ब्लैक होल एक रहस्यमयी खगोलीय पिंड है जिसके बारे में आज भी विज्ञान बहुत कम जानता है, इसे हम ग्रेविटी का विशाल संमुद्र भी कह सकते हैं। अभी हाल में ही वैज्ञानिकों ने एक ब्लैक होल का पता लगाया है।
उनके मुताबिक यह अबतक का खोजा गया सबसे दूर स्थित ब्लैक होल है। यह सूर्य के द्रव्यमान से 80 करोड़ गुणा बड़ा है। इस खगोलीय विवर में जो भी वस्तु जाती है, वह वापस नहीं लौटती।
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खगोलविदों ने सबसे दूरी पर स्थित पिण्डों का अध्ययन करने के लिए नासा की वाइड फील्ज इंफ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर (वाइज) से प्राप्त डेटा को जमीन पर हुए सर्वेक्षणों से जोड़कर देखा और फिर चिली की कार्नेज ऑब्जर्वेट्री की मेगैलन टेलिस्कोप्स के जरिए इसका पता लगाने का प्रयास किया।
अनुसंधानकर्ताओं ने मेगैलन के जरिए देखे जाने के लिए वाइज द्वारा खोजे गए करोड़ों पिण्डों में से कुछ की पहचान की। अमेरिका में नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री के डेनियल स्टर्न ने कहा, हमारी उम्मीद के उलट यह ब्लैक होल महाविस्फोट (बिग बैंग) के केवल 69 करोड़ साल के बाद ही कहीं ज्यादा दूरी पर चला गया है, जो ब्लैक होल बनने की प्रक्रिया के हमारे सिद्धांतों को चुनौती देता है।
यह नया ब्लैक होल आकाशगंगा के केंद्र में बहुत तेजी से वस्तुओं को निगल रहा। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक इस दिलचस्प खोज के जरिए उस दौर में अंतरिक्ष के बारे में मौलिक सूचनाएं मिलेंगी जब वह अपनी वर्तमान आयु का केवल पांच प्रतिशत रहा होगा। (भाषा)