भगवान कृष्ण द्वापर युग में भगवान विष्णु के अवतार थे। यह विष्णु भगवान के आठवें अवतार थे। भगवान कृष्ण की सोलह हज़ार एक सौ आठ पत्नियां थीं। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण की सोलह हज़ार एक सौ आठ पत्नियां थीं। विष्णुजी के श्रीकृष्ण अवतार ने द्वापर युग में जन्म लिया था। उनका जन्म तो माता देवकी के गर्भ से हुआ लेकिन उनका लालन-पोषण यशोदा मईया ने किया था।
भगवान कृष्ण की 16,100 रानियां थी तो आठ रानियां उनकी मुख्य पटरानियां थी, प्रत्येक पटरानी(पत्नी) से उन्हें 10 पुत्रों की प्राप्ति हुई थी इस तरह से उनके 80 पुत्र थे। आज हम आपको श्री कृष्ण की 8 रानियों और 80 पुत्रों के बारे में बताएँगे।
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भगवान श्री कृष्ण की 8 पत्नियां
1. रुक्मणी
महाभारत अनुसार कृष्ण ने रुक्मणि का हरण कर उनसे विवाह किया था। विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणि भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी और उनसे विवाह करना चाहती थी। रुक्मणि के पांच भाई थे- रुक्म, रुक्मरथ, रुक्मबाहु, रुक्मकेस तथा रुक्ममाली। रुक्मणि सर्वगुण संपन्न तथा अति सुन्दरी थी। उसके माता-पिता उसका विवाह कृष्ण के साथ करना चाहते थे किंतु रुक्म चाहता था कि उसकी बहन का विवाह चेदिराज शिशुपाल के साथ हो। यह कारण था कि कृष्ण को रुक्मणि का हरण कर उनसे विवाह करना पड़ा।
रूक्मिणी के पुत्रों के ये नाम थे– प्रद्युम्न, चारूदेष्ण, सुदेष्ण, चारूदेह, सुचारू, विचारू, चारू, चरूगुप्त, भद्रचारू, चारूचंद्र।
2. सत्यभामा
सत्यभामा, सत्राजीत की पुत्री थी, सत्राजीत को शक्तिसेन के नाम से भी जानते है।
सत्यभामा के पुत्रों के नाम थे- भानु, सुभानु, स्वरभानु, प्रभानु, भानुमान, चंद्रभानु, वृहद्भानु, अतिभानु, श्रीभानु और प्रतिभानु।
3. सत्या
सत्या राजा कौशल की पुत्री थी।
सत्या के बेटों के नाम ये थे- वीर, अश्वसेन, चंद्र, चित्रगु, वेगवान, वृष, आम, शंकु, वसु और कुंत।
4. जाम्बवंती
जाम्बवंती, निषाद राज जाम्बवन की पुत्री थी। जाम्बवान उन गिने चुने पौराणिक पात्रों में से एक है जो रामायण और महाभारत दोनों समय उपस्तिथ थे।
जाम्बवंती के पुत्र ये थे– साम्ब, सुमित्र, पुरूजित, शतजित, सहस्रजित, विजय, चित्रकेतु, वसुमान, द्रविड़ व क्रतु।
यह भी जानें – पांच हज़ार साल पुराना निधिवन का रहस्य, जहाँ आज भी श्री कृष्णा रास रचाने आते हैं।
5. कालिंदी
कृष्ण की पत्नी कालिंदी, खांडव वन की रहने वाली थी। यही पर पांडवो का इंद्रप्रस्थ बना था।
कालिंदी के पुत्रों के नाम ये थे– श्रुत, कवि, वृष, वीर, सुबाहु, भद्र, शांति, दर्श, पूर्णमास एवं सोमक।
6. लक्ष्मणा
मद्र कन्या लक्ष्मणा, वृहत्सेना की पुत्री थी।
लक्ष्मणा के पुत्रों के नाम थे– प्रघोष, गात्रवान, सिंह, बल, प्रबल, ऊध्र्वग, महाशक्ति, सह, ओज एवं अपराजित।
7. मित्रविंदा
मित्रविंदा, अवन्तिका की राजकुमारी थी।
मित्रविंदा के पुत्रों के नाम – वृक, हर्ष, अनिल, गृध, वर्धन, अन्नाद, महांश, पावन, वहिन तथा क्षुधि।
8. भद्रा
कृष्ण की अंतिम पत्नी, भद्रा केकय कन्या थी।
ये थे भद्रा के पुत्र – संग्रामजित, वृहत्सेन, शूर, प्रहरण, अरिजित, जय, सुभद्र, वाम, आयु और सत्यक।
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