इंसानों को प्रकृति ने काफी सोच-समझ कर ही बनाया है। इंसान अपनी बुद्धि-कौशल से आज कई वअज्ञात चीजों को खोज रहा है और आने वाले समय में कई रहस्यों के ऊपर से परदा भी उठाएगा। मित्रों! यूं तो इंसान को आज कई चीजों के बारे में सोचना पड़ रहा हैं, परंतु उन सभी चीजों के अंदर एक ऐसी चीज़ भी शामिल है, जिसके बारे में हम हमेशा ही सोचते हैं। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसने कभी गायब (can a human become invisible) होने के बारे में कुछ भी न सोचा हो! क्योंकि गायब होने का सपना बचपन में हर किसी का होता है।
गायब (can a human become invisible) होना कोई साधारण बात नहीं हैं और ये करने में हम आज भी सक्षम नहीं हैं। परंतु क्या कभी हम सच में अपने-आप को गायब कर पाएंगे? क्या हम कभी मिस्टर इंडिया या मिस्टर एक्स की तरह अदृश्य हो कर लोगों को देख पाएंगे? क्या कभी इंसान गायब होने की शक्ति को सत्य में परिवर्तन कर पाएगा? ये सारे के सारे सवाल अकसर मेरे मन में आते ही रहते हैं। इसलिए मैंने सोचा की, क्यों न एक लेख इसी विषय के ऊपर भी लिख लिया जाए।
मित्रों! आज के इस लेख में हम गायब होने के कुछ तरीकों तथा क्या कभी ये संभव हो पाएगा; इसी के बारे में ही चर्चा करेंगे। तो, मित्रों! चलिये अब लेख में आगे बढ़ते हूए अदृश्य होने की ताकत को बारीकी से परखते हैं।
विषय - सूची
क्या हम इन तरीकों से गायब हो सकते हैं! – Can A Human Become Invisible With This Techniques? :-
लेख के इस भाग में मैंने गायब (can a human become invisible) होने के कुछ तरीकों के बारे में आप लोगों के साथ चर्चा किया हैं, जिससे आप लोगों को आसानी से पता चल सके की; क्या गायब होना हमारे लिए संभव हैं या नहीं!
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द रीफ्लैकशन क्लोक – The Reflection Cloak :-
अगर मेँ आप लोगों को बोलूँ की, जापान में लोगों को आसानी से अदृश्य (can a human become invisible) कर दिया जा रहा हैं; तो क्या आप मेरे बातों पर यकीन करेंगे? शायद नहीं! परंतु मित्रों ये बात पूरी तरीके से सत्य हैं। “Susumu Tachi“ नाम के एक जापानी कम्प्यूटर इंजीनियर ने लोगों को गायब करने की तरकीब को बाहर निकाल लिया हैं। वर्तमान समय की बात करें तो, सुसुमु ने काफी सारे लोगों को जापान के अभूतपूर्व लैंडस्केप में गायब कर चुके हैं।
यहाँ पर लोगों को आप एक प्रकार के पारदर्शी रेन कोट के जैसे वस्त्र पहनते हुए देखने को मिलेगा। तो, जब आप भी इस पारदर्शी कोट को पहन लेंगे तब आप भी अपने आसपास के परिवेश के साथ काफी ज्यादा घुल मिल जाएंगे। बता दूँ की, ये पारदर्शी कोट “Retro-Reflectum“ के मटिरियल से बना हैं। इसके अलावा ये पारदर्शी कोट रियल टाइम में हूबहू आसपास के परिवेश के साथ घुल मिल जाने वाले दृश्य को प्रोजेक्ट कर सकता हैं।
जब ये रियल टाइम प्रोजेक्ट किया गया इमैज किसी भी कैमरे में रिकार्ड किया जाता हैं, तब ऐसा लगता हैं की; पारदर्शी कोट को पहनने वाला इंसान कैमरे के सामने खड़ा तो हैं परंतु दिखाई ही नहीं दे रहा हैं। मित्रों! रेट्रो-रिल्फ्लैक्ट्म के मटिरियल से हम काई सारे चीजों को अदृश्य बना सकते हैं, जैसे की एक खिड़की या एक कार!
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पर्फेक्ट ट्रांसपरेंसी – Perfect Transparency :-
गायब होने के आसान तरीकों में “पारदर्शिता” शामिल हैं। परंतु सुनने में जितना ये सरल और अच्छा लगता हैं, क्या सच में ये उतना सरल हैं? तो, मित्रों! बता दूँ की; कोई भी चीज़ तब अदृश्य हो सकेगी जब वो चीज़ 100% पारदर्शी हो पाएगी। ऐसे में किसी भी चीज़ को 100% पारदर्शी कर पाना अपने-आप में ही एक बड़ी चुनौती हैं। इसलिए पर्फेक्ट ट्रांसपरेंसी की ये बात हकीकत में कर दिखाने के लिए काफी सारे प्रयासों की जरूरत पड़ेगी।
परंतु यहाँ एक खास बात ये भी हैं की, हम इंसानों को बाकी चीजों के मुक़ाबले आसानी के साथ 100% पारदर्शी बना सकते हैं। क्योंकि, इंसान के खून और बालों के रंगों के अलावा बाकी सारे टिसु लगभग ट्रांस्परेंट ही हैं। इसके अलावा हमें अपने शरीर के हर एक टिसु के “रिफ्राक्टिव इंडेक्स” को लगभग 1 के करीब लाना पड़ेगा। जिससे इंसानी आँखों में होने वाले रीफ़्रैकशन को कम किया जा सके। जिससे प्रकाश की किरणें हमारे शरीर के ऊपर आ कर भी रिफ़्रैकशन को उतने बेहतर ढंग से अंजाम दे नहीं सकेंगे और शायद इसी के वजह से हम अदृश्य भी हो पाएंगे।
हालांकि! अभी तक ऐसी कोई तकनीक नहीं हैं, जिससे की हम अपने शरीर के रिफ़्रैकटिव इंडेक्स को इतना कम कर पाएंगे। इसके अलावा एक तरकीब और भी, जिससे हम अपने-आप को 100% पारदर्शी बना सकते हैं। अगर हम किसी तरीके से अपने शरीर के रिफ़्रैकटिव इंडेक्स को हमारे चारों तरफ मौजूद चीजों के रिफ़्रैकटिव इंडेक्स के साथ एक समान कर लें, तो हमारा शरीर उस परिवेश में एक तरह से अदृश्य ही हो जाएगा।
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इल्यूजन ओपटिक्स एंड वेव क्लोक्स – Illusion Optics And Wave Cloaks :-
मित्रों! किसी भी चीज़ को हम गायब (can a human become invisible) करने के साथ ही साथ, उसे एक अलग ही चीज़ के रूप में बदल सकते हैं। यानी! वैज्ञानिकों के अनुसार अगर हम एक ऐसे शील्ड को बना लेते हैं, जिसके जरिये हम उस शील्ड के ऊपर पड़ने वाले रोशनी के तरंगों में फेर बदल कर पाएंगे तो; शायद हम किसी भी चीज़ को एक अन्य ही चीज़ के रूप में बदल पाएंगे। परंतु! इसमें सबसे बड़ी मुश्किल ये हैं की, हमें इस शील्ड को बनाने के लिए एक खास तरह के मेटा-एटम की जरूरत पड़ेगी।
इसके अलावा वैज्ञानिकों के अनुसार अगर हम किसी भी चीज़ को उसके असल आकार से बड़ा कर दें, तो हम उसके ऊपर पड़ रहें वेव ओपटिक्स के गुणों में बदलाव ला कर एक ऐसे हिडन पोर्टल को बना पाएंगे; जिसके अंदर हम किसी भी चीज़ को रख कर उसे आसानी से अदृश्य बना सकते हैं। इसके अलावा हम एक खास मेटा एटम से एक खास कोट को भी बना सकते हैं, जिसको पहन कर हम गायब भी हो पाएंगे।
अभी तक वैज्ञानिकों ने “Spacetime Cloak” नाम के एक ऐसे कोट को बना लिया हैं, जिसके जरिये हम शायद गायब हो सकते हैं। इस कोट को पहन कर हम रोशनी के गति में फेर-बदल कर सकते हैं, जिससे किसी भी वस्तु की रिफ़्रैकटिव इंडेक्स भी प्रभावित होगा। मित्रों! आपको क्या लगता हैं, क्या हम इस तकनीक के जरिये कभी गायब हो पाएंगे?
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मेटामटीरियल्स – Metamaterials! :-
वैज्ञानिकों को यकीन हैं की, आने वाले समय में हम “Transformation Optics” के जरिये लोगों को गायब (can a human become invisible) कर पाएंगे। मित्रों! ये तकनीक आइंस्टीन के “थियरि ऑफ जेनेरल रिलेटिविटी” के ऊपर आधारित होगा। इस तकनीक के अंतर्गत हम प्रकाश के तरंगों के मुड़ाव को समझ कर उसमें फेर-बदल कर चीजों को अदृश्य बनाएंगे। इसके अलावा इस तकनीक में हम स्पेस के मुड़ाव को भी समझेंगे, जिससे इस तकनीक और भी ज्यादा सक्षम बनाया जा पाएगा।
वैसे इस सिद्धांत में हम मेटामटीरियल्स को उपयोग में लेंगे। कई सारे मेटामटीरियल्स के दरमियान हम प्रकाश के किरणों को गुजार कर अपने इच्छानुसार मोड सकेंगे। जिससे एक ऐसे शील्ड का निर्माण होगा, जो की किसी भी वस्तु के ऊपर पड़ने वाले प्रकाश के किरणों को मोड कर उसे अदृश्य बना सकेगा। हालांकि! इस तकनीक में अभी भी कई सारे विकास होना बाकी हैं, क्योंकि अभी तक ये एक थियरि मात्र हैं।
मित्रों! किसी भी चीज़ को सफल होने में थोड़ा समय तो लगता ही हैं। समय से पहले जल्दबाजी में इन कामों को अंजाम नहीं दिया जा सकता हैं। इसलिए अभी के लिए हमें थोड़ा धैर्य रख कर इंतजार करना पड़ेगा, जब तक की वैज्ञानिक एक ऐसे तकनीक को बाहर नहीं निकाल लेते जिससे की हम सरलता के साथ गायब हो जायें।
Source :- www.theguardian.com