Israel First Moon Landing Fail – इजरायल का चांद पर उतरने का सपना टूट सा गया है, प्राइवेट फंड द्वारा बनाया गया बेरेशीट(Beresheet) लैंडर यान चांद पर टचडाउन करने से पहले ही एक इंजन के खराब होने के कारण क्रैश हो गया है।
युरोपियन समय के अनुसार दोपहर के 3:24 के बीच इस समस्या के बारे में पहली रिपोर्ट प्राप्त हुई, इसके बाद इंजीनियरों ने तुरंत ही स्पेसक्राफ्ट को रीसेट करने का प्रयास किया पर तबतक वे इस यान से संपर्क खो चुके थे जिस कारण अंत में ये 150 किलोवजनी यान चांद पर गिरकर नष्ट हो गया है।
इस मिशन के प्रमुख मॉरिस कान ने कहा, “हम कामयाब नहीं हुए, लेकिन निश्चित रूप से हमने कोशिशें कीं.। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम जहां तक पहुंचे उसे हासिल करने की उपलब्धि भी वास्तव में ज़बरदस्त है, मुझे लगता है कि हम इस पर गर्व कर सकते हैं।”
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चांद पर पहुंचने पर तीन हफ़्ते क्यों लगे?
आज जब चांद पर पहुंचने में केवल कुछ दिनों का समय लगता है वहीं इस अंतरिक्ष यान को यहां तक पहुंचने में तीन हफ़्ते का समय लगा. आखिर इसकी वजह क्या थी।
22 फ़रवरी को बेरेशीट की अंतरिक्ष उड़ान शुरू होने से 4 अप्रैल को चांद के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश तक इसने कई बार पृथ्वी के चक्कर लगाए। पृथ्वी से चंद्रमा तक औसत दूरी क़रीब 3 लाख 80 हज़ार किलोमीटर की है. लेकिन अपनी यात्रा के दौरान बेरेशीट ने इससे 15 गुना अधिक दूरी तय की।
अब इसके पीछे वजह इसकी लागत को कम करने की थी। इसे सीधे-सीधे चांद पर भेजा जा सकता था लेकिन बेरेशीट को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से प्रक्षेपित करने के दौरान इसके साथ एक संचार उपग्रह और एक प्रायोगिक विमान भी भेजा गया था.
निश्चित ही अंतरिक्ष की यात्रा में रॉकेट शेयर करने से इसकी लागत कम हो गई- लेकिन साथ ही इस अंतरिक्ष यान को कहीं जटिल और मुश्किल रस्ते से गुजरना पड़ा।
मिशन का ये काम था चांद पर
पृथ्वी पर वैज्ञानिकों ने इस लैंडर को चांद के नजदीक भेजने की पूरी तैयारी कर ली थी, और उन्होंने इसके इंजन का उपयोग “बैक पेडल” के रूप में करने की योजना बनाई थी, जो अंतरिक्ष यान को तब तक धीमा कर देता है जब तक कि यह सतह से कुछ मीटर ऊपर कुल ठहराव पर न आ जाए।
एक बार जब यह 5 मीटर (16.5 फीट) ऊपर स्थिर स्थिति में पहुंच गया था, तो क्रू ने इंजन को पूरी तरह से बंद कर दिया , जिससे लैंडर चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके जमीन पर आसानी से उतर सकता है।
एक बार Moon Landing के बाद, बेरेसैट को चंद्रमा की सतह की तस्वीरें लेनी थीं और इसके रहस्यमय चुंबकीय क्षेत्र को मापना था। लगभग दो दिनों तक इसे 130 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर काम करना था , जिसमें उसे कुछ जरूरी आंकडे भी जुटाने थे, पर ये यान ये सब करने से पहले ही विफल हो गया।
अगली बार कोशिश करेंगे
स्वचालित लैंडिंग की शुरुआत अच्छी तरह से हुई, इंजन चंद्रमा की सतह से कुछ किलोमीटर ऊपर ही विफल हो गया (Israel First Moon Landing Fail) , अगर इजराइल इस मिशन में कामयाब हो पाता तो वह ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाता.
इससे पहले ये काम सफलतापूर्वक अमेरिका, चीन, पूर्व सोवियत संघ और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने किया है।
बहरहाल, बेरेसैट चंद्रमा की सफलतापूर्वक परिक्रमा करने वाली पहली निजी इकाई होने के रूप में एक प्रमुख मील का पत्थर मनाता है जो कि सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिग करने के करीब आ गया था।
“विश्वास मत करो! हम करीब आए, लेकिन दुर्भाग्य से लैंडिंग प्रक्रिया के साथ सफल नहीं हुए, ”एक ट्वीट में इज़राइल की गैर-लाभकारी कंपनी स्पेसिल ने कहा ।