Religion

गीता (Gita) में लिखी है कलियुग से जुड़ी ये बातें, जो आज हो रहीं सच

भगवद् गीता हिन्दुओं का प्रमुख ग्रंथ है। आज से लभगभ 5000 वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण (Gita Predictions From Krishna) ने यह ज्ञान अपने प्रिय सखा अर्जुन को दिया था। गीता Gita में कर्म, अर्थ, और जीवन जीने का अद्भुत ज्ञान है। गीता में भगवान कृष्ण हमें बहुत सी सीखें देते हैं और साथ में हमें हमारी कमिंया भी बताते हैं। गीता को द्वापर युग के अंत में भगवान कृष्ण ने सुनाया था पर तब उन्होंने कलियुग के लिए कुछ बाते कहीं थी, उनकी यह अद्भुत बाते आज सौ प्रतिशत सच हो रही हैं। जानिए आखिर कौन सी यह दुर्लभ बातें देवेश्वर कृष्ण हमें बता रहे हैं —

श्लोक 1-
ततश्चानुदिनं धर्मः सत्यं शौचं क्षमा दया ।
कालेन बलिना राजन् नङ्‌क्ष्यत्यायुर्बलं स्मृतिः ॥

अर्थ- धर्म, सत्यवादिता, स्वच्छता, सहिष्णुता, दया, जीवन की अवधि, शारीरिक शक्ति और स्मृति सभी दिन-ब-दिन घटती जाएगी।

श्लोक 2-
वित्तमेव कलौ नॄणां जन्माचारगुणोदयः ।
धर्मन्याय व्यवस्थायां कारणं बलमेव हि ॥

अर्थ- कलयुग में जिस व्यक्ति के पास जितना धन होगा वो उतना गुणी माना जाएगा और कानून, न्याय केवल एक शक्ति के आधार पर लागू किया जाएगा।

श्लोक 3-
दाम्पत्येऽभिरुचिर्हेतुः मायैव व्यावहारिके ।
स्त्रीत्वे पुंस्त्वे च हि रतिः विप्रत्वे सूत्रमेव हि ॥

अर्थ- इस युग में पुरुष-स्त्री बिना विवाह के ही केवल एक-दूसरे में रूचि के अनुसार साथ रहेंगे। व्यापार की सफलता छल पर निर्भर करेगी। कलयुग में ब्राह्मण सिर्फ एक धागा पहनकर ब्राह्मण होने का दावा करेंगे।

श्लोक 4-
लिङ्‌गं एवाश्रमख्यातौ अन्योन्यापत्ति कारणम् ।
अवृत्त्या न्यायदौर्बल्यं पाण्डित्ये चापलं वचः ॥

अर्थ- जो मनुष्य घूस देने या धन खर्च करने में असमर्थ होगा, उसे अदालतों से ठीक-ठाक न्याय न मिल सकेगा। जो व्यक्ति बहुत चालाक और स्वार्थी होगा वो इस युग में बहुत विद्वान माना जाएगा।

श्लोक 5-
क्षुत्तृड्भ्यां व्याधिभिश्चैव संतप्स्यन्ते च चिन्तया ।
त्रिंशद्विंशति वर्षाणि परमायुः कलौ नृणाम्

अर्थ- लोग भूख-प्यास और कई तरह की चिंताओं से दुखी रहेंगे। कई तरह की बीमारियां उन्हें हर समय घेरे रहेगी। कलियुग में मनुष्य की उम्र केवल बीस या तीस वर्ष की होगी।

श्लोक 6-
दूरे वार्ययनं तीर्थं लावण्यं केशधारणम् ।
उदरंभरता स्वार्थः सत्यत्वे धार्ष्ट्यमेव हि ॥

अर्थ- लोग दूर के नदी-तालाबों को तो तीर्थ मानेंगे, लेकिन अपने पास रह रहे माता-पिता की निंदा करेंगे। सिर पर बड़े-बड़े बाल रखना ही सुंदरता मानी जायेगी और केवल पेट भरना ही लोगो का लक्ष्य होगा।

यह भी जानें – जानिए ब्राह्मण का इतिहास, पतन और उनका उत्थान – आचार्य विनय झा

श्लोक 7-
अनावृष्ट्या विनङ्‌क्ष्यन्ति दुर्भिक्षकरपीडिताः
शीतवातातपप्रावृड् हिमैरन्योन्यतः प्रजाः ॥

अर्थ- कभी बारिश न होगी, सूखा पड़ जाएगा। कभी कड़ाके की सर्दी पड़ेगी तो कभी भीषण गर्मी हो जायेगी। कभी आंधी आएगी तो कभी बाढ़ आ जाएगी। इन परिस्तिथियों से लोग परेशान होंगे और नष्ट होते जाएंगे।

श्लोक 8-
अनाढ्यतैव असाधुत्वे साधुत्वे दंभ एव तु ।
स्वीकार एव चोद्वाहे स्नानमेव प्रसाधनम् ॥

इस युग में जिस व्यक्ति के पास धन नहीं होगा वो अधर्मी, अपवित्र और बेकार माना जाएगा। विवाह दो लोगों के बीच बस एक समझौता होगा और लोग बस स्नान करके समझेंगे की वो अंतरात्मा से शुद्ध हो गए हैं।

श्लोक 9-
दाक्ष्यं कुटुंबभरणं यशोऽर्थे धर्मसेवनम् ।
एवं प्रजाभिर्दुष्टाभिः आकीर्णे क्षितिमण्डले ॥

धर्म-कर्म के काम केवल लोगों के सामने अच्छा दिखने और दिखावे के लिए किए जाएगे। पृथ्वी भ्रष्ट लोगों से भर जाएगी और लोग सत्ता हासिल करने के लिए एक दूसरे को मारेंगे।

श्लोक 10-
आच्छिन्नदारद्रविणा यास्यन्ति गिरिकाननम् ।
शाकमूलामिषक्षौद्र फलपुष्पाष्टिभोजनाः ॥

अकाल और अत्याधिक करों के कारण परेशान लोग घर छोड़ सड़कों व पहाड़ों पर रहने को मजबूर हो जाएंगे, साथ ही पत्ते, जड़, मांस, जंगली शहद, फूल और बीज खाने को मजबूर हो जाएंगे।।

Team Vigyanam

Vigyanam Team - विज्ञानम् टीम

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75 Comments

  1. सभी श्री मान ना तो गीता पर जाये और ना किसी और पर किंतु सच यहि है

  2. Bhaagwat Gita ka ek hi arth hai karm kiye j phal ki chinta mat kar tu insan jaisa karm karega waisa phal dega bhagwan

  3. हाँ बिल्कुल सत्य बात गीता मेँ लिखी हुई बात का प्रमाण प्रत्यच्छ रुप से दिखाई पड़ रहा है ।

  4. ये कलयुग है जो जैसा करेगा वैसा भरेगा!अर्थात मनुष्य जिस प्रकार कर्म करता है उसी Prakar fal milna isi yug me taiy he. next born nhi

  5. jab pahle hi Gitaa me likha huaa hai . to bhaiya mere ise badla todi na jayegaa……………?????
    wahi hoga jo Gita me likha hua hai……. or wahi ho v raha hh………
    its True..100%. or ise parmatma ke bina koi badal v nhi sakta…

  6. Sabhi sjjan Yeh kyon naheen mantu.
    …..Yeh sabb sattya hai ek ek shabad.sattya py adharit hai dosto.

  7. यह गीता जी के श्लोक नहीं है।

  8. yeh these lines r absolutely right in the present tyms. .but but but ..

    yeh geeta k shlok nhi h ..
    may b yeh Kisi aur puran k nhi h but ye shlok geeta k nhi h ..logo ko geeta ka glt gyan mt do ..Geeta is d secred book of hindus ..

  9. Satya vachan he dhire dhire is prathvi ka vinash hota ja raha he. Or log aapse me ek dusre ke prati rag dwesh rakhne lag gaye he.

  10. Yda Yda hi dhrmsya glanirbhvati bharta
    Tdatmaanm shrijaamy ………………………..
    Sboot………..
    Paani phle kam brash rha hai
    Bimaariya bdh rhi hai
    Anyaay. Rojaana. Badh rahai
    Jiske. Paas dhan hai
    Usi ko log dekhte hai jaante. Hai maante. Hai
    Hr koi apne aap shiddh saabit krta hai kitna bhi galat kyu n ho
    Dheeraj. Vishwakarma 8726235430

  11. Kalyug abhi chota bacha hai kalyug age 12500 ya 25500 ki hai abhi toh kalyug ki age srif 2500saal ki hai future toh bahut hi bayanak hai technologi se sab kaam hogo koi kisi ka maan nhi rakhega rishte naate sab naam ke honge kabhi barish nhi hogi kabhi tej dhoop aur sukha hoga akhi thand jaya hogi ke koi sah nhi apyega 12 ki age main ladki nani banegi 6 se 8 saal ki age main maa banegi maa bete ka baap beti ka koi kisi ka nhi hoga

  12. एकभी श्लोक गीता का नहीं है ….ये गीता का नयी आवृत्ति कभी आयी ? और किसने लिखी ???

  13. These shlokas not in Geeta or Bhagavadgeeta, but these are included shrimadbhagavata mahapuranam.

  14. ये सभी श्लोक श्रीमदभागवदम के द्वादश स्कन्ध के हैं !!

  15. Yeah bhagwat puranpuran mein likha hua hai aur 20 varsh aayu wali baat kalyug ke antim charan mein hoga. Abhi toh
    Kalyug ka 1st charan chal raha hai.

  16. these shloks from Srimad Bhagwatam canto 12 not from bhagwat geeta. you should read first atleast 1time in ur life.

    Hare Krishna!!!

  17. भागवत गीता में ऐसे कुछ भी नहीं कहे गए है। श्लोक भागवतम से है मालूम पड़ता हैं। आप इस टाइटल को चेंज कर दीजिये।

  18. important ye nahi ki gita me likha hai ya nahi important ye hai aaj k waqt manav kuchh isi tarike ki life jee rahe hai jo ki manvta ke aant ka sanket hai.

  19. वर्तमान परिस्थितियों को मध्यनजर ये कहानी जड़ी गयी है , इसका कोई प्रमाण नहीं है l ये गीता के श्लोक नहीं है l

  20. ये कलियुग के दुसरे चरण में प्रारंभ होगा , इसमें १००० वर्ष बाकी है l

  21. yehe to problem hai hum logo ka ki hum aaps me ladne lagte hai ,,aur labh koi aur utha leta hai ……sb sahii hai zor se bolo ((((jai shre ram ))))))))))))

  22. इसे कहते हैं ज्ञानका अज्ञान। जो गीता के नहीं हैं, उन्हें गीताके नाम पर परोसना कितना उचित है?

  23. इसे कहते हैं ज्ञानका अज्ञान। ये श्लोक गीता के नहीं हैं।
    ये सभी श्लोक श्रीमद्भागवतमहापुरण से लिए गए हैं।
    द्वादश स्कन्धके द्वितीय अध्यायमें क्रमश: श्लोक क्रमांक:1,2,3,4,11,6,10,5,7 और 9 हैं।

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