24 अप्रैल 1990 को जब पहली बार अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों ने हबल टेलीस्कोप को लांच किया था तो वह अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में सबसे बड़ी कामयाबी थी, हम हमेशा से ही तारों, ग्रहों और आकाशगंगाओं को पृथ्वी से ही देखा करते थे,और यहीं से उनके बारे में शोध करते थे। पृथ्वी से देखने पर कई बार वातारवरण के कारण हम ब्रह्मांड में कई चीज़ों को सही से नहीं देख सकते थे तो इसलिए वैज्ञानिकों ने हबल टेलीस्कोप को अंतरिक्ष में भेजा, ये पहला ऐसा टेलीस्कोप था जो कि पृथ्वी से कई सौ किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में रहकर बहुत दूर तक के पिंडो के सटीक चित्र ले सकता था। इसी खोज में हबल ने आजतक के इतिहास की सबसे पुरानी तस्वीर भी ली है जो कि करीब 13 अरब वर्ष पुरानी 13 अरब वर्ष पुरानी (13 Billion Years Old Image) है, आइये इसके बारे में जानते हैं।
हबल टेलीस्कोप बहुत ही संवेदनशील (Sensitive) टेलीस्कोप है इसलिए जब कोई सितारा अपनी Wavelength को छोड़ता है तो हबल उसका आसानी से निरीक्षण कर पाता है। पर जिस तरह ये ब्रह्मांड लगातार फैल रहा है तो जब किसी पिंड से प्रकाश निकलता है तो उसकी तरंगदैर्घ्य (wavelength) भी इसी विस्तार (expansion) की वजह से लगातार बढ़ती रहती है। इसी वजह से जब हबल टेलीस्कोप पर उस पिंड (object) की लाइट पड़तीहै तो उसकी तरंगदैर्घ्य (wavelength) शुरुआती wavelength से बहुत ज्यादा ही बड़ी हो जाती है। इसे रेड शिफ्ट कहते हैं इस प्रक्रिया के अंतरगत जब कोई पिंड (object) जिसकी दूरी बहुत बहुत ज्यादा है तो उससे जब लाइट निकलती है और हमारे पास पहुँचती है तो उसकी वेवलेंथ बहुत ज्यादा बड़ी होती है, ये रेड शिफ्ट इफैक्ट (Red Shift Effect) माना जाता है।
जब किसी ओबजेक्ट की लाइट बहुत ज्यादा रेड शिफ्टिड हो जाती है तो उसकी वेवलेंथ इतनी ज्यादा खिंच जाती है कि वो हबल की देखने की क्षमता (Viewing Range) से ज्यादा निकल जाती है। जब हबल को बनाया गया था तो उसका एक ही काम था कि वो बहुत दूर अरबों प्रकाश वर्ष (Light Years) स्थित आकाशगंगाओं (Galaxies) की तस्वीर (Image) ले सके, रेड शिफ्ट की मदद से उसने ये काम 2016 में कर भी लिया जब उसने मानव इतिहास की सबसे पुरानी तस्वीर खींची थी। ये तस्वीर थी Galaxy GN-Z11 की, जो कि पृथ्वी से 32 अरब प्रकाश वर्ष दूर है पर जो लाइट हमें इससे प्राप्त हो रही है वो कमसेकम 13.4 अरब साल (1340 करोड़ वर्ष) पुरानी है, इस आकाशगंगा को देखकर हम बिग बैंग (Big Bang) के बहुत करीब पहुँच जाते हैं, बिग बैंग आज से 13.8 अरब साल पहले हुआ और इस गैलेक्सी से आ रही लाइट हमें 13.4 अरब वर्ष (13 Billion Years Old Image) पुरानी दिखती है जो बताती है ये गैलेक्सी बिग बैंग के 40 करोड़ साल बाद कैसी दिखाई देती होगी।
इससे हम पता कर पाते हैं कि शुरुआती दौर में आकाशगंगाएं किस तरह ब्रह्माण्ड में बनी होंगी। Galaxy GN-Z11 की जो तस्वीर हबल ने ली है वो उसकीअंतिम क्षमता है, किसी पिंड की तस्वीर लेने की इससे ज्यादा दूर और कहें तो इससे ज्यादा पुरानी चीज़ को हबल देख नहीं सकता है।
13 अरब वर्ष पुरानी (13 Billion Years Old Image) इस तस्वीर को लेने में हबल को एकदम कामयाबी नहीं मिली थी, इस गैलेक्सी की इमेज इसलिए हम ले पाये क्योंकि हबल ब्रह्मांड में जिस जगह पर केंद्रित था वहां पर बहुत ही कम गैसें थीं। इस वजह से हबल को एक अच्छा फोकस प्वाइंट मिल गया, साथ में इस आकाशगंगा से आ रही लाइट को आगे मौजूद दूसरी आकाशगंगा ने ग्रेविटी के द्वारा मोड़ दिया जिससे ये आकाशगंगा दूसरी पास की आकाशगंगा के छुपे होने के बाद भी अपनी लाइट को हबल टेलीस्कोप क पहुँचा सकी। इसे ग्रेविटेशनल लैसिंग (Gravitational Lensing) कहते हैं जिसमें किसी Object की Light किसी दूसरे औबजेक्ट की ग्रेविटेशन पुल द्वारा मोड़ दी जाती है। इससे होता ये है जो लाइट किसी टेलीस्कोप से दूर निकल जाती है तो बेंड होकर के सीधा टेलीस्कोप में रिसीब होती है जिससे टेलीस्कोप इसे आसानी से देख पाता है। गैलेक्सी GN-Z11 की भी ये Image हबल ने इसी तरह से ली है।
अब आप सोच रहे होंगे की जब ब्रह्मांड लगभग 14 अरब साल पहले बना है और कोई भी चीज़ लाइट स्पीड से तेज नहीं चलती है तो ये गैलेक्सी हमसे 32 अरब प्रकाश वर्ष दूर क्यों है? ये तो ब्रह्मांड के नियम से भी परे है, ऐसा क्यों? तो इसके पीछे की वजह है ब्रह्मांड का लगातार विस्तार होना, जिस गति से ब्रह्मांड फैल रहा वो कई बार लाइट स्पीड से भी तेज है तो इसलिए वैज्ञानिक इस आकाशगंगा को सबसे दूर की आकाशगंगा मानते हैं, वहीं हबल ने जो इस आकाशगंगा की तस्वीर ली है वो करीब 13 अरब साल पुरानी (13 Billion Years Old Image) इस लिए है क्योंकि रेड शिफ्ट इफेक्ट (Red Shift Effect) की वजह से और हबल टेलीस्कोप की वेवेलेंथ को निरीक्षण करने की लिमिट की वजह से ये इतनी ही दूर देख सकता है।
हबल द्वारा ली गई 1995 में Hubble Deep Field इमेज और 2016 में ली गई Galaxy GN-Z11 की इमेज अंतरिक्ष विज्ञान की सबसे महत्वपुर्ण तस्वीरे हैं जो ब्रह्मांड के असीम आकार को बताती हैं। ब्रह्मांड 93 अरब प्रकाश वर्ष में फैला है पर हमारे टेलीस्कोप की सीमा के कारण हम केवल 13 अरब प्रकाश वर्ष (13 Billion Years Old Image) तक ही देख सकते हैं। इन दो तस्वीरों (Images) के अलावा भी हवल ने अपने 30 साल के जीवन में अबतक लाखों तस्वीरें ली हैं।
1995 की Hubble Deep Field इमेज के बाद हबल ने सिंतबर 2003 से जनवरी 2004 तक ब्रह्मांड में एक जगह पर अपने शीशे को केंद्रित करके Hubble Ultra Deep Field की भी तस्वीर थी जिसमें बहुत ही छोटे से हिस्से में हमें 10 हजार से ज्यादा आकाशगंगाएं दिखाई देती हैं।
हालांकि हबल अभी काम कर रहा है और आने वाले एक दशक तक काम करता रहेगा पर लागातर इसके परिक्रमा पथ (Orbit) के कम होने की वजह से वैज्ञानिक मानते हैं कि 2030 तक हबल पृथ्वी के इतना पास आ जायेगा कि उसके वातावरण में ही क्रैश होकर के जल जायेगा।
इसलिए वैज्ञानिक हबल को बदलकर करने नई पीढ़ी के टेलीस्कोप पर बहुत ध्यान दे रहे हैं, टेलीस्कोप में एक छोटी सी भी गलती बहुत-बहुत भारी पड़ती है इसलिए इन्हें बनाने में भी काफी समय लगता है, जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) आगे हबल टेलीस्कोप की जगह लेने वाला है और उम्मीद है कि साल 2030 से पहले वो हबल की जगह लेकर हमें ब्रह्मांड की और ज्यादा तस्वीरें भेजेगा और अंतरिक्ष विज्ञान को मजबूत करेगा। जेम्स वेब खगोलीय दूरदर्शी हबल से ज्यादा बड़ा और बहुत
संवेदनशील है तो वो हमें इतनी ज्यादा सटीक जानकारी दे सकता है जो हबल से भी संभव नहीं है, बस उम्मीद है जल्द ही हम इस टेलीस्कोप को अंतरिक्ष में देखें और ब्रह्मांड को और नज़दीक ला दें।