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आखिर सूर्य इतना गर्म क्यों है? – Why Sun’s Atmosphere Is So Hot?

सूर्य का कोरोना इसके सतह से भी आखिर क्यों ज्यादा गर्म है, जानें इस लेख में!

हमारे सौर-मंडल में सबसे ज्यादा चर्चा अगर किसी चीज़ की होती है, तो वो है सूर्य। जी हाँ! आप लोगों ने बिलकुल सही सुना, ये सूरज ही है; जिसको देख कर हर एक वैज्ञानीक चौंक जाता है। क्योंकि इसके बिना सौर-मंडल में कोई ग्रह आज अपने अस्तित्व में नहीं होता। पृथ्वी के ऊपर मौजूद जीवन का सकल आधार हैं सूर्य। इस ग्रह पर जीवन के उत्पत्ति से लेकर इसके अस्तित्व तक सूर्य (Why Sun’s Atmosphere Is So Hot) की भूमिका काफी ज्यादा गुरुत्वपूर्ण है। इसलिए इसके बारे में हमें हर एक बात पता होना चाहिए, क्योंकि इसी से ही हम हमारे अस्तित्व के बारे में भी जान सकेंगे।

आखिर सूर्य इतना गर्म क्यों हैं? - Why Sun's Atmosphere Is So Hot?
सूर्य का कोरोना। | Credit: Physics World

सूर्य (Why Sun’s Atmosphere Is So Hot) की जब भी बात होती है, तो पता नहीं क्यों एक अलग ही उत्साह मेरे शरीर में महसूस होता है। शायद इसलिए क्योंकि यही वह खगोलीय पिंड है, जिसने मेरे अंदर अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि को हमेशा बढ़ाया और बनाए रखा है। मुझे विश्वास है कि आप लोगों में से भी कई लोगों के मन में सूर्य के बारे में जानने की जिज्ञासा जरूर होगी।

मित्रों! आज के इस लेख में हम सूर्य से जुड़ी एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात पर चर्चा करेंगे, जो शायद आपके इसे देखने के नजरिए को पूरी तरह बदल देगी। तो चलिए, अब लेख में आगे बढ़ते हुए इसके असली विषय पर आते हैं और जानते हैं कि आखिर ऐसी क्या खास बात है जो सूर्य को इतना विशेष बनाती है।

आखिर सूर्य इतना गरम क्यों है? – Why Sun’s Atmosphere Is So Hot? :-

जब भी सूर्य की बात होती है, तब सबसे पहले लोगों के मन में एक बेहद गर्म और उज्ज्वल खगोलीय पिंड की तस्वीर उभर आती है। सूर्य (Why Sun’s Atmosphere Is So Hot) की चमक और गर्मी पूरे सौरमंडल में अद्वितीय है, क्योंकि यह पूरे सौरमंडल का एकमात्र ऊर्जा स्रोत है। इसके चारों ओर ही हमारा सौरमंडल फैला हुआ है और गतिशील है। बिना सूर्य के, हमारे सौरमंडल में मौजूद ग्रहों की दशा क्या होती, यह कल्पना करना भी मुश्किल है। सूर्य की यही तपिश है जो पृथ्वी पर जीवन को पनपने का अवसर देती है। लेकिन, क्या आपको पता है कि आखिर सूर्य इतना गर्म क्यों है? 🌞

आखिर सूर्य इतना गर्म क्यों हैं? - Why Sun's Atmosphere Is So Hot?
सोलर फ्लेयर्स। | Credit: Scitech Daily

जी हाँ, यह सवाल हम सबके मन में कभी न कभी जरूर आया होगा! परंतु इसके बारे में हमारे पास ज्यादा जानकारी नहीं होती, क्योंकि इस विषय पर उतनी चर्चाएँ नहीं होतीं, जितनी होनी चाहिए। वैज्ञानिकों ने हाल ही में सूर्य के कोरोना (Corona) में कुछ बेहद दुर्लभ चुंबकीय तरंगों (Magnetic Waves) की खोज की है, जो सूर्य की असीमित तपिश का रहस्य खोल सकती हैं और हमें इसके बारे में और गहराई से समझने में मदद कर सकती हैं। दिलचस्प बात यह है कि — सूर्य का कोरोना उसकी सतह से कई गुना ज्यादा गर्म होता है। यही बात वैज्ञानिकों को लंबे समय से हैरान करती आई है, और आज भी इस पर कई शोध जारी हैं।

तो अब सवाल यह उठता है कि — क्या इसके पीछे कोई और गहरा रहस्य छिपा है? कई दशकों पहले, पूरी दुनिया में यही चर्चा थी कि आखिर सूर्य का कोरोना उसकी सतह से भी ज्यादा गर्म क्यों है? तब किसी के पास इसका सटीक उत्तर नहीं था। मित्रों, इस विषय पर वैज्ञानिकों के बीच कई मतभेद और बहसें हुईं — और इन्हीं पर हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।

सूर्य का कोरोना है बहुत ही गर्म! :-

जैसा कि आप सभी ने शीर्षक पढ़कर समझ ही लिया होगा, सूर्य (Why Sun’s Atmosphere Is So Hot) का बाहरी वायुमंडल, जिसे कोरोना कहा जाता है, सूर्य के आंतरिक केंद्र या सतह की तुलना में कहीं अधिक गर्म है। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि सूर्य की सतह का तापमान लगभग 5,500 डिग्री सेल्सियस होता है।

खैर, कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष में सूर्य के ऊपर कुछ विशेष घटनाएँ देखी गई हैं। दरअसल, टेलीस्कोप के माध्यम से सूर्य के ऊपर कुछ चुंबकीय तरंगों (magnetic waves) को देखा गया है, जो संभवतः इसके कोरोना को अत्यधिक गर्म बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।

Solar System.
सौर-मंडल। | Credit: Thought Co.

वैसे, इस विषय से संबंधित तथ्यों को एकत्र करने के लिए पृथ्वी पर स्थित सबसे बड़ी सौर दूरबीन (Solar Telescope) का उपयोग किया गया है, जो हवाई में स्थित है। बताया जाता है कि इस दूरबीन की मदद से हम पृथ्वी से ही सूर्य की बेहद स्पष्ट तस्वीरें ले सकते हैं, साथ ही इसकी सूक्ष्म गतिविधियों का भी अवलोकन कर सकते हैं।

इससे पहले वैज्ञानिकों ने सौर कोरोना और सौर वायु (Solar Wind) पर भी व्यापक शोध किया है। इन्हीं शोधों के आधार पर आज हमें सूर्य और उसके वायुमंडल के बारे में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हो रही हैं।

बताया जाता है कि आज भी ऐसी कई बातें हैं जो बड़े-बड़े वैज्ञानिकों को हैरान किए हुए हैं। मेरा मतलब यह है कि आज भी हमें सौर वायु में मौजूद शक्तिशाली आवेशित कणों (charged particles) के वास्तविक स्वरूप के बारे में बहुत कम जानकारी है।

इसी तरह, सौर कोरोना में मौजूद ऊर्जा के स्रोत के बारे में भी विज्ञान को अभी बहुत कुछ जानना बाकी है। यही कारण है कि इस विषय पर आज भी वैज्ञानिकों के बीच काफी बहस और शोध जारी है।

चुंबकीय तरंगें और सोलर कोरोना! :-

विज्ञान की भाषा में सूर्य (Why Sun’s Atmosphere Is So Hot) के कोरोना में उपस्थित चुंबकीय तरंगों को “Alfvén Waves” कहा जाता है। इन तरंगों की खोज 1942 में स्वीडिश भौतिक विज्ञानी हान्स अल्फ़वेन (Hannes Alfvén) ने की थी। हालांकि, कई दशकों तक वैज्ञानिक इन तरंगों को सूर्य के कोरोना में प्रत्यक्ष रूप से देख नहीं पाए थे।

लेकिन आज के समय में उपलब्ध उन्नत सौर दूरबीनों और आधुनिक अवलोकन तकनीकों की मदद से अब इन तरंगों को सीधे तौर पर देखा और मापा जा सकता है। वैज्ञानिक वर्तमान में इन विशेष तरंगों के गुणों, उनकी ऊर्जा संचरण प्रक्रिया, और कोरोना के तापमान पर उनके प्रभाव के बारे में विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में इस दिशा में हुए नए शोध हमें सूर्य के वायुमंडल की गर्मी और ऊर्जा वितरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।

आखिर सूर्य इतना गर्म क्यों हैं? - Why Sun's Atmosphere Is So Hot?
कोरोनल इजेकशन। | Credit: World Atlas.

एक और दिलचस्प पहलू यह है कि, कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य के भीतर पाई जाने वाली चुंबकीय तरंगों (magnetic waves) में ही अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा संचित होती है। यही ऊर्जा सूर्य के कोरोना को उसकी सतह से भी अधिक गर्म बनाती है।

कुछ रिपोर्टों के अनुसार, सूर्य की आंतरिक संरचना (Solar Internal Structure) हमारी वर्तमान समझ से कहीं अधिक जटिल है। इस कारण से अभी इसके बारे में कोई भी निष्कर्ष पूर्ण रूप से सटीक नहीं कहा जा सकता।

आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दूँ कि सूर्य का कोरोना अत्यंत गर्म होता है — इसका तापमान दशकों लाख डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। इसलिए इसके अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों को विशेष रूप से निर्मित उपकरणों और अंतरिक्ष मिशनों की आवश्यकता पड़ती है, जैसे कि NASA का Parker Solar Probe और ESA का Solar Orbiter

आल्वेन तरंगें और कोरोना की ऊष्मा रहस्य

बताया जाता है कि आल्वेन तरंगें (Alfvén Waves) वास्तव में अपने भीतर ऊर्जा वहन करती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये तरंगें सूर्य के कोरोना को आंशिक रूप से गर्म करने में सक्षम हो सकती हैं — यानी यह कोरोना के तापमान में लगभग आधा योगदान दे सकती हैं।

हालाँकि, यहाँ एक प्रमुख समस्या यह है कि सूर्य के कोरोना को पूर्ण रूप से गर्म रखने के लिए जितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है, वह केवल इन तरंगों के माध्यम से पूरी नहीं की जा सकती। इसका अर्थ यह है कि अन्य भौतिक प्रक्रियाएँ भी कोरोना की अत्यधिक ऊष्मा के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं — जैसे कि मैग्नेटिक रिकनेक्शन (Magnetic Reconnection) या नैनोफ्लेयर (Nanoflares) जैसी घटनाएँ, जिन पर वैज्ञानिक आज भी शोध कर रहे हैं।

निष्कर्ष – Conclusion :-

Solar Wind.
सोलर विंड। | Credit: Scitech Daily.

सूर्य (Why Sun’s Atmosphere Is So Hot) के बारे में आज भी कई रहस्य ऐसे हैं, जिनका पूर्ण समाधान हमें नहीं मिला है। निरंतर प्रयासों, उन्नत तकनीकों और सौर अभियानों के माध्यम से वैज्ञानिक यह आशा करते हैं कि आने वाले वर्षों में हम सौर वायुमंडल, सोलर विंड और कोरोना की ऊर्जा गतिशीलता को और गहराई से समझ पाएँगे।

एक विशेष बात यह भी है कि अगर हमें सूर्य के कोरोना को सही रूप में समझना है, तो हमें केवल उसकी ऊष्मा (heat) ही नहीं, बल्कि उसकी प्रकाशीय चमक (brightness) और विकिरणीय गुणों (radiative properties) का भी अध्ययन करना होगा। इन दोनों पहलुओं को एक साथ समझने से ही हम सूर्य की जटिल प्रकृति को वैज्ञानिक रूप से अधिक सटीक तरीके से जान सकेंगे।


Source :- www.livescience.com

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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