मनुष्य का दिमाग वाकई में बहुत तेजी से काम करता है। मैंअकसर सोचता हूँ कि इंसानी दिमाग कितना ज्यादा अद्भुत है। पृथ्वी पर मौजूद हर एक जीव को कुदरत ने अपने हिसाब से बहुत कुछ दिया हैय। परंतु इंसान थोड़ी न इतने से ही संतुष्ट रहने वाला है, वह तो आज प्रकृति को चुनौती देने के लिए तैयार खड़ा है। खैर प्रकृति ने हीरे को सबसे मजबूत पदार्थ के हिसाब से पृथ्वी पर गढ़ा , परंतु इंसानों ने इस से भी ज्यादा मजबूत पदार्थ सुपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) को खोज कर निकाला है|
जी हाँ ! सुपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) इस दुनिया में मौजूद अब तक का सबसे मजबूत पदार्थ है। यह पदार्थ हीरे से भी बहुत ज्यादा मजबूत और ठोस है। मित्रों ! यहाँ पर मेँ आपको बता दूँ की मैंने इससे पहले हीरों के बारे में भी एक बहुत ही सुंदर और जिज्ञासु लेख लिखा है। अगर आप चाहें तो उस लेख को भी एक बार जरूर पढ़ सकते है। ये लेख हीरों से जुड़ी आपकी दृष्टिकोण को अवश्य ही बदलने में सक्षम रहेगा।
तो , इस लेख में सबसे पहले हम लोग सूपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) क्या है और इसे कैसे खोजा गया था वह जानेंगे जो की इसकी मूलभूत बातें है। इसके अलावा आगे मैं इस लेख के अंदर इस से जुड़ी कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातों को भी आपको बताऊंगा, इसलिए लेख को आरंभ से अंत तक पढ़ते रहिए ।
सुपर हार्ड कार्बन क्या हैं ? – What Is Super Hard Carbon In Hindi ?
विज्ञान के क्षेत्र में सुपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) की खोज कोई ज्यादा पुरानी बात नहीं हैं | हाल ही के कुछ सालों के अंदर ही सुपर हार्ड कार्बन के ऊपर सफलता के साथ शोध किया गया हैं | कार्बन के हर एक नई पदार्थ की संरचना उसके अंदर मौजूद अणुओं की संरचना के ऊपर बहुत ज्यादा निर्भर करता हैं और एक मजे की बात यह है की कार्बन के द्वारा बनी हर एक पदार्थ की संरचना एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा अलग-अलग होता हैं |
आम तौर पर सुपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) वह पदार्थ हैं जो की दूसरे पदार्थों को काटने , छेद करने और पोलिश के जरिए साफ करने के काम में आते हैं | यह किसी तिलस्मी पदार्थ की भांति कोई भी दूसरे पदार्थ की रंग , आकार और आकृति बदल सकती हैं | सुपर हार्ड कार्बन के बिना हमारे कारखाने इंसानों के लिए रोज इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं का भी उत्पाद नहीं कर सकते हैं |
इसके अलावा यह कीमती धातुओं के ऊपर खरोंच-प्रतिरोधी आवरण डालने के भी काम में आता हैं | कुछ वैज्ञानिकों ने एक शोध के तहत यह पता लगाया है की सुपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) को क्रिस्टल (Crystal) रूप में परिवर्तित कर के दुनिया की सबसे मजबूत और न टूटने वाली पदार्थ को बनाया जा सकता हैं ; जो की हीरे से 17 गुना ज्यादा ठोस और मजबूत होगा |
आज के कारखानों के अंदर किसी मजबूत पदार्थ को काटने के लिए कई बार हीरों से बनी आरी का इस्तेमाल होता है , परंतु अगर एक बार सुपर हार्ड कार्बन को सफलता पूर्वक बनाया जा सकेगा तो यह कम कीमत में दुनिया में मौजूद किसी भी पदार्थ को बड़ी ही आसानी के साथ काट सकता हैं |
सुपर हार्ड कार्बन की अंदरूनी संरचना ! :-
बहुत की कम लोगों को सुपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) के अंदरूनी संरचना के बारे में पता हैं , क्योंकि आज तक इसके बारे में ज्यादा कुछ खोज कर नहीं निकाला गया हैं | खैर आगे मेँ कुछ शोध से ली गयी तथ्यों को आधार कर के इसके अंदरूनी संरचना के बारे में कुछ जानकारी दूंगा |
साल 2003 में वैज्ञानिकों ने सुपर हार्ड कार्बन को ले कर एक शोध किया था | इस शोध का मूल लक्ष्य इसके अंदरूनी संरचना को ढूंढ निकालना था | तो, वैज्ञानिकों ने गहन शोध के बाद “बीसीटी-कार्बन” (bct-carbon) नाम के एक पदार्थ को ढूंढ निकाला | यह पदार्थ सुपर हार्ड कार्बन के मौलिक अंदरूनी संरचना को दर्शाता था | यह एक तीन आयामी और कार्बन अणुओं के जालों से बनी पदार्थ थी |
प्रकृति में कार्बन के कई सारे रूप है , जैसे की ग्राफाइट और हीरे | परंतु बीसीटी-कार्बन कार्बन की एक बहुत ही सरल और खास रूप हैं | इसके अंदर चौकर और चपटी आकार में चार कार्बन अणुओं से बनी शीट मौजूद है | यह आपस में सीधे तरीके से कई सारे बॉन्ड के जरिए जुड़े हुए हैं | मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की यह पदार्थ मूल रूप से ग्राफाइट से बनी हुई होती हैं | जब ग्राफाइट को बहुत ही उच्च दबाव में सामान्य तापमान में रखा जाता हैं , तब यह पदार्थ बन कर प्रस्तुत होता हैं |
एक हैरान कर देने वाली बात यह है की , वैज्ञानिकों को ग्राफाइट से बनी इस बीसीटी-कार्बन के बारे में तथ्य जुटाने के लिए काफी वक़्त लग गया | बीते 5 दशकों से काफी सारे वैज्ञानिक इस पदार्थ को ढूँढने में लगे हुए थे |
ऐसे ढूंढा गया था इसके अंदरूनी संरचना को ! :-
विज्ञान के क्षेत्र में हर एक विषय पर गहन शोध होने के बाद ही उसके बारे में दुनिया को बताया जाता हैं | साल 2003 में स्टेंफोर्ड विश्व विद्यालय के कुछ वैज्ञानिक ग्राफाइट से बनी एक वस्तु को एक्स-रे के तरंगों के बीच डाल दिया | जब एक्स-रे के तरंग इस वस्तु से हो कर गुजरी तब इसके अंदरूनी संरचना में काफी ज्यादा बदलाव नजर आया | एक्स-रे के कारण इसके अंदर 17 गीगा-पास्कल का बल उत्पन्न हुआ |
यह बल एक दबाव की भांति ग्राफाइट के अणुओं को एक दूसरे ही रूप में परिवर्तित करने लगी | बाद में जब वैज्ञानिकों ने इस हाल ही में बने पदार्थ को गौर से देखा तो , यह पदार्थ इतनी मजबूत थी की यह आसानी से किसी हीरे को भी काट सकती थी | उन वैज्ञानिकों ने वाकई में कुछ समय के लिए सुपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) को अपने प्रयोग शाला में सफलता पूर्वक बना लिया था|
बाद में एक दूसरी वैज्ञानिकों का दल सुपर हार्ड कार्बन के ऊपर शोध करने लगा | उन्होंने सुपर हार्ड कार्बन के 15 रूपों के बारे में पुष्टि किया हैं | परंतु कुछ वैज्ञानिक कहते हैं की सुपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) के 43 प्रकार के अलग-अलग रूप हो सकते हैं |
निष्कर्ष – Conclusion :-
मित्रों ! आज के समय में सुपर हार्ड कार्बन (super hard carbon in hindi) के ऊपर काफी ज्यादा शोध किया जा रहा हैं | अमरीकी वैज्ञानिकों का एक दल बीसीटी-कार्बन के संरचना को क्वांटम मैकनिकल सिमुलेसन के जरिए बड़ी ही अच्छे तरीके से समझाया हैं | उन्होंने अपने शोध में पाया है की बीसीटी-कार्बन ग्राफाइट से 18.6 जीपीए ज्यादा मजबूत हैं | इसके अलावा उन्होंने यह पता लगाया है की एम-कार्बन के अणु एक्स-रे के तरंगों में आने के बाद बहुत ही ज्यादा विवर्तित होते हैं | यह साल 2003 में की गई शोध को और भी ज्यादा पुख्ता करता हैं |
मित्रों ! मैंने ऊपर सुपर हार्ड कार्बन के बारे में बहुत ही गहन व मूलभूत जानकारी दी हैं | अभी इस समय इस पदार्थ के ऊपर शोध चल रही हैं | भविष्य में आशा है की वैज्ञानिक इस पदार्थ को व्यापक रूप में प्रयोग शालाओं के अंदर बना पाएंगे | अगर यह पदार्थ बन जाता है तो , उद्योग के क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी | यह हीरा का एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता हैं | मेँ यहाँ पर कारखानों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के बारे में बात कर रहा हूँ | सुपर हार्ड कार्बन हीरे के मुक़ाबले बहुत ही सस्ता और टिकाऊ हैं |
हालांकि ऐसे कई क्षेत्र है जहां यह हीरों का विकल्प नहीं बन सकता हैं , परंतु फिर भी यह एक भविष्यवादी पदार्थ के रूप में इंसानों के बहुत ही काम आएगा | आपको इसके बारे में क्या लगता हैं ? क्या यह हीरों का सही विकल्प बन सकता हैं !
Source:- www.phys.org, www.futurity.org.