मैं आप लोगों को अपने लेखों के अंदर प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसे जलवायु से जुड़ी बहुत सारे घटनाओं का जिक्र करता हुआ नजर आऊँगा जो की आप लोगों को पहले से शायद पता ही होगा। परंतु मित्रों ! क्या आपने कभी सोचा है की, मेँ अकसर इन बातों का जिक्र क्यों करता रहता हूँ ! खैर मेँ बता दूँ की विज्ञान के अग्रगति के साथ ही साथ हमारा पृथ्वी धीरे-धीरे महा विनाश की और बढ़ रहा हैं। समंदर की जल स्तर में अस्वाभाविक रूप से बुद्धि हो या ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में वर्तमान के समय में जल रहा दावानल (australia fire in hindi) यह सब महा-विनाश के आने का ही संकेत हैं।
खैर विश्व को आज ऑस्ट्रेलिया में लगे इस महाविनाशक आग (australia fire in hindi) के बारे में बहुत ही ज्यादा चिंता हो रही हैं | तो, आखिर ऑस्ट्रेलिया में लगे इस आग का मूल कारण हैं ? आखिर इसका कैसा प्रभाव विश्व पर पड रहा हैं ? क्या यह आग बहुत ही खतरनाक है ? ऐसे ही कई प्रकार के सवाल आपके मन में भी होगा | तो, चलिए आगे इस लेख के अंदर हम लोग इन्हीं सवालों के जवाबों को ढूंढते हैं और ऑस्ट्रेलिया की इस भीषण आग के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं।
विषय - सूची
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में अकसर लगती रहती हैं आग ! :-
आपको जानकर थोड़ा अजीब लगेगा, परंतु मेँ आपको बता दूँ की ऑस्ट्रेलिया की जंगलों में आग लगना (australia fire in hindi) उस देश के लिए ज्यादा असाधारण बात नहीं हैं | काफी समय से इस देश के अंदर आग लगते ही रहते हैं जो की कुछ समय के बाद स्वतः मीट जाते हैं या आसानी से काबू में आ जाते हैं| परंतु दोस्तों ! 2019 की जुलाई के महीने से लगा इस बार का आग बहुत ही ज्यादा प्रलयकारी हैं |
अभी तक एक रिपोर्ट के हिसाब से न्यू साउथ वेल्स (New South Wales) प्रांत में लगभग 8 लोग आग के चपेट के कारण मर चुके हैं और लगभग 3000 से ज्यादा घर इस आग के कारण ध्वस्त हो चुके हैं | मित्रों! दक्षिण गोलार्ध में स्थित यह देश अपने उन्नत तकनीक और प्रयुक्त ज्ञान-कौशल के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं | इसके पास दुनिया की सबसे ताकतवर दमकल वाहिनी होने के बाद भी पिछले साल से लगे आग को काबू करने में सक्षम नहीं हो पाया हैं |
इसके अलावा मेँ आपको बता दूँ की, ऑस्ट्रेलिया के आग को (australia fire in hindi) मिटाने के लिए खुद दुनिया का सबसे ताकतवर देश यानी संयुक्त राज्य अमेरिका भी ऑस्ट्रेलिया की मदद कर रहा हैं, परंतु खेद की बात यह हैं की वह भी आग पर काबू पाने में अभी तक सक्षम नहीं हो पाया हैं |
तो, आखिर ऐसी भीषण आग लगने का कारण क्या हैं ? क्यों एक विकसित देश इस आग को लगने से रोक नहीं पाया हैं ? चलिए अब इस सवालों का जवाब आगे इस लेख में ढूंढते हैं | वैसे आगे बढ्ने से पहले मेँ आपको बता दूँ की मैंने लेख के अंदर कुछ ऐसे विंदुओं को शामिल किया हैं जिसे पढ़ कर आप इस घटना के बारे में और बेहतर ढंग से जान पाएंगे, इसलिए लेख के हर भाग को गौर से पढ़िएगा |
ऑस्ट्रेलिया में लगने वाले आग का मूल कारण – Causes Of Australia Fire In Hindi :-
दावानल जैसी एक बहुत ही विनाशक घटना ऐसे ही नहीं घटती हैं, इसके पीछे कई सारे कारण रहते हैं | कुछ बड़े और मुख्य कारण वहीं कुछ छोटे और सामान्य से कारण | वैसे हम लोग लेख के इस भाग में मूल और प्रमुख कारणों के बारे में चर्चा करेंगे | तो, चलिए कारणों को जानने की इस प्रक्रिया को शुरू करते हैं |
हर साल ऑस्ट्रेलिया में एक विशेष समय पर आग लगने खतरा बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता हैं, इसलिए अकसर इस समय को वहाँ के निवासी फायर सीज़न भी कहते हैं | इस फायर सीज़न के समय जलवायु बहुत ही ज्यादा सुखी और गरम हो जाती हैं | जलवायु में जलीय कण के कमी से आसानी से कहीं भी आग लगने का खतरा बढ़ जाता हैं | आग लगने का यह प्रक्रिया ज़्यादातर प्राकृतिक ही होते हैं |
वैसे ज़्यादातर ऑस्ट्रेलिया में लगने वाले आग (australia fire in hindi) की घटनाएं प्राकृतिक रूप से ही शुरू होते हैं | कई बार सूखे के कारण पहले से त्रस्त सुखी जंगलें बिजली चमकने के कारण आग के चपेट में आ जाती हैं | एक ऐसी ही घटना साल 2019 के दिसंबर के महीने में देखने को मिला था | विक्टोरिया ईस्ट गिप्स लेंड नाम के एक जगह से बिजली चमकने के कारण लगी आग वहाँ से आगे बढ़ कर 20 km तक फैल गया था और वह भी सिर्फ 5 घंटों के अंदर ही।
इसके अलावा कुछ असामाजिक व्यक्तियों के कारण भी जंगलों में आग लग जाते हैं | पिछले साल ऑस्ट्रेलिया की पुलिस 24 लोगों को जंगल में जान बुझ कर आग लगाने के जुर्म में गिरफ्तार किया था | वैसे मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की पिछले साल जंगलों में आग लगने से संबंधित 138 घटना ऑस्ट्रेलिया के पुलिस के पास रिपोर्ट हुई थी।
वर्तमान के समय में ऑस्ट्रेलिया के किन-किन हिस्सों में आग लगी हुई हैं ! :-
आज के समय में ज़्यादातर लोगों को सिर्फ यह पता है की, ऑस्ट्रेलिया में आग (australia fire in hindi) लगी हुई हैं परंतु उन लोगों को यह पता ही नहीं है की, आखिर ऑस्ट्रेलिया के किन-किन जगहों पर आग वाकई में लगी हुई हैं | तो, चलिए अब इसके बारे में भी जान लेते हैं |
मूल रूप से कहूँ तो, आज के समय में ऑस्ट्रेलिया के हर एक प्रांत में आग लगी हुई हैं | परंतु आग का ज्यादा कहर न्यू साउथ वेल्स नाम के प्रांत में ही बरपा हैं | इस प्रांत के अंदर मौजूद हर एक झाड़ी, जंगली क्षेत्र और यहाँ तक की ब्लू माउंटेन जैसी जातीय पार्क के अंदर भी आग लगी हुई हैं | आग की विनाशकारी प्रकोप न्यू साउथ वेल्स में रहने वाले लोगों से ज्यादा बेहतर और कोई शायद ही बता पाए |
मेलबर्न और सिडनी जैसी विशाल नगरों पर भी जंगल में लगे आग का आप असर देख सकते हैं | नगर के पास ही मौजूद जगहों में स्थित घरों की हालत तंदूर में भुनी हुई किसी रोटी की तरह हो गया हैं | हर जगह आपको अध-जले घर और पेड़ देखने को मिलेंगे | इसके अलावा आग के कारण आकाश में मिलों ऊपर उठती धुआँ का एक मोटा चादर इस नगरों को अपने अंदर धीरे-धीरे समा ले रहा हैं|
पिछले साल से लगा यह आग सदी का सबसे खतरनाक और विनाशक आग हैं, क्योंकि इस के कारण ऑस्ट्रेलिया के ज़्यादातर प्रांतों में वायु प्रदूषण बहुत ही ज्यादा बढ़ गई हैं जिससे आगे कई सारे खतरे खड़े होने वाले हैं |
यह आग इतने खतरनाक क्यों और कैसे होते हैं ? :-
जैसा की मैंने आपको लेख के प्रारंभिक हिस्से बताया है, ऑस्ट्रेलिया में आग (australia fire in hindi) लगना एक आम बात हैं | यहाँ पर इससे पहले भी कई भीषण आग लग चुकी हैं | साल 2009 में लगा आग लगभग 173 लोगों की जान लेकर की शांत पड़ा था जो की शायद अब तक का सबसे घातक आग भी था | परंतु पिछले साल जल रहा यह आग साल 2009 लगे आग से भी ज्यादा खतरनाक हैं, क्योंकि इस बार आग को मिटाने के लिए किए जाने वाले प्रयास काम नहीं दे रहें हैं और जलवायु भी आग मिटाने के प्रक्रिया को काफी ज्यादा बाधित कर रहा हैं | कुल मिलाकर इतना कहा जा सकता हैं की, आग को मिटाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिकूल अवस्था बनी हुई हैं |
इसके अलावा पिछले साल ऑस्ट्रेलिया ने इस दशक का सबसे बड़ा सूखा देखा है, जो की भूमि और जलवायु को पूर्ण रूप से शुष्क कर दिया हैं | मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में एक प्रलयकारी हिट वेव (heat wave) ने सूखे की इस परिस्थिति को और भी ज्यादा खराब कर दिया हैं | आप यकीन नहीं करेंगे परंतु ऑस्ट्रेलिया के ज़्यादातर हिस्सों में पिछले साल तापमान 40 डिग्री से ज्यादा था |
इतना गरम जलवायु आग को और भी ज्यादा भड़का देती हैं | साथ ही साथ ऑस्ट्रेलिया के अंदर बहने वाली काफी तेज हवा आग को एक से दूसरे जगह काफी जल्दी पहुंचा देती हैं, जिससे आग बहुत ही दूर-दूर तक पहुँच जाता हैं | मित्रों! इन सभी महा विनाशकारी घटनाओं के होने के पीछे की वजह सिर्फ एक हैं और वह है जलवायु में तेजी से बदलाव | इंसानों के वजह से हो रहें प्रदूषण इसका मूल कारण हैं |
ऑस्ट्रेलिया मे लगे आग का प्रभाव ! :-
ऑस्ट्रेलिया में लगा आग (australia fire in hindi) एक तरह से दुर्लभ घटना ही हैं, क्योंकि इस तरीके का भीषण आग हर वक़्त नहीं लगता हैं | तो, इस तरीके के दुर्लभ घटना के परिणाम भी उसी हिसाब से दुर्लभ ही होंगे | वैसे तो कई ऑस्ट्रेलियन सहर आग के चपेट में आ कर झुलस कर तबाह हो चुके हैं, परंतु सबसे ज्यादा क्षति न्यू साउथ वेल्स को पहुंची हैं | मेँ आपको बात दूँ की यह प्रांत ऑस्ट्रेलिया का सबसे गहन आबादी वाला प्रांत हैं जिसमें कई घर मौजूद हैं | वैसे एक रिपोर्ट से पता चला है की, इस प्रांत में मौजूद 1,588 घर आग के कारण तबाह हो चुके हैं और इन्हीं 1,588 घरों में से 650 घरों की कोई अस्तित्व ही नहीं बचा हैं |
सोच कर ही कितना दुख और भयानक लगता हैं, परंतु विडंबना की बात यह हैं की प्रकृति के आगे हम तुच्छ इंसानों का भला क्या चलेगा | हम लोग अकसर भूल जाते हैं की, प्रकृति ने हमें बनाया है न की हमने प्रकृति को |
दुनिया के अन्य देशों में भी फैल रहा है आग का प्रकोप :-
इसके अलावा मेँ आपको और भी बता दूँ की अब तक आगे के कारण 73 लाख हेक्टर जमीन खाक हो चुकी हैं जो की बेल्जियम और डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों की कुल क्षेत्रफल के समान हैं | सिर्फ न्यू साउथ वेल्स प्रांत में 49 लाख हेक्टर जमीन आग से जल कर बर्बाद हो चुकी हैं |
आपको जानकर बहुत ही आश्चर्य होगा की, पिछले साल यानी 2019 में ही अन्य-अन्य देशों में लगे आग के कारण करीब-करीब 2 करोड़ हेक्टर जमीन जलकर बर्बाद हो चुकी हैं | साल 2019 में आमाज़न के जंगलों में लगे आग ने 70 लाख हेक्टर जमीन रख कर दिया, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में लगे आग ने 1 लाख हेक्टर जमीन को नष्ट कर दिया | इतनी तेजी से नष्ट हो रहें वन्य संपदा को हम चाहकर भी बचाने में सक्षम नहीं हो पाए हैं |
कितनी अजीब बात हैं न ! जहां हम लोग दुनिया को पहले के भांति प्रदूषण रहित और हारा-भरा बनाने के लिए इतने बड़े-बड़े आयोजन और विश्व स्तरीय बैठक करते हैं वहीं दूसरी तरफ प्रकृति अपना कहर बरपा कर और भ तेजी से बचे हुए जंगलों की संपदाओं को नष्ट करने में लगी हैं | तो, क्या प्रकृति यह जान बुझ कर रही हैं या इसके पीछे कोई वजह हैं ? इस पर थोड़ा गहन चर्चा कीजिएगा, क्योंकि आज के समय में इंसान बड़ी-बड़ी बातें तो करता हैं परंतु कहे जाने वाले उन बड़ी-बड़ी बातों के ऊपर कभी अमल नहीं करता हैं | शायद यही वजह है की आज हमें इतने विनाशक नतीजे देखने को मिल रहें हैं | आपका इस के बारे में क्या ख्याल हैं !
ऑस्ट्रेलिया में लगे आग से जानवरों पर प्रभाव :-
अब इस शीर्षक के नीचे जी बात को मेँ आगे लिखने जा रहा हूँ, उन बातों को पढ़ कर शायद आपके आँखों में आँसू ही आ जाए क्योंकि यह बात हैं ही इतनी दुख दाई और करुणा से भरी हुई | ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगे आग (australia fire in hindi) के कारण पेड़-पौधे तो नष्ट हो ही रहें हैं, परंतु इसके साथ ही साथ कई जानवर भी आग के भेट चढ़ जा रहें हैं और वह भी बिना किसी अपराध के |
सिडनी विश्व विद्यालय के एक रिपोर्ट से यह जानने को मिला है की, आग के वजह से करीब-करीब 1 अरब से ज्यादा जानवर प्रभावित हुए हैं और कई लाख जानवर आग के चपेट में आ कर मर भी चुके हैं | यकीन मानिए इन वे जुबान जानवरों की कुछ भी गलती नहीं थी परंतु इनको अपनी जान हमारे किए गए स्वार्थी कामों के फल स्वरूप चुकाना पड़ा |
मित्रों ! इसके अलावा और भी बता दूँ की , कई दुर्लभ प्रकार के पक्षी, मेंढक , सरीसृप और किट-पतंगो की एक बड़ी सी संख्या इस आग में कहीं झुलस कर मीट चुकी हैं | कोआला नाम के एक जानवर की संख्या आग लगने के कारण एक-तिहाई घट चुकी है और दिन व दिन यह और भी घटती ही जा रही हैं |
तो, आप देख ही सकते हैं की यह आग कितना खतरनाक है और यह पशु-संपदा को भी कितना नुकसान पहुंचा चुका हैं
आग को मिटाने के लिए किए जा रहे प्रयास :-
कोई भी काम को सफलता के साथ पूरा करने के लिए कई सारे प्रयास करने पड़ते ही पड़ते हैं | इसीलिए ऑस्ट्रेलिया में लगे इस भीषण आग (australia fire in hindi) को मिटाने के लिए अब तक कई सारे प्रयास किया जा चुका हैं | वर्तमान के समय में आग से लढने के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार 2,000 से ज्यादा कुशल दमकल कर्मियों को नियुक्त किया हैं | इसके अलावा जरूरत पड़ने पर सरकार ने सेना को भी निर्देश दिया है की वह दमकल वाहिनिओं की मदद करें |
आग के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अमेरिका, कनाडा और न्यूज़ीलेंड से भी अतिरिक्त दमकल कर्मियों को बुलाया गया हैं | इसके अलावा सरकार ने स्थानीय प्रशासन को यह निर्देश दिया है की, जल्द से जल्द लोगों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया जाए तथा ध्वस्त हो चुके अस्पताल और स्कूलों को जल्द से जल्द पुनः निर्माण करें | इसके लिए सरकार ने कई अरब डॉलर की परियोजना भी तैयार किया हैं |
सरकार कर रही है पूरी कोशिश :-
मेँ आपको और भी बता दूँ की आग से जीवन की बाजी लगा कर लढ रहें हर एक दमकल कर्मी को सरकार के तरफ से लगभग 4,200 डॉलर की आर्थिक मदद भी दिया जाएगा | अब यहाँ पर लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा की आखिर कब ऑस्ट्रेलिया को इस आग से मुक्ति मिलेगा ? तो, मित्रों मेँ आपको बता दूँ की इस आग से मुक्ति ऑस्ट्रेलिया को शायद ही मिल पाए | क्योंकि साल के जनवरी और फरवरी का महीना ऑस्ट्रेलिया का सबसे गरम और सूखा महिना होता हैं और जहां जुलाई और सितंबर जैसी सर्दी के मौसम में यह आग इतना बढ़ सकती है तो जरा सोचिए की जनवरी और फरवरी के महीने क्या होगा |
तो, यह कहना बड़ा मुश्किल है की आखिर कब ऑस्ट्रेलिया को इस आग से मुक्ति मिलेगी, परंतु हाँ इसकी तीव्रता में गिरावट अवश्य ही आएगा |
निष्कर्ष – Conclusion :-
अब जो होना था वह तो हो ही रहा हैं, परंतु बात यहाँ सिर्फ इतनी है की हम लोग आने वाले समय में इन घटनाओं को देख कर कितनी मात्रा में जागरूक होते हैं | ऑस्ट्रेलिया की जनता अब हर साल लगने वाली इन घटनाओं से काफी ज्यादा समझदार बन चुकी हैं और वह अच्छे तरह से जानती है की अगर अब कुछ नहीं किया गया तो आगे बहुत सारे असुविधाएँ आने वाली हैं | पूरे विश्व में सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ही 20% कोयले की मांग को पूरा करता हैं |
कोयले के निर्यात से आने वाली अर्थ से ही देश के अंदर विकास के प्रक्रिया चलते हैं, परंतु क्या सच में इन कोयले की संपदा को बेच कर अपने स्वार्थ के लिए इतनी बड़ी भारी प्राकृतिक संपदा को ऐसे ही जाने दिया जाए ! वहाँ के लोगों को समझना होगा की सुखद और विकसित जीवन हर वक़्त बिना किसी मूल्य के नहीं आता और उनके इन कामों की वजह से बढ़ रहे प्रदूषण के कारण भारत जैसे विकासशील देशों को भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी | कोयले के खनन से प्रदूषण का खतरा तो बनता ही है और उसके ऊपर जंगलों में लगे आग को एक तरफ से ईंधन भी मिल जाता हैं !
Source :- www.cnn.com.