हिन्दू धर्म में कई सारे त्योहार/ पर्व आते हैं और हर एक त्योहार का अपना ही एक महत्व होता हैं। जिन लोगों को लगता हैं की, धार्मिक त्योहारें सिर्फ औपचारिकता के तौर पर मनाया जाता है तो उन लोगों को मेँ बता दूँ की; हर एक धार्मिक त्योहार से जुड़े कुछ प्राचीन मान्यताएं होती हैं जो की दोनों ही विज्ञान और लोगों की आस्था से ही बनी हुई होती है। आज महाशिवरात्रि है (why to celebrate Maha Shivratri) और आज के इस पावन दिवस पर सबसे पहले तो मेँ हर उस शिव भक्त को शुभकामनाएं देना चाहता हूँ जो की देवों के देव महादेव को अपने सच्चे और साफ दिल से चाहते हैं।
मेरे मित्रों! आज का मेरा ये लेख पूर्ण रूप से भोलेनाथ के लिए समर्पित हैं। तो, आज के इस लेख में हम महाशिवरात्रि (why to celebrate Maha Shivratri) को क्यों मनाया जाता हैं? इससे जुड़ी हिन्दू धर्मों में क्या-क्या मान्यताएं हैं और हमें महाशिवरात्रि के दौरान क्या-क्या करना चाहिए? उसके बारे में हम जानने का प्रयास करेंगे। इसलिए आप लोगों से अनुरोध हैं की; अगर ये लेख आप लोगों को अच्छा लगे तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ये हर एक शिव भक्त के पास पहुँच पाये।
तो, चलिये अब लेख को शुरू करते हैं और महाशिवरात्रि के अनंत महिमा के बारे में जानते हैं।
आखिर महाशिवरात्री को किसलिए मनाया जाता हैं? – Why To Celebrate Maha Shivratri? :-
व्यक्तिगत तौर पर मुझे ऐसा लगता हैं की, आज के जमाने में ज़्यादातर लोग ट्रेंड के चक्कर में पड़ कर हर एक काम को कर रहें हैं (हालांकि! मेँ यहाँ पर सब की बात नहीं कर रहा हूँ)। ज़्यादातर लोगों को पावन दिवसों के बारे में सिर्फ उन दिवसों के नाम ही पता होते हैं। कोई भी उन दिवसों के महिमा या प्राचीन मान्यताओं के बारे में बातें ही नहीं करता हैं। इसलिए धीरे-धीरे इन दिवसों की मौलिकता लुप्त होती जा रहीं हैं।
वैसे महाशिवरात्रि (why to celebrate Maha Shivratri) को लेकर लोगों के मन में कई सारे विश्वास और धारणाएं मौजूद हैं, जिसके बारे में हम आगे लेख में बातें करेंगे। परंतु महाशिवरात्री को मनाने को लेकर जो सबसे मुख्य वजह हैं वो है “सकल ऊर्जा के स्रोत भोलेनाथ को याद करना और उनके इस अपार शक्ति (ऊर्जा) में से कुछ बूंदों को अपने जीवन में लाने की कोशिश करना”। यानी अपने तन और मन से भोलेनाथ की भक्ति में लिप्त हो कर उनके महिमाओं को याद करना ही महाशिवरात्रि को मनाने के असल कारणों में से एक है। हम अपने जीवन में भोलेनाथ को स्मरण कर के उनको हमारे जीवन में मौजूद सारे कष्टों को हरने के लिए अनुरोध करते है।
महाशिवरात्रि और हर एक जीव का कर्तव्य! :-
मित्रों! हमारे अंदर जो प्राण (जीवन जीने की जो ऊर्जा है) वो कहाँ से बना हुआ है? इन्हीं भोलेनाथ के कृपा से ही हमें ये प्राण मिला है और इन्हीं के भक्ति में हर एक प्राणी अपने पूरे जीवन को न्योच्छावर कर देना चाहिए। क्योंकि ये ही हर एक की नियति है। खैर आगे मेँ महाशिवरात्री से जुड़ी कुछ लोक कथाओं के बारे में चर्चा करूंगा, तो उन सभी लोक कथाओं को आप जरूर गौर से पढ़िएगा ताकि आपको भी महाशिवरात्री के बारे में और बेहतर ढंग से समझ हो सके।
महाशिवरात्रि से जुड़ी कुछ लोकप्रिय लोक कथाएँ! :-
लोगों के विश्वास के अनुसार महाशिवरात्रि (why to celebrate Maha Shivratri) के दौरान प्रचलित सबसे अधिक लोकप्रिय मान्यता हैं की, इस दिन माता पार्वती के साथ शिव जी का विवाह हुआ था। ये विवाह एक दैवीय घटना होने के कारण इसे हिन्दू धर्म में काफी ज्यादा पावन माना गया है और इस दिन को लोग स्मरण करने के लिए महाशिवरात्री/ शिवरात्रि जैसे पुण्य दिवसों को पालन करते हैं। इस दिन लोगों में श्रद्धा और आस्था अपने चरम सीमा पर होती है।
इसके अलावा और एक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि ही वो दिन था जिस दिन भोलेनाथ जी ने देवताओं तथा पूरे मानव जगत के सुरक्षा के लिए विष का पान किया था। समंदर मंथन के दौरान जब विष निकला तो, वो शिव जी ही थे जिन्होंने पूरे जीव-जगत के कल्याण के लिए अपने कंठों में विष को उतार दिया था। इसलिए शिव जी के सम्मान में इस दिन को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
मित्रों! इसी महाशिवरात्रि के दिन ही, स्वर्ग से गंगा मैया धरती पर उतरी थीं। वैसे जब गंगा मैया धरती पर उतरी तो उनका वेग इतना अधिक था की उस वेग से सारी की सारी दुनिया बह जाती। इसलिए शिव जी ने पूरे संसार को बचाने के लिए अपने जटाओं के अंदर गंगा मैया को रोक कर धीरे-धीरे कई छोटे-छोटे पानी के धाराओं में उन्हें धरती के ऊपर उतरने दिया। इसलिए भी लोग महाशिवरात्रि को पालन करते है।
महाशिवरात्रि से जुड़ी कुछ और अनजान मान्यताएं! :-
ऊपर मैंने जीतने भी मान्यताओं के बारे में बातें किया है, उन सब के बारे में ज्यादातर लोगों को शायद कुछ-कुछ जरूर ही पता होगा। परंतु अब मेँ महाशिवरात्रि (why to celebrate Maha Shivratri) के एक ऐसे मान्यता के बारे में आप लोगों को बताऊंगा जिसके बारे में आप लोगों ने शायद ही सुना होगा।
ऐसा माना जाता हैं की, महाशिवरात्री के दिन ही निराकार भगवान “सदाशिव” लिंगोद्धभव मूर्ति (Lingodhbhav) के रूप में इसी दिन के मध्य रात्री को प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन श्रद्धालु रात को जग कर प्रभु की पूजा-अर्चना करते हैं। मित्रों! इस मान्यता के बारे में काफी कम लोगों को जानकारी होगी, तो मेँ आप लोगों से एक सवाल अवश्य ही पूछूंगा। आप मुझे हो सकते तो कमेंट कर के बताइएगा की, लिंगोद्धभव का क्या अर्थ होता हैं?
खैर! ये मान्यता एक प्रमुख घटना के ऊपर आधारित होने के कारण; ये भी महाशिवरात्रि को मनाने का एक बहुत ही बड़ी वजह बन जाती है। वैसे ये तो था की, हम आखिर क्यों महाशिवरात्रि को मनाते है? (why to celebrate Maha Shivratri?) परंतु अभी भी कुछ जानकारी आप लोगों को देना बाकी है। क्या आप जानते है, आपको महाशिवरात्रि के दौरान कौन-कौन से काम करना चाहिए जिससे भोलेनाथ आप पर कृपा दृष्टि बनाए रखें? जानने के लिए आगे पढ़ते रहिए।
महाशिवरात्री के दौरान करें ये काम, जिससे शिव जी की कृपा दृष्टि आप पर बनी रहेगी! :-
लेख के इस भाग में मेँ अपने सीमित बुद्धि के अनुसार आप लोगों को एक-एक कर के महादेव जी को प्रसन्न करने के तरीकों के बारे में बताऊंगा। तो, इसे जरा गौर से पढ़ते रहिएगा।
- महाशिवरात्रि (why to celebrate Maha Shivratri) के दिन हर एक स्वस्थ व्यक्ति को उपवास (Fast) रखना चाहिए। उपवास रखने से शरीर में मौजूद हानिकारक पदार्थ स्वतः शरीर से कम होने लगते हैं तथा शरीर के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा बनती है। इसलिए महाशिवरात्री के दिन काफी लोग उपवास रखते है।
- प्राचीन शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन ध्यान करने को कहा गया है। परंतु व्यस्तता के कारण आज काफी लोग रोज ध्यान नहीं कर पाटें है। इसलिए इसको देखते हुये शास्त्रों में ये भी कहा गया हैं की, हर दिन ही न सहीं परंतु साल में एक बार महाशिवरात्री के दिन हर एक व्यक्ति को रात में जाग कर ध्यान करना चाहिए। ताकि हमारे इस विचलित मन और दिमाग को कुछ शांति मिले।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप हर एक व्यक्ति को रोजाना/ महाशिवरात्री के दौरान उच्चारण करना चाहिए। इससे व्यक्ति का मन साफ होने के साथ-साथ शरीर के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वैसे इस मंत्र के साथ ही साथ आप “शिव तांडव स्तोत्रम” या “काल भैरव अष्टकम” का भी जाप कर सकते है।
- महाशिवरात्री के दौरान आपको शिव जी की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए। पावन मंत्रों से जहां शिव जी को पूजा जा रहा होगा वहाँ रहने भर से ही आपके मन से सारे नकारात्मक चीज़ें बाहर हो जाएंगी और आप परमानंद का एहसास करेंगे।
- मित्रों! इस महाशिवरात्री में आप “शिव लिंग” के ऊपर दूध/ पानी डाल कर “बेल पत्तों” के साथ आप शिव जी की पूजा करें। जिससे भोलेनाथ आपके जीवन में खुशी और समृद्धि भर दें।
Source :- www.artofliving.org.