प्रकृति की प्रेम और एक माँ की मातृत्व का कोई दूसरा विकल्प ही नहीं हैं| मित्रों! बचपन से ही इसी प्रकृति ने हमें कई सारे चीजों को हमारे लिए रख कर बहुत ही आदर और स्नेह के साथ पाला है। पृथ्वी पर मौजूद हर एक इंसान प्रकृति से ही जन्म लेता है और एक दिन उसी के अंदर ही समा जाता है। मेँ जब भी कभी प्रकृति की और देखता हूँ , तब मुझे सिर्फ एक अलौकिक आनंद का अनुभूति महसूस होता है। परंतु यहाँ पर विडंबना की बात यह है की इतनी सुंदर प्रकृति को हम लोगों ने आज वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) जैसे तरीकों से बिगाड़ डाला है।
देखिए दोस्तों! आज आप लोगों को शायद ही वायु प्रदूषण जैसे (air pollution in hindi) असुविधाओं का प्रभाव नजर आ रहा होगा , परंतु हाँ ! आने वाले कुछ दशकों के अंदर इसका विनाशकारी प्रभाव पूरे पृथ्वी को ले डूबेगा| अगर आप लोगों ने हाल ही में हुए हमारे सम्माननीय प्रधानमंत्री जी के अमरीकी दौरे के ऊपर थोडी सी भी नजर डाली होगी तो आपको संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nation) की परिवेश के ऊपर हुई सत्र के बारे में अवश्य ही कुछ न कुछ पता ही होगा|
मित्रों! मेँ कभी भी उस 16 वर्षीय स्वीडिश लड़की ग्रेटा थंबर्ग (Greta Thunberg) की अभी-व्यक्ति को नहीं भूल सकता। उस ने जो पर्यावरण को ले कर जो कहा है वह एक कटु सत्य ही तो है ! खैर शब्दों की माला को अब थोड़ा खींचते हुए चलिए आज मेरे साथ वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) से जुड़ी कई रोचक , ज्ञानवर्धक और महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं , क्योंकि मुझे ऐसा लगता है की इस से हम सभी का ही भला होगा |
विषय - सूची
वायु प्रदूषण क्या हैं ? – What is Air Pollution In Hindi ? :-
आज कल लोग पर्यावरण को ले कर धीरे-धीरे जागरूक हो रहें हैं , जो की मेरे हिसाब से बहुत ही अच्छी बात हैं| परंतु कुछ लोगों को वायु प्रदूषण क्या हैं (what is air pollution in hindi)? इसके बारे में ही पता नहीं| मेँ यहाँ पर यह कर किसी का मज़ाक नहीं उड़ा रहा हूँ! देखिए हर एक बात किसी को पता होना चाहिए यह बिलकुल भी मायने नहीं रखता| मुझे भी बहुत सारे चीजों के बारे में पता नहीं हैं , तो सीखना तो बनता ही हैं| खैर सबसे पहले वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) के संज्ञा को सरल भाषा में जान लेते हैं|
“दरअसल वायु प्रदूषण एक प्रकार का हवा के गुणवत्ता में होने वाला हानिकारक बदलाव है , जो की मूल रूप से कार्बन ऑक्साइड , सल्फर और नाइट्रोजन जैसे अहितकारी गैसों के वजह से होता हैं”|
आज के समय में पूरे पृथ्वी में इसका प्रभाव बढ़ते ही जा रहा है और इसी कारण से दुनिया की सबसे बड़ी-बड़ी नगरों के अंदर हवा के गुणवत्ता की मात्रा दिन व दिन घटता ही जा रहा हैं| आप यह बात सुनकर चौंक जायेंगे की 2000 साल पहले भी रोमन साम्राज्य के लोग वायु प्रदूषण जैसे पर्यावरण से जुड़ी असुविधाओं से काफी ज्यादा परेशान थे| उस समय यूरोपीय देशों के अंदर जलने वाले लकड़ियों से निकलता हुआ धुआँ वायुमंडल को काफी ज्यादा प्रदूषित कर देता था |
वायु प्रदूषण के कारण – Causes Of Air Pollution In Hindi :-
आपको यह बात हमेशा याद रखनी पड़ेगी की इस ब्रह्मांड में कोई भी घटना बिना किसी कारण के ज़्यादातर नहीं घटता और इसी वजह से वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) के भी कुछ कारण हैं | मैंने नीचे इस के बारे विस्तृत से जानकारी प्रदान किया है , तो अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ते रहिए |
मित्रों! थोड़ा ठहरिए आगे बढ्ने से पहले मेँ आप लोगों से कुछ महत्वपूर्ण बात कर लूँ जो की आपको आगे बहुत ही काम आयेगा| आमतौर पर वायु प्रदूषण मूल रूप से कुछ जलीय और गैसीय प्रदूषित कणिकाओं का स्वस्थ वायु में मिल जाने से होता हैं| इन जलीय और गैसीय कणिकाओं को विज्ञान की भाषा में एरोसल (Aerosol) कहते हैं | यहीं एरोसल अपने अलग-अलग प्रकार के रूप में परिवर्तित हो कर गंभीर रूप से वायु को संक्रमित कर देते हैं|
एरोसल को मद्दे नजर रखते हुए इसको मुख्य रुप से दो भागों में बांटा गया हैं |
- प्राइमरी पोल्यूटांट – यह एक प्रकार का वायु प्रदूषित करने वाला कारण है , जो की प्राथमिक प्रदूषण के स्रोतों से आता हैं | सल्फर डाइऑक्साइड इसका एक प्रमुख उदाहरण हैं|
- सेकंडरी पोल्यूटांट – प्राइमरी पोल्यूटांट के आपसी प्रक्रियाओं से सेकंडरी पोल्यूटांट बांटा हैं| स्मोग (Smog) इस का एक प्रमुख उदाहरण हैं|
तो,अब चलिए एक-एक कर के वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) के मूल कारणों को जानते हैं|
1. जीवाश्म ईंधन का दहन :-
अब इसके बारे में क्या कहूँ ! क्यूँकी यह वजह वायु प्रदूषण का मुख्य और सबसे प्रसिद्ध कारण हैं| बहुत सारे लोग इस के बारे में जानते होंगे| परंतु फिर भी इसके बारे में बात तो करना बनता ही हैं| 21 वीं शताब्दी में इंसानों की सहूलियत के लिए कई सारे सेवाओं और यंत्र का निर्माण हुआ जिस से हम सभी का जीवन काफी ज्यादा आसान और खुशहाल हो गया|
हम सभी ने जीवाश्म ईंधन से चलने वाली वाहनों का उपयोग करना चालू किया| इन्हीं वाहनों के अंदर इस्तेमाल होने वाला ईंधन भारी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड को पैदा करता है जो की एक मूल वायु प्रदूषण करने वाला कारण हैं| इसके वाला कारखानों के अंदर इस्तेमाल होने वाला ईंधन कार्बन डाइऑक्साइड जैसे अन्य कई सारे वायु प्रदूषण कारकों के पैदा होने का मूल वजह हैं|
कार्बन मोनोऑक्साइड नाम का और एक प्रदूषण करने वाला कारक ईंधन की आंशिक दहन से पैदा होता हैं| यह गैस काफी ज्यादा खतरनाक है और इस से कई सारे बीमारियाँ भी फैलती हैं |
2. कृषि से भी हो रहा है प्रदूषण :-
शीर्षक पढ़ने के बाद आप सभी लोगों को थोड़ा स अटपटा अवश्य ही लगा होगा , जो की आम बात हैं| मित्रों! हमेशा से जैविक कृषि (organic farming) ही हितकारी रही हैं| आज कल होने वाला रासायनिक कृषि परिवेश को काफी ज्यादा प्रभावित कर रहा हैं|
रासायनिक खादों में इस्तेमाल किया जाने वाला अमोनिया एक ऐसी चीज़ है जो की न बल्कि वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) करवा रहा है परंतु इस से जल प्रदूषण भी काफी ज्यादा हो रहा हैं| हम सभी को जैविक खादों का इस्तेमाल कर के कृषि करनी चाहिए|
3. खदानों से निकल रहा है भारी मात्रा में प्रदूषण :-
आए दिन हर एक देश में आज कई प्रकार के खदान रोजाना खुल रहें हैं| इन्हीं खदानों के अंदर से कई प्रकार के हानीकारक प्रदूषण के कारक लगातार वायु मंडल को प्रदूषित करते ही जा रहें हैं| आमतौर पर खदानों के अंदर जमीन के नीचे मौजूद खनिज और प्राकृतिक गैसों को ढूंढा जाता है।
इसलिए खदानों के अंदर खुदाई के लिए बहुत बड़े-बड़े और शक्तिशाली औजारों का इस्तेमाल किया जाता हैं | इन्हीं औजारों से काफी ज्यादा हानिकारक रासायनिक पैदा होते ही रहते है और हाँ खुदाई के समय काफी ज्यादा धूल भी निकलता हैं | यह धूल वायु मंडल को काफी ज्यादा प्रभावित करता हैं|
इसके अलावा खदानों में काम कर रहे श्रमिकों के स्वास्थ्य पर भी यह प्रदूषण के कारण भारी मात्रा में हानिकारक प्रभाव डालते हैं| एक सोध से पता चला है की इस से गंभीर रूप से श्वास से जुड़ी बीमारियां होती है जो की जानलेवा और संक्रामक भी हो जाती हैं| विकसित देशों के अंदर खदानों से निकलने वाली प्रदूषण की मात्रा विकासशील देशों के मुकाबले काफी ज्यादा हैं|
4. अनजाने में आप भी फैला रहें हैं प्रदूषण :-
शीर्षक थोड़ा अजीब स है न! परंतु यह पूर्ण रूप से सत्य है| दोस्तों कई सारे मैंने भी इसके बारे में न ही कुछ पढ़ा था जाना था , परंतु जब मैंने इसके बारे में जाना तो बहुत दुख हुआ क्योंकि अनजाने में ही सही पर मेँ भी वायु को प्रदूषित कर रहा था| तो , आखिर हम लोग कैसे वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) का कारण बन रहें चलिए लेख के इस भाग में ढूंढते हैं|
घर में लगाए जाने वाला रंग और साफ-सफाई में व्यवहार किए जाने वाला रासायनिक पदार्थ बहुत प्रकार के वायु प्रदूषणकारी गैसों और द्रव्यों को पैदा करते हैं| आपने कभी दीवारों के ऊपर लगाए जानी वाली रंगों को सूंघा हैं| खैर अगर आपने गौर किया होगा तो , आपको दीवारों के ऊपर लगाए जाने वाली इन्हीं रंगों से निकलने वाली गंधों से काफी ज्यादा चिढ़ अवश्य ही हुआ होगा|
यह गंध इतने तेज होते हैं की इस से एक व्यक्ति ठीक से साँस भी नहीं ले सकता हैं| इसके अलावा आप रोजाना इस्तेमाल करने वाले डीओडोरंट के अंदर भी एरोसल होता है , जो की वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) और ओज़ोन स्तर को क्षरण करने का मूल कारण हैं|
होगा बहुत बड़ा नुकसान !:-
इसके अलावा घरों के अंदर इस्तेमाल किए जाने वाले फ्रीड्ज के अंदर से भी एक प्रकार का प्रदूषित कारण निकलता ही रहता हैं| दरअसल फ्रीड्ज के अंदर फ्रेयन नाम के एक गैस का उपयोग किया जाता हैं| इस गैस का मूल कार्य फ्रीड्ज के अंदर रखे हुए द्रव्यों को ठंडा और ताजा रखने का होता हैं| परंतु यहाँ आपको जानकार बहुत हैरानी होगी की यह गैस बिलकुल भी सहीं नहीं हैं|
इसी गैस से भारी मात्रा में ओज़ोन स्तर का क्षरण होता हैं| इसी गैस के वजह से आज हमें तो कुछ नहीं हो रहा हैं , परंतु हाँ! आगे आने वाले इंसानी पीढ़िओं को इसकी कीमत भारी मात्रा में चुकानी पड़ेगी|
वायु प्रदूषण के घातक प्रभाव :- Effects Of Air Pollution.
अब प्रदूषण होगा तो इसके घातक परिणाम भी अवश्य ही सामने आयेंगे| वैसे तो वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) के बहुत सारे घातक परिणाम मौजूद है परंतु यहाँ पर मैंने कुछ मुख्य कारणों को उल्लेख किया है|
तो,चलिए वायु प्रदूषण के परिणामों को जानते हैं|
1. दिल और सांस की बीमारी :-
वायु प्रदूषण का सबसे जानलेवा प्रभाव पड़ता है इंसानी दिल और फेफड़ों के ऊपर| मित्रों!आपको मेँ यहाँ बता दूँ की दूषित वायु के कारण ब्रोनकाइटीस , अस्थमा और निमोनिया जैसे रोग होते हैं |
ज़्यादातर भारतीय नगरों की वायु बहुत ज्यादा दूषित हो गया है और इसी कारण से यहाँ बसे लोगों को श्वास संबंधी बीमारियों से काफी ज्यादा खतरा हैं | इसके अलावा दोस्तों दूषित वायु के कारण शरीर के अंदर खतरनाक द्रव्यों के मिलना भी काफी साधारण है , जिस से दिल के ऊपर इसे शरीर से बाहर निकालने के लिए काफी ज्यादा दबाव पड़ता हैं|
बाद में इसी दबाव के चलते दिल जवाब दे बैठता है और कई समय यह कई जानों को ले बैठता हैं|
2. ग्लोबल वार्मिंग :-
वायु मंडल में हानिकारक गैस जैसे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में बढ़ौत्रि वायु मंडल के तापमान का मूल कारण हैं| इसी वायु मंडल की तापमान में बुद्धि ग्लोबल वार्मिंग को दुनिया भर में एक मुसीबत का रूप दे दिया हैं | मित्रों! मैंने ग्लोबल वार्मिंग के ऊपर एक अलग से विस्तृत लेख लिखा है जिस में आपको इसके कारण और निराकरण जैसे कई सारे विषयों के ऊपर पढ़ने को मिलेगा | तो , एक बार उस लेख को भी आप पढ़ना न भूलें|
ग्लोबल वार्मिंग के वजह से समंदर के जल स्तर में बुद्धि और जैव विविधता में काफी ज्यादा क्षरण हो रहा हैं|
3. एसिड रैन :-
आपने शायद इस से पहले साधारण पानी से होने वाले वर्षा की बात सुनी होगी |परंतु आज यहाँ पर मेँ एसिड रैन यानी (अम्ल वर्षा) की बात करने जा रहा हूँ|
मित्रों! जब भी किसी प्रकार के जीवाश्म ईंधन का दहन होता है , तब उस समय नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर ऑक्साइड का इजात होता है| यह दो गैस काफी ज्यादा खतरनाक और विषैले हैं| जब यह दो गैस ऊपर जा कर बादल में मौजूद पानी के कणिकाओं से मिल जाते हैं , तब अम्ल वर्षा यानि एसिड रैन होता हैं |
यह वर्षा इंसानों के लिए और हाँ पैड-पौधों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक हैं | एसिड रैन अगर इंसानों के ऊपर गिर जाएँ तो , उससे बहुत प्रकार के चरम रोग होते हैं | इसके अलावा अगर यह वर्षा पैड-पौधों के ऊपर गिर जाता है , तब फोटोसिन्थिसिस की प्रकार रुक जाता हैं|
इस प्रक्रिया के रुकने के कारण पौधे पहले की तरह अपना खाना नहीं बना पाते जिसे पूरे खाद्य शृंखला प्रभावित होता हैं|
4. ओज़ोन स्तर के क्षरण :-
हमारे वायुमंडल में स्टार्टों स्फीअर नाम का एक स्तर मौजूद हैं , जहां ओज़ोन नाम का एक कणिका भारी मात्रा में देखि जाती हैं| ओज़ोन कणिका हम सभी जीवों को सूर्य जी की U.V रे से रक्षा करता हैं |
परंतु भारी वायु प्रदूषण के (air pollution in hindi) के कारण इस कणिका का मात्रा वायुमंडल मेँ कम होता ही जा रहा हैं , जो की एक खतरे की घंटी भी हैं| मूल रूप से एरोसल , सीएफ़सी और हाइड्रो-सीएफ़सी ओज़ोन कणिकाओं के कमी का मूल कारण हैं|
वायु प्रदूषण से कैसे बचा जा सकता हैं ?
मित्रों! हर एक असुविधा का कोई न कोई समाधान जरूर ही होता हैं| ठीक इसी तरह वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) को भी हम चाहें तो बड़ी ही सरल तरीकों से रोक सकते हैं | तो , चलिए एक नजर इन पर भी डाल लेते हैं |
1. व्यक्तिगत वाहनों के बदले सार्वजनीन परिवहन के साधनों का इस्तेमाल करना :-
दोस्तों! वायु प्रदूषण को घटाने के लिए इससे लाभकारी उपाय शायद ही कोई दूसरा हो | मैरे कहने का आशय यह है की , व्यक्तिगत वाहनों में आने -जाने के लिए काफी ज्यादा खर्च करना पड़ता हैं और हाँ! इससे काफी ज्यादा प्रदूषण भी फैलता हैं|
परंतु अगर हम बस , ट्रेन आदि अन्य कई सार्वजनीन परिवहनों के साधनों का इस्तेमाल करते हैं ;तो हमारे न बल्कि कई सारे पैसे बचेंगे परंतु इस से प्रदूषण की मात्रा भी काफी ज्यादा कम हो जायेगा|
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ऊर्जा को संरक्षित करना :-
आज कल हर तरफ ऊर्जा को बचाने के लिए कई सारे तरीके इस्तेमाल किए जा रहें , जो की प्रदूषण को भी एक तरीके से कम करने में हमारी काफी ज्यादा मदद करेगा| मित्रों! भारत जैसे विकासशील देशों में ज़्यादातर ऊर्जा का उत्पाद कोयले को जलाकर ही किया जाता हैं|
कोयले के जलने से सल्फर डाइऑक्साइड पैदा होता है , जो की हमारे वायु मंडल को काफी ज्यादा प्रदूषित करता हैं| इसलिए जब भी आप मौका देखें तो ऊर्जा की बचत अवश्य ही करें क्योंकि यह छोटा स कदम बहुत ही मायने रखता हैं|
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गैर पारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों का इस्तेमाल करना :-
अकसर मैंने देखा है की भारत में पारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों को काफी ज्यादा महत्व दिया जा रहा हैं , जो की एक हद तक लाज़िमी है | परंतु यह चीज़ आखिर कब तक चलेगी क्योंकि एक न एक दिन पृथ्वी से जीवाश्म ईंधन का तो अस्तित्व ही मीट जाएगा| इसके बाद हम क्या करेंगे ! कहाँ से लाएंगे ऊर्जा जो की हमारी जिंदगी को चला सके |
मित्रों इन असुविधाओं का सिर्फ एक ही समाधान है गैर पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत| जी हाँ! आपने सही सुना गैर पारंपरिक शक्ति| गैर पारंपरिक शक्ति माने सूर्य की शक्ति , हवा की शक्ति , जुआर की शक्ति और न्यूक्लिअर की शक्ति | देखिए दोस्तों ऊर्जा के इन स्रोतों का कोई सीमा नहीं और दूसरी बात यह प्रदूषण भी नहीं फैलाते हैं| इसलिए हमें आगे चलकर गैर पारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों के ऊपर निर्भर होना ही पड़ेगा|
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ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा की बचत करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करना :-
आज कल कई सारे लोग बिजली की बिल के बचत के लिए ऊर्जा की बचत करने वाले उपकरणों को उपयोग करना शुरू कर दिया हैं| खैर इस से एक फायदा हो यह रहा है इसी कारण ऊर्जा की खपत भी बहुत कम हो रहा हैं|
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पौधे लगाएं ! :-
वायु प्रदूषण (air pollution in hindi) को रोकने का सबसे आसान और सटीक तरीका है पौधे लगाना | जी हाँ ! पौधे लगाने से वायु मंडल में ऑक्सिजन की मात्रा बढ़ेगी और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा घटेगी|
तो , दोस्तों पौधे अवश्य लगाएं क्योंकि :- “He Who Plants a , Plants a Hope”. यह धरती अब आपके हवाले !
——————————————————————————————————————————————————Sources :- Conserve Energy Future.com , Wikipedia , Nasa.gov