हम हमेशा से ही प्रलय (Asteroid May Hit The Earth On 2046) और पृथ्वी के अंतिम समय के बारे में बातें करते आ रहें हैं। मित्रों! मानव जिस हिसाब से पृथ्वी को तबाह करते जा रहा है, उसे देखते हुए हम ये कह सकते हैं कि, एक दिन ये पृथ्वी हमें ले कर खत्म हो जाएगी। ये ही वजह हे कि, हम लोग हमेशा से ही महाविनाश के बारे में चर्चा करते रहते हैं। क्योंकि उस दिन ये कल युग भी खत्म होने वाला है। हालांकि! इसके बारे में पहले से कई बार अनुमान लगाया गया है, परंतु अभी तक वो सारे के सारे गलत ही निकले हैं जो की एक अच्छी बात भी हैं।
परंतु क्या आप जानते हैं, इस बार वैज्ञानिकों ने प्रलय (Asteroid May Hit The Earth On 2046) को लेकर एक नया अनुमान लगाया है। उनके हिसाब से अब पृथ्वी जल्द ही खत्म होने वाली है और शायद ये बात सच भी हो सकता है। मित्रों! आज के हमारे इस लेख का विषय भी इसी कयामत और पृथ्वी पर हो सकने वाले महाविनाश के बारे में ही। यहाँ पर हम आने वाले समय में होने वाले इस महाविनाश के कारणों को बेहतर तरीके से समझेंगे और देखेंगे कि, क्या सच में हमको इससे खतरा है या नहीं!
तो, दोस्तों चलिये अब लेख को आगे बढ़ाते हुए इसके असल मुद्दे पार आते हैं और देखते हैं कि, आखिर कैसे हमारी पृथ्वी तबाह हो सकती हैं!
आ सकती है “क़यामत”! – Asteroid May Hit The Earth On 2046! :-
नासा के एक हाल ही के रिपोर्ट में ये पाया गया हैं कि; फ़रवरी,14, 2046 को शायद एक उल्कापिंड (Asteroid May Hit The Earth On 2046) आ कर पृथ्वी से टकरा सकता हैं। दोस्तों, ये उल्कापिंड धीरे-धीरे पृथ्वी की और आगे बढ़ रहा हैं। हालांकि! इसके बारे में अभी भी जानकारी जुटाया जा रहा हैं। नासा के अनुमान के हिसाब से एक “ओलिम्पिक स्विमिंग पूल” के आकार का उल्कापिंड 2046 के वालेन्टाइन डे के दिन टकरा सकता हैं। अगर ये उल्कापिंड पृथ्वी से टकराता हैं, तब पृथ्वी के ऊपर भारी विनाश हो सकता हैं; जिसके बारे में हम शायद ही कभी सोच सकते हैं।
वैसे सूत्रों से पता चलता हैं कि, अभी भी वैज्ञानिक इस उल्कापिंड के पाथ को ट्रैक करने में लगे हैं। क्योंकि ये उल्कापिंड हमारे पृथ्वी के लिए एक संभव खतरा हैं, इसलिए नासा के वैज्ञानिक इसके ऊपर चौकसी बनाए रखें। हालांकि! इसके ऊपर अभी भी गणित किया जा रहा हैं, ताकि इसके द्वारा हो सकने वाले टक्कर के संभावनाओं को काफी हद तक सटीक बनाया जा सके। इसलिए इसके ऊपर लगाए गए सारे सक गलत भी साबित हो सकते हैं।
वैसे आप लोगों को बता दूँ कि, इस उल्कापिंड का नाम “2023 DW” हैं और अभी से ही ये काफी चर्चे में आ चुकी हैं। क्योंकि इसको साल 2023 में ही खोजा गया था। हालांकि! एक खास बात ये भी हैं कि, हम इसको पूरे तरीके से नजरंदाज भी नहीं कर सकते हैं। कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि, ये उल्कापिंड ही हमारे पृथ्वी के अंत का कारण बन सकता हैं। वैसे आप लोगों को क्या लगता हैं?
क्या ये उल्कापिंड हमारे पृथ्वी से टकरा सकती है? :-
अब सब के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि, क्या सच में ये उल्कापिंड (Asteroid May Hit The Earth On 2046) हमारे पृथ्वी से टकरा सकती है या ये फिर सिर्फ एक अफवाह हैं? मित्रों! पहले ही मैं आप लोगों को बता दूँ कि, इस ब्रह्मांड में होने को तो कुछ भी हो सकता है और कुछ भी असंभव नहीं है। परंतु हाँ! इस उल्कापिंड का पृथ्वी से टक्कर होने कि संभावना थोड़ी कम है। उल्कापिंड की पृथ्वी से टक्कर होने की संभावना सिर्फ 1/560 ही है। परंतु फिर भी ये संभव तो है।
वैज्ञानिकों की माने तो, इस उल्कापिंड और पृथ्वी के बीच सबसे करीब की दूरी 11 लाख किलोमीटर तक हो सकती है। जो की शायद काफी करीबी मामला भी हो सकता है। और वैसे भी अन्तरिक्ष में 11 लाख किलोमीटर की दूरी कोई बड़ी बात नहीं है। इसलिए उल्कापिंड से तो हमें वाकई में खतरा तो है! नासा ने इस उल्कापिंड को सिर्फ एक “Space Rock” का नाम दिया है। इसके अलावा आप लोगों कि, अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, इसे नासा के वैज्ञानिकों ने उतना बड़ा खतरा नहीं माना है।
नासा के “Torino Impact Hazard Scale” में इसे सिर्फ “1” नंबर ही दिया गया है। तो अब आप समझ ही सकते हैं कि, इससे हमें कितना खतरा हो सकता है। मित्रों! आप लोगों को बता दूँ कि, ये स्केल पृथ्वी से टक्कर हो सकने वाली हर एक खगोलीय चीज़ के लिए बनी है। जो कि “0” से शुरू हो कर “10” तक जाती है। इस उल्कापिंड के अलावा अन्तरिक्ष के बाकी खगोलीय चीजों को “0” का नंबर मिला है, जिसका मतलब हैं कि, हमें उनसे कोई भी खतरा नहीं है। कई बार ये स्केल काफी ज्यादा सटीक भी होते हैं।
क्या कह रहा है “NASA” :-
इस उल्कापिंड (Asteroid May Hit The Earth On 2046) को ले कर नासा काफी ज्यादा आराम से है। क्योंकि उनके वैज्ञानिकों को लगता है कि, हमें इससे किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। हालांकि! स्केल में “1” नंबर के होने का मतलब है कि, टक्कर होने कि संभावना काफी ज्यादा कम है और इससे आम-जनता को किसी भी प्रकार कि चिंता नहीं करनी चाहिए। इसको ले कर कई बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने भी चिंता न करने को कहा है। इसलिए आम-जनता को हौंसला देने के लिए उन्होंने एक काफी अच्छी बात भी कहीं हैं।
काफी ज्यादा विश्लेषण करने के बाद, अब ये पता चला है कि; अगर ये उल्कापिंड किसी कारण-वश पृथ्वी से टकरा भी जाता है, तब हमें कुछ नहीं होगा। क्योंकि ये उल्कापिंड पृथ्वी पर कयामत नहीं ला पाएगा। मित्रों! तुलना के लिए बता दूँ कि, जिस उल्कापिंड ने पृथ्वी से डाइनोसॉर का अंत करवाया था; उसका आकार इस उल्कापिंड से कई गुना ज्यादा अधिक था। कहा जाता हैं कि, उसका चौड़ाई लगभग 12 km तक थी। जो की पल भर में ही पृथ्वी में महाविनाश घटाने में सक्षम था।
हालांकि! इस बात को भी हमें नहीं भूलना चाहिए की, अगर ये किसी बड़े आबादी वाले सहर के ऊपर गिरता है, तब वहाँ भारी तबाही मचना सुनींश्चित है। मित्रों! आप लोगों को बता दूँ कि, 2023 DW के आकार के आधी से कम आकार का एक उल्कापिंड 10 साल पहले रूस में गिरा था। जिसके टक्कर से पैदा होने वाले शॉक-वेभ कारण 200 वर्ग किलोमीटर के अंदर आने वाले हर एक घर कि खिड़की टूट गई थी और इसमें लगभग 1,500 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे।
निष्कर्ष – Conclusion :-
उल्कापिंडों (Asteroid May Hit The Earth On 2046) के बारे में सटीक रूप से कह पाना कभी भी आसान नहीं रहा है। क्योंकि ये अन्तरिक्ष में एक तरह से “Unguided Missiles” की तरह होते हैं। ये कब-किधर-कैसे गिर जाएँ, कोई भी नहीं कह सकता है। इसलिए इनके ऊपर अनुमान लगाकर उसको सही मानना ठीक नहीं होगा। हालांकि! हम इन्हें कई बार खतरा मानते हैं, परंतु कई बार ऐसा भी होता है कि, ये हमसे काफी दूर रह कर ही पृथ्वी से दूर चले जाते हैं। मित्रों! आप लोगों ने तो ऐसा पहले भी देखा होगा।
बेहरहाल वैज्ञानिक उल्कापिंडों से होने वाले खतरों से जूझने के लिए “DART” मिशन को अंजाम दे रहें हैं। ताकि अगर आने वाले समय में असल में हमें किसी उल्कापिंड से खतरा रहेगा, तब हम उसे अन्तरिक्ष में ही खत्म कर दें। खैर मैंने एक अलग लेख में “DART” मिशन के बारे में काफी कुछ लिखा हुआ है, जिसे अगर आपने अभी तक उस लेख को नहीं पढ़ा है, तो मैं आप लोगों से अनुरोध करना चाहूँगा कि उसे एक बार जरूर ही पढ़ें।
खैर ये उल्कापिंड आने वाले समय में क्या-क्या करता हैं, इसको ले कर हम नए-नए लेख लाते रहेंगे।