मित्रों! अगर मेँ आप लोगों से निष्ठुरता से भरे किसी जानवर की बात करूँ तो आपके मन में सबसे पहले किसका चित्र आता है? कोई बोलेगा शेर या बाघ, तो कई बोलेंगे उन्हें कुत्ते या बिल्ली से भी डर लगता है। परंतु, मित्रों! क्या यही जानवर ही दुनिया के सबसे खतरनाक जानवर (megalodon shark facts in hindi) हैं! क्या इससे पहले हमें इनसे ऊपर भी कोई जीव-जन्तु मिले हैं? आइये जानते हैं।
दोस्तों! ऊपर के सवाल का जवाब देना एक बहुत ही कठिन बात है। क्योंकि हम यहाँ पृथ्वी के सबसे खतरनाक जीव की बात कर रहें हैं, जो कभी इस धरा पर रहता था। काफी लोगों को शायद ही पता हो, परंतु डायनासोर से भी ज्यादा खतरनाक ये जीव “मेगालोडोन शार्क” (Megalodon Shark Facts In Hindi) क्रूरता की एक पराकाष्ठा है। इसलिए आज के हमारे इस विशेष लेख का मूल विषय इतिहास के इसी प्राचीन जीव मेगालोडोन शार्क के ऊपर ही है।
विषय - सूची
आखिर ये “मेगालोडोन शार्क” क्या है? – What Is “Megalodon Shark”? :-
सबसे पहला सवाल जो आपके मन में अभी आ रहा होगा वो ये है कि, आखिर ये मेगालोडोन शार्क क्या है? (what is megalodon shark?) मित्रों! सरल भाषा में कहूँ तो, “मेगालोडोन शार्क मेगाटुथ शार्क की श्रेणी में आने वाली एक बहुत ही विशालकाय मछली कि प्रजाति हैंजो कि अभी विलुप्त हो चुकी है”। कहा जाता है कि, ये मेगालोडोन मछली अब तक कि सबसे बड़ी शार्क है और साथ ही साथ ये पृथ्वी पर जीवित सबसे बड़ी मछली भी थी। मित्रों! ये मछली आज से काफी साल पहले हमारे पृथ्वी के समंदर में राज करती थी।
वैज्ञानिकों के अनुसार, आज से 25 लाख साल पहले तक ये मछली जीवित थी। इसके अलावा इस मछली के जीवाश्म से हमें ये पता चलता है कि, ये पृथ्वी पर सबसे पहले 2.5 से 3 करोड़ साल पहले आई होगी। वैसे आप लोगों को बता दूँ कि, ग्रीक भाषा में “मेगालोडोन” शब्द का अर्थ “बहुत बड़ा दांत” होता है। मित्रों! इस मछली का जीवाश्म अंटार्टिका को छोड़ कर हर एक महाद्वीप पर पाया गया है। वैसे आमतौर पर इसके जीवाश्म समुद्री तटों पर खोजे गए हैं। मजे कि बात ये है कि, बंगाल की खाड़ी में भी इस मछली के अवशेष देखे गए हैं। इस मछली की बनावट लगभग आज के “ग्रेट व्हाइट शार्क” के जैसी ही थी।
“मेगालोडोन शार्क” के बारे में कुछ दंग कर देने वाली बातें! – Megalodon Shark Facts In Hindi! :-
शोध से पता चलता है कि, इस मछली कि लंबाई औसतन 10.2 मीटर तक रही होगी, हालांकि कुछ-कुछ अवशेषों से ये जाहिर होता है कि, इस मछली की सबसे बड़ी प्रजाति की मछलियाँ लगभग 17.9 मीटर तक लंबी थीं। वैसे हैरान कर देने वाली बात ये भी है कि, कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार सबसे बड़ी मेगालोडोन मछली कि लंबाई 25 मीटर तक हो सकती है। वर्तमान समय में पृथ्वी कि सबसे बड़ी मछली कि लंबाई लगभग 40 फीट तक ही है।
मित्रों! लेख के इस भाग में हम “मेगालोडोन शार्क” (megalodon shark facts in hindi) से जुड़े कुछ बहूत ही रोचक तथ्यों को जानेंगे। इसलिए आप लोगों से अनुरोध हैं कि, लेख के इस भाग को जरा ध्यान से पढ़िएगा।
1. पहले “मेगालोडोन शार्क” को समझा जाता था “ड्रैगन”! :-
मेरे हिसाब से हर किसी ने ड्रैगन का नाम तो सुना होगा। चीन की प्राचीन लोक कथाओं में इस जीव कि भारी चर्चा कि गई है। आज के जमाने में भी कई लोग ड्रैगन कि अस्तित्व को सच मानते हैं। परंतु, एक हैरान कर देने वाली बात ये हैं कि, पहले के जमाने में मेगालोडोन (megalodon shark facts in hindi) शार्क को ही लोग ड्रैगन मान लेते थे।
17 वीं शताब्दी से पहले लोग मेगालोडोन शार्क के दांतों को ड्रैगन का जीभ मानते थे। बहुत ही अलग किस्म के ये दांत लोगों को काफी अनोखे लगते थे और कई बार लोग इसकी पूजा भी किया करते थे। इसके अलावा कई लोग इन दांतों को बहुत ही शुभ माना करते थे और अपने साथ हमेशा रखते थे।
2. एक ही शार्क से मिले 40,000 दांत! :-
सुनने में शीर्षक जितना अनोखा और अजीब लग रहा है, हकीकत में भी उतना ही दुर्लभ है। हम इंसानों के पास एक ही समय में 28-32 दांत हो सकते हैं। परंतु क्या आपने कभी 40,000 दांतों से लेस किसी जीव के बारे में सोचा है। मित्रों! मेगालोडोन शार्क (megalodon shark facts in hindi) एक ऐसी मछली है, जिसके पास से 40,000 तक दांत पाए गए हैं और वो भी सिर्फ एक ही मछली के थे।
कहने का मतलब ये है कि, मेगालोडोन शार्क हर 2-3 हफ्तों में अपने दांतों को बदल देते थे, जिससे उन्हें अपने शिकार को मारने में आसानी होती थी। इसलिए एक मेगालोडन मछली अपने पूरे जीवन काल में 40,000 दांतों तक पैदा कर सकती थी। अब जरा सोचिए इस मछली कि सबसे अधिक अवशेष के तौर पर आखिर कौन सी चीज़ पायी जाती होगी?
3. हाथी से 8 गुना ज्यादा वजनी थी ये मछली! :-
अगर हम किसी मछली और हाथी की एक साथ तुलना करें, तो आप बोलेंगे कि, क्या बेतुकी बात है। कहाँ हाथी और कहाँ छोटी मछली। इन दोनों ही जीवों के अंदर वजन और आकार का आकाश-पाताल का अंतर हैं। जो एक हिसाब से आज के जमाने में सही भी लगता हैं। परंतु, आज से करोड़ों साल पहले ये बातें बिलकुल भी सहीं नहीं थी।
मेगालोडोन शार्क (megalodon shark facts in hindi) आज के हाथी की तुलना में 8 गुना ज्यादा वजनी था। शोध से पता चलता हैं कि, एक औसतन वयस्क मेगालोडोन शार्क का वजन लगभग 65,000 kg तक हुआ करता था। इसके अलावा मादा शार्क वयस्क नर शार्क से ज्यादा लंबी और वजनी हुआ करती थी।
4. इनके जबड़े थे दुनिया की सबसे ताकतवर जबड़े! :-
अगर आपकी सोच ये है की, मगरमच्छ या किसी शेर का जबड़ा काफी शक्तिशाली होता है तो जरा ठहरिए। क्योंकि आपकी ये सोच पूरी तरह से गलत हो सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक मेगालोडोन शार्क का जबड़ा आज के जंगली जानवरों से कई हजार गुना ज्यादा शक्तिशाली था। कई तथ्यों के अध्ययन से ये भी पता चलता है की, इस मछली का जबड़ा सबसे खूंखार डायनोसोर “टीरेक्स” से भी 8 गुना ज्यादा ताकतवर था।
शोध से पता चलता है कि, इस मछली का जबड़ा 108,514 न्यूटन से लेकर 182,201 न्यूटन तक का बल पैदा करने में सक्षम रहा होगा। बता दूँ कि, आज की सबसे ताकतवर मचलियाँ 18,000 न्यूटन तक का बल ही पैदा कर सकती हैं। इंसानों की बात करें तो, इंसान सबसे ज्यादा अपने जबड़े से 1,317 न्यूटन तक का बल पैदा कर सकती हैं। तो, अब आप जरा सोचिए एक ही बार में ये मछली कितने इंसानों को कच्चा चबा जाती होगी।
5. उस समय समंदर में “मेगालोडोन” जैसे अन्य कई विशालकाय मछलियाँ भी थीं! :-
प्राचीन समय में मेगालोडोन (megalodon shark facts in hindi) शार्क ही समंदर की अकेली विशालकाय मछली नहीं थी। उस समय एक और प्रजाति भी समंदर में अपनी वर्चस्व बनाई हुई थी। वैसे उस प्रजाति जा नाम था “Leviathan melvillei“। ये प्रजाति ह्वेल मछलियों का ही एक प्रजाति थी, जिसके अवशेष पेरु के तटीय इलाकों में पाये गए हैं।
हालांकि! कई वैज्ञानिक इस मछली कि लंबाई मात्र 18 मीटर तक होने का दावा करते हैं। वैसे इसके बारे में अभी पुष्टि करना अभी बाकी हैं।
6. 2 करोड़ सालों तक समंदर पर राज करते रहीं ये मछलियाँ! :-
अगर आपको लगता हैं कि, ये मछलियाँ सिर्फ देखने में ही खूंखार हैं तो आपकी सोच बहुत गलत हैं। क्योंकि देखने में ये जितना खूंखार लगे या न लगें, परंतु इनकी जिंदा रहने कि क्षमता कि तारीफ करनी पड़ेगी। काफी शक्तिशाली होने के बाद भी ये मछलियाँ काफी सफल और चालक थीं। इन मछलियों ने पृथ्वी के समंदर में लगभग 2 करोड़ सालों तक अपना राज चलाया।
बता दूँ कि, हम इंसान इस धरती पर सिर्फ 300,000 साल पहले ही आए हैं। तो, अगर हम मेगालोडोन के साथ खुद को तुलना करें (जिंदा रहने कि अवधि को) तो हम इन मछलियों से 70 गुना कम इस धरती पर जिंदा रहें हैं। आकार में उस समय सबसे बड़े होने के कारण, उनको समंदर में काफी कम खतरा था और साथ ही साथ वो अन्य मछलियों को मार कर उनके विरोध में उठ रहें प्रतियोगिता को भी एक तरह से मूल से नाश कर देते थे।
शायद यही कारण रहा होगा, जिसने इन मछलियों को इतने लंबे समय तक समंदर में जिंदा रखा।
7. “मेगालोडोन” के बच्चे अपने भाई और बहनों को ही खा जाते थे! :-
मेगालोडोन शार्क (megalodon shark facts in hindi) के बारे में सबसे घिनौनी बात ये हैं कि, इन मछलियों के बच्चे वयस्क मछलियों से भी काफी ज्यादा क्रूर और खतरनाक थे। समंदर में आने से पहले ही ये बच्चे अपने माँ के पेट में निष्ठुरता का पाठ पढ़ चुके रहते थे। कई बार तो अपने-आप को जिंदा रखने के लिए मछलियों के ये बच्चे अपने भाई और बहनों तक को भी बड़े ही चाव के साथ खा जाते थे।
इसके अलावा माँ के पेट में ज्यादा जगह बने और वो अच्छे तरीके से बढ़ पाएँ, इसलिए इन मछलियों के बच्चे अन्य बच्चों को खा जाते थे। जिससे जन्म लेते वक़्त इनकी लंबाई लगभग 2 मीटर तक हुआ करती थी। वाकई में अगर ये मछलियाँ अपने भाई-बहनों के साथ ये व्यवहार करते थे, तो जरा सोचिए ये अपने शिकार को कैसे बेदर्दी से मारते होंगे।
8. इनके दांतों की लंबाई सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे! :-
आमतौर पर इंसान के दांत 20 मिलीमीटर तक लंबे होते हैं। परंतु क्या आपको पता हैं, मेगालोडोन शार्क (megalodon shark facts in hindi) के एक दांत की लंबाई 7.48 इंच तक हुआ करता था। वैसे अगर हम इन मछलियों की औसतन दांतों की लंबाई की बात करें तो, ये 4.5 इंच से लेकर 5 इंच के अंदर आता हैं।
वैसे आज के जमाने में किसी भी शार्क मछली के दांतों की लंबाई सर्वाधिक 3 इंच तक ही पाई गई हैं। ऐसे में आप सोच सकते हैं की, इस मछली के काटने से हमारे शरीर के साथ क्या कुछ नहीं हो सकता हैं। वाकई में अच्छा हुआ है की, ऐसे मछलियाँ आज हमारे समंदर में नहीं हैं।
9. इन मछलियों की सुबह का नाश्ता थीं “व्हेल्स” (Whales)! :-
जब भी ह्वेल्स की बात आती हैं, तब हमारे मन में बस एक विशालकाय जीव नीले व गहरे समंदर में बड़ी ही शान के साथ तैरती हुई नजर आता हैं। वर्तमान के समय में पूरे पृथ्वी पर ह्वेल से बड़ा जीव मौजूद नहीं हैं। परंतु आज से लगभग 2 करोड़ साल पहले बात कुछ अलग थीं। तब का समय मेगालोडोन शार्क्स (megalodon shark facts in hindi) का समय था। तब समंदर उनका जागीर था और समंदर में रहने वाले बड़े से बड़े जीव उनका खाना।
तब वे अपने सुबह के नाश्ता के लिए विशालकाय व्हेल मछलियों को खा जाती थी। वैज्ञानिकों के अनुसार इन मछलियों को जिंदा रहने के लिए प्रतिदिन 1 टन से भी ज्यादा खाने की जरूरत पड़ती थी। मेगालोडोन के अवशेषों में व्हेल मछलियों के अवशेष भी मिली हैं, जो की इस बात को पुष्टि करते हैं की; ये मछलियाँ नियमित रूप से व्हेल्स को खाते थे।
10. मुंह के अंदर एक ही कतार पर थे इतने दांत! :-
इंसानों के जबड़े के अंदर एक ही कतार पर ज्यादा से ज्यादा 16 दांत मौजूद रह सकते हैं। परंतु, क्या आप मेगालोडोन शार्क के दांतों से जुड़ी इस अद्भुत तथ्य के बारे में जानते हैं! मित्रों, मेगालोडोन शार्क के जबड़े के अंदर एक ही कतार में 276 दांत मौजूद थे। हाँ जी! आप लोगों ने सही सुना एक ही कतार में 276 दांत और ये दांत कुल 5 कतारों में सजे हुए थे।
अब अगर शिकार करते दौरान मछली के किसी दांत को नुकसान पहुंचता हैं या कोई दांत खो जाता हैं, तब उस दांत के बदले एक नया दांत सिर्फ और सिर्फ 24-48 घंटों के अंदर बन जाता हैं। वैसे मछली के अंदर दांतों का ये बनावट इसे काफी शातिर शिकारी में बदल देता हैं।
11. आज भी जिंदा हो सकती हैं “मेगालोडोन शार्क”! :-
पृथ्वी पर समंदर ही एक ऐसी जगह हैं जहां पर कुछ भी चीज़ आसानी से छुप कर रह सकता हैं। हम समंदर को पृथ्वी की सबसे रहस्यमयी जगह के हिसाब से देख सकते हैं। इंसानों को अभी भी 80% से ज्यादा समंदर को एक्सप्लोर करना और जब किसी जगह को सही तरीके से एक्सप्लोर ही नहीं किया गया हो तो उस जगह पर कौन सी चीज़ मौजूद हैं और कौन सी नहीं हैं, उसके बारे में हम स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते हैं।
उस अनंत समंदर के गहराई में कुछ भी हो सकता हैं और मेगालोडोन शार्क के अस्तित्व को ऐसे नकार देना शायद हमारे लिए बहुत गलत होगा। हालांकि! वैज्ञानिक मानते हैं कि, अगर ये जीव जिंदा होते तो ये खाने के लिए छिछले पानी में जरूर आते और उनके नजर से (वैज्ञानिकों के) नहीं बच पाते।
12. पृथ्वी के हर कोने में मौजूद थीं ये मछलियाँ! :-
मित्रों! ज़्यादातर देखा जाता हैं कि, प्रकृति में जीतने भी जीव हैं वो एक खास ही जगह पर पाये जाते हैं। जैसे कि ऊंट रेगिस्तान में और पेंगुइन बर्फीले इलाकों में। परंतु, मेगालोडोन शार्क (megalodon shark facts in hindi) के क्षेत्र में ऐसा नहीं था। ये मछली एक ऐसी मछली थी, जो कि पृथ्वी के हर एक कोने में यानी हर एक महा द्वीप में अपनी मौजूदगी रखती थी।
हालांकि! आज उनके शरीर के अवशेष के तौर पर सिर्फ उनका दांत ही बचा हुआ हैं। परंतु, इनकि ये दांत अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक और अफ्रीका से लेकर एशिया तथा यूरोप तक, हर एक जगह पर पाया जाता हैं। इससे इस बात कि पुष्टिकरण मिलता हैं कि, ये मछली अपने जीवन काल में काफी सफल और चालक हुआ करती थी। इसने हर एक परिस्थिति में जीना सीख लीआ था।
13. इतने बड़े जबड़ों को देख कर आपको यकीन नहीं होगा! :-
मैंने इससे पहले भी मेगालोडोन शार्क के जबड़ों के बारे में आप लोगों को काफी कुछ बताया हैं। परंतु वहाँ पर मैंने आप लोगों को इन जबड़ों के आकार के बारे में नहीं बताया हैं। इसलिए चलिये एक नजर इन विशालकाय जबड़ों के आकार के बारे में भी चर्चा कर लेते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार मेगालोडोन शार्क के जबड़े लगभग 9×11 फीट बड़े हैं। इतने बड़े आकार के कारण ये मछलियाँ आसानी से एक ही बार में कई सौ लोगों को चट कर सकतीं थीं। वैसे आपको क्या लगता हैं, इतने बड़े जबड़ों को देख कर आपके मन में क्या ख्याल आ रहा हैं।
14. आज से इतने साल पहले ये मछलियाँ हुई थी लुप्त! :-
वैज्ञानिक कहते हैं कि, आज से लगभग 26 लाख साल पहले मेगालोडोन मछलियां विलुप्त हो गई थीं।
15. समुद्र में आने वाला ये बदलाव बना इन मछलियों की मौत का कारण! :-
26 लाख साल पहले समंदर का पानी अचानक तेजी से ठंडा होने लगा। आमतौर पर मेगालोडोन मछलियाँ (megalodon shark facts in hindi) गर्म पानी में रहना पसंद करती थीं। परंतु, ठंडे पानी के चलते इन मछलियों का समंदर में रहना काफी ज्यादा कठिन हो गया और ये उसी समय ही विलुप्त होने लगीं।
मुख्य रुप से पाया गया है कि, वातावरण या जलवायु में काफी तेजी से बदलाव ही कई जीवों के विलुप्ति का कारण बनता है और हमारी प्रकृति ऐसी ही है।
Sources :- www.livescience.com, www.oceanconservancy.org, www.fossilera.com, www.britannica.com