ग्रीनहाउस गैसों के विश्न में योगदान पर एक नई रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें यह बात सामने आई है कि केवल 100 कपंनिया के द्वारा ही विश्व में 71 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैसों का उत्पादन होता है।
कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट द्वारा Climate Accountability Institute के साथ भागीदारी में यह अध्ययन किया गया और इसमें कार्बन मेजर डाटाबेस का भी इस्तेमाल किया गया। इस रिपोर्ट का मुख्य लक्ष्य बड़ी कंपनियों द्वारा मौसम के बदलावों में होने वाले फर्क पर अध्ययन करना था।
1988 में इससे पहले एक पैनल का गठन किया जा चुका है, जिसमें मानवों द्वारा होने वाले जलवायु परिवर्तन की रिपोर्ट शामिल थी। 1988 से लेकर अबतक कार्बन गैसों का उत्सर्जन बहुत बढ़ चुका है। औद्योगिक युग के 237 वर्षों में जितना कार्बन उत्सर्ज नहीं हुआ उससे दुगना इन 28 सालों में हो चुका है।
सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जक देश की सरकारी कंपनिया ही हैं जैसे की चीन की कोयले की खदान, सऊदी अरेबियन ऑयल कंपनी जो कि 14.3 और 4.5 प्रितशत तक के कार्बन उत्सर्जन के हिस्सेदार हैं। हांलाकि चीन में इसे लेकर वहां के लोग गंभीर जरुर हैं पर अभी यह सिर्फ शुरुआत ही है, काश यह काम पहले होना चाहिए था। वहीं सऊदी में फिलहाल इसका कोई विक्लप सामने नहीं है।
यदि हम स्वामित्व वाली कंपनियों (investor-owned companies) की बात करें तो उसमें ExxonMobil, Shell, BP, और Chevron लिष्ट में शीर्ष पर हैं। उम्मीद यही होती है कि कमसेकम यह स्वामित्व वाली कंपनिया तो गंभीरता पर इसपर विचार कर ही सकती हैं और कार्बन गैसों की उत्पादन को कम कर सकती हैं।
विचारणीय बात यह है कि अब हमें इन कंपनियों के इनवेस्टर्स को समझाना होगा क्योंकि उनका इन कंपनियो पर एक खासा प्रभाव होता है जिससे वह इस पर कुछ विचार जरुर कर सकती हैं।
2016 के एक रिसर्च पेपर से यह पता चलता है कि यदि तेल कंपनिया अभी भी इस बात को गंभीरता से नहीं लेती हैं और आगे ऐसा ही जारी रखती हैं तो आगे आने वाले 10 सालों में वह धराशायी हो जायेंगी।
कई कंपनियां , जैसे कि Google, फेसबुक, ऐप्पल आदि पूरी तरह से जीवाश्म ईंधन से निकलने और पूरी तरह से अक्षय (renewable) होने जा रही हैं। और कई देश इस पर कड़े प्रस्ताव भी ला रहें हैं, फ्रांस में 2040 के बाद से हर प्रकार की प्रट्रोल कारों पर पूर्ण प्रतिबंध लग जायेगा।
मौसम का बदलना हमारे लिए बेहद घातक सिद्ध हो सकता है, आने वाले दिनों में यदि ठोस कदम ना उठाये गये तो फिर हांकिग द्वारा की गई मानवों के अंत की भविष्यवाणी सटीक ही बैठती है।