मानव और हमारी इस पृथ्वी के लिए ये ब्रह्मांड बहुत ही विशाल है। यहाँ न जाने कितनी आकाशगंगाएँ और सौर-मंडल मौजूद हैं, जिसके बारे में कदापि ही कभी हम जान पाएँ। मानवजाति का अस्तित्व इतने विशाल ब्रह्मांड के सामने कुछ भी नहीं है। मित्रों! ये ब्रह्मांड एक कभी न समाप्त होने वाले मैदान की तरह है, जिसका कोई अंत ही नहीं है। हमारे लिए ये एक बहुत ही बड़ी बात होगी कि, हम कभी इसके फैलाव (Universe Expansion Is A Mirage) के बारे में कुछ जानकारी जुटा लें। क्योंकि आकार में इतने छोटे होने के बाद भी, हम इतने बड़े ब्रह्मांड के बारे में कुछ तो जानने में सक्षम हो पाएंगे।
परंतु आज के लेख में हम एक बहुत ही बड़ी चीज़ के बारे में बातें करेंगे, क्योंकि ये वाकई में आप लोगों के लिए बहुत ही हैरान कर देने वाली बात होगी। ब्रह्मांड (Universe Expansion Is A Mirage) के फैलाव के बारे में हम आज बातें करने जा रहें हैं और हम इसके पीछे छुपे हर एक पहेलु को समझाने की कोशिश भी करेंगे। मित्रों! ये लेख आपके लिए एक तरह से बहुत ही खास होने वाला है, क्योंकि इसमें हम कई पारंपरिक चिंता-धाराओं को भी तोड़ने वाले हैं। इसलिए आप लोगों से अनुरोध है कि, लेख को आरंभ से लेकर अंत तक पढ़िएगा।
तो, चलिये अब लेख में आगे बढ़ते हुए; मुख्य विषय के ऊपर चर्चा आरंभ करते हैं।
विषय - सूची
ब्रह्मांड का फैलाव सिर्फ एक आँखों का धोखा है! – Universe Expansion Is A Mirage :-
मित्रों! आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि, आज तक हम ब्रह्मांड (Universe Expansion Is A Mirage) से जुड़ी सबसे बड़ी जिस बात को सच समझ रहे थे, वो अब शायद झूठ होने वाली है। कहने का मतलब ये है कि, “ब्रह्मांड का फैलाव सिर्फ एक भ्रम है”। जी हाँ मित्रों! आप लोगों ने बिलकुल सही सुना है, वैज्ञानिकों के अनुसार हमारा ये ब्रह्मांड असल में फैल ही नहीं रहा है। हमें ये लगता है कि, ये फैल रहा है, परंतु सच तो कुछ और ही है। अब वैज्ञानिकों को लगने लगा है कि, ब्रह्मांड का फैलाव सिर्फ एक भ्रम ही है। हालांकि! ये थ्योरी काफी नई और विवादों से भरी हुई है।
डार्क मैटर और रेड शिफ्ट :-
क्योंकि अचानक से जिस बात को हम कई दशकों से सच समझ रहें हैं, उसे आखिर कैसे हम ऐसे ही झूठ मान लें। वैसे हमारे ब्रह्मांड का 85% हिस्सा डार्क मैटर से बना हुआ है और इसके बारे में हमें अभी तक कुछ नहीं पता चल पाया है। ऐसे में हमारे लिए ये बता पाना बहुत ही कठिन हो जाता है कि, ब्रह्मांड का फैलाव आखिर किन चीजों पर निर्भर कर रहा है। हालांकि! वर्तमान में किए गए कुछ प्रयोगों में शायद इसका जवाब हमें मिल सकता है। वैसे आप लोगों मेँ बता दूँ कि, ब्रह्मांड की खोज होने से ले कर आज तक हम इसको एक कभी न खत्म होने वाली जगह की तरह लेते हैं।
और शायद ये ही वजह है कि, इसके अंदर लगातार रेड शिफ्ट की प्रक्रिया हमें देखने को मिल रही है। जो कि, ब्रह्मांड के फैलाव को दर्शाती है। रेड शिफ्ट में हमें लाल वेवलेंथ अपने टेलीस्कोप पर दिखाई देती है जिससे जब भी कोई चीज़ प्रकाश के स्पेक्ट्रम में लाल दिखने लगती है, तब उसका मतलब ये होता है कि,वो चीज़ हम से दूर जा रही है।
क्या कह रहें हैं वैज्ञानिक इसके बारे में! :-
हमारी पृथ्वी के पास मौजूद आकाशगंगाओं का रंग हम से दूर मौजूद आकाशगंगाओं के रंग से काफी अलग होता है। अगर कोई चीज़ पृथ्वी कि और आ रही होती है, तब उसका रंग नीला होने लगता है। इसे “ब्लू शिफ्ट” भी कहते हैं। वैसे कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारे पास भी आकाशगंगाएँ मौजूद थीं उनमें से ज्यादातर आकाशगंगाएँ हमसे दूर जा रहीं हैं। हालांकि! वैज्ञानिकों का एक दल ये भी कहता है कि, धीरे-धीरे ब्रह्मांड (Universe Expansion Is A Mirage) का फैलाव तेज हो रहा है।
वैसे ब्रह्मांड की इस प्रक्रिया को, विज्ञान के भाषा में “Cosmological constant”/ “Lambda” कहते हैं। मित्रों! आप लोगों को बता दूँ कि, ये जो लंबड़ा है, ये कई वैज्ञानिकों के लिए सर-दर्द का कारण बन गया है। क्योंकि थ्योरी और प्रैक्टिकल में इसकी वैल्यू काफी ज्यादा अलग-अलग आ रही है। कहने का मतलब ये है कि, जिस चीज़ को हम लंबड़ा समझ रहें थे, वो हकीकत में कुछ और ही चीज़ के जैसी दिखाई दे रहीं है। इसलिए कई बार इसे विज्ञान के सबसे खराब आविष्कारों के अंदर भी गिना जाता है। कई बार इसकी सटीक वैल्यू को लेकर, अलग-अलग थ्योरी भी दी जाती हैं।
परंतु आखिर में हम, इसके बारे में ज्यादा कुछ जान ही नहीं पा रहें हैं। गणित की कई अलग-अलग तरह की थ्योरी को, वैज्ञानिक भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों के ऊपर रख कर इसे सच साबित करने के लिए प्रयास कर रहें हैं। खैर मैं आप लोगों को बता दूँ कि, वर्तमान में किए गए एक शोध से काफी ज्यादा हैरान कर देने वाली बातों के बारे में पता चला है।
ब्रह्मांड अनंत नहीं है! :-
वैसे शीर्षक पढ़ कर आप जितना हैरान हुए हैं, उससे कई ज्यादा हैरानी मुझे इसे लिखने के वक़्त हुई थी। मित्रों! वैज्ञानिकों के अनुसार शायद हम जिस ब्रह्मांड (Universe Expansion Is A Mirage) को अनंत मानते आ रहें हैं, वो हकीकत में सीमित हो सकता है। जी हाँ! आप लोगों ने बिलकुल सही सुना, हमारा ये ब्रह्मांड शायद सीमित है और इसमें किसी भी तरह के फैलाव की कोई प्रक्रिया नहीं हो रही है। कई वैज्ञानिकों ने तो, इसके आकार को चपटी (flat) भी बता दिया है। वैसे इसके बारे में अधिक जानकारी हमें, मौलिक कणों के ऊपर ज्यादा शोध करने के बाद ही पता चलने वाली है।
मित्रों! आप लोगों को क्या लगता है, क्या हमारा ये ब्रह्मांड असल में अनंत न हो कर सीमित है! क्या इसका आकार फ्लैट हो सकता है। कमेंट कर के अपना जवाब हमें जरूर ही बताइएगा। खैर आप लोगों को बता दूँ कि, लंबड़ा का वैल्यू समय के साथ बदलता रहता है। मूलतः ये मौलिक कणों के वजन में आने वाली बदलाव के कारण होता है। इसलिए जब भी मौलिक कणों के वजन में बदलाव आता है, तब लंबड़ा के वैल्यू में भी बदलाव आता है।
हालांकि! इससे पहले कई वैज्ञानिकों को ये लगता था कि, लंबड़ा का वैल्यू असल में ब्रह्मांड के फैलाव के कारण बदलता है। परंतु ऐसा नहीं है। वैसे नए शोध में इस्तेमाल किए गए मॉडेल, पुराने पारंपारिक मॉडेलों से काफी ज्यादा सक्षम और अच्छे नजर आ रहें हैं। इसके अलावा इन्होंने लंबड़ा के वैल्यू में आ रहें मुश्किलों को भी हल कर दिया है।
निष्कर्ष – Conclusion :-
मित्रों! आप लोगों को बता दूँ कि, ब्रह्मांड (Universe Expansion Is A Mirage) का जो बड़ा हिस्सा है, वो डार्क मैटर से बना हुआ है। इसलिए अगर हम वर्तमान में किए गए इस खोज की बात करें तो, हमारे लिए ये बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाता है। क्योंकि, इससे हमें डार्क मैटर के बारे में पता चलता है। इसके अलावा ये चीज़ किसी भी रूप में प्रकाश के साथ रिएंट ही नहीं करता है, जिससे हमें इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है।
इसके अलावा वैज्ञानिकों को “Axion” कण के बारे में भी जानने का मौका मिल रहा है। वैसे अधिक जानकारी के लिए मैं आप लोगों को बता दूँ कि, ये कण अभी हमारे लिए किसी कल्पना से कम नहीं हैं। क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुसार ये कण डार्क मैटर से जुड़ा हुआ हो सकता है। मित्रों! साथ ही साथ डार्क एनर्जी के बारे में भी हमें, इस शोध से कई जानकारी मिल सकती है। क्योंकि इसी बल के कारण ही, ब्रह्मांड फैल रहा होगा। हालांकि! इसके ऊपर अभी पुष्टीकरण आना बाकी है।
Source :- www.livescience.com