नमस्कार मित्रों ! आप सब बढ़िया तो है न ? पूछने का कारण यह है की आज कल-कब-क्या-कैसे हो जाए इसके बारे में कोई भी कुछ नहीं कह सकता | खैर इंसानी शरीर पार्थिव है और पृथ्वी पर जन्म लेते ही उसके जीवन के घड़ी की उलटी गिनती शुरू हो जाती हैं | प्राचीन काल में इंसानों की उम्र 100 साल से भी अधिक थी ,परंतु आज का वातावरण इतना बदल चुका है की कई सारे रोगों में पड़ कर आज इंसान का औसतन जीवन काल 60 से 70 साल के अंदर सीमित हो गया है। कैंसर (about cancer in hindi) और एड्स (AIDS) यह दो ऐसीं बीमारी है जिन्होंने आज पृथ्वी पर तबाही मचा रखी है।
मित्रों ! हमारे देश में आज बहुत सारे लोग शिक्षित हो चुके है , परंतु कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें इन रोगों के बारे में पता नहीं हैं | खैर यहाँ पर मेँ मूल रूप से कैंसर (about cancer in hindi) की बात कर रहा हूँ क्योंकि कई लोगों को ऐसा लगता है की केंसर का इलाज नहीं किया जा सकता , पर यह बात पूर्ण रूप से सत्य नहीं हैं |
अगर किसी भी व्यक्ति के अंदर कैंसर को (about cancer in hindi) उसके प्रारंभिक अवस्था में पकड़ लिया जाता है , तो इसका इलाज संभव हैं | मित्रों ! इसलिए मैंने आज कैंसर से जुड़ी हर एक बात आप लोगों से साझा करने का मन बनाया हैं | यहाँ पर आप लोगों से मेँ आग्रह करना चाहूँगा की इस लेख को हो सके तो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना , क्योंकि आगे इस लेख में आपको केंसर की कारण , लक्षण , इलाज और इस से परहेज के बारे में पढ़ने को मिलेगा |
विषय - सूची
कैंसर क्या है : What is Cancer In Hindi ? :-
कई सारे लोगों को कैंसर (about cancer in hindi) सिर्फ एक जानलेवा बीमारी के तौर पर ही पता हैं | इसलिए जब भी कोई इंसान कैंसर का नाम भी सुन लेता है , तो उसके मन में सिर्फ निराशा ही भर जाती हैं | इसी कारण से हमें सबसे पहले कैंसर क्या है (what is cancer) ? इसके बारे में जानना होगा , क्योंकि सिर्फ कैंसर शब्द सुनने से ही जैसे हमें निराशा न हो।
अगर मेँ सरल भाषा में कहूँ तो , कैंसर एक प्रकार से शरीर में मौजूद कोशिकायों का अनियंत्रित विभाजन है (uncontrolled cell division) , जहां अनियंत्रित विभाजन के कारण कैंसर से पीड़ित कोशिका का आकार अपने मूल आकार से काफी ज्यादा बढ़ जाता हैं | पृथ्वी में दिल की बीमारी के बाद कैंसर दूसरी सबसे ज्यादा लोगों को होने वाला बीमारी है। आपको जानकार हैरानी होगी की इंग्लैंड में हर दूसरे व्यक्ति को उस के जीवन काल में कैंसर से पीड़ित होना ही पड़ता है। मित्रों ! यहाँ मेँ आपको और भी बता दूँ की कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो की किसी को भी कहीं पर और किसी समय में भी हो सकती है।
इस प्रक्रिया के ऊपर आपका कोई नियंत्रण नहीं हैं , परंतु हाँ ! आप इस से बचने के लिए कुछ बातों का अवश्य ही ध्यान रख सकते हैं।
खैर , ऊपर आपने अभी-अभी कैंसर क्या है ? (what is cancer) उसके बारे में जाना | तो, अब मुझे बताइए की क्या आप कैंसर की नाम सुनते ही डरेंगे या इसके इलाज के बारे में पहले सोचेंगे |
कैंसर के प्रकार :Types Of Cancer
मित्रों ! अन्य किसी बीमारी की ही तरह कैंसर के भी कई सारे रूप यानी प्रकार होते हैं | इन्हीं प्रकारों में से कुछ आंशिक रूप से खतरनाक होते है , तो कुछ जानलेवा भी होते हैं | तो , बिना किसी देरी किए कैंसर के इन प्रकारों को जानते हैं |
मित्रों आमतौर पर किसी भी प्रकार के कैंसर (Cancer In Hindi) का नाम उससे जुड़ी हुई शरीर के अंगों के ऊपर निर्भर करता है , शरीर के जिस अंग पर कैंसर सबसे पहले होता है उसी अंग के नाम पर ही कैंसर के उस प्रकार को नाम दिया जाता हैं | इसलिए इंसानी शरीर में आपको कई प्रकार के केंसर देखने को मिलेंगे , परंतु नीचे मैंने मुख्य रूप से कुछ प्रकारों का आपके लिए उदाहरण दिया हैं |
- कार्सिनोमा (Carcinoma) :- यह एक प्रकार का शरीर के त्वचा पर होने वाला कैंसर है | यह कैंसर सबसे पहले त्वचा पर हो कर बाद में शरीर के अन्य अंगों तक फैल जाता हैं | इसके अलावा यह कैंसर बहुत ही खतरनाक हैं , इसको इसके प्रारंभिक अवस्था में ही इलाज की जरूरत होती है।
- सार्कोमा (Sarcoma) :- इस प्रकार का कैंसर ज़्यादातर बहुत ज्यादा देखने को मिलता हैं | यह कैंसर मुख्य रूप से संयोजी टिसु (connective tissue) जैसे खून की नस , हड्डी , कार्टिलेज ,मांसपेशी आदि के अंदर होता हैं | इसको सही तरीके से इलाज कर पाना थोड़ा मुश्किल है।
- ल्यूकेमिया (Leukemia) :- आमतौर पर मज्जा/ बोन मेरो (Bone marrow) के अंदर होने वाले कैंसर को ल्यूकेमिया कहते हैं | यह कैंसर इंसानी शरीर को काफी ज्यादा कमजोर बना देता हैं | इस कैंसर के होने के कारण से शरीर के अंदर मौजूद खून की नालियाँ सही तरीके से बन नहीं पाते हैं ।
- लिंफोमा (Lymphoma) :- शरीर के रोग प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) मे होने वाला कैंसर को लिंफोमा कहा जाता हैं |
कैंसर शरीर के अंदर कैसे फैलता हैं ? – How Does Cancer Spread ? :-
अब आपने कैंसर क्या है (what is cancer) और कैंसर के प्रकारों (cancer types) के बारे में जान लिया हैं | परंतु अब भी कुछ लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता होगा की , आखिर यह कैंसर शरीर के अंदर कैसे फैलता हैं ? अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो , कृपया लेख को आगे पढ़ते रहिए |
मुख्य रूप से कैंसर क्रमानुसार कुछ निर्धारित तरीकों से शरीर के अंदर फ़ैलते हैं | मैंने इन तरीकों को आगे बिन्दुओं में आपके लिए लिखा है |
- किसी कारण से कैंसर पीड़ित कोशिका दूसरे स्वस्थ कोशिकाओं को संक्रमित होते हैं |
- संक्रमित होने की प्रक्रिया मुख्य रूप से कोशिकाओं से जुड़ी हुई खून की नलियाँ (blood vessel) या लसिका ग्रंथि (लिंफ नोड / Lymph Node) के माध्यम से होता हैं |
- लसीका ग्रंथि या खून की नलियों से आने के कारण यह आसानी से शरीर के किसी भी कोने तक पहुँच सकता हैं |
- बाद में पीड़ित कैंसर कोशिकाओं के कणिका खून के नलियों के अंदर एक निर्धारित जगह पर रुक जाते हैं | इसके बाद यह केंसर के कणिका खून के नली की बाहरी आवरण को लांघ कर दूसरे स्वस्थ कोशिका के खून की नली में पहुँच जाते हैं जो की इन्हें आखिर में स्वस्थ कोशिकायों के पास ले कर जाता हैं |
- स्वस्थ कोशिका के अंदर पहुँचने के बाद अनियंत्रित ढंग से कोशिकाओं का विभाजन (cell division) करके एक ट्यूमर को पैदा करते हैं |
- इसके बाद इसी ट्यूमर को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए केंसर के कोशिकाएँ दूसरे खून के नलियों को भी संक्रमित करते हैं और इसी तरह संक्रमित करने का यह चक्र शरीर के अंदर इलाज न किए जाने तक चलता ही रहता हैं |
कैंसर के कुछ मुख्य लक्षण :- Symptoms Of Cancer .
मित्रों ! हर एक रोग या बीमारी की अपनी ही कई सारे लक्षण होते हैं और कैंसर के भी हैं | अकसर शरीर आगे होने वाले रोगों के बारे में बहुत ही पहले संकेत दे देता हैं , परंतु विडंबना की बात तो यह है की हम लोग शरीर के उस सांकेतिक भाषा को सही तरीके से समझ ही नहीं पाते हैं | कहने में तो थोड़ा कड़वा लगेगा पर ज़्यादातर लोग खुद को ही एक डॉक्टर मानने लगते हैं |
खैर आगे मैंने कैंसर से जुड़ी कुछ लक्षणों का उदाहरण दिया है , इसलिए आप से अनुरोध है की इन लक्षणों को ध्यान से एक बार जरूर पढ़ें |
शरीर के अंदर यह लक्षण दीखे तो तुरंत होइए सावधान :-
- लगातार खाँसी या मुंह के लार में खून का आना :- अकसर कैंसर से पीड़ित व्यक्ति के मुंह से खून या लार में खून के कणिकाओं को पाया जाता है | इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति को बहुत समय से खाँसी लगी हुई है और वह छूट नहीं रही है , तो वह भी एक कैंसर का कारण बन सकता हैं |
- शरीर के अंदर खून की कमी पाया जाना :- अगर किसी व्यक्ति के शरीर में अचानक से खून के मात्रा में कमी पाया जाता है , तो यह भी एक कैंसर का कारण हो सकता हैं |
- स्तन और अंडकोष के अंदर गांठ का पाया जाना :- ज़्यादातर कैंसर (Cancer In Hindi) पीड़ित महिलायों के स्तन और पुरुषों के अंडकोष में गांठ पाया जाता हैं | यह गांठ अकसर कैंसर कोशिकाओं से बनी ट्यूमर का ही नतीजा होता हैं | अगर इस प्रकार का कोई भी लक्षण शरीर के अंदर देखा जाए तो , तुरंत ही डाक्टर से संपर्क करना चाहिए |
- पेशाब करते समय पीड़ा या मुश्किल होना :- ज़्यादातर लोग इस लक्षण को बहुत आसानी से अनदेखा कर देते हैं | इसलिए बाद में चलकर यह लक्षण कैंसर का कारण बनता हैं | हद से ज्यादा पेशाब करने की अनुभूति , पेशाब करने में अनियमितता , पेशाब करते समय पीड़ा होना और पेशाब रुक-रुक कर आना आदि प्रोस्टेट केंसर के कारण हैं |
मित्रों ! ऊपर मैंने कुछ ही कैंसर के लक्षणों के बारे में बताया है , इसलिए अगर आपको अपने शरीर के अंदर कोई भी अहितकारी बदलाव दिखे तो तुरंत ही डाक्टर के पास जाएँ | हाँ ! और एक बात आपके आसपास के लोगों के बातों को सुनिए परंतु एक बार अपनी दिल की बात सुनकर सही से निर्णय लीजिए क्योंकि यह जीवन आपका ही है !
कैंसर आखिर क्यूँ होता हैं ? – Causes Of Cancer :-
अब जब आपने कैंसर के लक्षणों (symptoms of cancer) के बारे में जान ही लिया है , तो इसके कारणों को भी आपके लिए जानना बहुत ही जरूरी है क्योंकि कारणों को जानने के बाद ही आप लोग सतर्क हो पाएंगे |
मैंने आगे कुछ बिंदुओं को ले कर कैंसर के कारणों (causes of cancer) को बताया है | इसलिए आप लोग इस कारणों को अवश्य ही जितना हो सके याद रखने की प्रयास करें क्योंकि इससे आपका ही फायदा हैं |
- अस्वस्थ जीवन शैली :- कैंसर के होने के इस वजह को शायद आज हर कोई जानता हैं | तंबाकू चबाना , शराब पीना , धूम्र पान करना , युभी किरणों के ज्यादा संपर्क में आना आदि अस्वस्थ जीवन शैली से होने वाले कैंसर के कारण हैं |
- प्रदूषण से होने वाला क्षति :- खैर आज का बढ़ता प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग को और भी खतरनाक बना ही रहा है , परंतु इसके साथ-साथ आपके शरीर को भी काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त भी कर रहा हैं | आजबेसटस , टार , बेन्ज़ो पाइरिन , विनाइल क्लोराइड आदि चीज़ें आपके शरीर में आसानी से कैंसर करवा सकते हैं |
- विकिरण है केंसर की एक प्रमुख वजह :- मैंने पहले ही अपने विकिरण के लेख में विकिरण को काफी ज्यादा खतरनाक बताया हैं | एक्स रे और अन्य आइओनाइसिंग रे कैंसर के होने का मुख्य कारण हैं |
कैंसर का उपचार – Treatment Of Cancer :-
मित्रों ! हर एक असुविधा के समाधान होता ही होता , भले ही वह आज हो या न हो | कैंसर को भी ज़्यादातर इस के प्रारंभिक अवस्था के समय सफलता पूर्वक इलाज किया जा सकता हैं | आगे मैंने कुछ इलाजों के प्रणाली के बारे में जिक्र किया हैं |
- सर्जरी :- मित्रों ! सर्जरी से केंसर पीड़ित अंग को शरीर से अलग कर दिया जाता हैं | इससे केंसर (Cancer In Hindi) शरीर के अंदर दुबारा फैल नहीं पाता हैं और रोगी को इस से कुछ हद तक राहत मिलती हैं |
- कीमो थेरपी :- केंसर के पीड़ितों के अंदर यह प्रणाली काफी ज्यादा लोकप्रिय है | इसके लोकप्रिय होने का कारण इस प्रणाली की सफलता को दर्शाता हैं | इस प्रक्रिया में कई तरीके के दवाइयों को एक साथ मिलाकर केंसर कोशिका को खत्म करने के लिए दिया जाता हैं |
- रेडिएसन थेरपी :- कई दफा रेडिएसन भी केंसर ट्यूमर को खत्म करने और फैलने से रोकता है |
- इम्यूनों थेरपी :- मित्रों ! इस थेरपी के जरिए रोगियों के शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधी शक्ति को खास तरीके के तवाइयों से बढ़ाया जाता है , इस से रोगी को केंसर कोशिकाओं से लढने की ताकत मिलती हैं।
- हॉरमोन थेरपी :- यह थेरपी आमतौर पर प्रोस्टेट और ब्रेस्ट केंसर से पीड़ित रोगियों को दिया जाता हैं | इस थेरपी में रोगियों को एक खास तरह का हॉरमोन दिया जाता है , जीस से केंसर शरीर के अंदर और नहीं फैलता |
- स्टेम सेल ट्रांसप्लांट :- उपचार का यह प्रक्रिया मुख्य रूप से खून के केंसर से या बोन मेरो केंसर से पीड़ित रोगियों मेँ काफी ज्यादा लाभकारी रहता हैं | इस में रोगी के अंदर एक नई स्टेम सेल को प्रतिरोपण किया जाता हैं।
कैंसर से कैसे बचें ? :- (Cancer In Hindi)
“Prevention Is Better Than Cure.” आपने अंग्रेजी की इस कहावत को तो अवश्य ही सुना होगा | खैर यह कहावत पूर्ण रूप से सत्य हैं | आप केंसर से कुछ हद तक अपने को सुरक्षित रख सकते हैं | केंसर से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखिए |
- तंबाकू या शराब पीना बंद करें या कम से कम इस की मात्रा को कम करें ।
- बाहर निकलते समय सन क्रीम या कपड़ों से ढक कर अपने त्वचा को अत्यधिक सूर्य किरणों से दूर रखें।
- अच्छा खाना खाएँ ।
- सही समय में अपना टीका कारण अवश्य ही करवाएँ | (खास कर बच्चों का)
- नियमित रूप से कसरत करें।
- अपने अनु वांशिक (hereditary) रोगों का ध्यान रखें और डाक्टर की सलाह लें।