पिछले महीने ही चीन के शोधकर्ताओं ने एक ऐक्सपेरिमेंट में यह बताया कि पृथ्वी और अंतरिक्ष के बीच क्वांटम संचार(Quantum Teleportation) संभव है, और अब उन्होंने क्वांटम टेलीपोर्टेशन का उपयोग करके अंतरिक्ष में एक फोटान भेजने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया है।
यह प्रयोग Micius (चीनी क्वांटम उपग्रह(Chinese quantum satellite) ) और एक ग्राउंड स्टेशन के बीच आयोजित किया गया था। शोधकर्ताओं नें पृथ्वी से एक फोटोन लिया और उसे सीधा अंतरिक्ष में भेज दिया।
हालांकि, अंतरिक्ष में यह क्वांटम टेलीपोर्टेशन साईंस फिल्मस्टार ट्रेक की तरह नहीं है। वास्तविकता में तो यह उससे बहुत पीछे है और इसके लिए एक कण के सभी गुणों को उसकी क्वांटम अवस्था (quantum state) में टेलीपोर्ट करने के लिए अभी भी बेहद सख्त उपाय जरुरी हैं।
क्वांटम स्टेट को पूरी तरह से पता करपाना और इसे कॉपी करना संभव नहीं है। हालांकि, यदि आप कण को नष्ट करने के लिए तैयार हैं, तो आप आसानी से एक कण पर अपनी क्वांटम स्टेट स्थानांतरित कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में जो भी नया कण बनेगा वो पुराने कण के एकदम बराबर होगा और उसमें उसके सभी गुण होंगे।
क्वांटम टेलीपोर्टेशन की महत्वपूर्ण जरुरत एक खास प्रकार के क्वांटम इंटरनेट को बनाने के लिए बेहद जरुरी है, इससे सारे क्वांटम कंप्यूटर एक साथ जुड़ कर संपर्क बना सकते हैं। क्वांटम कंप्यूटर एक खास प्रकारे के कंप्यूटर होते हैं जो क्वांटम mechanics के नियमों का पालन करके सुपर कंप्यूटर से भी तेज गणना कर सकते हैं। यदि वैजानिक इसमें कामयाब होते हैं तो यह कंप्यूटर भविष्य में एक क्रांति ला सकते हैं।
क्वांटम कंप्यूटर को सक्षम बनाने के लिए अभी भी कई दिक्कते हैं, लेकिन यह शोध लंबी दूरी की क्वांटम संचार की स्थापना के लिए काफी आगे निकल गया इसमें उपग्रह जमीन स्टेशन से 1,400 किलोमीटर (870 मील) दूर था।
शोधकर्ताओं ने इस प्रयोग में कहा है कि वे लंबी दूरी की क्वांटम टेलीपोर्टेशन के बारे में गहन विचार कर रहे हैं, यह कार्य काफी जटिल हैं क्योंकि लंबी दूरी में क्वांटम पार्टिकल भेजने में वह खत्म भी हो जाते हैं जो सबसे बड़ी दिक्कत भी है।