ऑक्सीजन जिसे प्राण वायु भी कहा जाता है, मेरे और आपके लिए बेहद जरूरी गैस है। इसके बिना आप एकपल भी जीवित नहीं रह सकते हैं, पृथ्वी पर जीवन का आधार इसी प्राण वायु को कहा जाता है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि क्या होगा अगर ये ही प्राण वायु यानि ऑक्सीजन (Life Without Oxygen In Hindi) 10 सेकेंड के लिए पृथ्वी से गायब हो जाये। 10 सेकेंड देखने में ज्यादा नहीं लगते हैं पर अगर ऐसा होता है तो ये कितना नुकसान हमारे ग्रह और शरीर का करेगा, इस लेख के जरिए आप आसानी से समझ सकते हैं।
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2.2 अरब साल पहले ऑक्सीजन का बनना
पृथ्वी के करीब 4.5 अरब सालों के इतिहास में, आज से करीब 2.2 अरब सालों पहले यहाँ, ऑक्सीजन (Oxygen) का कोई नामोनिशान नहीं था। इसी दौरान Cyanobacteria, जैसे कि नीले-हरे शैवाल के द्वारा प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के जरिए ऑक्सीजन की मात्रा वातावरण में लगातार बढ़ने लगी। इसके अलावा कई और सूक्ष्म जीवों के क्रम विकास (Evolution) के जरिए , वातावरण में Dinitrogen और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में भारी गिरावट शुरू हो गई और पृथ्वी पर एक ऑक्सीजन से भरे हुए वातावरण की शुरुआत हुई।
इस घटना को हम Great oxidation या Great oxygenation event के नाम से जानते हैं। इसके अलावा, 50 से 80 करोड़ साल पहले और लगभग 40 करोड़ साल पहले , ऑक्सीजन की मात्रा दूगनी रफ्तार से बढ़ी है। इसका परिणाम ये है कि आज पृथ्वी पर और इसके वातावरण में ऑक्सीजन, दूसरा सबसे विशाल एलीमेंट बन चुका है। जाहिर सी बात है कि इसमें जीवन के क्रम विकास और विविधता का बहुत बड़ा हाथ रहा है।
हम इंसानों को बाकी कई जीव जंतुओं के लिए ऑक्सीजन (Life Without Oxygen In Hindi) की एक सटीक मात्रा मिलना बहुत जरूरी है। एक खास मात्रा से ज्यादा ऑक्सीजन और कम ऑक्सीजन, किसीके लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है। मगर अब कल्पना करिए, कि आज अगर पृथ्वी पर great oxygenation event से पहले का समय आ जाए, या फिर यहाँ से oxygen element के हर एक परमाणु को खत्म कर दिया जाए , तो क्या होगा? आखिर ऑक्सीजन अणु (Oxygen Molecule) के बिना, इस पृथ्वी का क्या नजारा होगा और क्या हमारे पास जिन्दा रहने का कोई मौका होगा, चलिए जानते हैं इस लेख में।
आसमान नीला क्यों दिखाई देता है?
दोस्तों , पृथ्वी का वातावरण गैसों से भरा हुआ समुद्र है। यहाँ नाइट्रोजन और ऑक्सीजन (Life Without Oxygen In Hindi) अणु मुख्य तौर पर सूर्य से आने वाली लाइट को फैलाते हैं। ये अणु, आमतौर पर नीली frequencies को ज्यादा भैलाते हैं , जिससे हमें दिन में आसमान नीला दिखाई देता है। अगर यहाँ से ऑक्सीजन गैस का पूरा सफाया कर दिया जाए , तो नीली frequency light का फैलाव (Blue Frequency Scattering) बढ़ जायेगा, और हमें दिन में, गहरे काले रंग का आसमान देखने को मिलेगा।
रात और दिन के आसमान और नज़ारे में, आपको बेहद कम फर्क महसूस होगा। यहीं से आपको बिना ozone layer की वजह से, सूर्य की ताकतवर पराबैंगनी किरणों (UV Rays) का सामना करना पड़ेगा, जो आपके शरीर के लिए कष्टदायक साबित होंगी। इसके अलावा छोटे मोटे पिंड भी आपको पृथ्वी से टकराते हुए दिखाई दे सकते हैं।
ऑक्सीजन के बिना पृथ्वी का नजारा
पृथ्वी पर आकर देखें, तो अगर यहाँ से ऑक्सीजन गैस खत्म होने लगे , तो कई सारे महत्वपूर्ण मिश्रित धातु, रासायनिक यौगिक , जैसे कि स्टील वगेरा की production पूरी तरह खत्म हो जाएगी जिसकी वजह से रोड़ रेलवे, बिल्डिंग और बड़े बड़े स्ट्रक्टचर बनना बंद हो जाएँगे। बिना ऑक्सीजन गैस की वजह से वातावरण का दबाव (Atmospheric pressure) लगभग 21% घटेगा, जो जिसका सीधा असर आपके कानों में महसूस होगा। आपके कान के परदे, इस अचानक कम हुए दबाव को सहन नहीं कर पाएँगे, और हो सकता है कि आप अपनी सुनने की क्षमता भी खो बैठें !
बिना ऑक्सीजन गैस के सभी दहन प्रक्रिया (Combustion process) बंद हो जाएँगे , जिसकी वजह से अन्तः ज्वलन (Internal Combustion) से चलने वाली सभी गाड़ियां बंद पड़ सकती हैं और यहाँ तक कि हमारे सभी राकेट जो चाहें Solid chemical propellants (ईंधन) का इस्तेमाल करते हों , या Liquid chemical propellants का , ये सभी किसी भी प्रकार की ऊर्जा नहीं दे पाएँगे। एक बहुत बड़े ऊर्जा संकट की संभावना निश्चित है। बिना ऑक्सीजन गैस के न्यूक्लियर रिएक्टर में water cooling बंद हो सकती है , जिसकी वजह से न्यूक्लियर धमाके की खतरनाक चैन रियेक्शन, भारी तबाही मचा सकते हैं।
दोस्तों, फिलहाल तो हमने ऑक्सीजन गैस के खत्म होने की बात की है। अगर इस ऑक्सीजन के सभी atoms/molecules पूरी तरह से नष्ट हो जाएँ, तो आने वाली स्थिति आप सोच भी नहीं पाएँगे।
10 सेकेंड के लिए पृथ्वी से ऑक्सीजन गायब
दोस्तों , पानी के अणु को बनाने के लिए हमें हाइड्रोजन ओर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। ऑक्सीजन अणु के खत्म होते ही पानी में बस हाइड्रोजन के अणु ही बाकी रहेंगे। ऐसे में पृथ्वी पर मौजूद समुद्र , जिनमें लगभग 89% तक ऑक्सीजन (Life Without Oxygen In Hindi) मौजूद है, उसके पूरी तरह से खत्म होने पर, हमें बस हाइड्रोजन से भरे हुए समुद्र देखने को मिलेंगे, जो भाप बनकर पूरे वातावरण में हाइड्रोजन की मात्रा बढ़ा देंगे। यानी अब हमारा ग्रह, एक हाइड्रोजन गैस से से घिरा हुआ होगा।
दोस्तों, ऑक्सीजन एक ऐसा ऐलिमेंट है जो लगभग हर एक कंपाउंड के लिए जरूरी है। ऐसे में बिना ऑक्सीजन के अणु के लगभग सभी चीजें पूरी तरह ढेर होकर अपने साधारण फोर्म में बदल जाएँगीं। आपके नीचे की जमीन जिसमें लगभग 46% ऑक्सीजन मौजूद है, वो भी ढेर होने लगेगी और आप पृथ्वी के केंद्र के करीब जा सकते हैं।
वैसे दोस्तों , हम इंसानों और बाकी जीवों की साँसे इस ऑक्सीजन की वजह से चलती हैं। पर अगर बेहद कम समय, जैसे 10 seconds के लिए पृथ्वी से oxygen atom खत्म हो जाए , तो क्या हमारा जिन्दा रहना संभव है? आइये देखते हैं।
अगर ऐसा होता है तो हमारा शरीर भी पूरी तरह से तबाह हो सकता है। हमारे शरीर में लगभग 65% ऑक्सीजन मौजूद है , जो हमारे प्रोटीन आदि और जैविक सैल्स में अच्छी खासी मात्रा में मौजूद है। ऑक्सीजन के परमाणु के गायब होते ही, हमारे अन्दर मौजूद पानी भी मात्र हाइड्रोजन में बदलकर रह जाएगा। हमारा DNA जिसमें करीब 30% ऑक्सीजन मौजूद है , वो पूरी तरह से नष्ट हो चुका होगा, और हमारा पूरा शरीर भी मात्र कुछ तत्वों का ढेर बनकर रह जाएगा। हम जीवित नहीं होंगे।