नारी सुंदरता का रूप होती है, नारी है तो सुंदरता है। सुंदरता का वैसे कोई पैमाना नहीं होता है पर हर चित्रकार, लेखक, कवि सुंदरता को नारी के इर्द – गिर्द ही रखते हैं। सुंदरता में जब भावना हो, नजाकत हो तो उस सुंदरता का कोई सानी नहीं होता है।
सुंदरता में सिमटे रहने की एक सीमा है. इस सीमा में सब रिश्ते समा जाते हैं और इनको निखार की दुनिया के साथ-साथ जीने की एक दिशा भी मिल जाती है। भावना के साथ मिली थोड़ी-सी सुंदरता नारी को एक विशेष पहचान दिलाती है जिसका अंत उसके अस्तित्व खत्म होने के बाद भी ज़िंदा रहता है।
रोमानिया की एक कैमरामैन Mihaela Noroc ने हाल ही में भारत के दौरे के दौरान अपने साथ-साथ चलते कैमरे से भारतीय नारी की ऐसी तस्वीरें कैप्चर की, जिनसे ख़ूबसूरती की परिभाषा शुरू होती है और इन्हीं पर आकर खत्म हो जाती है।
विषय - सूची
मुंबई की आंखों में बसा नूर
राजस्थान का चुटकी भर सिंदूर
दिल्ली की अदाएं
गोवा की नज़ाकत
पुस्कर में पुलिस
कुछ चेहरे अकसर बोलने लगते हैं
सादगी का आंचल
गुलाब सा रंग
गहनों के पीछे छुपी है इसकी सादगी
बनारस के घाट में उम्मीदें तैरती हैं
उदास क्यों है आज तेरे दिल का मौसम
साभार – गजबपोस्ट