संचार उस वस्तु के अंदर मौजूद ताप के कारण होता हैं | उदाहरण के लिए आप एक गरम चाय की कप को ही ले सकते हैं | यहाँ गरम चाय ताप ऊर्जा की संचार कर रही हैं |
2. परमाणु ऊर्जा – Nuclear Energy :-
मैंने आपको ऊपर ही इस ऊर्जा के बारे में थोड़ी सी जानकारी दे दिया हैं | परंतु फिर भी चलिए इस के बारे में थोड़ा और जान लेते हैं | यह ऊर्जा नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय विलय के दौरान उत्पन्न होता हैं | इसलिए इसको न्यूक्लिअर एनर्जी कहते हैं | मित्रों ! यह एक प्रकार से नवीकरण योग्य ऊर्जा का स्रोत हैं | इसलिए हम जब चाहें , जैसे भी चाहें इसे इस्तेमाल कर सकते हैं | हालाँकि ! न्यूक्क्लिअर एनर्जी को इस्तेमाल करते वक़्त काफी ज्यादा सावधानी रखनी पड़ेगी |
यह ऊर्जा का स्रोत हमें भविष्य में काफी ज्यादा मदद करने वाला हैं | आपका ऊर्जा के इस स्रोत के ऊपर किया राय हैं , जरूर बताइएगा |
3. रासायनिक ऊर्जा – Chemical Energy :-
ऊर्जा (Energy in Hindi) के कई रूप और स्रोत होते हैं, लेकिन रासायनिक ऊर्जा सबसे महत्वपूर्ण है और हमारी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए अत्यंत आवश्यक है। रासायनिक ऊर्जा के बिना न तो हमारा शरीर ठीक से काम कर सकता है, और न ही हमारे उपकरण।
अब सवाल यह उठता है: रासायनिक ऊर्जा उत्पन्न कैसे होती है?
मूल रूप से, रासायनिक ऊर्जा रासायनिक प्रतिक्रियाओं के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती है। उदाहरण के तौर पर, हमारे शरीर में होने वाली जैव-रासायनिक प्रक्रियाएँ ही लें। इन प्रक्रियाओं से उत्पन्न ऊर्जा (Energy in Hindi) हमारे शरीर के सुचारू संचालन के लिए बेहद जरूरी है।
इस ऊर्जा के बिना हम जीवित ही नहीं रह सकते। रासायनिक ऊर्जा का यह अदृश्य योगदान न केवल हमारे जीवन को चलाता है, बल्कि आधुनिक तकनीक और उपकरणों की कार्यप्रणाली का भी आधार है।
4. इलेक्ट्रो-मेग्नेटिक ऊर्जा (Electromagnetic Energy) :-
इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक ऊर्जा (Electromagnetic Energy) वह ऊर्जा है, जो विद्युत (Electricity) और चुंबकीय तरंगों (Electromagnetic radiation) के माध्यम से संचरित होती है। यह ऊर्जा तरंगों के रूप में प्रकाश की गति से यात्रा करती है और इसे विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम (electromagnetic spectrum) के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकता है, जैसे रेडियो तरंगें, माइक्रोवेव, इन्फ्रारेड, दृश्य प्रकाश, अल्ट्रावायलेट, एक्स-रे और गामा किरणें।
प्रकाश इसका सबसे आम उदाहरण है, जिसे हम रोज अनुभव करते हैं। सूरज से आने वाली इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक ऊर्जा पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह प्रकाश और ऊष्मा (heat) प्रदान करती है। इसी प्रकार, रिमोट कंट्रोल में इंफ्रारेड तरंगें और मोबाइल संचार में रेडियो तरंगें उपयोग की जाती हैं।
यह ऊर्जा विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों के कंपन से उत्पन्न होती है और इसका उपयोग संचार, चिकित्सा (जैसे एक्स-रे), तथा सौर ऊर्जा (Energy in Hindi) जैसे कई क्षेत्रों में होता है।
5. गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा (Gravitational Energy) :-
ऊर्जा (Energy in Hindi) का यह रूप तो हर किसी को पता है। इसके बिना तो शायद पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अगर आपको पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में थोड़ा परिचय चाहिए, तो सुनिए।
इस ब्रह्मांड में मौजूद हर वस्तु दूसरी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है। आकर्षण बल मुख्य रूप से वस्तुओं के द्रव्यमान (वजन) पर निर्भर करता है। इसलिए, जिस वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होगा, उस पर गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव भी उतना ही अधिक होगा। मित्रों! गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही पृथ्वी का वायुमंडल अपनी जगह पर स्थिर है।
ऊर्जा से जुड़ी कुछ चौंका देने वाली तथ्य – Most Surprising Energy Facts :-
मित्रों, मैंने यहां ऊर्जा (Energy in Hindi) से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्यों का जिक्र किया है, जिनके बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा। तो, चलिए एक नजर इन पर डाल लेते हैं:
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बल्ब के अंदर जाने वाली 90% बिजली बर्बाद हो जाती है: जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है। पुराने बल्बों में ऊर्जा (Energy in Hindi) की बहुत अधिक खपत होती थी। इनमें जाने वाली 90% बिजली ताप ऊर्जा में बदल जाती थी और केवल 10% ही प्रकाश में बदलती थी।
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दुनिया की सबसे बड़ी पावर कट कब और कहाँ हुई थी: भारत में तो अक्सर बिजली कटौती होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी बिजली कटौती 2004 में अमेरिका और कनाडा में हुई थी? इस बिजली कटौती से करीब 5 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे।
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भविष्य में ऊर्जा की खपत इतनी बढ़ जाएगी: एक अध्ययन के अनुसार, आने वाले समय में ऊर्जा (Energy in Hindi) की खपत काफी बढ़ जाएगी। 2008 से 2030 तक दुनिया में ऊर्जा की खपत लगभग 55% बढ़ने का अनुमान है।
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गूगल रोजाना इतनी ऊर्जा खपत करता है: गूगल दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और यह रोजाना भारी मात्रा में ऊर्जा खपत करता है। गूगल अकेले ही दुनिया की 0.013% ऊर्जा खपत करता है। एक अध्ययन के अनुसार, गूगल जितनी ऊर्जा (Energy in Hindi) रोजाना खपत करता है, उससे 20,000 घरों को साल भर चलाया जा सकता है।
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लगातार 8 साल तक चिल्लाने से होगा एक चमत्कार: यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन अगर आप लगातार 8 साल, 7 महीने और 6 दिन तक चिल्लाते रहेंगे, तो आप एक कप चाय को गर्म करने के लिए आवश्यक ऊर्जा (Energy in Hindi) पैदा कर सकते हैं। इससे पता चलता है कि ऊर्जा का संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है।
आपने कभी ऐसे तथ्यों के बारे में पहले सुना था?
आने वाले समय में ऊर्जा की कमी एक बड़ी समस्या बन सकती है। इसलिए हमें ऊर्जा संरक्षण के लिए अभी से प्रयास करने चाहिए।