हमारा ये ब्रह्मांड कई सारे रहस्यमयी चीजों से भरा हुआ है। ब्लैक होल से लेकर न्युट्रोन स्टार तक, ब्रह्मांड की हर एक छोटी-बड़ी चीज़ मानवों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि, आज भी ब्रह्मांड में कुछ ऐसी चीज़ें मौजूद हैं, जो हमारी समझ को विचलित कर देती हैं। ऐसी ही एक विचित्र चीज़ है, एक ऐसा ग्रह जो केवल रूई से बना है? आप विश्नास नहीं करेंगे पर जेम्स वेब ने हाल में ही ऐसे रोएंदार प्लैनेट (Fluffy Alien Planet By James Webb Space Telescope) की इमेज ली है, जिसके बारे में जानना चाहिए।
क्योंकि इन रोएँदार प्लैनेट (Fluffy Alien Planet By James Webb Space Telescope) के बारे में ज्यादा कोई बात नहीं करता है। परंतु आप लोगों को बता दूँ कि, इस तरह के प्लैनेट ब्रह्मांड के अद्भुत रचनाओं में से ही एक है। क्योंकि ये गृह वाकई में काफी दुर्लभ व रहस्यमयी होते हैं। खैर आज के लेख में हम इसी रोएंदार प्लैनेट के बारे में बातें करेंगे, जहां हम इस ग्रह से जुड़े हर एक छोटी-बड़ी बातों को जानने का प्रयास करेंगे। इसलिए आप लोगों से अनुरोध है कि, आप इस लेख को आरंभ से लेकर अंत तक जरूर पढ़िएगा।
खैर चलिये अब लेख में आगे बढ़ते हुए, इसके मुख्य विषय पर आते हैं। आशा है कि, आप लोगों को इस लेख के जरिये काफी कुछ जानने का मौका मिलेगा!
जेम्सवेब ने ढूंढा रहस्यमयी रोएंदार प्लैनेट! – Fluffy Alien Plant By James Webb Space Telescope! :-
मित्रों! हाल ही में जेम्सवेब ने “WASP-107b” नाम के एक एक्सो-प्लैनेट के वातावरण में कुछ बहुत ही खास एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इस एक्सो-प्लैनेट के वातावरण से “Silicate” के बादल ऊपर दूर आसमान तक उठ रहें हैं। आप लोगों को बता दूँ कि, इस तरह की घटना किसी भी एक्सो-प्लैनेट के लिए कोई आम चीज़ नहीं है। कई वैज्ञानिकों के लिए इस ग्रह के वातावरण से उठ रहें ये सिलिकेट के रहस्यमयी बादल किसी अनजान पहेली से कम नहीं है। हालांकि! इन बादलों में काफी मात्रा में धूल और रेत होने की भी बात कुछ वैज्ञानिक कहते हैं।
जेम्सवेब स्पेस टेलिस्कोप ज़्यादातर अपना समय सुदूर ब्रह्मांड के किनारों को छानने में लगा देता है, परंतु इसका ये मतलब नहीं है कि, वो पृथ्वी से करीब चीजों को पूरे तरीके से नजरअंदाज ही कर दें। वैज्ञानिक नियमित रूप से पृथ्वी के करीब मौजूद आकाशगंगाओं और उनके अंदर मौजूद कई एक्सो-प्लैनेट्स के वातावरण पर नजर रखते हैं। इसलिए हम लोगों को लगातार ब्रह्मांड के नए पहलुओं के बारे में पता चलता रहता है। इसके अलावा गौर करने वाली बात ये भी है कि, जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप के जरिये हम लगातार ब्रह्मांड के छुपी हुई चीजों को जान रहें हैं।
जैसे कि आप इस “WASP-107b” (Fluffy Alien Planet By James Webb Space Telescope) नाम के रोएंदार प्लैनेट को ही देख लीजिए। वैज्ञानिकों ने इस प्लैनेट के वातावरण में पानी के कण, सल्फर डाइऑक्साइड और रेत व सिलिकेट के बादलों को भी देखा है। इसलिए कई बार इस ग्रह के वातावरण को “Dynamic” भी कहा गया है। मित्रों! इस तरह के प्लैनेट के बारे में पता लगा कर हम सुदूर ग्रहों के बारे में काफी बेहतर तरीके से जान पाएंगे।
क्यों ये प्लैनेट इतना खास है? :-
आप लोगों को जानकर हैरानी होगा कि, “WASP-107b” नाम का ये ग्रह (Fluffy Alien Planet By James Webb Space Telescope) ब्रह्मांड की सबसे कम घनत्व (Density) वाला ग्रह हैं। जिसका ये मतलब है कि, आकार के अनुसार इसका वजन काफी ज्यादा कम है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, इस ग्रह का वजन किसी धूमकेतु/ कॉमेट के जितना ही है। तो आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि, इस ग्रह का वजन कितना कम होगा। रिपोर्ट के अनुसार इस ग्रह का आकार लगभग “बृहस्पति” के जितना है, परंतु वजन में ये बृहस्पति का सिर्फ 12% हिस्सा ही है। तो आकार और वजन में इसमें काफी ज्यादा भिन्नता देखी जा सकती है।
पृथ्वी से इस ग्रह की दूरी लगभग 200 प्रकाश वर्ष तक है और ये अपने सूर्य के चारों तरफ एक बार घूमने के लिए सिर्फ 6 दिनों का समय लेता है। खैर अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, इसका सूर्य हमारे सूर्य के मुक़ाबले आकार में थोड़ा छोटा और ठंडा है। वैसे एक बात ये भी है कि, घनत्व में काफी कम होने के कारण वैज्ञानिक इसके वातावरण के 50% अंदर तक जा सकते हैं। हालांकि! बृहस्पति जैसे काफी ज्यादा घनत्व वाले ग्रहों में हम इनके वातावरण के अंदर ज्यादा गहराई तक नहीं झांक सकते हैं।
मित्रों! तो ये कुल-मिलाकर कहा जा सकता है कि, इसके कम घनत्व के होने के कारण ये ग्रह आज “रोएंदार ग्रह” का टाइटल मिला है। वैज्ञानिकों को इस ग्रह के कई बार हैरान किया है। शुरुआती दिनों में इस ग्रह से निकलने वाली “सल्फर डाइऑक्साइड” की गंध, काफी सारे वैज्ञानिकों को संशय में डाल देता था।
दुनिया भर के वैज्ञानिक हैं हैरान! :-
इस प्लैनेट (Fluffy Alien Planet By James Webb Space Telescope) से निकलने वाले सल्फर डाइऑक्साइड की गंध के पीछे एक बहुत ही खास कारण है, जिसे सुनकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिक हैरान है। दरअसल बात ये है कि, इस ग्रह का सूर्य आकर में छोटा व ठंडा होने के कारण कुछ मात्रा में काफी शक्तिशाली फोटोन के कणों को विकीरित करता है। बाद में ये फोटोन के कण ग्रह के वातावरण से रासायनिक प्रतिक्रिया कर के सल्फर डाइऑक्साइड को बनाते हैं।
सल्फर डाइऑक्साइड के बनने की ये प्रक्रिया ब्रह्मांड में काफी दुर्लभ है। क्योंकि इस तरह के प्लैनेट और स्टार देखने को ही काफी कम मिलते हैं। मित्रों! आप लोगों को क्या लगता है, क्या ये ग्रह ब्रह्मांड के छुपे हुए राज का खुलासा कर सकता है? कमेंट कर के जरूर ही बताइएगा। खैर सल्फर डाइऑक्साइड के अलावा वैज्ञानिकों को इस ग्रह के ऊपर एक और खास चीज़ के बारे में पता चला है। मित्रों आप लोगों को बता दूँ कि, ये चीज़ “सिलिकेट कणों से बने बादल” हैं, जो की काफी ऊंचाई पर मौजूद हैं। आप ये भी कह सकते हैं कि, ये “रेत से बने हुए बादल” हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार जिस तरह पृथ्वी पर पानी के बादल बनते हैं, ठीक उसी तरह इस ग्रह पर रेत के बादल बने हुए हैं। वाकई में इन बादलों के बारे में सोचने भर से ही हम लोगों का मन रोमांच से भर जाता है। क्योंकि हूबहू पानी की तरह जब इन रेत के बादलों से रेत की बारिश होती है, तब इस ग्रह का वातावरण पूरा रेत से भर जाता है। परंतु बाद में ये रेट गरम हो कर फिर से ऊपर उठ कर रेत के बादलों में चला जाता है।
निष्कर्ष – Conclusion :-
जेम्सवेब स्पेस टेलिस्कोप (Fluffy Alien Planet By James Webb Space Telescope) की जब भी बात आती है, तब एक अनोखी सी मुस्कान हर एक वैज्ञानिक के चेहरे पर दिखाई पड़ती है, क्योंकि इस दूरवीन ने कुछ काम ऐसा ही कर के दिखाया है। हाल ही में इसने हमारे ब्रह्मांड को देखने का नजरिया ही बदल कर रख दिया है। एक्सो-प्लैनेट्स के डिस्कवरी में इस दूरवीन ने एक तरह से क्रांति ही लाई हैं। WASP-107b की खोज किसी एक माइलस्टोन से कम नहीं हैं, क्योंकि इस ग्रह पर वैज्ञानिकों को सल्फर डाइऑक्साइड से लेकर न जाने कितनी अनजान चीजों के बारे में पता चला हैं; जो की आगे चलकर हमारे दूसरे ग्रहों को समझने में काफी ज्यादा मदद करने वाला हैं।
मित्रों! एक्सोप्लैनेट्स के बनावटी संरचना और इनके विकास को समझने के लिए इस तरह के आविष्कार हमारे लिए काफी ज्यादा अहम हो जाते हैं। इसके अलावा इस तरह के खोज हमारे खुद के सौर-मंडल को भी और बेहतर तरीके से समझने में हमारी मदद करेंगे। खैर आप लोगों को बता दूँ कि, इस ग्रह की खोज जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप के “MIRI” उपकरण के जरिये की गई थी। इंफ्रारेड के इन उपकरणों के जरिये आगे ब्रह्मांड के और भी राज खुलने वाले हैं।
Source :- www.livescience.com