Proof of Nuclear Weapon In Mahabharat – महाभारत का युद्ध इस संसार का सबसे विशाल और अद्भुत युद्ध था, जो 18 दिनों तक लड़ा गया था। इस युद्ध में शामिल होने वाले सभी रथी और महारथियों के पास अनेकों दिव्यास्त्र होते थे जिन्हें वे आज की मिसाइल की तरह प्रयोग किया करते थे।
मित्रों, आपने महाभारत में पढ़ा और देखा भी होगा कि कैसे योद्धा परमाणु हथियारों का प्रयोग करके सैकड़ो सैनिकों का एकसाथ वध कर देते थे। इस युद्ध में करोड़ो सैनिक लड़े थे जिसमें से 40 प्रतिशत के करीब सैनिक पाड़वो के पास थे तो 60 प्रतिशत सैनिक कौरवों के पक्ष में युद्ध कर रहे थे।.
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परमाणु हथियार
महाभारत के विनाशकारी युद्ध के आज भारत में कई प्रमाण मिलते हैं जैसे कुरुक्षेत्र की लाल मिट्टी जो दर्शाती है कि ये सैनिकों और योद्धाओं के खुन के मिलने के कारण लाल हुई है। वैज्ञानिकों को इसके साथ परमाणु हथियारों के भी बहुत सबुत मिले हैं। महाभारत के समय जो ब्रह्मास्त्र इस्तेमाल किया गया था वह परमाणु के समान ही था। प्राचीन भारत में कहीं-कहीं ब्रह्मास्त्र के प्रयोग किए जाने का वर्णन मिलता है।
– जानिए, क्या है ब्रह्मास्त्र और इसकी वास्तिवक शक्ति
ब्रह्मास्त्र
आपको बता दें कि ब्रह्मास्त्र एक विशेष तरह का अस्त्र होता है तो भगवान ब्रह्मा द्वारा बनाया गया है जिसे वे खुश होकर किसी पराक्रमी योद्धा को वरदान में देते थे। अनेकों हिन्दू शास्त्रों में इसका वर्णन मिलता है ये इतना घातक अस्त्र होता था कि जिसके चलने मात्र से ही पृथ्वी पर भूंकप आने लगते थे, ज्वालामुखी फटने लगते थे और आकाश में अंधेरा छा जाया करता था।
शास्त्रों में परमाणु अस्त्र का वर्णन
रामायण में भी मेघनाद से युद्ध हेतु लक्ष्मण ने जब ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करना चाहा तब श्रीराम ने उन्हें यह कहकर रोक दिया कि अभी इसका प्रयोग उचित नहीं, क्योंकि इससे पूरी लंका साफ हो जाएगी। जो व्यक्ति इस अस्त्र को छोड़ता था वह इसे वापस लेने की क्षमता भी रखता था लेकिन अश्वत्थामा को वापस लेने का तरीका नहीं याद था जिसके परिणामस्वरूप लाखों लोग मारे गए थे। रामायण और महाभारतकाल में ये अस्त्र गिने-चुने योद्धाओं के पास था।
– रहस्यमयी असीरगढ़ किला यहां हर अमावस की रात आते हैं अश्वत्थामा
वैज्ञानिक शोध
वैज्ञानिकों ने शास्त्रों के आधार पर और मिले हुए सबुतों को देखकर यह कहा है कि महाभारत युद्ध में आज से कई गुना ऐडवांस परमाणु अस्त्र का प्रयोग हुआ था जिसके कारण बहुत विनाशकारी विध्वंस के सबुत आज भी मिलते हैं। महाभारत के युद्ध को 5 हजार वर्ष हो चले हैं और भारत के कई हिस्सों में आज भी इनके सबुत मिलते हैं -.